सीएम से मुलाकात कर बोला बेरोजगार संघ, युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने लिया पारदर्शी निर्णय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड बेरोजगार संघ व तकनीकी डिप्लोमा प्राप्त छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस अवसर पर प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि राज्य सरकार ने युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान लिया और संबंधित परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया।

संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा परीक्षा की पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम युवाओं में विश्वास और आशा का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तत्परता और संवेदनशीलता के साथ इस मुद्दे पर कार्रवाई की, वह युवाओं के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार योग्यता और पारदर्शिता पर आधारित भर्ती प्रक्रिया के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट संदेश है कि उत्तराखंड में किसी भी भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार, नकल या अनुचित साधनों के लिए शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की मेहनत और प्रतिभा के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में सशक्त कदम उठाया है। इस कानून के लागू होने से अब कोई भी व्यक्ति या संगठन परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करेगा तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है कि हर पात्र युवक-युवती को निष्पक्ष अवसर मिले और राज्य के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता और विश्वास का माहौल स्थापित हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं की मेहनत, लगन और ईमानदारी ही राज्य के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है, और सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है।

संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि भविष्य की परीक्षाओं में नकल-रोधी प्रावधानों को और अधिक सुदृढ़ किया जाए तथा भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों के सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि पारदर्शी भर्ती ही सुशासन की पहचान है, और राज्य सरकार इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

इस अवसर पर बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

छात्र हित में धामी का फैसला, भर्ती परीक्षा की रद्द, तीन माह में पुनः आयोजित होगी परीक्षा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यूं ही युवा दिलों की धड़कन और युवा हितैषी नहीं कहा जाता। वे युवाओं की बातों को न सिर्फ गौर से सुनते हैं बल्कि, उन्हें पूरा करने से भी पीछे नहीं हटते। 21 सितंबर को यूकेएसएसएससी पेपर लीक का प्रकरण सामने आने के बाद युवाओं ने पेपर को रद्द कर पुनः कराने और सीबीआई जांच की मांग करी तो सीएम धामी ने इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए 10 दिन के भीतर ही पेपर को रद्द कर पुनः परीक्षा आयोजित कराने के निर्देश दे डाले। इसके साथ ही, पुनः आयोजित होने वाली इस परीक्षा में वही छात्र शामिल होंगे, जिन्होंने पहले भी यह परीक्षा दी थी। इन छात्रों की फीस का पूरा वहन राज्य सरकार उठाएगी। पुनः आयोजित होने वाली यह परीक्षा अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम पर कोई असर नहीं डालेगी।

ये निर्णय इस बात का प्रमाण है कि सीएम धामी के दिल में युवा और युवाओं के दिल में सीएम धामी बसते हैं। इससे पहले सीएम धामी ने खुद परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर जाकर प्रदर्शनकारी युवाओं से वार्ता कर उन्हें मामले की जांच का आश्वासन दिया था। राज्य गठन के इतिहास में यह पहला मौका था कि जब सूबे का मुखिया खुद धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने गया हो। यह इस बात का प्रमाण है कि सीएम धामी युवाओं के प्रति बेहद ही संवेदनशील हैं। जिस कारण वह उनके हितों में निर्णय लेने से एक कदम भी पीछे नहीं हटते।

चार साल में युवाओं के लिए नौकरी के द्वार खोलना और 25000 पदों पर उन्हें नियुक्ति प्रदान करना भी इस बात का बड़ा प्रमाण है कि सीएम धामी युवा हितैषी हैं।

21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर में अनियमितताओं की खबरें बाहर आने के बाद छात्रों ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किया था। जिस पर सीएम धामी ने खुद परेड ग्राउंड जाकर छात्रों को आश्वासन देते हुए मामले की पारदर्शी जांच के निर्देश दिए थे। इसके लिए एसआईटी गठन के साथ ही जांच आयोग भी बनाया गया था। जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर अब आयोग ने परीक्षा को रद्द कर दिया है।

सीएम धामी का स्पष्ट संदेश है कि उत्तराखंड में छात्र हमेशा सरकार के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता हैं। सरकार छात्रों के हितों के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देगी और हर छात्र को निष्पक्ष अवसर और भरोसेमंद परीक्षा प्रणाली उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता है। उनका यह युवा हितैषी कदम छात्रों के विश्वास को पुनः मजबूत करता है और यह दिखाता है कि उत्तराखंड में नेतृत्व केवल आदेश देने वाला नहीं, बल्कि युवाओं की भावनाओं और भविष्य की जिम्मेदारी समझने वाला भी है।

सीएम से मुलाकात कर परीक्षा जांच आयोग ने सौंपी अंतरिम रिपोर्ट

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 सितंबर, 2025 को आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच हेतु राज्य सरकार द्वारा गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी द्वारा की गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयोग ने अल्प समय में अधिक से अधिक जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों एवं संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट का परीक्षण कर अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेगी। उन्होंने बताया कि प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति की जा चुकी है, जिससे मामले की पूरी निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई संभावना न रहे और अभ्यर्थियों तथा उनके अभिभावकों का विश्वास राज्य की परीक्षा प्रणाली पर बना रहे।

प्रदेशभर में स्किल गैप असेसमेंट कराया जाएः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को प्रदेश के भीतर एवं अन्य राज्यों सहित भारत के बाहर विदेशों में नौकरी के अवसर नौकरी दिलाने की दिशा में काम किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए ओवरसीज एंप्लॉयमेंट सेल और पैनलबद्ध भर्ती एजेंसियों के माध्यम से विदेशों में नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर में स्किल गैप असेसमेंट करा लिया जाए। उन्होंने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नर्सिंग का टूर गाइड्स एवं पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए वाइल्ड लाइफ गाइड प्रशिक्षण को भी शामिल किया जाए। इसके लिए विभाग को युवाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ ही हैंड होल्डिंग किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि विदेशों में नौकरी की संभावनाओं को देखते हुए युवाओं को अपेक्षित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं की हैंड होल्डिंग के साथ ही इच्छुक अभ्यर्थियों को इंटेंसिव ट्रेनिंग भी कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि विदेश में जॉब के लिए जाने वाले अभ्यर्थियों को विदेशी भाषाओं व्यावहारिक बातचीत का प्रशिक्षण भी अनिवार्य रूप से कराया जाए ताकि विदेशों में सामान्य बोलचाल की समस्या उत्पन्न न हो। मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा विदेशों में नौकरी के अवसर का भी लक्ष्य निर्धारित किया जा सकता है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

सचिव सी. रविशंकर ने बताया कि विभाग द्वारा ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट सेल का गठन कर लिया गया है। अभी तक 63 युवाओं को जापान और सऊदी अरेबिया में प्रशिक्षण और रोजगार प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से 351 युवाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है, जिसमें से 315 को प्लेसमेंट मिल गया है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में वर्तमान में 169 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस अवसर पर सचिव सी रविशंकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड सीएम ने परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं से की मुलाकात, सीबीआई जांच की संस्तुति दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं के बीच पहुंचकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की गत सप्ताह आयोजित परीक्षा प्रकरण की सीबीआई जांच कराने पर सहमति दे दी है।

आज दोपहर बाद सीएम धामी अचानक, परेड ग्राउंड में आंदोलनरत युवाओं के बीच पहुंच गए। यहां सीएम ने युवाओं का पक्ष सुनने के बाद कहा कि युवा इस त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी के बीच आंदोलन कर रहे हैं, इससे खुद उन्हें भी अच्छा नहीं लग रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का एक ही संकल्प है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। विगत चार साल में सरकार ने इसी संकल्प के अनुसार काम किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि वो जानते हैं कि उत्तराखंड के युवा और छात्र पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं। इसी आधार पर उनके पास जीवन के लिए खूबसूरत सपने होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद ऐसी परिस्थितियों को देखा है, छात्रों और युवाओं के बीच काम करते हुए, इसका अनुभव लिया है।

युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विगत दिनों सामने आए प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी द्वारा की जा रही है। कमेटी ने काम भी शुरु किया है, लेकिन फिर भी युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इस कारण सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति करेगी। इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी।

मैं भी आया हूं धरना स्थल पर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो चाहते तो ये बातचीत कार्यालय में भी हो सकती थी, लेकिन युवाओं के कष्ट को देखते हुए, उन्होंने खुद धरना स्थल पर आने का निर्णय लिया है, वो पूरी तरह युवाओं के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले चार साल में पारदर्शी तरीके से 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां की है, इसमें कहीं कोई शिकायत नहीं आई है। सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है, इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका को मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएम धामी ने कहा कि विगत सप्ताह भी जब युवा उनसे मिले थे तो उन्होंने तब ही स्पष्ट कर दिया था कि सरकार चाहती है कि युवाओं के मन में कोई अविश्वास, संदेह या शंका न रहे। इसलिए वो बिना किसी को बताए सीधे यहां परेड ग्राउंड में चले आए हैं।

मुकदमें वापस होंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कहीं कोई मुकदमें दर्ज हुए हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतकाल के विकसित भारत में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने, इसमें युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

सरकार छात्रोें के हित में निर्णय लेने के लिये एक प्रतिशत भी पीछे नहीं हटेगीः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता से लेकर मीडिया जगत तक, सभी इस तथ्य के साक्षी हैं कि हमारी सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर 100 से अधिक नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे भेजा है और योग्यता व प्रतिभा के आधार पर पिछले 4 सालों में 25,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। जिनकी परीक्षाएं बिना किसी भ्रष्टाचार और नकल के पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार छात्रोें के हित में निर्णय लेने के लिये एक प्रतिशत भी पीछे नहीं हटेगी। जब तक वे जीवित हैं तब तक उत्तराखण्ड के एक-एक छात्र को न्याय दिलाने का उनका संकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में जो भी व्यक्ति नकल कराने के अपराध में शामिल होकर हमारे बेटे बेटियों, भाई बहनों, छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास करेंगे उनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने जीते जी छात्र-छात्राओं के हितों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में अगले एक साल में 10 हजार नियुक्तियां होनी हैं उनका कैलेंडर जारी कर दिया गया है ये नियुक्तियां पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ कराई जायेंगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि छात्र-छात्राओं के हितों के साथ कोई भी कुठाराघात नहीं होने दिया जाएगा।

आपदा प्रभावित मृतकों को पांच लाख रूपये का मुआवजा तत्काल देने के निर्देश

सीएम धामी ने शनिवार रात्रि आपदा परिचालन केंद्र देहरादून में थराली (चमोली) आपदा राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि क्षतिग्रस्त मकानों हेतु ₹ 5 लाख की सहायता राशि तत्काल प्रभावितों को जारी की जाए। इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को भी ₹5 लाख की सहायता राशि तत्काल प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि स्याना चट्टी से पानी की निकासी की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि थराली में जो लोग बेघर हुए हैं तात्कालिक रूप से उनके लिए बेहतरीन व्यवस्था की जाए तथा इसके साथ ही पुनर्वास का काम भी तेजी से आरंभ किया जाए। प्रभावितों को राहत सामग्री तत्परता से मिल जाए और सभी आवश्यक सामान एक साथ दिया जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं थराली आपदा प्रभावित क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क नेटवर्क सहित सभी मूलभूत जरूरत को जल्द से जल्द बाहर किया जाए द्य प्रभावितों को बांटी जाने वाली राशन सहित सभी प्रकार की राहत सामग्री की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
थराली आपदा के दौरान जिलाधिकारी चमोली की तत्काल मौके पर पहुंचने, प्रभावितों को तत्परता से राहत पहुंचाने एवं बेहतरीन प्रबंधन हेतु सराहना करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में भी इसी प्रकार प्रभावी समन्वय के साथ तत्परता से राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने थराली आपदा में प्रभावी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की भी प्रशंसा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य में अगले दो दिन ऑरेंज अलर्ट के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों को तैयारी पूरी रखने व आपदा प्रबंधन सामग्री उपकरण आदि संवेदनशील स्थानों पर रखने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में धराली, सैजी (पौड़ी) एवं धराली में आई आपदाओं की पैटर्न के अध्ययन के लिए विभिन्न प्रतिष्ठित एजेंसियों के विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों की एक कमेटी गठित कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगौली सहित सभी संबंधित अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चमोली तथा उत्तरकाशी सहित सभी डीएम मौजूद थे।

धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला, उत्तराखंड से मदरसा बोर्ड होगा खत्म

अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को लेकर धामी कैबिनेट ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस कड़ी में उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई है, जिसे ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 19 अगस्त से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।

इस विधेयक के अधिनियम बनने पर इसके तहत उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। अभी तक अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा केवल मुस्लिम समुदाय को ही मिलता है, लेकिन अधिनियम के तहत मुस्लिम के साथ ही अन्य अल्पसंख्यक समुदायों सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई व पारसी को भी यह सुविधा मिलेगी

यही नहीं, मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों में गुरुमुखी व पाली भाषा भी पढ़ाई जा सकेगी। इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक संस्थानों को मान्यता देने वाले मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2016 और उत्तराखंड गैर सरकारी अरबी व फारसी मदरसा नियम, 2019 को एक जुलाई, 2026 से समाप्त कर दिया जाएगा।

अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान विधेयक के अधिनियम बनने पर यह देश ऐसा पहला अधिनियम होगा, जो राज्य में सभी अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थानों को पारदर्शी ढंग से न केवल मान्यता देगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता व उत्कृष्टता भी सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में रविवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से रखे गए इससे संबंधित विधेयक को चर्चा के बाद स्वीकृति दे दी गई। अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान अधिनियम के अंतर्गत राज्य के सभी छह अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को एक छतरी के नीचे लाया जाएगा।

धार्मिक शिक्षा पर कोई रोक नहीं
अधिनियम के लागू होने पर मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा पर कोई रोक नहीं होगी। प्राधिकरण इसका पाठ्यक्रम निर्धारित करेगा। वह यह भी सुनिश्चित करेगा कि इन संस्थानों में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड के तय मानकों के अनुसार शिक्षा दी जाए और विद्यार्थियों का मूल्यांकन निष्पक्ष व पारदर्शी हो।

अधिनियम की खास बातें
अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा प्राप्त करने के लिए प्राधिकरण से अनिवार्य रूप से लेनी होगी मान्यता।
मान्यता प्राप्त करने को संस्थान का सोसायटी, ट्रस्ट या कंपनी एक्ट में पंजीकरण अनिवार्य। भूमि, बैंक खाते व अन्य संपत्तियां भी संस्थान के नाम होनी चाहिए।
इन संस्थानों की स्थापना व संचालन में प्राधिकरण हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता व उत्कृष्टता सुनिश्चित करेगा।
वित्तीय गड़बड़ी, पारदर्शिता की कमी अथवा धार्मिक व सामाजिक सद्भावना के विरुद्ध गतिविधियों की स्थिति में वापस ली जाएगी मान्यता।
ये होंगे लाभ
अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को पारदर्शी प्रक्रिया से मिलेगी मान्यता।
शिक्षा की गुणवत्ता के साथ अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकार भी रहेंगे सुरक्षित।
संस्थानों के संचालन की निगरानी और समय-समय पर आवश्यक निर्देश जारी कर सकेगी सरकार।

सीएम धामी की धुंआधार पारी से विपक्ष चारों खाने चित, जिपंस की 12 में से 10 सीट भाजपा की

उत्तराखंड की राजनीति में पिछले चार वर्षों में एक बात लगातार साफ होती जा रही है सीएम पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व न केवल सशक्त है, बल्कि भाजपा के लिए लगातार जीत की गारंटी भी बन चुका है। विधानसभा उपचुनाव से लेकर लोकसभा, नगर निकाय और अब पंचायत चुनाव तक, धामी की धुंआधार पारी ने विपक्ष को चारों खाने चित कर दिया है। गुरुवार को जब जिला पंचायत चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए, तो पहाड़ से लेकर मैदान तक भाजपा के कमल ने जीत का परचम लहराना शुरू कर दिया।

इस बार हुए 12 जिला पंचायत सीटों के चुनाव में भाजपा ने 10 सीटों पर विजय हासिल की, जिनमें से 5 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके थे। गुरुवार को हुए चुनाव में रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा में भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की जबकि, उत्तरकाशी, चंपावत, टिहरी, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर में भाजपा उम्मीदवार पहले ही जीत दर्ज कर चुके थे, इसके साथ ही नैनीताल पर अभी दुबारा मतगणना होनी है, जिस कारण इस सीट का रिजल्ट होल्ड पर रखा गया है। वहीं हरिद्वार जिला पंचायत सीट पहले से ही भाजपा के कब्जे में है। देहरादून में भी भाजपा की कांटे की टक्कर दी।

यही नहीं, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधान के चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा, हरिद्वार की छह सीटों को छोड़कर प्रदेश की 89 ब्लॉक प्रमुख सीटों पर चुनाव हुए, जिनमें भाजपा ने 75 प्रतिशत से अधिक सीटों पर कब्जा जमाया। चुनाव के बाद जैसे ही नतीजे आने शुरू हुए तो, भाजपा की आंधी के सामने कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार कहीं ठहर नहीं पाए। जबकि ग्राम प्रधान की 85 प्रतिशत सीट पर भाजपा का कब्जा है।

इस जीत का सबसे बड़ा पहलू पहाड़ी अंचलों में भाजपा का जबरदस्त दबदबा रहा। धामी के करिश्माई नेतृत्व और जनकल्याणकारी नीतियों ने गाँव-गाँव में विकास की नई कहानी लिखी। सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और रोजगार३ हर क्षेत्र में धामी सरकार के काम ने जनता का भरोसा मजबूत किया है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा की यह विराट जीत 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल है। यह साफ संकेत है कि उत्तराखंड की जनता सीएम धामी के नेतृत्व पर न केवल भरोसा करती है, बल्कि भाजपा की नीतियों को ही प्रदेश के विकास की राह मानती है। यह परिणाम विपक्ष के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि आने वाले चुनावी महासंग्राम में मुकाबला आसान नहीं होगा।

सीएम धामी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जनसेवा, विकास और पारदर्शी शासन ही उनकी प्राथमिकता है, और यही उनकी जीत की सबसे बड़ी ताकत है। 2027 की राह में यह विजय पताका भाजपा के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दे रही है और विपक्ष के लिए यह एक गंभीर संदेश है। उत्तराखंड में नेतृत्व की पसंद पहले से तय है।

राज्य में “एआई मिशन“ प्रारंभ होगा, जो “एक्सीलेंस सेंटर“ के रूप में विकसित होगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं का शुभारंभ किया। इनमें डिजिटल उत्तराखण्ड एप का उद्घाटन, सुरक्षित, स्केलेबल और सुगम्य प्लेटफॉर्म आधारित 66 वेबसाइटों का उद्घाटन, नगरीय क्षेत्र में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की रियल टाइम ट्रैकिंग के लिए विकसित की गई जीआईएस आधारित वेब एप का उद्घाटन, जन सुविधा के लिए संचालित 1905 सीएम हेल्पलाइन में एआई के अनुप्रयोग नवाचार का शुभारंभ और अतिक्रमण की निगरानी के लिए वेब आधारित एप्लीकेशन का शुभारंभ शामिल हैं।

मुख्यमंत्री घोषणाएं-
1-भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य में नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत डिजास्टर रिकवरी के लिए भी एक अलग से मैकेनिज्म बनाया जाएगा।

2-राज्य में शीघ्र ही भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए “एआई मिशन“ प्रारंभ किया जाएगा, जिसे “एक्सीलेंस सेंटर“ के रूप में विकसित किया जाएगा।

3-गुड गवर्नेंस की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए राज्य में नेक्स्ट-जनरेशन रिमोट सेंसिंग एवं ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर का विकास किया जाएगा।

4-राज्य में एक विशिष्ट आईटी कैडर स्थापित करने के लिए सरकार प्रयास करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सुंदर पहाड़ी राज्य होने के साथ ही तकनीकी रूप से दक्ष राज्य के रूप में आगे बढ़े, इसके लिए राज्य सरकार “हिल से हाइटेक“ के मंत्र पर कार्य कर रही है। आज प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की गई है। ये सभी नवाचार शासन व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने के साथ ही विभिन्न सेवाओं में गति एवं पारदर्शिता भी लाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचार का विस्तार हुआ है। उनके ’डिजिटल इंडिया’ के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार भी निरंतर प्रयास कर रही है। “डिजिटल उत्तराखण्ड“ एप के माध्यम से लोग घर बैठे ही अनेक सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एप प्रधानमंत्री के ’मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस’ के मंत्र को साकार करने में सहायक होगा। इससे सरकारी सेवाओं को एकीकृत, सरल और सुलभ बनाने में सहायता मिलेगी और विभिन्न गतिविधियों की मॉनिटरिंग भी आसानी से होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर आधारित 66 नई सरकारी वेबसाइटें विभागीय जानकारी को सुरक्षित, त्वरित और पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुंचाएंगी। जीआईएस आधारित वेब ऐप शहरी क्षेत्रों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा। अतिक्रमण की रोकथाम के लिए एक वेब-आधारित ऐप के माध्यम से कोई भी नागरिक अतिक्रमण की तस्वीर या वीडियो अपलोड कर सकेगा, जिस पर संबंधित विभाग तुरंत जांच कर कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि 1905 सीएम हेल्पलाइन राज्य के नागरिकों और सरकार के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस सेवा में भी एआई आधारित सुविधाओं से शिकायतों का ऑटो-केटेगराइजेशन, त्वरित समाधान और फॉलो-अप मॉनिटरिंग और भी बेहतर तरीके से होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऑनलाइन शिक्षा, ई-स्वास्थ्य सेवा और भूलेख डिजिटलीकरण जैसे कार्यों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल और सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से लोगों को घर बैठे ही अनेक सरकारी सेवाओं का लाभ प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का भी विस्तार किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों के नागरिकों को टेलीमेडिसिन और ई-संजीवनी सेवाओं के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह घर बैठे उपलब्ध कराने का भी कार्य किया जा रहा है। “अपणी सरकार“ पोर्टल द्वारा 886 सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य के लगभग 95 प्रतिशत गांवों में दूरसंचार कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है।

इस अवसर पर विधायक खजानदास, प्रमुख सचिव एल. फैनई, सचिव नितेश झा, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, नीरज खेरवाल, डॉ. वी. षणमुगम, श्रीधर बाबू अदांकी, महानिदेशक यू-कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक आईटी गौरव कुमार (वर्चुअल माध्यम), नगर आयुक्त देहरादून नमामि बंसल, संबंधित विभागों के अपर सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।