उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक तीर्थाटन का बड़ा महत्व: मुख्यमंत्री

भारत में माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोवर्द्धन ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में शिष्टाचार भेंट की। श्री केदरानाथ एवं श्री बदरीनाथ की यात्रा पर आये गोवर्द्धन ने उनकी सुखद यात्रा के प्रति मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र का आभार व्यक्त किया। माॅरीशस के उच्चायुक्त गोवर्द्धन ने मुख्यमंत्री को माॅरीशस आने का भी निमन्त्रण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। केदारनाथ पुनर्निमाण का कार्य अन्तिम चरण में है। चारधाम आॅलवेदर रोड का कार्य तेजी से किया जा रहा है। हेली सेवायें उपलब्ध करायी गई है। इससे राज्य में आने वाले पर्यटकों के साथ ही चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होने का ही प्रतिफल है कि आज लाखों की संख्या में लोग उत्तराखण्ड आ रहे है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी हमारे अच्छे अम्बेसडर बन सकते है। इस दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने माॅरीशस के लोगों का अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की उन्होंने कहा की माॅरीशस के लोगों ने भोजपुरी के साथ ही भारत की अन्य भाषाओं को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया है। उनका कहना था कि भाषा ही संस्कृति की वाहक होती है।
माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोवर्द्धन ने माॅरीशस से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को रियायत देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्द्रर्य पर्यटन की दृष्टि से अनुकूल तो है ही यहां के चार धाम करोड़ो लोगों की आस्था के केन्द्र भी है। उन्होंने बताया कि माॅरीशस की आबादी 13 लाख है जबकि प्रतिवर्ष 13 लाख पर्यटक वहां आते है उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग की भी बात कही। उन्होंने कहा कि माॅरीशस के लोगों की गंगा के प्रति की बड़ी आस्था है। जे. गोवर्द्धन ने माॅरीशस सरकार द्वारा भोजपुरी सहित अन्य भाषाओं के विकास के प्रति किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी तथा इस सम्बन्ध में प्रकाशित विभिन्न पुस्तकें भी मुख्यमंत्री को भेंट की। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

“अनासक्ति आश्रम” की झांकी करेगी उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व

इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में राजपथ, नई दिल्ली में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसाइज की विशेष उपस्थिति में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस की राष्ट्रीय परेड में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से कौसानी स्थित “अनासक्ति आश्रम” की झांकी प्रस्तुत की जायेगी।
देवभूमि उत्तराखण्ड में कौसानी, जिसको महात्मा गांधी जी ने “भारत का स्विटरजलैण्ड” कहा था, में स्थित ’अनासक्ति आश्रम’ बहुत ही शांतिपूर्ण स्थान है। महात्मा गांधी जी ने वर्ष 1929 में कौसानी का भ्रमण किया था तथा इसी स्थान पर उन्होेंने गीता पर आधारित अपनी प्रसिद्व पुस्तक ’अनासक्ति योग’ की प्रस्तावना लिखी थी। इस आश्रम का संचालन गांधी स्मारक निधि द्वारा किया जाता है। आश्रम में प्रतिदिन सुबह व शाम प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है तथा आश्रम को पुस्तकालय, वाचनालय व प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। इस आश्रम में गांधी दर्शन पर शोधकर्ताओं, दार्शनिकों एवं पर्यटकों के लिए ग्रन्थ भी उपलब्ध है।
उत्तराखण्ड राज्य की झांकी के अग्रभाग में अनासक्ति योग लिखते हुए महात्मा गांधी जी की बडी आकृति को दिखाया गया है। मध्य भाग में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दिखाया गया है तथा आश्रम के दोनों ओर पर्यटक योग व अध्ययन करते हुए नागरिकों व पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत को महात्मा गांधी जी से वार्ता करते हुए दिखाया गया है। झांकी के पृष्ठ भाग में देवदार के वृक्ष, स्थानीय नागरिकों व ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं को दिखाया गया है। साइड पैनल में उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत, जागेश्वर धाम, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ मंदिर को दर्शाया गया है।
उत्तराखण्ड राज्य के झांकी के टीम लीडर के एस चैहान ने बताया कि राष्ट्र इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है, इसलिये गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ में भाग लेने वाली सभी झांकियों की थीम “महात्मा गांधी जी के जीवन दर्शन” पर आधारित है। 

कैसे होगी पढ़ाई जब प्रदेश में शिक्षकों के 7 हजार पद रिक्त है!

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि प्रदेश में 7 हजार शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। सरकार भी इन पदो को भरे जाने के लिए गंभीर है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट की शरण में है जिस कारण सरकार कोई फैसला नही कर पा रही है। शिक्षामंत्री का कहना है कि जैसे ही हाईकोर्ट की तरफ से आदेश आएगा। सरकार द्धारा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर चयन आयोग को निर्देश दे दिए जाएंगे।
वहीं, शिक्षा मंत्री ने कहा कि बेहतर पठन पाठन व शैक्षणिक माहौल के लिए प्रदेश में बोर्ड बदलने की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो पाठ्यक्रम बदने की जिसके लिए सरकार ने सैलेबस बदलने की पहल की है। जिसे केबिनेट में भी पास करा लिया गया है। जिसके बाद अब विद्यार्थी एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ सकेंगे। कक्षा एक से लेकर इंटरमीडिएट तक के सभी विद्यालयों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है। एनसीईआरटी पुस्तकों के माध्यम से ही मेडिकल, इंजीनियरिंग तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र तैयार किए जाते हैं। इस व्यवस्था के बाद हमारे विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर करेंगे।

उत्तराखंड में चीनी जूते के डिब्बे में छपा मिला तिरंगा

चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इस बार डोकलाम विवाद के बीच एक चीनी कंपनी ने भारतीय ध्वज का अपमान किया है। दरअसल कंपनी ने अपने जूतों की पैकिंग के लिए बनाए गए डिब्बों पर तिरंगा बनाया हुआ है।
चीनी कंपनी की इस करतूत का उदाहरण उत्तराखंड के अल्मोड़ा में देखने को मिला। मिली जानकारी के अनुसार, अल्मोड़ा के एक स्थानीय दुकानदार बिशन बोरा ने डिस्ट्रीब्यूटर से चीनी कंपनी के जूते मंगवाए थे। तय वक्त में जूते भी मिल गएं दुकानदार ने जब जूतों का डिब्बा देखा तो वह दंग रह गए।
जूते बनाने वाली कंपनी ने डिब्बों पर तिरंगा बनाया हुआ था। मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस के पास इसकी शिकायत पहुंचीं पुलिस ने जांच शुरू की तो पाया कि यह जूते उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर शहर स्थित एक डिस्ट्रीब्यूटर ने भेजे हैं। जिले के एसएसपी ने फौरन डिस्ट्रीब्यूटर को तलब किया।
डिस्ट्रीब्यूटर ने बताया कि यह जूतों की खेप उसने दिल्ली के बड़े डिस्ट्रीब्यूटर से मंगवाई थी। फिलहाल उत्तराखंड पुलिस जल्द दिल्ली वाले डिस्ट्रीब्यूटर से पूछताछ करने की बात कह रही है। पुलिस ने शिकायतकर्ता दुकानदार बिशन बोरा की तहरीर मिलने के बाद केस दर्ज कर लिया है।

काशीपुर की शायरा बानो के मजबूत इरादे से जगी आस

तीन तलाक के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने वाली शायरा बानो उत्तराखंड की बेटी है। शायरा उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली है। उनका निकाह साल 2002 में इलाहाबाद के रिजवान अहमद से हुई थी। ससुराल वालों की दहेज प्रताड़ना, फिर पति के तलाक देने के बाद शायरा बानो कोर्ट पहुंचीं। आरोप है कि पति शायरा बानो को लगातार नशीली दवाएं देकर याददाश्त कमजोर कर दिया और साल 2015 में मायके भेजकर तलाक दे दिया था। मार्च, 2016 में उतराखंड की शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके तीन तलाक, हलाला निकाह और बहु-विवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की थी।
शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह तीन बार तलाक बोलकर तलाक देने की बात को नहीं मानती हैं। शायरा की याचिका में मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरियत) एप्लीकेशन एक्ट, 1937 की धारा 2 की वैध्यता पर भी सवाल उठाए गए हैं। यही वह धारा है जिसके जरिये मुस्लिम समुदाय में बहुविवाह, तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) और निकाह-हलाला जैसी प्रथाओं को वैध्यता मिलती है। इनके साथ ही शायरा ने मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम, 1939 को भी इस तर्क के साथ चुनौती दी है कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं को बहुविवाह जैसी कुरीतियों से संरक्षित करने में सार्थक नहीं है।
देश की सर्वोच्च अदालत में पांच धर्मों के जस्टिस मिलकर शायरा बानो के मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस मामले पर फैसला सुनाने वाले जजों में चीफ जस्टिस जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (क्रिश्चिएन), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) शामिल रहें।

चीनी मीडिया ने दी, कांउटडाउन शुरु होने की धमकी!

चीन ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है। चीन ने कहा है कि क्या होगा अगर हम उत्तराखंड के कालापानी और कश्मीर में घुस जाएंगे। डोकलाम मुद्दे पर चीन की ओर से इस प्रकार के लगातार बयान आ रहे हैं, इससे पहले मंगलवार को भी कहा गया था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1962 वाली गलती दोहरा रहे हैं।
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने वीडियो जारी कर चेतावनी दी थी कि अगर भारत अपने सैनिक नहीं हटाता तो युद्ध होगा। वीडियो में ये भी कहा गया था कि भारत खुद को विपरीत हालात से निपटने के लिए तैयार नहीं कर रहा बल्कि देश की जनता को सब कुछ ठीक होने का दिलासा दे रहा है।
डोकलाम पर चीन-भारत के बीच गतिरोध अपने चरम पर है। भारत जहां युद्ध को स्थायी समाधान न बताकर शांति से समस्या के हल की वकालत कर रहा है, वहीं चीन की धमकियों का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इस बीच चीन के एक प्रमुख अखबार में संपादकीय लिखा गया है, जिसमें भारत को वक्त रहते हालात सुधारने की नसीहत दी गई है।
चाइना डेली अखबार के संपादकीय में लिखा गया है कि चीन और भारत के बीच युद्ध का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसके आगे लिखा गया है कि भारत को अब जल्द इस दिशा में कोई कदम उठा लेना चाहिए, क्योंकि शांतिपूर्ण समाधान की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं।

बेटी की चींख सुनकर आयें परिजनों के उड़े होश

देशभर से आ रही चोटी कटने की तमाम खबरों के बीच अब बिहार और उत्तराखंड से भी चोटी काटे जाने की खबरें आ रही हैं। बिहार में पिछले 24 घंटे के अंदर चोटी कटने के दो मामले और उत्तराखंड से भी एक मामला सामने आया है। राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, एमपी और यूपी के बाद अब बिहार और उत्तराखंड का नाम भी इन घटनाओं से जुड़े राज्यों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है।
पहली घटना बिहार के मोतिहारी जिले की है। जहां राधिका नाम की लड़की बीती रात घर के बाहर सो रही थी। उसी बीच रहस्यमय तरीके से उसकी चोटी कट गई। सुबह राधिका ने अपनी चोटी कटी हुई देखी और शोर मचाना शुरू किया। इस घटना के बाद राधिका का परिवार और पूरा गांव दहशत में है।
उत्तराखंड के सहसपुर में भी फरजाना नाम की एक लड़की की चोटी कटने का मामला सामने आया है। बीती रात लगभग 12 बजे फरजाना की चीख सुनकर घर वालों की आंख खुल गई। परिजन फरजाना के पास पहुंचे तो देखा कि उसकी कटी हुई चोटी बिस्तर पर ही पड़ी थी। इस घटना से फरजाना काफी डरी हुई है।
शनिवार को एक बार फिर दिल्ली से चोटी काटे जाने की दो खबरें आईं हैं। चंदर विहार में बीती रात नीरज नामक महिला तेज सिरदर्द के बाद बेहोश हो गई। सुबह जब उसे होश आया तो उसकी चोटी कटी हुई थी। वहीं जामिया नगर इलाके में एक 13 साल की बच्ची की भी बीती रात चोटी कट गई।

फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों की आज से जांच शुरु

देहरादून।
प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों पर गाज गिरने वाली है। फर्जी शिक्षकों के खिलाफ हो रही जांच में एसआईटी सोमवार से दस्तावेजों की जांच करने जा रही है। बता दें फर्जी शिक्षकों की ढेड़ सौ शिकायतें अबतक दर्ज हो चुकी हैं। वहीं अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को हाई कोर्ट ने हरी झंडी दिखा दी है। जिसके मुताबिक स्कूलों में एलटी कैडर के पदों पर गेस्ट टीचर की नियुक्ति होगी। बता दें विभाग में अभी भी 1600 पद एलटी ग्रेड के रिक्त पड़े हुए हैं।
वहीं, प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में आज से एसआईटी विधिवत जांच शुरू करने जा रही है। इसके लिए एसआइटी की टीमों को विभिन्न जिलों में भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने का मामला उजागर होने के बाद सरकार ने इसकी जांच एसआइटी से कराने का निर्णय लिया। वहीं जांच का जिम्मा मिलने के बाद फर्जी शिक्षकों के बारे में जानकारी मांगी थी। जिस पर एसआईटी को अबतक करीब सवा सौ से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं।

उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ! चमोली की सीमा में घुसे चीनी सैनिक

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सीएम हरीश रावत ने केन्द्र सरकार से की वार्ता
देहरादून।
उत्तराखंड में चमोली से सटी चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों ने चमोली सीमा पर घुसपैठ की है, लेकिन अच्छी बात यह है कि वहां मौजूद महत्वपूर्ण नहर तक चीनी सेना नहीं पहुंच पाई है।
बीजापुर गेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान सीएम हरीश रावत ने चमोली से सटी चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर कहा कि मुझे यकीन है केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संज्ञान लेगी। चमोली सीमा पर हो रहे चीनी घुसपैठ का पता तब चला जब सीमा क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंची प्रशासन की टीम को चीनी सैनिकों ने जांच करने से रोकते हुए वापस खदेड़ दिया। हर बार की तरह इस बार भी जोशीमठ के उप जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की 19 सदस्यीय टीम 19 जुलाई को चीन सीमा के निरीक्षण को गई थी। टीम सुमना क्षेत्र तक वाहन से पहुंची। यहां होतीगाड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से टीम को वाहन यहीं छोड़ने पड़े। इसके बाद दूसरे छोर पर खड़े वाहनों से टीम सेना चौकी रिमखिम पहुंची। करीब आठ किमी दूर सीमा क्षेत्र में पहुंचने पर यहां पहले से चीन सैनिकों को मौजूद देख टीम के होश उड़ गए।
भारतीय दल को देखते ही चीनी सैनिकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और टीम सदस्यों को तुरंत लौट जाने का इशारा किया। चीनी सैनिकों के तेवर देख टीम ने निरीक्षण छोड़ तुरंत वापस लौटने में ही भलाई समझी। टीम के सदस्यों ने इसकी जानकारी सीमा क्षेत्र में मुस्तैद आईटीबीपी के अधिकारियों को भी दी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बाड़ाहोती क्षेत्र में पहुंचते ही टीम को दूर से ही चीनी सैनिक दिखाई दे गए थे। टीम आगे पहुंची तो चीनी सैनिकों ने उन्हें वापस चले जाने का इशारा किया। गौरतलब है कि चीन सीमा क्षेत्र में प्रशासन का निरीक्षण नियमित प्रक्रिया है। इसकी गोपनीय रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाती है। चमोली जनपद से सटी भारत-चीन सीमा में बाड़ाहोती क्षेत्र नो मेंस लैंड एरिया है।
हर वर्ष चमोली जिला प्रशासन की टीम सीमा क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को देखने और भारत की मौजूदगी दर्ज करने के लिए यहां सामान्य निरीक्षण के लिए जाती है। पूर्व में टीम वर्ष में दो बार जाती थी, लेकिन वर्ष 2015 से टीम वर्ष में तीन बार सीमा क्षेत्र के निरीक्षण को जाती है। चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर सीएम हरीश रावत ने कहा कि मुझे यकीन है केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संज्ञान लेगी। उन्होंने कहा है कि घुसपैठ की जानकारी भारतीय एजेंसियों को है। आईटीबीपी इस पूरे क्षेत्र की निगरानी कर कर रही है। आईटीबीपी और सेना को इसकी जानकारी है। सीएम ने कहा है कि इस क्षेत्र में लगातार चीन की सक्रियता बनी हुई है, लेकिन अच्छी बात यह है कि वहां एक नाला है, वह चीनी सैनिकों ने अभी नहीं छुआ है।

200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉ200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार

सीएम हरीश रावत ने पीएम से मांगा सहयोग
देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड की चीनी मिलों के लिए केन्द्र सरकार से 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि राज्य में 8 चीनी मिलें हैं जिनमें से 5 मिलें सार्वजनिक व सहकारी क्षेत्र की एवं 3 निजी क्षेत्र की हैं। राज्य में चीनी मिलों ने पिराई सीजन 2015-16 में कुल 28.37 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पिराई की और 2.73 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया गया। इस सीजन में गन्ना किसानों का कुल देय भुगतान रू0 790.57 करोड़ था। राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को साफ्ट लोन व विभिन्न प्रकार की रियायतें उपलब्ध करवाईं गईं। चीनी मिलों द्वारा रू0 573.71करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है परंतु अभी भी रू0 216.86 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है।
मुख्यमंत्री रावत ने पत्र में बताया है कि लगभग 1 लाख 75 हजार से अधिक गन्ना किसान उŸाराखण्ड की चीनी मिलों से जुड़े हुए हैं। पिछले पिराई सीजन में केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी 2015 में लोन पैकेज घोषित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा भी गन्ना किसानों व चीनी मिलों को गन्ना खरीद टैक्स, एन्ट्री टैक्स, गन्ना सोसाईटी कमीशन व मण्डी समिति टैक्स आदि में छूट दी गईं। परन्तु ये उपाय भी चीनी मिलों को उबारने व गन्ना किसानों के पूर्ण भुगतान के लिए पर्याप्त नहीं रहे।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस वित्तीय संकट के चलते गन्ना मिलें अपने मरम्मत व रख-रखाव कार्य करने में सक्षम नहीं रहेंगी, जिसका विपरीत प्रभाव अगले पिराई सीजन 2016-17 पर भी पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड की गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए रू0 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।