सीएम धामी की टनकपुर में ‘एकता पदयात्रा’, युवाओं को स्वदेशी व नशा मुक्त भारत के लिए किया प्रेरित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने एक दिवसीय चंपावत भ्रमण कार्यक्रम के तहत को टनकपुर पहुँचे। उन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रतीक लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘एकता पदयात्रा’ में प्रतिभाग किया।

यह पदयात्रा डिग्री कॉलेज टनकपुर से प्रारंभ होकर गांधी मैदान तक सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री ने पैदल चलकर जनसमूह को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और स्वावलंबन का संदेश दिया।

डिग्री कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि “सरदार वल्लभभाई पटेल भारत की एकता, अखंडता और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं। स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान और देश की रियासतों के एकीकरण में उनकी भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी, जो नवजवानों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा सरदार पटेल के जीवन से हमें राष्ट्रहित में समर्पण, अनुशासन और एकता का प्रेरणादायक संदेश मिलता है। उन्होंने इस अवसर पर सभी को ‘नशा मुक्त भारत निर्माण’ का सामूहिक संकल्प भी दिलाया।

एकता मार्च में टनकपुर के युवाओं का विशेष उत्साह देखने को मिला। एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवक, स्थानीय छात्र-छात्राएँ, नौजवानों, जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ साथ स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। युवाओं ने ‘नशा मुक्त भारत’ और ‘स्वदेशी अपनाओ’ के नारों के साथ एकता और देशभक्ति का सन्देश दिया।

मुख्यमंत्री के आह्वान पर जनसमूह में देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव का वातावरण व्याप्त हो गया, जिससे राष्ट्रीय एकता के इस पर्व को और भी अधिक गरिमामय बना दिया गया।

इस अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, नगर पालिका अध्यक्ष विपिन कुमार, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, भाजपा प्रदेश महामंत्री निर्मल महरा, जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, प्रकाश तिवारी, दीपक रजवार, पूरन महरा, हिमेश कलखुड़िया, शिवराज कठायत, गुंजन सुखेजा, सतीश पांडे, पुष्पा विश्वकर्मा, श्री केदार बृजवाल, विकास शाह सहित जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, मंगला त्रिपाठी संयुक्त निदेशक सहकारिता विभाग साहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

अब उत्तराखंड में रहने वाले परिवारों की पहचान और वास्तविक संख्या आएगी सामने

उत्तराखंड में निवासरत सभी परिवारों को अब विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी। इसके साथ ही राज्य में लागू विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को इस संख्या से एकीकृत किया जाएगा। धामी कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में इसके लिए नियोजन विभाग के अंतर्गत देवभूमि परिवार योजना लागू करने को सैद्धांतिक सहमति दे दी गई। इससे जहां राज्य में रहने वालेे परिवारों की पहचान और वास्तविक संख्या सामने आएगी, वहीं जनोपयोगी योजनाओं में पात्र लाभार्थी कितनी योजनाओं का लाभ ले चुके हैं और कितनी का लाभ प्राप्त करना शेष हे, इसे लेकर भी तस्वीर साफ होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में 12 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मुहर लगाई गई। कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि देवभूमि परिवार योजना के तहत राज्य में रहने वाले प्रत्येक परिवार का डाटा बेस तैयार कर उन्हें विशिष्ट परिवार पहचान संख्या दी जाएगी। विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी परिवारों को इस संख्या से संबद्ध किया जाएगा। यही नहीं, लाभार्थी परिवारों को समस्त योजनाएं एक क्लिक पर दिखाई देंगी, जिसके लिए वे पात्र हैं।

ये होंगे लाभ
नागरिकों व परिवारों की समग्र एवं व्यापक प्रोफाइल होगी तैयार, जिसमें सामाजिक, आर्थिक व जनसंख्यायिकी विवरण भी शामिल होगा।
अपात्र लाभार्थियों के चिह्नीकरण एवं ऐसे प्रकरणों के निदान में मदद डाटा बेस के आधार पर पात्र लाभार्थी को मिलेगी सूचना।
विभिन्न योजनाओं व सेवाओं के लिए आवेदन के समय दस्तावेजों के फिर से प्रस्तुतीकरण का उन्मूलन।
योजनाओं व सेवाओं के माध्यम से सरकार सीधे नागरिकों से स्थापित कर सकेगी संवाद।
विभिन्न विभागों की जनहित की नीतियों, योजनाओं को अधिक सक्षम व प्रभावी बनाने में मदद।
नागरिकों, विशेष रूप से वंचित वर्गों तक योजनाओं की सुनिश्चित हो सकेगी पहुंच।
आपदा की स्थिति में सीधे नागरिकों व परिवारों से संवाद स्थापित कर राहत वितरण में मिलेगी मदद।

वन खेलकूद प्रतियोगिता में 42 टीमों के 3390 खिलाड़ी, 700 महिला प्रतिभागियों को सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर (देहरादून) में आयोजित अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता 2025 में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल एवं कल्पना सैनी, तथा विधायक उमेश शर्मा ‘काउ’, खजान दास, सविता कपूर, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

देवभूमि में खिलाड़ियों और वन अधिकारियों का स्वागत
मुख्यमंत्री ने मंच से देश के विभिन्न राज्यों से पधारे वन अधिकारियों, खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि 28वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता की मेजबानी का सौभाग्य उत्तराखंड को प्राप्त हुआ है।
उन्होंने इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया तथा वन विभाग और आयोजकों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दी।

3390 खिलाड़ी, 42 टीमें, 700 से अधिक महिला प्रतिभागी
मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष प्रतियोगिता में देशभर के 42 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 3390 खिलाड़ी, जिनमें 700 से अधिक महिला खिलाड़ी, भाग ले रही हैं।
उन्होंने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “खेल केवल शारीरिक तंदुरुस्ती का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र निर्माण का भी आधार हैं।”

खेल संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के दोहरे संकल्प पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल व्यक्ति में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्ष की भावना विकसित करते हैं। उन्होंने कहा कि वन कर्मियों का फिट रहना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वही वन और पर्यावरण की रक्षा के असली प्रहरी हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ वन संपदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी सतत प्रयासरत है।

स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान और खिलाड़ियों को सम्मान
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश में 8 शहरों में 23 खेल अकादमियां, एक राज्य खेल विश्वविद्यालय, और महिलाओं के लिए महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को हमारी सरकार ‘आउट ऑफ टर्न’ नियुक्ति दे रही है और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये की सम्मान राशि भी प्रदान कर रही है।”

मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि हाल ही में वर्ल्ड कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य एवं उत्तराखंड की बेटी स्नेहा राणा को 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है।

ग्रीन गेम्स और खेल वन की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेलों को उत्तराखंड ने ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित किया, जहाँ सभी सामग्री ई-वेस्ट और रिसाइकल्ड मटेरियल से तैयार की गई।
उन्होंने बताया कि 2.77 हेक्टेयर भूमि पर ‘खेल वन’ विकसित किया गया है, जहाँ पदक विजेताओं के नाम पर 1600 से अधिक रुद्राक्ष वृक्ष लगाए गए हैं। “यह स्थल खेल उत्कृष्टता के साथ हरित चेतना का प्रतीक बनेगा।”

वन्यजीव संरक्षण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लगभग 71 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित है, जो इसे देश का ‘ऑक्सीजन बैंक’ और ‘वाटर टॉवर’ बनाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र हैं- जो पूरे देश के औसत से कहीं अधिक है।
उन्होंने बताया कि वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की हैं।

साथ ही, मानव-वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा राशि को 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।

सीएम यंग ईको-प्रिन्योर योजना और इको-टूरिज्म
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में “सीएम यंग ईको-प्रिन्योर योजना” के तहत युवाओं को नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ट्रेकिंग गाइड और इको-टूरिज्म उद्यमी के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही, “कैन्टर राइड” जैसी पहलों से स्थानीय समुदायों को वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन से जोड़कर उनकी आजीविका सशक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि कॉर्बेट में ‘वन्यजीवों का एम्स’ कहे जाने योग्य आधुनिक रेस्क्यू सेंटर स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से से हल्द्वानी जू सफारी परियोजना और उत्तरकाशी में प्रस्तावित स्नो लेपर्ड कंज़र्वेशन सेंटर की स्वीकृति हेतु सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा “ये दोनों परियोजनाएं राज्य के पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का उल्लेख करते हुए खिलाड़ियों से आग्रह किया कि “यदि आप इस स्टेडियम परिसर में अपनी माता के नाम एक पौधा लगाएंगे, तो यह माँ के प्रति प्रेम और सम्मान का प्रतीक होगा और इस आयोजन को यादगार बनाएगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि देशभर से आए वन अधिकारी और खिलाड़ी अपनी अनुशासन, परिश्रम और खेल भावना से न केवल खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे, बल्कि वन संपदा के संरक्षण और हरित उत्तराखंड निर्माण के संकल्प को भी साकार करेंगे। “आप सभी अपने परिश्रम से न केवल राज्य का गौरव बढ़ा रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित, स्वस्थ और सशक्त उत्तराखंड का निर्माण कर रहे हैं।”

धामी कैबिनेट हुए संपन्न, 12 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर, कमर्शियल संपत्ति पर केस टू केस निर्णय होगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य स्थापना रजत जयंती (राज्योत्सव) के विशेष अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य को दिए गए मार्गदर्शन के लिए मंत्रिमंडल ने आभार व्यक्त किया।

वहीं कैबिनेट ने संविदा कर्मचारियों के विनियमितीकरण के विषय में कट आफ डेट वर्ष 2018 तय कर दी है। वर्ष 2018 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को किया विनियमित किया जाएगा।

कैबिनेट ने अपने आभार में कहा कि राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के प्रेरणादायी मार्गदर्शन से उत्तराखंड राज्य को सतत विकास, लोक कल्याण और नवाचार के पथ पर आगे बढ़ाने की दिशा में संकल्प और भी सुदृढ़ हुआ है।

मंत्रिमंडल ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में मिले इन प्रेरक संदेशों से प्रदेश गठन के मूल लक्ष्यों की प्राप्ति तथा प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार निरंतर तत्पर रहेगी। साथ ही, कैबिनेट द्वारा समस्त कर्मचारियों व जनता का सहयोग एवं सहभागिता सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया गया है। इस दौरान 12 प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में आए।

इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
शहरी विकास विभाग के प्रस्ताव पर मुहर।
शहरी विभाग निदेशालय पीएमयूके गठन को मंजूरी, 4 पद हुए स्वीकृत।
वित्त विभाग में टेंडर प्रक्रिया में इंश्योरेंस के तहत बीमा की भी होगी गारंटी।
कार्मिक विभाग के तहत दैनिक वेतन,संविदा कर्मियों के लिए नियमतिकरण के लिए कटऑफ डेट तय। वर्ष 2018 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को किया जाएगा विनियमित।
आपदा प्रबंधन पुनर्वास के तहत उत्तरकाशी के धराली में जो आपदा आयी थी साथ प्रदेश में जो आपदा आयी थी। उसमें मृत व्यक्तियों के परिजनों को 5 लाख देने पर सहमति, पक्के मकान के 5 लाख देने पर भी सहमति।
कमर्शियल संम्पति पर केस टू केस निर्णय लिया जाएगा।
नियोजन विभाग के तहत उत्तराखंड में निवासरत परिवारों के लिए बनेगी आईडी, देवभूमि परिवार योजना के तहत बनेगी आईडी।
उपनल कर्मचारियों की मांग पर कैबिनेट ने बनाई समिति। कैबिनेट की बनाई गई उपसमिति दो महीने के भीतर कमेटी देगी रिपार्ट।
उपनल अब विदेशों में भी कर्मचारियों के लिए करेगा नियुक्ति। भारत विदेश मंत्रालय में उपनल करेगा रजिस्ट्रेशन।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन पर उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्राप्त मार्गदर्शन-शुभकामनाओं के लिए उनका आभार व्यक्त किया गया।

कैबिनेट ने अपने आभार संदेश में कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के प्रेरणादायी मार्गदर्शन से उत्तराखंड को सतत विकास, लोककल्याण और नवाचार के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार का संकल्प और अधिक सुदृढ़ हुआ है।
बैठक में मंत्रिमंडल ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में मिले इन प्रेरक संदेशों से प्रदेश के गठन के मूल लक्ष्यों की प्राप्ति और सर्वांगीण विकास की दिशा में नई ऊर्जा प्राप्त होगी। साथ ही, कैबिनेट ने प्रदेशवासियों और राज्य कर्मियों से सहयोग एवं सक्रिय सहभागिता का आह्वान करते हुए कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से उत्तराखंड को माडल राज्य बनाने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।

राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों की बढ़ी पेंशन, सीएम ने स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित शहीद स्थल कचहरी परिसर में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन में आयोजित राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह में राज्य आंदोलनकारियों और शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिवारजनों को सम्मानित किया। कचहरी परिसर शहीद स्थल और पुलिस लाइन देहरादून में इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण केवल राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि देवभूमि के लाखों लोगों के बलिदान, संघर्ष और तप का परिणाम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान खटीमा, मसूरी और रामपुर तिराहा जैसी दर्दनाक घटनाएं हमारे इतिहास के अमर अध्याय हैं। राज्य निर्माण में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी ज्ञात-अज्ञात बलिदानियों को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के सम्मान को सर्वाेच्च प्राथमिकता देती रही है और देती रहेगी। उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों के लिए संचालित पेंशन एवं अन्य सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल सहायता नहीं, बल्कि हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री घोषणा
1.शहीद राज्य आंदोलनकारियों के नाम पर उनके क्षेत्र की मुख्य अवस्थापना सुविधाओं का नामकरण किया जायेगा।

2 उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान 7 दिन जेल गये अथवा राज्य आन्दोलन के दौरान घायल हुये आन्दोलनकारियों की पेंशन प्रतिमाह 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 7 हजार रुपए प्रतिमाह की जाएगी।

3 उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान जेल गये या घायल श्रेणी से भिन्न अन्य राज्य आन्दोलनकारियों की पेंशन प्रतिमाह 4500 रुपए से बढ़ाकर 5500 रुपए प्रतिमाह की जाएगी।

4 उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान विकलांग होकर पूर्णतः शय्याग्रस्त हुए राज्य आन्दोलनकारियों की पेंशन प्रतिमाह 20,000 हजार रूपए से बढ़ाकर 30,000 हजार रुपए की जाएगी और उनकी देखभाल के लिए मेडिकल अटेंडेंड की व्यवस्था भी की जाएगी।

5 उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान शहीद हुये राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रितों की पेंशन प्रतिमाह 3000 रुपए से बढ़ाकर 5500 रुपए की जाएगी।

6 उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण हेतु वर्ष 2021 तक जिलाधिकारी कार्यालय में प्राप्त लम्बित आवेदन पत्रों के निस्तारण हेतु छः माह का समय विस्तार प्रदान किया जायेगा।

7 समस्त शहीद स्मारकों का सौंदर्यीकरण किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के योगदान को सदैव सम्मान पूर्वक याद रखेगी और उनकी भावना को प्रत्येक नीति एवं निर्णय में स्थान देगी। उन्होंने अपील की कि राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेशवासी अपने घरों में पाँच दीपक राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में अवश्य जलाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य आंदोलन की भावना ही हमारी प्रेरणा है। उन्होंने सभी से इस प्रयास में सहभागिता का आह्वान किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, खजानदास, उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, उपाध्यक्ष राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद सुभाष बड़थ्वाल, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह एवं राज्य आंदोलनकारी मौजूद थे।

तकनीक, नवाचार और स्टार्टअप के क्षेत्र में अग्रणी बनकर प्रदेश के विकास में योगदान दें युवाः गर्वनर

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रैतिक परेड में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रतिभाग किया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न घोषणाएं भी की। इसमें
01- प्रदेश की सम्पूर्ण कृषि भूमि का आगामी 05 वर्षों में फेजवाईज सर्वेक्षण कर बन्दोबस्त करवाया जायेगा।
02- प्रदेश में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए स्टेट साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी।
03- ड्रग्स फ्री देवभूमि के लिए प्रदेश में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का विस्तार किया जाएगा।
04- राजकीय विद्यालयों में पीएम पोषण योजना के अंतर्गत मानदेय पर रखी गई भोजन माताओं के लिए कल्याण कोष की स्थापना की जाएगी।
05- राज्य में जंगली जानवरों एवं आवास पशुओं से कृषि एवं औद्यानिकी फसलों की सुरक्षा हेतु फार्म फेंसिंग पॉलिसी लाई जाएगी।
06- पारंपरिक धारे, नौले आदि प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण, पुनर्जीवन एवं सौंदर्यीकरण के लिए विशेष संवर्धन योजना प्रारंभ की जाएगी।
07- उच्च शिक्षा शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं में कौशल विकास के लिए ऑनलाइन स्किल कोर्सेज उपलब्ध कराए जाएंगे तथा सिविल सर्विसेज, बैंकिंग, मैनेजमेंट, नेट आदि परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
08- मानसखण्ड माला मिशन की तर्ज पर ही केदारखण्ड माला मिशन का विकास किया जाएगा।
09- आदर्श चम्पावत की भांति आदर्श रुद्रप्रयाग जनपद का विकास किया जाएगा।
10- कुमाऊँ के शारदा कॉरीडोर एवं आदि कैलाश तथा गढ़वाल के अंजनीसैण एवं बेलाकेदार क्षेत्र को स्प्रिचुअल इकोनॉमिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा।
11- प्रत्येक जिला अस्पताल में टाइप-1 डायबिटीज के लिए विशेष क्लीनिक खोले जाएंगे और 15 वर्ष तक के बच्चों की डायबिटीज स्क्रीनिंग मुफ्त की जाएगी।

उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह के अवसर पर शुक्रवार को पुलिस लाइन, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। राष्ट्रीय गीत ‘‘वंदे मातरम’’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम गीत से हुई। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड पुलिस पत्रिका-2025’’ का विमोचन एवं रजत जयंती पदक के प्रतीकात्मक चिन्ह का अनावरण किया गया।

कार्यक्रम में पुलिस विभाग द्वारा विशिष्ट साहसिक प्रदर्शन किया गया, इसमें विशेष रूप से मोटरसाइकिल दल द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उपस्थित दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
राज्यपाल ने उकृष्ट सेवाओं के लिए ‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’ एवं ‘पुलिस पदक’ प्राप्त पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया।

रजत जयंती समारोह के अवसर पर इस वर्ष का उत्तराखण्ड गौरव सम्मान निशानेबाज पद्श्री जसपाल राणा, उद्यमी एवं समाजसेवी देव रतूड़ी, अभिनेता एवं लेखक स्व. टॉम ऑल्टर, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी स्व. सुशीला बलूनी, चिपको आंदोलन की जननी स्व. गौरा देवी, भूवैज्ञानिक स्व. खड़ग सिंह वल्दिया, वीरांगना स्व. तीलू रौतेली एवं लेखक स्व. शैलेश मटियानी को दिया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड गौरव सम्मान-2025 प्रदान किए। उक्त महानुभावों की अनुपस्थिति में यह सम्मान उनके परिजनों द्वारा प्राप्त किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम उत्तराखण्ड की 25 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का उत्सव मना रहे हैं, यह क्षण हमारे लिए खुशी और आत्म-गौरव के पल हैं। राज्यपाल ने सभी अमर शहीदों, आंदोलनकारियों और जन नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके बलिदान और संघर्ष से यह राज्य अस्तित्व में आया।

राज्यपाल ने कहा कि जैसे स्वदेशी के मंत्र से देश की आजादी को बल मिला, वैसे ही स्वदेशी के मंत्र से देश की समृद्धि भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने आह्वान किया कि हम वही वस्तुएँ खदीदें जो मेड इन इंडिया हों, जिनमें हमारे युवाओं का श्रम और परिश्रम निहित हो, यही आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा मंत्र है।

राज्यपाल ने राज्य के युवाओं से आह्वान किया कि वे तकनीक, नवाचार और स्टार्टअप के क्षेत्र में अग्रणी बनें तथा देश-प्रदेश के विकास में योगदान दें। यही वह मार्ग है जो विकसित उत्तराखण्ड, विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में उत्तराखण्ड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनेगा- जहाँ विकास और प्रकृति, विज्ञान और संस्कृति, आधुनिकता और परंपरा, तकनीक और मानवता साथ-साथ आगे बढ़ेंगी।

कार्यक्रम में राज्यपाल ने भव्य परेड की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने अपनी कार्यकुशलता, अनुशासन और दूरदर्शी दृष्टिकोण से एक सशक्त और आधुनिक पुलिस बल के रूप में पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है। उन्होंने कहा ‘‘ड्रग्स-फ्री उत्तराखण्ड’’ के लक्ष्य की दिशा में पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध निरंतर और प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित साइबर कमांडो तैयार किए गए हैं, जिससे डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में नई क्षमता विकसित हुई है। उन्होंने कम्युनिटी पुलिसिंग पर बल देते हुए कहा कि पुलिस ने जनता के साथ विश्वास, सहयोग और सहभागिता का सेतु मजबूत किया है, जो प्रशंसनीय है।

राज्यपाल ने कहा कि पिछले 25 वर्षों का सफर उत्तराखण्ड के सतत परिश्रम और प्रगति की कहानी है। राज्य की स्थापना के बाद से शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, उद्योग, विज्ञान, तकनीक और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड चार धाम यात्रा से आगे बढ़कर वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन, वेडिंग डेस्टिनेशन, शूटिंग डेस्टिनेशन, योग और आयुर्वेद डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। सैकड़ों युवा अपने गाँव लौटकर आत्मनिर्भरता और स्वावलम्बन का नया अध्याय लिख रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में मातृशक्ति की भूमिका रीढ़ की भांति रही है। जल, जंगल, पहाड़ और पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं का योगदान उल्लेखनीय रहा है। आज भी वही मातृशक्ति राज्य के विकास की सशक्त धुरी है। स्वयं सहायता समूहों से लेकर नवाचार आधारित स्टार्टअप्स तक, महिलाएं आत्मनिर्भरता की नई कहानियां लिख रही हैं। उत्तराखण्ड की बेटियाँ शिक्षा, खेल, रक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं जो सराहनीय है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना रजत जयंती समारोह के अंतर्गत रैतिक परेड के दौरान देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले जवानों और राज्य आन्दोलन के अमर बलिदानियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखण्ड की स्थापना का स्वप्न साकार हुआ और विशेष औद्योगिक पैकेज के माध्यम से राज्य की नींव को मजबूती प्रदान करने का कार्य भी उन्होंने किया। पिछले 25 वर्षों की इस गौरवशाली यात्रा में राज्य के विकास में अपना योगदान देने वाले सभी लोगों का भी उन्होंने आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के इन 25 वर्षों की यात्रा में राज्य ने अनेकों चुनौतियों और समस्याओं का सामना करते हुए आज देश के अग्रणी और सशक्त राज्य के रूप में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। समय-समय पर राज्य को कई प्राकृतिक आपदाओं और कठिन परिस्थितियों से भी जूझना पड़ा है। उन्होंने कहा कि विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों में राज्य की कानून-व्यवस्था को बनाए रखना भी अपने आप में एक बड़ी चुनौती रही है। इन कठिनाइयों के बीच उत्तराखण्ड पुलिस ने राज्य की आत्मा की प्रहरी और मूक साधक की भांति प्रत्येक मोर्चे पर डटकर जनसेवा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उत्तराखण्ड पुलिस ने महिला अपराधों के निराकरण में सराहनीय कार्य किया है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी महिला अपराधों एवं पोक्सो अधिनियम के मामलों के निस्तारण में भी उत्तराखण्ड देश में पांचवें स्थान पर रहा है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों पर प्रभावी लगाम लगाने के लिए तकनीकी क्षमता को और अधिक सशक्त बनाने के साथ ही ‘ड्रग फ्री उत्तराखण्ड’ के संकल्प को एक जन आंदोलन का रूप देना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने पिछले करीब साढ़े चार वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की है। प्रदेश ने किसानों की आय में वृद्धि करने में देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 12.69 प्रतिशत रही है, जो राष्ट्रीय औसत से चार गुना अधिक है। राज्य युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। उत्तराखण्ड के चार गांवों जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी को देश भर में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिला है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उत्तराखण्ड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है। सरकार राज्य के समग्र विकास के साथ-साथ अपने सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, खजान दास, दुर्गेश्वर लाल, मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ सहित शासन, पुलिस एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य महानुभाव उपस्थित थे।

युवा महोत्सव में सीएम धामी ने किया फिट इंडिया उत्तराखंड और उत्तराखंड स्पोर्ट्सटैक हैकथन पहल का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा परेड ग्राउंड में राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर उत्तराखंड राज्य युवा महोत्सव 2025- 26 का शुभारंभ किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि युवा शक्ति को सही मार्गदर्शन और प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाए तो युवा शक्ति देश को नई ऊंचाई पर ले जाने की सामर्थ्य रखती है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपने सपनों को साकार करने के लिए अनेक अवसर मिले हैं जिससे विकसित भारत 2047 की संकल्पना को साकार करने के लिए युवा शक्ति अपना सर्वांगीण योगदान दे रहे है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में युवाओं के लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने फिट इंडिया उत्तराखंड और उत्तराखंड स्पोर्ट्सटैक हैकथन का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज के समय में रोजगार के जहां अनेक नए अवसर पैदा हो रहे हैं तो वही पुरानी प्रचलित तकनीक हटने से कुछ अवसर कम भी हो रहे हैं।
इसी को ध्यान रखते हुए हमने उत्तराखंड में युवाओं के लिए फ्यूचर बेस्ट रोजगार प्रदान करने के लिए अनेक कंपनियों से एमओयू किए हैं। राज्य में एक जनपद दो उत्पाद, हाउस ऑफ हिमालयाज, नई पर्यटन और फिल्म नीति, स्टेट मिलेट मिशन और युवाओं के लिए अनेक रोजगार और स्वरोजगार पर योजनाओं को प्रारंभ किया है ताकि युवा नवाचार, डिजिटली, रचनात्मक और आने वाले भविष्य की डिमांड के अनुरूप खुद को तैयार कर सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा महोत्सव जैसे आयोजन से युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़े रखने की प्रेरणा मिलती है और अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए एक बेहतर मंच मिलता है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के युवा आज सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में संपादित हुए 38 वें राष्ट्रीय खेलों में हमारे युवाओं ने शानदार प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने युवा की ताकत और उसकी ऊर्जा को समझते हुए उत्तराखंड में खेल संस्कृति को विकसित करने का काम किया है। युवा आत्मनिर्भर बन सके तथा स्वरोजगार और रोजगार से अपने सपनों को साकार कर सके इसके लिए हमने अनेक निर्णय युवाओं के हित में लिए। सख्त नकल कानून के द्वारा युवाओं के पारदर्शी चयन का मार्ग प्रशस्त किया। कुछ कर गुजरने का जज्बा रखने वाले युवाओं के लिए अनेक नीतियां लाई तथा उनका बेहतर तरीके से क्रियान्वयन कर रहे हैं।

इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि 2047 तक युवा शक्ति के बल पर भारत विकसित बनेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार युवाओं और महिलाओं के सपनों को साकार करने के लिए अनेक प्रयास कर रही हैं।

राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि आज देश और हमारा राज्य अनेक क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

इस अवसर पर स्वराज विद्वान, उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग फरजना बेगम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा सहित संबंधित अधिकारी और युवा उपस्थित थे।

उत्तराखंड रजतोत्सव वर्षः देशभर के संतों ने धामी सरकार के विकास कार्यो व सांस्कृतिक संरक्षण की सराहना की

उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आज मुख्यमंत्री आवास आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक सौहार्द का केंद्र बन गया, जब देशभर के प्रमुख संतों एवं धर्माचार्यों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर राज्य की प्रगति, सांस्कृतिक संरक्षण और अध्यात्मिक समृद्धि के प्रति उनके प्रयासों की सराहना की।

संत समाज ने प्रदेश के लिए सकारात्मक बदलाव, विरासत संरक्षण और धार्मिक-सांस्कृतिक मानकों को सुदृढ़ करने वाले निर्णयों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री को आशीर्वाद प्रदान किया और उन्हें “देवभूमि का धर्म-संरक्षक” बताया। संतों ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है।


मुख्यमंत्री आवास में आध्यात्मिक संगम में आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष स्वामी रविंद्रपुरी महाराज, बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण, प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता जया किशोरी, चिंतक और लेखक डॉ. कुमार विश्वास सहित अनेकों प्रतिष्ठित संत-महात्मा एवं धर्माचार्य भेंट करने वाले प्रमुख संत-महात्माओं में शामिल रहे।

सभी संतों ने मुख्यमंत्री को रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएँ देते हुए राज्य के सांस्कृतिक सम्मान और अध्यात्मिक धरोहर संरक्षण को लेकर उनके समर्पण की सराहना की।

संत समाज ने की सीएम धामी की प्रशंसा
संतों ने कहा कि “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान, आध्यात्मिक परंपरा और सामाजिक समरसता को मजबूत करने वाला नेतृत्व प्रदान किया है। उनके प्रयासों से देवभूमि की मूल आत्मा और सनातन विरासत सुरक्षित और सुदृढ़ हुई है।”

उन्होंने राज्य सरकार की उन नीतियों की भी सराहना की जिनसे सामाजिक-सांस्कृतिक अनुशासन, धार्मिक स्थलों का संरक्षण, आध्यात्मिक पर्यटन विकास तथा परंपरा-संरक्षण को नया आयाम मिला है।

कुम्भ-2027 को भव्य, दिव्य और विश्व-स्तरीय आयोजन के रूप में स्थापित करने के लिए संत समाज तथा सरकार मिलकर कार्य करेंगे
संत समाज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हरिद्वार कुम्भ-2027 को भव्य, दिव्य और विश्व-स्तरीय आयोजन के रूप में स्थापित करने के लिए वे सरकार के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर कार्य करेंगे। संतों ने कहा कि कुम्भ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सनातन परंपरा, भारतीय संस्कृति और वैश्विक आध्यात्मिक चेतना का महासंगम है, जिसे ऐतिहासिक स्वरूप देना हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।


संतों ने यह भी कहा कि कुम्भ की तैयारी के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। यातायात, अधोसंरचना, घाटों का सौंदर्यीकरण, सुरक्षा व्यवस्थाएँ, स्वच्छता और तीर्थ विकास जैसे क्षेत्रों में जो योजनाएँ बन रही हैं, वे आने वाले वर्षों में हरिद्वार को विश्व आध्यात्मिक धरोहर केंद्र के रूप में और अधिक प्रतिष्ठित करेंगी।

उन्होंने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि
“देवभूमि उत्तराखंड को कुम्भ-2027 में एक नए आयाम तक पहुँचाने की जो दूरदृष्टि मुख्यमंत्री ने प्रस्तुत की है, वह प्रेरणादायक है। सरकार द्वारा किए जा रहे त्वरित निर्णय, पारदर्शिता और धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान से हमें पूर्ण विश्वास है कि यह कुम्भ इतिहास में अपना स्वर्णिम अध्याय लिखेगा।”

संत समाज ने आश्वस्त किया कि
“हम सभी संत-महात्मा, अखाड़े और धर्म संस्थान एक परिवार की तरह एकजुट होकर कुम्भ की सफलता के लिए निरंतर योगदान देंगे। कुम्भ के आयोजन में चाहे आध्यात्मिक मार्गदर्शन हो या जन-आस्था का प्रबंधन, हर मोर्चे पर हमारा सहयोग निरंतर रहेगा।”

सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विकास का केंद्र बन रहा उत्तराखंड
संत समाज ने यह भी कहा कि उत्तराखंड आज तेजी से वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र और शांति-स्थल के रूप में उभर रहा है, जिसका श्रेय राज्य सरकार की सांस्कृतिक दृष्टि और दूरदर्शी नेतृत्व को है।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी संतों और आध्यात्मिक गुरुओं ने प्रदेश वासियों के लिए मंगलकामनाएं व्यक्त कीं और उत्तराखंड की रजत जयंती को आध्यात्मिक रूप से ऐतिहासिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री को आशीर्वाद दिया।

पतंजलि विवि के दीक्षांत समारोह में पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू, स्वर्ण पदक प्राप्त विद्यार्थियों को किया सम्मानित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के द्वितीय दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में कुल 1454 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। 62 शोधार्थियों को विद्या वारिधि और 3 शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि प्रदान की गई, जबकि 615 विद्यार्थियों को परास्नातक और 774 विद्यार्थियों को स्नातक की उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि.) ने राष्ट्रपति को राष्ट्रपति भवन की विविध वनस्पतियों पर आधारित दो पुस्तकें ‘फ्लोरा ऑफ राष्ट्रपति भवन’ एवं ‘मेडिसिनल प्लांट्स ऑफ राष्ट्रपति भवन’ की प्रतिलिपियाँ भी भेंट कीं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने पदक प्राप्त विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के जीवन-निर्माण में योगदान देने वाले अध्यापकों और अभिभावकों का भी विशेष अभिनंदन किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों में 64 प्रतिशत बेटियाँ हैं तथा पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या छात्रों की तुलना में चार गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विकसित भारत के उस स्वरूप का परिचायक है जिसमें महिलाएं नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय महर्षि पतंजलि की तप, साधना और ज्ञान परंपरा को आधुनिक समाज के लिए सुलभ बना रहा है। विश्वविद्यालय योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से स्वस्थ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय की भारत-केन्द्रित शिक्षा-दृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि इसमें विश्व बंधुत्व की भावना, वैदिक ज्ञान एवं आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण का समन्वय और वैश्विक चुनौतियों के समाधान जैसी विशेषताएँ निहित हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से वसुधैव कुटुंबकम की भावना पर आधारित जीवन-मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान-प्राप्ति नहीं है, बल्कि सदाचार, तपस्या, सरलता और कर्तव्यनिष्ठा जैसे जीवन-मूल्यों को आत्मसात करना भी है। उन्होंने विद्यार्थियों को न केवल आत्म-विकास बल्कि राष्ट्र-निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। गंगा तट पर स्थित हरिद्वार की सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ये पवित्र स्थल ज्ञान और अध्यात्म का संगम है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी स्वाध्याय और तपस्या जैसे आदर्शों का पालन करते हुए स्वस्थ, संस्कारित और समरस समाज के निर्माण में योगदान देंगे।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि.) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए उनके देवभूमि आगमन को गर्व का क्षण बताया। राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड केवल एक राज्य नहीं, बल्कि योग, आयुर्वेद और अध्यात्म का प्राण-केंद्र है। इस पवित्र धरती से प्रचलित योग और आयुर्वेद की परंपरा ने न केवल भारत को, बल्कि समूचे विश्व को स्वास्थ्य, संतुलन और सद्भाव का संदेश दिया है। उत्तराखंड की यह ऋषि-परंपरा आज भी हमें यह प्रेरणा देती है कि ज्ञान का सर्वाेच्च उद्देश्य केवल आत्म-विकास नहीं, बल्कि विश्व-कल्याण है।

राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और आशा व्यक्त की कि वे दीक्षांत समारोह के पश्चात आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने राष्ट्र, प्रदेश और समाज की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे तथा अपनी शिक्षा, प्रतिभा एवं प्रशिक्षण का उपयोग मानव-कल्याण के लिए करेंगे।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने जो ज्ञान अर्जित किया, वह केवल हमारे लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड के कल्याण के लिए था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को स्वीकृति दिलाकर योग के विज्ञान पर किए गए हजारों वर्षों के कार्य को वैश्विक मंच प्रदान किया। विगत कुछ वर्षों में योग और आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आई है, और आज करोड़ों लोग इनके माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का देवभूमि उत्तराखंड की सवा करोड़ देवतुल्य जनता की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सदैव अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए समाज के वंचित, शोषित एवं पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य किया है। हाल ही में जब उन्होंने लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरी, तो पूरे देश ने उनके अदम्य साहस, राष्ट्रभक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रेरक उदाहरण देखा। उनके व्यक्तित्व में मातृत्व की ममता, सेवा का संकल्प और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण का अद्भुत संगम निहित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी उत्तराखंड वासियों का सौभाग्य है कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर हमें राष्ट्रपति का सान्निध्य और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करके अपने बेहतर भविष्य के साथ ही अपने परिवार की सुख-समृद्धि और समाज के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव के मार्गदर्शन में पतंजलि विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा को भारतीय संस्कारों और परंपराओं से जोड़ने का अतुलनीय कार्य कर रहा है। यहाँ विज्ञान और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जहाँ विद्यार्थी केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि भारतीय जीवन-मूल्यों की भी शिक्षा प्राप्त करते हैं। पतंजलि विश्वविद्यालय ने आधुनिक विज्ञान और भारतीय ज्ञान परंपरा के समन्वय से ऐसी शिक्षा पद्धति विकसित की है, जो योग, आयुर्वेद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार अनेक नवाचार कर रही है। राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने के साथ ही प्रदेश के विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा जैसे कोर्स संचालित करने की पहल की गई है। भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन के लिए दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज’ की स्थापना भी की गई है। देहरादून में साइंस सिटी, हल्द्वानी में एस्ट्रो पार्क और अल्मोड़ा में साइंस सेंटर के निर्माण के माध्यम से राज्य में वैज्ञानिक अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलाधिपति स्वामी रामदेव, कुलपति आचार्य बालकृष्ण, सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, डॉ. कल्पना सैनी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उपलब्धिः पिछले तीन साल में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे उत्तराखंड

पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए जारी पुष्कर सिंह धामी सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं, बीते तीन साल उत्तराखंड में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। इससे होम स्टे, होटल, ढाबा संचालकों, महिला स्वयं सहायता समूहों से लेकर परिवहन कारोबारियों तक की आजीविका को सहारा मिला है।

प्रदेश सरकार के प्रयासों से उत्तराखंड में पर्यटन- तीर्थाटन लगातार बढ़ रहा है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में बीते तीन साल में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। खास बात यह है कि उत्तराखंड का पर्यटन अब बहुआयामी हो चला है, पर्यटक बड़े शहरों और चुनिंदा हिल स्टेशन तक ही सीमित नहीं बल्कि दूर दराज के छोटे छोटे पर्यटक स्थलों तक भी पहुंच रहे हैं। इसी के साथ राफ्टिंग, ट्रैकिंग, बंजी जम्पिंग, पर्वतारोहण जैसी साहसिक गतिविधियों में भी देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों की भी भागीदारी बढ़ी है। इससे पर्यटन का लाभ प्रदेश के लाखों लोगों तक प्रत्यक्ष तौर पर पहुंच रहा है, इसमें होटल, रेस्टोरेंट, होमस्टे संचालक, परिवहन कारोबारी, महिला स्वयं सहायता समूह शामिल है। प्रदेश में इस समय छह हजार अधिक होम स्टे संचालक सीधे तौर पर बढी हुई पर्यटन गतिविधियों के सीधे लाभार्थी बनकर उभरे हैं।

तीर्थाटन भी बूम पर
प्रदेश में तीर्थाटन गतिविधियां भी काफी बढ़ गई है। इस वर्ष अब तक चारधाम यात्रा में ही तीर्थयात्रियों की संख्या 50 लाख को छू रही है। केदारनाथ, यमुनोत्री पैदल मार्ग पर इस साल 4300 से अधिक घोड़े दृ खच्चर संचालकों ने अपनी सेवाएं दी। प्रदेश सरकार अब शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदि कैलाश यात्रा से भी पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र में तीर्थाटन, पर्यटन तेजी से बढ़ा है।

पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी आधार है। पर्यटन- तीर्थाटन का लाभ सीधे तौर पर स्थानीय लोगों को मिलता है। इसलिए सरकार वर्षभर पर्यटन दृ तीर्थाटन गतिविधियों को जारी रखने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरों से उत्तराखंड में तीर्थाटन- पर्यटन को बल मिला है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड