यौवन अवस्था में पहुंचा उत्तराखंड, राज्यपाल सीएम ने दी शुभकामना

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्य स्थापना दिवस की 18वीं वर्षगांठ पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। इस दौरान उन्होंने विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’’ प्राप्त 03 पुलिस अधिकारियों और ‘‘पुलिस पदक’’ प्राप्त 18 अधिकारियों तथा जवानों को सम्मानित भी किया। वहीं, उन्होंने विशिष्ट विवेचना हेतु मनोज कुमार ठाकुर, पुलिस उपाधीक्षक, उत्तरकाशी तथा सर्वोत्तम थाने के लिये संजय कुमार निरीक्षक थाना सितारगंज को भी पुरस्कृत किया।

राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल ने राज्य की जनता को शुभकामनाएं देकर राज्य आन्दोलनकारियों को नमन किया। राज्यपाल ने अनुशासित और भव्य पुलिस परेड के लिए पुलिस परिवार को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि 18 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हमें ईमानदारी से मूल्यांकन करना होगा तथा आगे बढ़ने का लक्ष्य निर्धारित करना होगा। अपनी स्थापना के 18 वर्षों में उत्तराखण्ड ने विकास के कई मापदण्डों पर अच्छा प्रदर्शन किया है, परन्तु फिर भी कई चुनौतियां अभी भी है जिनका समाधान किया जाना जरूरी है।

राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहा कि राज्य के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों के मध्य आर्थिक-सामाजिक विकास के गैप को मिटाना होगा। पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के हाथों में रोजगार देकर ही इस कार्य को किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं से प्रदेश व देश के विकास में योगदान करने का आह्वान किया। राज्यपाल ने राज्य निर्माण में मातृशक्ति के योगदान का उल्लेख करते हुए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने का भी आह्वान किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड आज 18 वर्ष पूर्ण कर रहा है और किशोरावस्था से यौवन की ओर आगे बढ़ रहा है। राज्य निरंतर प्रगति करता रहेगा, ऐसा विश्वास है। इस अवसर पर हम उन नौजवानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने राज्य के लिए अपना बलिदान दिया। हम सभी राज्य आंदोलनकारियों को जिन्होंने राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया, शुभकामनाएं देते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने नित नये आयाम स्थापित किए हैं। चाहे साइबर क्राइम हो या अन्य अपराध। उत्तराखंड पुलिस ने पूरे समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। इसके लिये उत्तराखंड पुलिस बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के दो थानों को देश के टॉप 10 सर्वोत्तम थानों में स्थान मिला है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दो पुलिस पत्रिकाओं का विमोचन भी किया।

रैतिक परेड की प्रथम कमाण्डर देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती, द्वितीय कमाण्डर लोकेश्वर सिंह तथा परेड एडजुटेण्ट शेखर चन्द्र सुयाल थे। रैतिक परेड के उपरांत उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा महिला पाइप बैण्ड, डॉग शो, एण्टीटेररिस्ट स्क्वाड डेमो, एसडीआरएफ डेमो, मोटर साइकिलिंग और घुड़सवारी के हैरतअंगेज प्रदर्शन दिखाये गए। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक सहित आला अधिकारी मौजूद रहे।

जानिये नये दस रूपये की खूबियां

केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला में 10 रुपये मूल्य के बैंकनोट जारी कर दिए हैं। दस रूपये का नया नोट चॉकलेटी रंग का है, इसे जल्द ही संचार हेतु शुरू कर दिया जाएगा। 10 रुपये की नई नोट पर रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. उर्जित आर. पटेल के हस्ताक्षर होंगे।

नई करेंसी के पृष्ठभाग पर सूर्य मंदिर,कोणार्क का चित्र है जो देश की सांस्कृतिक विरासत का चित्रण करता है। नोट का आधार रंग चॉकलेट भूरा है। नोट के अग्र और पृष्ठ दोनों भागों पर अन्य डिजाइन, ज्यामितिक पैटर्न हैं जिन्हें समग्र रंग योजना के साथ संरेखित किया गया है।

रिजर्व बैंक द्वारा पहले की श्रृंखलाओं में जारी 10 रुपये के पुरानी करेंसी भी पूरी तरह से वैध मुद्रा बनी रहेगी।
नई करेंसी की खास बातें इस प्रकार है। करेंसी के आगे हिस्से में मूल्यवर्ग अंक 10 के साथ आर-पार मिलान, देवनागरी में मूल्यवर्ग अंक १०, मध्य में महात्मा गांधी का चित्र, सूक्ष्म अक्षर आरबीआई ‘भारत’, इंडिया और ‘10’, ‘भारत’ और आरबीआई उत्कीर्ण लेखों के साथ विंडोड गैर-धातुयी सुरक्षा धागा, महात्मा गांधी के चित्र के दायीं तरफ गारंटी खंड, वचन खंड सहित गवर्नर के हस्ताक्षर तथा भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतीक, दायीं ओर अशोक स्तंभ प्रतीक, महात्मा गांधी का चित्र और इलेक्ट्रोटाइप (10) वॉटरमार्क, संख्या पैनल जिसमें ऊपर बायीं ओर तथा नीचे दायीं ओर छोटे से बढ़ते आकार के अंक।
वहीं करेंसी के पीछे के हिस्से में नोट के बायीं तरफ मुद्रण वर्ष, स्लोगन सहित स्वच्छ भारत लोगो, भाषा पैनल, सूर्य मंदिर, कोणार्क का चित्र, देवनागरी में मूल्यवर्ग अंक १०, बैंकनोट का आकार 63 मिमी और 123 मिमी होगा।

देश को इमरजेंसी से छुड़ाने का श्रेय आरएसएस को जाता है- केटी थॉमस

सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड न्यायधीश केटी थॉमस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस को भारतीयों की रक्षा का सच्चा हितैषी कहा है। रिटायर्ड न्यायधीश ने आरएसएस को संविधान व सेना के बाद तीसरा सच्चा देश की रक्षा करने वाला बताया है। उन्होंने यह बात केरल के कोट्टायम में आरएसएस के एक ट्रेनिंग कैंप को संबोधित करते हुए कही।

केटी थॉमस ने कहा कि अगर किसी संस्था को इमरजेंसी के बाद देश को स्वतंत्र कराने का श्रेय दिया जा सकता है तो वह है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। कोई पूछता है कि देश के लोग सुरक्षित क्यों हैं तो मैं कहना चाहूंगा कि यहां संविधान है, लोकतंत्र है, सेना है और किस्मत से आरएसएस है। इतना ही नहीं, देश को इमरजेंसी के चंगुल से छुड़ाने का श्रेय भी आरएसएस को जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि इमरजेंसी के खिलाफ संघ का मजबूत और सुसंगठित काम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक भी पहुंचा। वह समझ गईं कि इमरजेंसी को लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि संविधान में पंथनिरपेक्षता को परिभाषित नहीं किया गया है।

साल 2002 में हुए रिटायर
थॉमस 1996 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे और 2002 में रिटायर हुए। इन दिनों वह कोट्टायम जिले के मुत्ताबलम में रह रहे हैं। 2007 में उन्हें न्यायिक सेवाओं में बेहतरीन कार्य करने के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। थॉमस उस समय सुर्खियों में आए जब उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने राजीव गांधी हत्याकांड में दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।

जानिए किन छोटी-छोटी बातों के ध्यान रखने से शनि की साढ़ेसाती से बचा जा सकता है

न्याय के देवता शनि ने 26 अक्टूबर को धनु राशि में प्रवेश किया है, शनि यहां पर 23 जनवरी 2020 तक रहेगा। इसके पहले यह वक्री होने के कारण वृश्चिक राशि में था। अब शनि लंबे समय तक धनु राशि में बने रहेंगे। अलग-अलग राशियों पर इस राशि परिवर्तन का प्रभाव भी अलग ही पड़ने वाला है। कुछ राशियों की साढ़साती खत्म हो रही है तो कुछ की शुरू. हम आपको बताएंगे कि कहां आप लाभ उठा सकते हैं और कहां आपको बेहद सावधान रहना होगा। साथ ही किन उपायों से शनि के प्रकोप से बच सकते हैं।
तुला राशि की साढ़ेसाती समाप्त हो जायेगी। मकर राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा।
वृश्चिक राशि पर साढ़ेसाती जारी रहेगी। धनु राशि पर साढ़ेसाती का मध्य रहेगा।
वृश्चिक राशि से साढ़ेसाती उतरती शुरू हो जायेगी। मेष राशि और सिंह राशि से ढैया उतर जायेगी।

मेष राशि के लिए शनि मध्यम रहेगा, नौकरी और धन के मामले में आपको खूब सफलताएं देगा लेकिन हड्डियों, पेट और मूत्र विकार की समस्या पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। नियमित रूप से शनि मंत्र का जाप करने से लाभ होगा।
वृष राशि के लिए भी शनि का प्रभाव मध्यम ही रहेगा। शनि संपत्ति और वाहन का सुख देगा लेकिन दांपत्य जीवन में मतभेद बढ़ेगा। आंखों और वाणी की समस्या पर ध्यान दें।
मिथुन राशि के लोगों को शनि शुरुआत में बाधाएं देगा और बाद में लाभ। कड़ी मेहनत और संघर्ष करना पड़ सकता है। वैवाहिक जीवन के तालमेल पर ध्यान देना जरूरी है।
कर्क राशि वालों को शनि की कृपा मिलती रहेगी। विवाह, संतान और आर्थिक मामलों में सफलता मिलेगी। नौकरी में सफलता के योग हैं लेकिन विवाह में देरी हो सकती है।
सिंह राशि वालों को थोड़ी मानसिक चिंताएं हो सकती हैं लेकिन समाधान भी मिलेगा। चोट-चपेट और हड्डियों की समस्या से सावधान रहें।
कन्या राशि वाले लोगों को शनि कृपा से रिश्ते, नौकरी, कारोबार में सफलता मिलेगी। पुरानी समस्याएं दूर होंगी, नए लोग जीवन में जुड़ेंगे। बेवजह के मुकदमे और वाद-विवाद से बचें।
तुला राशि पर शनि की कृपा रहेगी। जीवन की तमाम रुकावटें दूर होंगी। संतान और करियर के मामले में लाभ होगा लेकिन बड़े अवसरों को हाथ से बिल्कुल न जाने दें।
वृश्चिक राशि वालों की शनि परीक्षा ले सकते हैं। नौकरी में समस्याएं और पद-प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है। ऐसे में सेहत पर ध्यान दें और अपयश से बचें।
धनु राशि वालों को यश और धन मिलेगा, लेकिन भागदौड़ काफी ज्यादा होगी। शनि आपका स्थान परिवर्तन भी जरूर कराएंगे। प्रेम और विवाह के मामलों में सावधान रहें।
मकर राशि को शुभ फल मिलेगा। आपके जीवन में बड़े बदलाव की शुरुआत होगी। शनि के कारण संपत्ति, धन और बेहतरीन करियर मिलेगा। जोड़ों के दर्द और वाणी पर विशेष ध्यान दें।
कुम्भ राशि वालों को शनि धन भी देगा और समस्याओं से राहत भी। करियर में आप बुलंदियों पर पहुंचेंगे, अचानक संपत्ति और वाहन का लाभ भी मिल सकता है।
मीन राशि वाले करियर के मामले में लाभ उठाएंगे, कई बड़े अवसर मिलेंगे। अतिविश्वास से बचें और बुजुर्गों की सलाह मानें. आगे जानिए कैसे शनि के प्रकोप से बच सकते हैं।
कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखने से शनि की साढ़ेसाती या ढैया के बुरे परिणामों से बचा जा सकता हैं। जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदत डालें और मांस-मदिरा से परहेज करें। नाखून और बालों की सफाई पर विशेष ध्यान दें। रोज सुबह और शाम से समय शनि मन्त्र का जाप करें। शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। एक लोहे का छल्ला बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में पहनें। अपनी आय का कुछ हिस्सा जरूर दान करते रहें।

बुलेट ट्रेन से भी तेज है इसकी स्पीड, चंद मिनट में होगी यात्रा

दुनिया के 26,00 शहरों में से भारत के चार शहरों को हाइपरलूप प्रोजेक्ट लिए चुना गया है। जनवरी में कंपनी ने ग्लोबल चैलेंज के तहत दुनिया भर में हाइपरलूप के लिए रूट की पहचान की गई जहां इसका सेटअप किया जा सकता है। इसके लिए पहले 2,600 जगहों को चुना गया जिसके बाद सेमीफाइनल के तौर पर सिर्फ 17 देशों को चुना गया। आखिरकार अब कंपनी ने पांच देशों को फाइनल किया है
क्या है हाईपरलूप?
आने वाले वक्त में ट्रेन के सफर के तरीके और समय में बड़ा बदलाव आ सकता है। ये संभव होगा हाइपरलूप तकनीक से। हाइपरलूप एक ऐसा माध्यम है जिसे लंबी दूरी मिनटों में तय की जा सकती है। अमेरिकी कंपनी टेस्ला और स्पेस एक्स ने मिलकर इसे शुरू किया है।
हाईपरलूप में एक सील की ट्यूब की सीरीज होती है जिसके जरिए किसी भी घर्षण और हवा के रूकावट के बिना लोगों को एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा कराई जा सकती है। इसमें ट्रेन जैसे ही लोगों के लिए जगह होगी।
हाइपरलूप वन ने काफी पहले से एक कॉन्टेस्ट आयोजित किया था, जिसमें दुनिया भर के जगहों को हाइपरलूप के लिए चुना जाना था। अब कंपनी ने 10 जगहों को चुना है, जहां दुनिया के पहले हाइपरलूप ट्रैक बनाए जा सकते हैं।
पांच देशों के इन 10 जगहों में भारत भी शामिल है। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, मैक्सिको और कनाडा जैसे देश शामिल है। जहां हाइपरलूप का ट्रैक तैयार किया जा सकता है। गौरतलब है कि 26 आवेदन में सिर्फ 10 जगहों को चुना गया है।
कंपनी ने पहले 2,600 जगहों को चुना जहां हाइपरलूप ट्रैक लगाना संभव हो और आखिरकार 10 को चुना गया है। इस कॉन्टेस्ट में दुनिया भर के वैज्ञानिक, इंजीनियर और इनोवेटर्स ने लूप्स के लिए अपने आवेदन दिए हैं। लूप उस टनल को कहा जाता है जो जिसके जरिए हाइपरलूप वन अपने पॉड्स भेजेगा जिसमें यात्री होंगे। हाइपरलूप की तेजी का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि यह हवाई जहाज और बुलेट ट्रेन से भी फास्ट हो सकता है। अगर कॉन्सेप्ट असल जिंदगी में आया तो पैंसेंजर ट्यूब में पॉड के सहारे यात्रा कर सकते हैं। इस पॉड में मैग्नेटिक लेविएशन और कम फ्रिक्शन यूज किया जाएगा जिससे इसका मूवमेंट काफी फास्ट होगा।
भारत में अगर यह सेटअप ट्रैक लगाया गया और सफल परीक्षण हुआ तो बंगलुरू से चेन्नई की दूरी सिर्फ 23 मिनट में तय की जा सकेगा। आपको बता दें कि चेन्नई से बंगलुरू 334 किलोमीटर है। मुंबई से चन्नई की दूरी 1102 किलोमीटर है और हाइपरलूप प्रोजेक्ट से यह सिर्फ 63 मिनट में तय की जा सकेगी।

इस जगह पर लोग बिना डरे कब्रों के बीच बैठकर खाते है लजीज व्यंजन

अगर आप कभी गुजरात के अहमदाबाद में जाएं, तो वहां स्थित द न्यू लकी रेस्टोरेंट भी जरूर देख कर आए, क्यांेकि यह रेस्टोरेंट अपने आप में अलग है। जी हां इस रेस्टोरेंट के अंदर घुसते ही आप को हैरानी होगी और परेशानी भी। इसकी एक मात्र वजह यह है कि ये रेस्टोरेंट कब्रिस्तान के बीच में बना हुआ है। इस रेस्टोरेंट में कुल 26 कब्रें है। इन्हीं कब्रो के बीच में बैठ कर लोग चाय के साथ ब्रेड मख्खन खाने का मजा लेते हैं। इस चाय की दुकान को एक टपरी से शुरु किया गया था। लोग सुबह से शाम तक यहां कब्र के पास बैठ की चाय की चुस्कियां लिया करते थे। धीरे-धीरे ये जगह लोगों के बीच मशहूर होने लगी। यहां चाय के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी। जब भीड़ बड़ी तो चाय की दुकान को भी बढ़ाने का समय आया और ये दुकान फैलते-फैलते कब्रो के आसपास हो गई। अब यहां लोग कब्रों के बीच में बैठ कर चाय का मजा लेते हैं।
सैलानियों के बीच लोकप्रिय है द न्यू लकी रेस्टोरेंट
वैसे अब ये सिर्फ चाय की दुकान नहीं रह गई है। यहां आप को पेट पूजा के लिए हर लजीज व्यंजन भी मिलेगा। हर उम्र का व्यक्ति यहां आने से नहीं कतराता है। यहां कब्रों को स्ट्रील की जाली से ढका गया है। हर रोज यहां सफाई की जाती है। कब्रों को पाक चादर से ढकने के बाद उनपर गुलाब के फूल चढ़ाए जाते हैं। लोग कहते हैं कि अगर कोई अच्छे काम के लिए जा रहा हो और यहां से होकर जाए तो उसका काम हो जाता है। ये जगह पर्यटकों के बीच बहुत मशहूर है। सैलानी यहां आकर खाने का भरपूर मजा लेते हैं। यहां पर एमएफ हुसैन द्वारा बनाई गई कई पेंटिंग भी लगी है। जिसे हुसैन ने इसी रेस्टोरेंट में चाय की चुस्कियां लेते हुए बनाया था। ये रेस्टोरेंट 45 साल पुराना है।

भारतीय सेना के पास इतना विश्वास कहां से आया?

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने 8 सितम्बर के अपने संपादकीय में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत पर इस हफ्ते दिए गए उनके युद्ध संबंधी बयान को लेकर जमकर निशाना साधा है। संपादकीय में कहा गया है कि यह बात स्वीकार की जानी चाहिए कि बिपिन रावत के पास बहुत बड़ा मुंह है, वे बीजिंग और नई दिल्ली के बीच आग भड़का सकते हैं। रावत का बयान यह दिखाता है कि भारतीय सेना में कितना अहंकार भरा है। संपादकीय में सवालिया तौर से लिखा गया है कि रावत ने बड़े ही हाईप्रोफाइल तरीके से दो मोर्च पर युद्ध की स्थिति की वकालत की है, लेकिन भारतीय सेना के पास इतना विश्वास कहां से आया?.
आपको बता दें कि एक सेमिनार में बोलते हुए रावत ने नई दिल्ली में चीन से संबंधित बयान दिया था, जहां तक हमारे उत्तरी विरोधी का सवाल है तो ताकत दिखाने का दौर शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे भूभाग पर कब्जा करना और हमारी सहने की क्षमता को परखना हमारे लिए चिंता का सबब है। इस प्रकार की परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए जो धीरे-धीरे संघर्ष के रूप में बदल सकती है।
रावत का बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही ब्रिक्स सम्मेलन से इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की थी और सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई थी। इन सबके बीच ग्लोबल टाइम्स ने बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया दी है, जो दिखाता है कि आर्मी चीफ के बयान से बीजिंग कितना चिढ़ा हुआ है। ब्रिक्स समिट में मोदी और शी की मुलाकात के तुरंत बाद ही रावत ने सीमा पर चीन की सीनाजोरी की ओर ध्यान दिलाया है। चीनी मीडिया ने डोकलाम विवाद पर समझौते को शी जिनपिंग की कामयाबी के तौर पर पेश किया था। संपादकीय में कहा गया है कि रावत का बयान डोकलाम विवाद समाप्त होने के हफ्ते भर के भीतर ही आया है, जब चीन और भारत के नेताओं ने ब्रिक्स समिट के दौरान मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए।
चीनी अखबार ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारतीय जनरलों को ताजा स्थिति के बारे में कुछ बेसिक जानकारी रखनी चाहिए। क्या भारत दो मोर्चों पर लड़ाई को झेल सकता है अगर चीन-पाकिस्तान एक साथ मोर्चा खोल दें?
अखबार ने लिखा है कि ऐसा लगता है वहां दो भारत हैं, एक जो ब्रिक्स समूह का हिस्सा है। चीन की तरह और दूसरा चीन के खिलाफ भड़काऊ बयान देते रहता है। क्या हमें पहले भारत को गले लगाकर दूसरे को सबक सिखाना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पहले भारत को दूसरे भारत को अनुशासन सिखाना चाहिए और स्वाभिमानी भारतीयों को जनरल रावत जैसे अपने सीनियर अधिकारियों के मुंह का ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि वे उनके शब्द और अहंकार भारतीयों की इमेज के साथ मेल नहीं खाते हैं।

डेरा प्रमुख के बहाने चीन ने कसा भारत पर तंज, कहा भारत पहले अपने आंतरिक मामले सुझलाए

चीन अब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले में भी कूद पड़ा है और भारत पर तंज कसते हुए कहा है कि वह पहले अपने आंतरिक मामले सुलझा ले।
ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया है कि भारत पहले अपने आंतरिक मामलों को सुलझाए। उसमें यह भी कहा गया है कि डेरा सच्चा सौदा की लोकप्रियता और ताजा हिंसा ने भारत की राजनीतिक और सामाजिक समस्या को सबके सामने लाकर रख दिया है।
लेख के जरिए चीन एक बार फिर अपना पुराना राग भी अलापा है। इसमें भारतीय जवानों को वापस बुलाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि डोकलाम को लेकर पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई। जब चीन ने भारतीय जवानों पर सिक्किम सीमा पार करने और डोकलाम में चल रहे एक सड़क निर्माण के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया। इस विवाद को दो महीने से ज्यादा समय हो गए और चीन लगातार भारत से अपने जवानों को वापस बुलाने की मांग कर रहा है।
राम रहीम का जिक्र करते हुए लेख में लिखा गया है कि पिछले हफ्ते अपने साध्वियों के साथ दुष्कर्म मामले में एक धार्मिक गुरु को दोषी करार दिए जाने के बाद 36 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों जख्घ्मी हो गए। हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली में हिंसा फैल गई है।
इस धर्म गुरु की जबरदस्त लोकप्रियता दर्शाती है कि भारत एक हाथी की तरह फंस गया है, जो परंपरा और आधुनिकता की मुश्किल से जूझ रहा है। भारतीयों ने दुनिया में हमेशा अपने देश को पवित्रता का गढ़ बताया है, मगर अंधविश्वास और दकियानूसी परंपरा वाली सोच उसके आधुनिकीकरण में मुश्किल बनी है। हम चिंतित हैं कि भारत आंतरिक हिंसा से ध्यान भटकाने के लिए डोकलाम विवाद का इस्तेमाल कर सकता है। राम रहीम की घटना दर्शाती है कि भारत की जनता देश की पारंपरिक राजनीति से मायूस है। बड़ी संख्या में ऐसे नाखुश भारतीय गैर-पारंपरिक धार्मिक गुटों की ओर जा रहे हैं।

देश को मिला 45वां मुख्य न्यायधीश, कोविंद ने दिलाई शपथ

भारत के उच्चतम न्यायालय के 45वें मुख्य न्यायधीश के रूप में जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपने पद व गोपनीयता की शपथ ले ली है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस मिश्रा मुख्य न्यायाधीश के रूप में करीब 14 महीने तक बने रहेंगे, क्योंकि अक्टूबर 2018 में उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। देश के 44वें चीफ जस्टिस जेएस खेहर 27 अगस्त को रिटायर हो गए हैं।
जस्टिस मिश्रा ओडिशा से तीसरे ऐेसे जज है, जो मुख्य न्यायाधीश बन गए है। जस्टिस दीपक मिश्रा ने साल 1977 में ओडिशा हाईकोर्ट से अपनी वकालत शुरू की थी और साल 1996 में ओडिशा हाईकोर्ट में जज बने थे। 1977 से 1996 तक वो उड़ीसा हाईकोर्ट के कामयाब वकीलों में से एक थे। वो साल 1997 में एमपी हाईकोर्ट के जज बने थे। जस्टिस मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा के भतीजे हैं। जस्टिस मिश्रा मुख्य न्यायाधीश के पद पर 2 अक्टूबर, 2018 तक बने रहेंगे। इससे पूर्व जस्टिस दीपक मिश्रा पटना हाईकोर्ट के भी मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। 24 मई 2010 को वो दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे और 10 अक्टूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर प्रमोट हुए थे। सीजेआई के तौर पर दीपक मिश्रा का कार्यकाल 28 अगस्त, 2017 से 2 अक्टूबर, 2018 तक रहेगा।

35वीं बार मन की बात में मोदी बोले शिक्षक दिवस पर 5साल के लिये संकल्प लेकर पूरा करे

नरेंद्र मोदी ने 35वीं बार मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया। पीएम हर महीने के आखिरी रविवार को 11 बजे इस कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित करते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने हरियाणा में हुई हिंसा पर चिंता जताई। अहिंसा परमो धर्म ये हम बचपन से सुनते आए हैं। पीएम ने कहा कि मैंने लाल किले से भी कहा था कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी। चाहे वो सांप्रदायिक आस्था हो, चाहे वो राजनैतिक विचार धाराओं के प्रति आस्था हो, चाहे वो व्यक्ति के प्रति आस्था हो, चाहे वो परम्पराओं के प्रति आस्था हो, आस्था के नाम पर, कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर दमन करने वाले किसी को भी, चाहे वो व्यक्ति हो या समूह हो, न ये देश कभी बर्दाश्त करेगा और न ही कोई सरकार बर्दाश्त करेगी। हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा, कानून जवाबदेही तय करेगा और दोषियों को सजा दे कर रहेगा।
स्वच्छता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि 2 लाख 30 हजार से भी ज्यादा गांव, खुले में शौच से अपने आपको मुक्त घोषित कर चुके हैं। शौचालयों की कवरेज 39 से करीब-करीब 67 पहंची है। मैं आह्वान करता हूं कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती से 15-20 दिन पहले से ही स्वच्छता ही सेवा मुहिम चलाएं। ऐसा स्वच्छता खड़ी कर दें कि 2 अक्टूबर सचमुच में गांधी के सपनों वाली 2 अक्टूबर हो जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे की अपर्णा का मैसेज उठाते हुए कहा कि क्या आपको नहीं लगता है कि जब हम, हमारे घर के आस-पास कोई सामान बेचने के लिए आता है, कोई फेरी लगाने वाला आता है। किसी छोटे दुकानदार से, सब्जी बेचने वालों से हमारा संबंध आ जाता है, कभी ऑटो-रिक्शा वाले से संबंध आता है। जब भी हमारा किसी मेहनतकश व्यक्ति के साथ संबंध आता है तो हम उससे भाव का तोल-मोल करने लग जाते हैं, मोल-भाव करने लग जाते हैं। नहीं इतना नहीं, दो रुपया कम करो, पांच रुपया कम करो और हम ही लोग किसी बड़े रेस्त्रां में खाना खाने जाते हैं तो बिल में क्या लिखा है देखते भी नहीं हैं, धड़ाम से पैसे दे देते हैं। इतना ही नहीं शोरूम में साड़ी खरीदने जाएं तो कोई मोल-भाव नहीं करते हैं, लेकिन किसी गरीब से अपना नाता आ जाए तो मोल-भाव किए बिना रहते नहीं हैं। गरीब के मन को क्या होता होगा, ये कभी आपने सोचा है? उसके लिए सवाल दो रुपये- पांच रुपये का नहीं है। उसके ह्रदय को चोट पहुंचती है कि आपने वो गरीब है इसलिए उसकी ईमानदारी पर शक किया हैं। दो रुपया- पांच रुपया से आपके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन आपकी ये छोटी-सी आदत उसके मन को कितना गहरा धक्का लगाती होगी कभी ये सोचा है? खेल पर पीएम ने कहा कि खेल मंत्रालय ने खेल प्रतिभा की खोज के लिए स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल तैयार किया है। इस पर कोई भी बच्चा जिसने खेल के क्षेत्र में कुछ उपलब्धि हासिल की है, वो पोर्टल पर अपना बायोडाटा या वीडियो अपलोड कर सकता है। सलेक्ट इमर्जिंग प्लेयर्स को खेल मंत्रालय ट्रेनिंग देगा और मंत्रालय कल इस पोर्टल को लॉन्च करने वाला है। खुशी की खबर है कि भारत में 6 से 28 अक्टूबर तक फीका अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन होने जा रहा है।
पीएम ने कहा कि 5 सितंबर को हम सब शिक्षक दिवस मनाते हैं। हमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस है। वे राष्ट्रपति जरूर थे, लेकिन जीवन भर अपने आप को एक शिक्षक के रूप में ही वो प्रस्तुत करते थे। वो हमेशा शिक्षक के रूप में ही जीना पसंद करते थे। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस बार जब हम शिक्षक दिवस मनाए। तो हम सभी एक संकल्प लें। हर किसी को 5 साल के लिए, किसी संकल्प से बांधिए, उसे सिद्ध करने का रास्ता दिखाइये और 5 साल में वो पाकर कर रहे। जीवन में सफल होने का आनंद पाएं।