विभिन्न विषयों को लेकर केंद्रीय मंत्री निशंक से मिले उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत

देहरादून। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं उसके कार्यान्वयन, बालिकाओं के लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और अन्य कई योजनाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री ने धन सिंह रावत से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) पर चर्चा के साथ साथ उत्तराखंड में साइंस कॉलेज खोलने पर भी बात की। इसके अलावा उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार से बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा में सुविधा प्रदान करने के लिए प्रस्ताव भी माँगा है।

इस प्रस्ताव में राज्य सरकार हिमालयी, पिछड़े, दूरस्थ और बीहड़ के क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए अपनी तीन-चार प्राथमिकताएं दे सकती हैं जहाँ पर केंद्र सरकार बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा की सुविधाओं को प्रोजेक्ट के रूप शुरू करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट भविष्घ्य में महिला सशक्घ्तिकरण की दिशा में बेहतर समाधान प्रदान कर सकते हैं।

इसके अलावा महिलाओं के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में छात्रावास एवं पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध करवाने पर भी बातचीत हुई। केंद्रीय मंत्री ने धन सिंह रावत से पौड़ी, टिहरी और श्रीनगर के तीनों कैम्घ्पसों को विशेषज्ञता के आधार पर अलग-अलग करने पर भी विचार विमर्श किया। इन तीनों में से एक को शोध, एक को जनरल और एक को महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्रित किया जाएगा।

डॉ निशंक ने इस पर भी चर्चा की कि किस प्रकार केंद्र सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों के सरकारी स्कूलों को पोषित कर सकती है।

उन्होंने देहरादून, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में पीपीपी मोड में आईआईआईटी बनाने के साथ साथ एनआईटी श्रीनगर के कार्य में आ रही रुकावट पर भी चर्चा की और कहा कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, अगर उत्तरदायी संस्था ठीक से कार्य नहीं कर रही है तो किसी और संस्थान से इसके कार्य को पूरा करवाया जाए।

डॉ निशंक ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री से कोटद्वार, गोपेश्वर, अल्मोड़ा के कॉलेजों को स्वायत्ता देने के लिए उनकी सूची बनाने कर उसकी सूचना यूजीसी को भी उपलबध करवाने को कहा और यह भी सुझाव मांगे कि निकट भविष्य में स्वायत्तता की दृष्टि से क्या किया जा सकता है।

डॉ निशंक ने राज्य में आईसर और आईआईआईटी की स्थापना पर भी राज्य के शिक्षा मंत्री से सुझाव मांगे हैं और उन्हें आश्वस्त किया है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इसके लिए जल्द से जल्द शेष अनुदान जारी करेगा।

एम्स ऋषिकेश में डेंगू से बचाव व जागरूकता को लेकर पुस्तक हुई लोकार्पित

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के सोशियल आउटरीच सेल की ओर से डेंगू की रोकथाम को लेकर कम्युनिटी में किए गए कार्यों पर आधारित “सेवन प्लस-आप सभी को डेंगू के बारे में जानने की जरूरत है” नामक पुस्तक का प्रकाशन किया गया है, जो कि जनभागीदारी से समुदाय से डेंगू मच्छरों की रोकथाम और उन्मूलन के लिए एक अभूतपूर्व समुदाय आधारित पहल है। बताया गया कि पुस्तक में डेंगू से मुक्ति के लिए दिए गए सुझावों से आमजन स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका लाभ ले सकते हैं।

पुस्तक का लोकार्पण कर निदेशक और सीईओ प्रो. रविकांत ने सेवन प्लस पुस्तक के लेखक डा. संतोष कुमार के द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों पर तैयार किए गए उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना की। कहा कि रोगों के फैलने व महामारी का स्वरूप धारण करने से पूर्व ही इस तरह के काम को सार्वजनिक स्वास्थ्य की चिंता करते हुए सामुदायिक स्तर पर करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि यह पुस्तक डेंगू के विभिन्न पहलुओं पर एक पूर्ण और व्यापक दस्तावेज है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि डेंगू और अन्य मच्छरजनित बीमारियां एक सामाजिक समस्या हैं। जिनके निवारण के लिए समुदाय और इसके लोगों को आगे आना होगा।

डेंगू बीमारी पर आधारित उक्त सेवन प्लस नाम की पुस्तक समुदाय के सदस्यों की इससे निपटने को आमजन की भूमिका व बहुतायत जनसहभागिता पर जोर देती है, जिसमें हमारे गांवों के आम नागरिकों से लेकर ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, स्वयंसेवक, आध्यात्मिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोग, आशा कार्यकत्री, एएनएम, शिक्षण संस्थानों में कार्यरत प्राध्यापक व विद्यार्थी शामिल है।

डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारी की रोकथाम के लिए स्वच्छता का वातावरण, स्वच्छता को लेकर हमारे आचार व्यवहार और दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता है। यह रोल मॉडल स्थानीय आबादी का हिस्सा है, जो कि स्वास्थ्य कर्मियों की तुलना में समुदाय पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर लोगों को ऐसे रोगों से बचाव के लिए जागरुकता के साथ आगे आने के लिए प्रेरित करने और एक अभिनव सामुहिक पहल लोगों को मच्छर जनित रोगों से बचाव का मूल मंत्र है।

संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता जी ने डेंगू के लिए इस सामुदायिक पहल की प्रशंसा की, साथ ही उन्होंने कैंसर और हृदय रोग जैसे गैर संचारी रोगों के लिए मजबूत सामुदायिक कार्यक्रमों की जरुरत पर जोर दिया।

कम्युनिटी एंड फैमिली मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना ने पुस्तक में उल्लिखित सटीक और सक्रिय टिप्पणी एवं सुझावों के साथ डेंगू के लिए आउटरीच कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुस्तक के तौर पर आमजन के लिए यह एक आसान पठन सामग्री है और यह उन सभी के लिए अनुकूल है जो डेंगू के बारे में अधिक जिज्ञासा रखते हैं व इस जानलेवा बीमारी के विषय में जागरुकता बढ़ाना चाहते हैं।

पुस्तक को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संस्थान के सीनियर लाइब्रेरियन संदीप कुमार सिंह ने कहा कि यह निस्संदेह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो कि सामाजिक निहितार्थ के साथ मच्छरों के जन्म के खतरे के बारे में समग्र जानकारी प्रदान करती है। बताया गया है कि यह पुस्तक ऑनलाइन स्रोतों में उपलब्ध है। यह पहल उन कई प्रयासों के लिए एक आशाजनक उपक्रम है जिन्हें भारत के युवा प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं।

मेयर अनिता के राजनैतिक कौशल से तीन दशक पुरानी टंचिग ग्राऊंड की समस्या का समाधान

गोविंदनगर में खाली भूखंड पर टंचिग ग्राउंड की समस्या निस्तारण की ओर है। जल्द ही कूड़े के पहाड़ से मुक्ति मिल जायेगी। यह घोषणा मेयर अनिता ममगाईं ने निगम की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर कही।

गोविंद नगर स्थित टचिंग ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि 2021 के लिए पांच मेगा प्रोजेक्टर को धरातल पर उतारूंगी। मेयर अनिता ने कहा कि पिछले तीस वर्षों से शहर की सुंदरता पर दाग लगा रहा कूड़े का यह पहाड़ गोविंद नगर और शांति नगर क्षेत्र के हजारों लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुका था। कूड़े के साम्राज्य के चलते पिछले तीन दशकों से क्षेत्रवासी नरकीय जीवन जीने को विवश थे। जिसको लेकर अनेकों बार आंदोलन भी चलाए गए।लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और सरकार में कमजोर पकड़ के चलते समस्या जस की तस बनी रही।

कहा कि ट्रेंचिंग ग्राउंड की व्यवस्था सुनिश्चित करवाना उनके चुनावी घोषणापत्र का पहला एजेंडा था। बताया कि ट्रेचिंग ग्राउंड के पूरे वेस्ट को जीरो करेंगे। कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया में जो भी बायप्रोडक्ट निकलेगा जैसे आरडीएफ, खाद, मिट्टी आदि उसका निस्तारण भी टेंडर लेने वाली कंपनी ही करेगी।

वर्ष 2021 के लिए अपने रोड मैप की घोषणा भी की उन्होंने बताया कि संजय झील का निर्माण, गंगा की जलधारा को बारहोमास त्रिवेणी घाट पर लाना, पार्किंग का निर्माण, बैराज जलाशय में वाटर स्पोर्ट्स शुरू कराना एवं ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार करना उनके लक्ष्य में शामिल है। इन पांचों योजनाओं का खाका नगर निगम प्रशासन द्वारा तैयार किया जा चुका है। कुछ योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए तेजी के साथ कार्य भी शुरू हो गया है।

उन्होंने विश्वास जताया कि तीसरी वर्षगांठ के मौके पर यह पांचों योजनाएं धरातल पर आ जाएंगी। इस अवसर पर नगर आयुक्त नरेंद्र क्वीरियाल, क्षेत्रीय शिव कुमार गौतम, पार्षद अजीत सिंह, पार्षद राजेंद्र बिष्ट, पार्षद विजय बडोनी, पार्षद मनीष बनवाल, पार्षद कमलेश जैन, पार्षद अनीता प्रधान, पार्षद विजेंदर मोघा, पार्षद विजय बडोनी, पंकज शर्मा, अनिकेत गुप्ता, गौरव केन्थुला, प्रिया धक्काल आदि मोजूद रहे।

ऋषिकेश व्यापार महासंघ के तहत आए सभी व्यापारी, बाहरियों का हस्तक्षेप हो वर्जित

ऋषिकेश के व्यापार मण्डलों के एकीकरण को लेकर आज शहर के व्यापारियों की एक आपातकालीन बैठक हुई। इसमें प्रांतीय उद्योग व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष नरेश अग्रवाल व प्रांतीय नेता श्रवण जैन भी शामिल हुए। बैठक में प्रांतीय उघोग व्यापार मण्डल को एकीकरण के लिए शुक्रवार तक का समय दिया गया। जवाब न आने पर व्यापार मंडल एका संयोजक मंडलों की बैठक कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

बैठक की अध्यक्षता कर वरिष्ठ व्यापारी राजीव मोहन अग्रवाल ने बताया कि व्यापारियों के कुछ सुझाव आये है जो प्रांतीय उद्योग व्यापार मण्डल के प्रतिनिधियों के समक्ष रखे गये हैं। इसके तहत महानगर में एक व्यापार मण्डल हो और जिसका नाम ऋषिकेश व्यापार महासंघ हो, जिसमें किसी भी अन्य संस्था या राजनीतिक दल का हस्तक्षेप नहीं होगा और ऋषिकेश व्यापार महासंघ के नाम पर ही महानगर में सदस्यता अभियान चलाया जाए। इसी में व्यापार मण्डलों के सदस्यों को सदस्य बनाया जाए व पूर्व में भी जो अन्य किसी व्यापारिक संगठन से सदस्यता हुई हो उसे भी महासंघ के नाम पर जोड़ा जाए।

ऋषिकेश के सभी व्यापार मण्डल महासंघ को महानगर स्तर पर अपना समर्थन देंगे परन्तु जिला व प्रदेश स्तर पर वह अपनी संस्थाओं को यथावत रहकर कार्य कर सकते हैं। ऋषिकेश के व्यापारियों के अध्यक्ष व महामंत्री के चुनाव हेतु जो भी चुनाव समिति बनेगी। उस समिति या कमेटी में सिर्फ व सिर्फ ऋषिकेश के शीर्ष व्यापारी ही चुनाव अधिकारी होने चाहिये। बाहर के प्रांत के व प्रदेश के अन्य किसी व्यक्ति का हस्तक्षेप चुनाव में नहीं होना चाहिये। भविष्य में महासंघ का विलय किसी भी संस्था या या दल में नहीं होगा। महासंघ का अध्यक्ष व महामंत्री आम सदस्यों के चुनाव द्वारा चुना जाना चाहिये।

प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल के नगर अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि हमारे व्यापार मण्डल की व्यापारियों की ओर से आये सभी सुझावों पर हमारी सहमति है, हम मिलकर एक स्वतंत्र ऋषिकेश महानगर के व्यापार महासंघ को तैयार हैं।

प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष नरेश अग्रवाल व प्रदेश मंत्री श्रवण जैन ने कहा कि एकीकरण की पहल तो ऋषिकेश के व्यापारियों के हित में है।

जिलाध्यक्ष नरेश अग्रवाल ने कहा कि व्यापारियों के सुझावों का हम स्वागत करते हैं परन्तु प्रांतीय व्यापार मण्डल देश स्तर का संगठन है तो पहले हम प्रदेश स्तर पर वार्ता कर विचार विमर्श कर, महासंघ के प्रतिनिधियों को गुरूवार दोपहर तक सूचित करेंगे।

बैठक का संचालन करते हुऐ जयेन्द्र रमोला ने कहा कि आज की वार्ता बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई और अगर कल सब कुछ अच्छा रहा तो दोनों व्यापार मण्डल मिलकर महानगर के व्यापारियों की एक महापंचायत का आयोजन कर व्यापारियों की रॉय के साथ आगे की चर्चा करेंगे और अगर प्रांतीय उद्योग व्यापार मण्डल की ओर से एकाकरण का जवाब नहीं आता है तो शुक्रवार को व्यापार मण्डल एका संयोजक मण्डलों की बैठक कर आगे का निर्णय लिया जायेगा।

बैठक में यह रहे शामिल
बैठक में प्रॉपर्टी डेवलपर्स के अध्यक्ष अजय गर्ग, व्यापार सभा के अध्यक्ष मनोज कालडा, व्यापार सभा के पूर्व अध्यक्ष नवल कपूर, परचून ट्रांसपोर्ट व्यापार मण्डल के अध्यक्ष विनोद शर्मा,होटल एसोशिएशन के अध्यक्ष मदन नागपाल,प्रदेश उघोग व्यापर मण्डल की ओर से संरक्षक कपिल गुप्ता, केवल कृष्ण लाम्बा, क्लॉथ मर्चेन्ट के महामंत्री प्रदीप गुप्ता, मनोज सेठी, दीपक जाटव, हर्षित गुप्ता, विवेक वर्मा, मेन बाजार व्यापार संगठन महामंत्री ललित सक्सेना उपस्थित थे।

नरेंद्रनगर के समीप सड़क पर पलटा ट्रक, एक की मौत

ऋषिकेश से चंबा मोटर मार्ग यानी एनएच-94 पर एक ट्रक अचानक ब्रेक फेल होने से बीच सड़क पर पलट गया। ट्रक की चपेट में आकर कंडक्टर की मौत हो गयी है। राजकीय अस्पताल में कंडक्टर को पीएम के लिए भेजा गया है।

एसडीआरएफ इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण ने बताया कि घनसाली से ऋषिकेश आ रहा एक ट्रक औणी बैंड नरेंद्रनगर के समीप आज सुबह के वक्त सड़क पर पलट गया। जानकारी से मालूम हुआ कि ट्रक के ब्रेक फेल हो गए थे। इस कारण ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। बताया कि 30 वर्षीय चालक कमल पुत्र डालचंद निवासी बिजनौर सुरक्षित है, मगर 25 वर्षीय कंडक्टर दीपक निवासी बिहार की ट्रक के नीचे आकर मौत हो गई। मृतक के शव को पोस्टमार्टम हेतु सरकारी अस्पताल ऋषिकेश ले भेजा गया है।

नगर में रैली के जरिए लोगों को कोरोना महामारी के प्रति किया जागरूक

नेशनल मार्शल आर्ट एकेडमी के कराटे खिलाड़ियों ने कोच शिवानी गुप्ता के नेतृत्व में नगर में जागरूकता रैली निकाली। आत्मसुरक्षा के कौशल सिखाने के बाद आज खिलाड़ियों ने रैली के जरिए लोगों को कोरोना जागरूकता संदेश दिया।

आज गुरु नानक पब्लिक स्कूल रेलवे रोड से जन जागरूकता रैली निकाली गई। कराटे कोच शिवानी गुप्ता ने बताया कि कोरोना महामारी के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने 2 गज की दूरी मास्क है जरूरी, जैसे नारे भी लगाए और साथ ही अपनी भारतीय संस्कृति को देखते हुए कहा कि हाथ नहीं मिलाना है नमस्ते को अपनाना है। इस दौरान लोगों को मास्क भी वितरित किए गए।

रैली को सफल बनाने में विपिन डोगरा, सरोजिनी थपलियाल, संगीता सागर, सिमरन गाबा, हरिचरण सिंह, डीपी रतूड़ी, अजीत कौर आदि शामिल रहे।

ग्रामीण के बाद अब शहरी क्षेत्रों में सस्ती दरों पर पानी का कनेक्शन दिया जाएगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यूएनडीपी तथा सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड गवर्नेंस, नियोजन विभाग के सहयोग से तैयार सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल (एस.डी.जी) मोनिटरिंग हेतु तैयार डैश बोर्ड का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2030 तक सतत विकास का जो लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए और तेजी से प्रयासों की आवश्यकता है। इस दिशा में कुछ क्षेत्रों में अच्छा कार्य हुआ है। राज्य में कुपोषण से मुक्ति के लिए चलाये गये अभियान, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना, जल संचय, संरक्षण तथा नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी अनेक प्रयास किये गये हैं। लोगों को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी जल्द ही पानी का कनेक्शन सस्ती दरों पर दिया जायेगा। इन सभी प्रयासों के आने वाले समय में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे। जिला योजना का 40 प्रतिशत बजट स्वरोजगार के लिए खर्च किया जा रहा है। उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। भारत नेट 2 से नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी बढ़ेगी, इसका भी लोगों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लक्ष्यों के आधार पर जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उनको पूरा करने के लिए नियमित मॉनिटरिंग भी की जाय। विजन 2030 राज्य के भविष्य व आर्थिक विकास की रूपरेखा है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सतत विकास लक्ष्य के लिए जो 17 क्षेत्र चुने गये हैं, उनमें दिये गये सभी इन्डीकेटर पर किये जा रहे कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि डैशबोर्ड में सभी जनपद समय-समय पर अपनी उपलबिधयां अपलोड करेंगे तथा रैंकिंग के आधार पर जिन योजनाओंध् इंडीकेटरों में कमी प्रदर्शित होती है उनको प्राथमिकता में लेते हुए सतत विकास का लक्ष्य कार्यान्वयन में सुधार करने के हर संभव प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सतत विकास लक्ष्य के विभिन्न आयामों गरीबी समाप्त करने, कुपोषण को कम करने, स्वस्थ जीवन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, शुद्ध पेयजल तथा स्वच्छता, स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिकी में वृद्धि, राज्य में असमानताओं को कम करने, शहरों के विकास, जलवायु परिवर्तन, वनों का प्रबंधन तथा जैव विविधता की रक्षा करने तथा त्वरित न्याय के साथ सुशासन हेतु संस्थानों को मजबूत बनाने पर बल दिया।

इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. पंकज पाण्डेय, सुशील कुमार, यूएनडीपी की स्टेट हैड रश्मि बजाज, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारी तथा सीडीओ उपस्थित थे।

एड्स के मरीजों के लिए एम्स में एआरटी सेंटर हुआ शुरू


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में विश्व एड्स दिवस पर एचआईवी वायरस से ग्रसित मरीजों की समग्र जांच एवं उपचार के लिए एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर (एआरटी सेंटर) का विधिवत शुरू हो गया। एम्स में खुले सेंटर में गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों के पंजीकृत एड्स मरीजों को सरकार द्वारा प्रदत्त निशुल्क उपचार मिल सकेगा।

निदेशक प्रो. रविकांत ने संस्थान में एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी एआरटी सेंटर का विधिवत शुभारंभ कर बताया कि 2019 में विश्वभर में लगभग 6 लाख 90 हजार लोगों की मौत हुई है। इस बीमारी का कोई शर्तिया इलाज नहीं है लिहाजा इसे सिर्फ जनजागरूकता से ही रोका जा सकता है।

बताया कि संस्थान में एमबीबीएस, टेक्निशियन व नर्सिंग के पाठ्यक्रम में इस बीमारी को आवश्यक सुधार के साथ सम्मिलित किया जाएगा तथा समय- समय पर एम्स की सोशियल आउटरीच सेल के द्वारा विभिन्न हाईरिस्क ग्रुप्स को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाएगा।

जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. मीनाक्षी धर, एआरटी सेंटर प्रभारी डा. मीनाक्षी खापरे व फैकल्टी इंचार्ज डा.मुकेश बैरवा ने बताया कि हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस पर जनसामान्य को एचआईवी संक्रमण से बचाव व जरुरी एहतियात के बारे में जागरुक किया जाता है। साथ ही उन्हें स्वयं व दूसरों को इस लाइलाज बीमारी से बचाव के बारे में आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं।
उन्होंने बताया कि एम्स में स्थापित एआरटी सेंटर के अंतर्गत रजिस्टर्ड एचआईवी पेशेंट का ट्रीटमेंट निशुल्क किया जाएगा। जिसमें मरीजों को लैब इन्वेस्टीगेशन व दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं साथ ही उपचार के दौरान उनमें उत्पन्न होने वाली दूसरी बीमारियों का परीक्षण व दवा भी इसमें शामिल होती हैं। बताया गया कि एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड राज्य का चैथा एआरटी सेंटर स्थापित किया गया है। इस सेंटर में गढ़वाल मंडल के पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार आदि जिलों के पंजीकृत एचआईवी ग्रसित मरीजों का परीक्षण एवं उपचार करा सकते हैं। एम्स में एआरटी सेंटर स्थापित होने से पर्वतीय जिलों के मरीजों को उपचार के लिए अब देहरादून नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही एंटी रिट्रोवायल थैरपी सेंटर न सिर्फ मरीजों को मेडिसिन एवं परीक्षण सेवा देता है

इसके अलावा उन्हें केयर में सहयोग भी करता है और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से मरीज व उनके परिवार को आर्थिक व अन्य तरह का सहयोग भी उपलब्ध कराया जाता है।

एम्स के जनरल मेडिसिन विभाग में स्थापित एआरटी सेंटर में मरीज सप्ताह में दो दिन (सोमवार व बुधवार को) निशुल्क परामर्श व उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
इस दौरान डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, डीएचए प्रो.यूबी मिश्रा, प्रो. लतिका मोहन, प्रो. वर्तिका सक्सेना, डा. नैरिता हजारिका आदि मौजूद थे।

17 पेटी अंग्रेजी शराब से लोगों का स्वास्थ्य खराब करने की थी योजना, पुलिस ने पकड़ा

ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई होने जा रही 17 पेटी अगं्रेजी शराब को कोतवाली पुलिस ने वाहन के साथ जब्त किया है।

कोतवाली प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि पुलिस उच्चाधिकारियों की ओर से अवैध नशा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश मिला हुआ है, इसी क्रम में उनके नेतृत्व में गठित टीम ने बीते रोज की शाम को संदिग्ध व्यक्ति एवं वाहन चेकिंग के दौरान आरटीओ ऑफिस ऋषिकेश के पास हुंडई एसेंट गाड़ी नंबर को रोका। तलाशी लेने पर उसमें 17 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई। प्रभारी कोतवाली ने आरोपी की पहचान विनोद प्रसाद पुत्र भगवती प्रसाद निवासी दिल्ली फार्म श्यामपुर खदरी के रूप में कराई।

तीर्थनगरी के यह कैडेट्स 2021 की राजपथ परेड दिल्ली के लिए हुए चयनित

प्रत्येक वर्ष के भांति इस वर्ष भी ऋषिकेश महाविद्यालय के एनसीसी प्रभारी डॉ सतेन्द्र कुमार के मार्गदर्शन व कड़ी मेहनत के कारण महाविद्यालय के अंडर ऑफिसर (दीपक और ममता) का चयन 2021 में दिल्ली राजपथ परेड की लिए हुआ है दोनों ही कैडेट्स द्वारा देहरादून में आरडी परेड से पूर्व सम्पन होने वाले कैम्प मे प्रतिभाग कर अपना स्थान 2021 के लिए पक्का किया। 31 यूके बीएन एनसीसी हरिद्वार से कुल तीन एनसीसी कैडेटस का चयन हुआ जिसमें 2 कैडेट्स ऋषिकेश कॉलेज से चुने गए है।

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सुधा भारद्वाज, प्रो. गुलशन कुमार, डॉ वीके गुप्ता, प्रो. सुषमा गुप्ता, डॉ प्रीतपाल, डॉ अनिता, डॉ मृत्युंजय, प्रो. राकेश, मयंक रैवानी, आयुष, साक्षी, इशिता आदि ने हर्ष व्यक्त किया व साथ ही कैप्टन डॉ सतेन्द्र कुमार के साथ साथ दोनों एन सी सी कैडेट्स (दीपक और ममता) को बधाईयां प्रेषित की। डॉ सतेन्द्र कुमार ने बताया कि इस वर्ष कोविड महामारी के कारण आर डी परेड के लिए कम सीटों पर चयन किया गया जिससे चयन होने वाले कैडेटस की संख्या में भी कमी आयी।