कैंसर पीड़ितों के लिए कटा डाले बाल, विग बनाने के आएंगे काम

रामनगर (रुड़की) की सोनम भटेजा ने कैंसर पीड़ितों के लिए अपने बाल कटवा डाले। यह वहीं बाल है जिनसे उन्हें बेपनां प्यार था। इतना ही नहीं बचपन से अभी तक कैंची तक चलने नहीं दी। अब उनके यह बाल कैंसर पीड़ितों की विग बनाने के काम आएंगे।

वैसे तो सोनम भटेजा गृहणी हैं, उन्होंने अंग्रेजी में एमए किया है। ऐसे बच्चें जो फीस देने में अक्षम है, वह उन्हें निशुल्क ट्यूशन पढ़ाती हैं, उनके पति कारोबारी हैं। सोनम के अनुसार उन्हें अपने बालों से बेहद प्यार है और लंबे रखने का शौक भी। इसलिए उन्होंने बचपन में कभी बालों पर कैंची नहीं लगने दी। उनके बाल कमर से भी नीचे थे। लेकिन, एक दिन तब उनकी धारणा बदल गई, जब उन्होंने इंटरनेट पर कैंसर पीड़ितों के बारे में पढ़ा। उसमें मुंबई के मदद ट्रस्ट का भी उल्लेख था। साइड में बताया गया था कि कैंसर पीड़ितों का उपचार शुरू होने पर उनके बाल झड़ जाते हैं। यह कीमोथेरेपी का साइड इफेक्ट है। कैंसर पीड़ित महिलाएं बाल झड़ जाने से बेहद कुंठित महसूस करती हैं। क्योंकि उनका सिर पूरी तरह गंजा हो जाता है।

साइट पर यह भी बताया गया था कि इन कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए मदद ट्रस्ट विग तैयार करता है। जो कि केवल असली बालों से ही बनता है। इसके लिए 12-13 इंच लंबे बाल होना जरूरी है। एक विग बनाने में तीन से चार महिलाओं के बालों की जरूरत होती है। सोनम बताती हैं कि इसे पढ़कर उन्होंने फैसला किया कि वह अपने बाल दान करेंगी। इसके बाद उन्होंने उन्होंने ट्रस्ट के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि ट्रस्ट वास्तव में कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए निशुल्क विग तैयार करता है। जब उन्हें भरोसा हो गया तो उन्होंने ट्रस्ट से संपर्क साधा। ट्रस्ट ने बाल कैसे कटवाने है, इसके बारे में जानकारी दी।

ट्रस्ट के निर्देशों के अनुसार उन्होंने पहले बालों को धोया और जब वह सूख गए तो ब्यूटी पार्लर जाकर उन्हें 13 इंच मेजर करवाया। इसके बाद दोनों ओर से रबड़ लगवाकर उन्हें कटवा दिया। फिर बालों को उनके एक परिचित मुंबई जाकर ट्रस्ट को दे आए। यह इसी साल जनवरी की बात है। सोनम के अनुसार, वह बेहद खुश हैं कि उन्होंने अपने प्यारे बाल उन लोगों के लिए दान किए हैं, जिन्हें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है। बाल बढ़ जाने पर वह दोबारा उन्हें दान करेंगी। उन्होंने बताया कि संबंधित ट्रस्ट की ओर से एक प्रमाण-पत्र उन्हें भेजा गया है।

पेट्रोल की बोतल लेकर बुजुर्ग चढ़ा एम्स की छत, दी आत्मदाह की धमकी

पिछले 51 दिनों से एम्स से निष्कासित कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन ने सोमवार को नया मोड़ ले लिया। धरना का समर्थन कर रहे एक 56 वर्षीय बुजुर्ग एम्स की पांचवीं मंजिल की छत पर चढ़ गए और मांग पूरी न होने पर आत्महत्या की धमकी देने लगे। पुलिस ने किसी तरह उन्हें सात घंटे बाद नीचे उतारा। जहां 35 निष्कासित कर्मियों को पुनः आउटसोर्स में नियुक्ति देने के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। वहीं पुलिस ने बुजुर्ग को शांतिभंग के आरोप में चालान काट कर एसडीएम के समक्ष पेश किया।

सोमवार को उस समय स्थानीय प्रशासन, एम्स प्रशासन और लोगों में हड़कंप मच गया। जब 56 वर्षीय दाताराम ममगाईं हाथ में पेट्रोल की बोतल लेकर एम्स की छत पर चढ़ गए। सुबह साढ़े छह बजे चढ़े बुजुर्ग दाताराम ने अपने पास किसी को फटकने तक नहींे दिया। इस बीच अनशनकारी कर्मचारी नीचे धरने पर बैठ गए। राज्यमंत्री भगतराम कोठारी के नेतृत्व में एम्स के उप निदेशक अंशुमन गुप्ता के साथ वार्ता हुई। मगर, वार्ता सफल नहीं हो सकी। इसके बाद मेयर अनिता ममगाई के नेतृत्व में पुनः बात करने की कोशिश की गई। मगर, वह भी बेनतीजा रही।

इसके बाद करीब डेढ़ बजे कोतवाल रितेश शाह पांचवी मंजिल की छत पर पहुंच गए और बड़ी ही चालाकी व सूझबूझ से काम लेते हुए बुजुर्ग दाताराम को पकड़ लिया। उन्होंने दाताराम के हाथ से पेट्रोल की बोतल छुड़ाई और नीचे ले आए। इसके बाद तीसरे वार्ता सुलेमान अहमद पद स्थापना एम्स के साथ की गई। इस बैठक में तहसीलदार रेखा आर्य भी मौजूद रही।

यहां निष्कासित 35 कर्मचारियों को पुनः आउटसोर्स से काम पर वापस रखने पर सहमति बन सकी। इसके बाद पुलिस दाताराम को करीब सवा दौ बजे कोतवाली ले गए। यहां दाताराम का शांतिभंग के आरोप में चालान कर एसडीएम प्रेमलाल के समक्ष पेश किया गया।

प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट बोले, चैंपियन और देशराज को देंगे नोटिस

भाजपा विधायकों कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कर्णवाल के बीच छिड़ी जुबानी जंग अब भाजपा सख्त रुख अपनाने जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने रविवार को देहरादून पहुंचने पर मामले का संज्ञान लिया।

अजय भट्ट ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। दोनों विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी इस बारे में राय मशविरा किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार रविवार को पार्टी के तीनों प्रांतीय महामंत्रियों के बाहर होने के कारण ये नोटिस सोमवार को भेजे जाएंगे। विधायक चौंपियन को भेजे जाने वाले नोटिस में उनके द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर रविवार को की गई टिप्पणी के अलावा कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से हुई बातचीत का ऑडियो जारी करने के मामले को भी शामिल किया जाएगा।

अजय भट्ट ने कहा कि पार्टी में अनुशासन पहली सीढ़ी है। यदि अनुशासनहीनता ज्यादा हुई तो पार्टी ये परवाह नहीं करेगी कि कौन विधायक है और कौन नहीं। उन्होंने कहा कि यदि दोनों विधायकों से नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो पार्टी संविधान के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

क्रिकेट प्रेमियों के लिए आईपीएल कमेटी दून में लगाने जा रही फैन पार्क

देश भर में फैन पार्क लगने के बाद अब देहरादून भी इस श्रेणी में जुड़ने जा रहा हैं। दूनवासी भी फैन पार्क का मजा ले सकेंगे।

आइपीएल कमेटी दून में आइपीएल फैन पार्क लगाने जा रही है। कार्यक्रम के अनुसार 20 व 21 अप्रैल को देहरादून में फैन पार्क लगना प्रस्तावित है। आइपीएल कमेटी ने अपने ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर यह जानकारी शेयर की है। इसके मुताबिक 20 व 21 अप्रैल शनिवार व रविवार को देहरादून में फैन पार्क लगाया जाएगा। फैन पार्क में दूनवासी 20 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स बनाम मुंबई इंडियंस व दिल्ली कैपिटल्स बनाम किंग्स इलेवन पंजाब और 21 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चेलेंजर्स बैंगलोर बनाम चेन्नई सुपरकिंग्स के मुकाबले फैन पार्क की स्क्रीन पर लाइव देख सकेंगे।

फिलहाल इसके लिए लोकेशन तय नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार आइपीएल कमेटी देहरादून के रेंजर्स मैदान व सर्वे ऑडिटोरियम में फैन पार्क लगा सकती है।

सवर्णों को आर्थिक आरक्षण पर शीघ्र अध्यादेश ला सकती है उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड के सवर्ण जाति को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण का तत्काल लाभ देने के लिए राज्य सरकार शीघ्र अध्यादेश ला सकती है। वित्त मंत्री प्रकाश मंत्री के मुताबिक केंद्र में जब भी कोई संविधान संशोधन होता है तो प्रदेश सरकारें उनको अंगीकार करती है। इसके लिए उन्हें विधानसभा में विधेयक लाना होता है। जानकारी के मुताबिक इस पर जल्द अध्यादेश आ सकता है।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जल्द ही सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। हालांकि केंद्र से प्रदेश सरकार को अभी संविधान संशोधन की अधिसूचना के संबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।

इस बीच मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) राधा रतूड़ी को विभागीय स्तर पर आरक्षण का प्रावधान करने की प्रक्रिया के बारे में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के क्रम में कार्मिक विभाग के अधिकारियों ने गुजरात सरकार के अधिकारियों से संपर्क किया है। उनका कहना है कि वहां भी अभी आरक्षण देने की घोषणा हुई है। लेकिन इस संबंध में कोई प्रक्रियात्मक कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।

स्वामी नित्यानंद की तरह मेरी सरकार भी राजनीति में शुचिता बनाने को कर रही कामः सीएम

राजनीति के क्षेत्र में शुचिता के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को गुरूवार को नित्यानन्द स्वामी जनसेवा समिति ने प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री स्व. नित्यानन्द स्वामी के 90वीं जयन्ती के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में ‘‘स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान’’ से सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यदि हम वास्तव में स्वच्छता चाहते है व भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ना चाहते है तो यह धर्मयुद्ध की तरह है। यदि धर्मयुद्ध की तरह लड़ सके तो जीत मिल सकती है। सरकार को भ्रष्टाचार के विरूद्ध धर्मयुद्ध में सबका सहयोग चाहिए। राजनीति और स्वच्छता दोनांे में काफी दुश्मनी मानी जाती है। क्योंकि यहां मोह व लोभ होता है तथा लालच व दबाव देने वाले भी होते है। सरकार में जिम्मेदार लोग भी जनता के बीच से आते है। राजनीति से साफ निकल जाना जैसे काजल की कोठरी में से साफ निकल जाना माना जाता है। प्रबुद्ध लोग भी ऐसा मानते है कि यह वास्तव में काफी कठिन काम है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नित्यानन्द स्वामी ने राजनीति में शुचिता कायम रखने की भरपूर कोशिश की। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि राजनीति में शुचिता बनी रहे तथा राजनीति में शुचिता तभी बनी रह सकती है जब पारदर्शिता हो। अधिकाधिक पारदर्शिता से हम अधिक से अधिक शुचिता ला सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गत बीस महीनों को पारदर्शिता लाने की भरसक कोशिश की। हमने टेन्डर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया। बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरूआत की। जो लोग अच्छा काम करते है उनके लिए इस वर्ष स्व. अटल की जयन्ती पर मुख्यमंत्री सुशासन और स्वच्छता पुरस्कार की शुरूआत की है।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि स्वामी नित्यानंद सरल, निश्छल, व्यवहार कुशल, व्यक्तित्व के धनी, बहुप्रतिभावान व मधुरभाषी व्यक्ति थे। उन्होंने उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। उनके कन्धों पर नये राज्य को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी थी। उनके कार्यकाल में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन में भी स्वामी नित्यानंद सरस्वती ने अमूल्य योगदान दिया था। उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन में भी भाग लिया और इसके लिए जेल भी गए। उन्होंने कहा कि स्वामी जी का उद्देश्य केवल न्याय और जनहित रहा। उनके जन्मदिन के अवसर पर निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह सराहनीय कदम है।

सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर की दो लाख की ठगी, पुलिस ने धर दबोचा

देहरादून के एक व्यक्ति को सरकारी टेंडर के जरिए ठेका दिलाने की बात कहने वाले फर्जी पीसीएस अधिकारी को दून पुलिस ने धर दबोचा है। फर्जी अधिकारी के पास कई सरकारी विभागों की मोहरे भी मिली है। पुलिस ने जानकारी के अनुसार पकड़ा गया युवक पीसीएस के इंटरव्यू में फेल हो जाने के बाद से फर्जी पीसीएस अधिकारी बनकर घूम रहा था।

एसपी सिटी पीके राय ने बताया कि मंगलवार को दून में प्रापर्टी डीलिंग और रेस्टोरेंट चलाने वाले ओमवीर सिंह ढाका निवासी ग्राम भवानीपुर, पोस्ट चंदोक, बिजनौर ने बताया कि कुछ दिन पहले उनसे एक शख्स मिला। उसने अपना नाम सुधांशु पांडेय बताया और कहा कि वह सचिवालय में पीसीएस अधिकारी है और इन दिनों श्रम विभाग में कार्यरत है। कहा कि वह उसे श्रम विभाग में ठेकेदारी का लाइसेंस दिला देगा। इसके लिए उसने रुपये की मांग की।

ओमवीर ने बताया कि यह बात जब उसने अपने दोस्तों को बताई तो वह भी लाइसेंस लेने के लिए तैयार हो गए और सुधांशु को लगभग सवा दो लाख रुपये दे दिए। इसके बाद उसने सरकारी मोहर लगे कुछ दस्तावेज उन्हें दिखाए, लेकिन जब उसकी पड़ताल की गई तो वह फर्जी पाए गए।

एसपी सिटी ने बताया कि दस्तावेजों में सरकारी भाषा की नकल गई थी, लेकिन कई ऐसी बातें सामने आई, जिससे सुधांशु के फर्जी अधिकारी होने का शक पुख्ता हो गया। बुधवार को उसे आइटी पार्क के पास बुलाया गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सुधांशु के पास से कई सरकारी मोहरें और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। उसके खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

अंग्रेजी बोलने में है अव्वल
सुधांशु पांडेय (32) पुत्र मुन्नू प्रसाद निवासी 126 किदवईनगर, थाना महराजगंज, कानपुर नगर दून में ग्राम चालंग थाना राजपुर में पिछले कई साल से रह रहा है। एसओ राजपुर अरविंद सिंह ने बताया कि सुधांशु फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है। यही वजह थी कि जिससे भी वह बात करता, वह उसके झांसे में आ जाता। सुधांशु ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से एमएससी की परीक्षा 87 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। उसने 2006 में एसएससी मेन की परीक्षा पास की थी, लेकिन साक्षात्कार में फेल हो गया। वर्ष 2014 में उसने पीसीएस मेन क्वालीफाई किया, लेकिन यहां भी साक्षात्कार में उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया।

समाचार प्लस के मालिक उमेश जे कुमार को पुलिस ने किया गिरफ्तार, राज्य में स्टिंग को लेकर थी ये मंशा

उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने के उद्देश्य से एक पत्रकार पर स्टिंग ऑपरेशन करने का दबाव बनाने वाले एक निजी चैनल के मालिक उमेश जे कुमार को उत्तखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजियाबाद स्थित घर से दबोच लिया। यहां से पुलिस ने 39 लाख रुपये नगदी के साथ ही विदेशी मुद्रा और स्टिंग के उपकरण भी बरामद किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस सिलसिले में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र और चैनल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है।

शिकायतकर्ता आयुष गौड़ के मुताबिक आरोपितों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और कुछ अन्य नेताओं को भी फंसाने का षडयंत्र रचा था। गिरफ्तार आरोपित ने वर्ष 2016 में उत्तराखंड में तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्ंिटग कर राजनीतिक हलचल मचा दी थी। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने की पुलिस और उत्तराखंड पुलिस ने एटीएस एडवांटेज सोसायटी के टावर नंबर 19 के टॉप फ्लोर पर स्थित आरोपित उमेश के फ्लैट पर छापा मारा। टीम की वहां तैनात सीआरपीएफ जवानों से नोकझोंक भी हुई। घर की तलाशी के बाद पुलिस टीम ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। अभी आरोपित से इंदिरापुरम थाने में पूछताछ की जा रही है।

ये सामान मिला फ्लैट से
39,73000 रुपये नगद, 116,279 अमेरिकी डालर, 11,030 थाई मुद्रा, कई मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, आईपैड, लैपटॉप, कैमरा व डीवीडी।
उक्त प्रकरण के सामने आने पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह सब जांच का विषय है और जांच के बाद देखा जाएगा कि और क्या हो सकता है। किसी भी रूप में लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किसी भी स्तर पर नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र के सभी अंगों को समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, उत्तराखंड अशोक कुमार ने कहा कि निजी चौनल के मालिक समेत साजिश में शामिल सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है।

पूरी तैयारी के साथ गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड पुलिस पूरी तैयारी के साथ रविवार सुबह गाजियाबाद पहुंची। हाईप्रोफाइल मामला होने के चलते वह अपने साथ कोर्ट से सर्च और गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट लेकर गई थी।

ऐसे आया मामला सामने
समाचार प्लस चैनल के मुलाजिम आयुष गौड़ ने बीती 10 अगस्त को देहरादून में राजपुर थाने में चैनल के सीईओ के साथ ही उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र, प्रवीण साहनी, सौरभ साहनी और राहुल भाटिया के खिलाफ तहरीर दी थी। आयुष का आरोप था कि उस पर वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं का स्टिंग करने का दबाव बनाया जा रहा है, जान से मारने की धमकी जा रही है। करीब ढाई महीने की जांच के बाद पुलिस ने रविवार को इसमें बड़ी कार्रवाई की।

वहीं शासन ने विवादित अधिकारी डॉ. मृत्युंजय कुमार मिश्र को उनका नाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत अन्य अधिकारियों के स्टिंग के प्रयास को लेकर दर्ज एफआइआर में आने के बाद निलंबित कर दिया है। हालांकि, शासन ने अधिकारिक तौर पर निलंबन का आधार उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में बतौर कुलसचिव उनके विरुद्व सतर्कता विभाग में चल रही खुली जांच व अन्य जांच को बनाया है। सचिव आयुष शैलेश बगौली द्वार जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह अंदेशा जताया है कि मृत्युंजय मिश्र के आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती है। इस कारण उन्हें तत्काल प्रभावित से निलंबित किया गया है।

वेबसाइट्स पर पोर्न वीडियो दिखाई गयी तो होगी आईटी एक्ट के तहत कानूनी कार्यवाही

केंद्र सरकार पोर्न वेबसाइट्स पर लगातार नजर रख रही है। यदि पोर्न वेबसाइट्स द्वारा वीडियों दिखायी जाएंगी तो आईटी एक्ट के तहत कानूनी कार्यवाही हो पाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अधीन (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट साइबरक्राइम डॉट जीओवी डॉट इन) नाम से साइबर क्राइम पोर्टल लांच किया है। जिसमें साइबर क्राइम की शिकायत या सूचना दर्ज की जा सकती है। गुरूवार को उच्च न्यायालय नैनीताल में दूरसंचार विभाग की ओर से इस मामले में हलफनामा भी पेश किया गया। विभाग की ओर से 827 पोर्न वेबसाइट्स को बंद करने के आदेश दिए गये है।

हाईकोर्ट नैनीताल के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष केंद्रीय दूरसंचार विभाग की ओर से हलफनामा प्रस्तुत किया गया। जिसमें हाई कोर्ट की ओर से पारित आदेश के क्रियान्वयन को लेकर जानकारी दी गई। हलफनामे में बताया गया है कि अश्लीलता परोस रही इन वेबसाइट्स पर लगातार नजर रखने के विभाग को निर्देश दिए गए हैं। शपथ पत्र में यह भी बताया गया है कि 30 अन्य वेबसाइट्स की जांच में अश्लीलता फैलाने की पुष्टि नहीं हुई है। इसके अलावा कुछ विदेशी वेबसाइट भी हैं, जिन पर इंटरपोल व ब्रिटेन इंटरनेट वॉच फाउंडेशन नजर रखता है, जो भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ से सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।

कठोरता से अश्लीलता पर रोक लगाएगी सरकार
केंद्र सरकार के हलफनामे के आधार पर खंडपीठ ने उम्मीद जताई कि सरकार अश्लीलता पर कठोरता से रोक लगाएगी, ताकि बच्चों को यौन अपराध से बचाया जा सके। कोर्ट ने साइबर क्राइम पोर्टल का 24 घंटे में प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं। ज्ञातव्य है कि पिछले माह दून में अश्लील वीडियो देखकर चार नाबालिग बच्चों ने एक नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य व केंद्र सरकार को अश्लीलता रोकने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस मामले में अगली सुनवाई अब 26 नवंबर को होगी।

900 छात्रों ने छोड़ा संस्थान, राष्ट्रपति सहित मुख्य न्यायधीश को किया सूचित

एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) में स्थायी कैंपस पुख्ता इंतजाम न होने के कारण यहां के करीब 900 छात्र-छात्राओं ने संस्थान छोड़कर अपने घरों का रूख किया। छात्रों ने कहा कि स्थायी कैंपस और पुख्ता सुरक्षा इंतजाम होने पर ही वह संस्थान में वापस लौटेंगे। छात्रों ने मेल, फैक्स आदि के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और मानव संसाधन मंत्री के साथ ही उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को अपने निर्णय की सूचना दी है।

स्थायी परिसर का निर्माण जल्द शुरू कराने और तब तक अस्थायी परिसर अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग को लेकर संस्थान में पढ़ रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्रएं 19 दिनों से कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे थे। मंगलवार सुबह ये सभी हास्टल में अपने कमरों पर ताले डालकर घर चले गए।

छात्र-छात्रओं ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उल्लेख किया है कि सामूहिक चर्चा के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है। अब वे संस्थान में तभी लौटेंगे, जब उनकी मांगों पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इधर, एनआइटी के कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह का कहना है कि निदेशक डॉ. श्याम लाल सोनी ने घटनाक्रम से मानव संसाधन मंत्रलय के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

एनआईटी की कक्षाएं दो परिसरों में संचालित हो रही है। प्रयोगशाला और प्रशासनिक भवन पुराने आईटीआई की जमीन पर बनाए गए हैं, जबकि कक्षाएं यहां से दो सौ मीटर दूरी पर पालीटेक्निक भवन में संचालित की जा रही हैं। हॉस्टल के लिए संस्थान ने यहां से कुछ दूरी पर होटल किराये पर ले रखे हैं। छात्र-छात्रएं इस व्यवस्था से खफा हैं। उनका कहना है कि ये सब एक ही कैंपस में होना चाहिए। मौजूदा व्यवस्था में सुरक्षा को लेकर भी बच्चे सशंकित रहते हैं, इसी महीने की शुरुआत में एक से दूसरे कैंपस में जाते वक्त दो छात्रएं वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इनमें एक का अभी उपचार चल रहा है।