सीएम ने किया पुस्तक प्राचीन व वर्तमान टिहरी का विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भवानी प्रताव सिंह द्वारा संपादित पुस्तक प्राचीन एवं वर्तमान टिहरी का विमोचन किया। टिहरी महोत्सव कार्यक्रम में पहुंच सीएम में 31 करोड़ 95 लाख रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।

विधानसभा क्षेत्र टिहरी गढ़वाल के विकासखण्ड जाखणीधार के आवासीय भवनों हेतु एक करोड 57 लाख रूपये के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया गया। विकासखण्ड जाखणीधार के कार्यालय भवन हेतु एक करोड़ आठ लाख 55 हजार रूपये के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया। इसके अलावा जिन निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया। उनमें केन्द्रीय वित्त पोषित योजना ’स्वदेश दर्शन’ के अन्तर्गत कोटी में निर्मित टूरिस्ट पाथवे, पार्किंग, व्यू प्वाइंट, फ्लोटिंग हट तथा सर्विस सेटअप, चम्बा में मल्टी लेवल कार एवं बस पार्किंग एवं सिराई में ईको लॉज, मल्टीपरपस हॉल तथा यूटिलिटी भवन शामिल है।

मुख्यमंत्री ने भवानी प्रताप सिंह द्वारा सम्पादित पुराना दरबार ट्रस्ट की पुस्तक ’प्राचीन एवं वर्तमान टिहरी’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ज्ञान सिंह नेगी को पेंशन का चैक देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि 16 मई को टिहरी झील में कैबिनेट कराने का जो निर्णय लिया, यह निर्णय भविष्य में पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को वैश्विक स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिये ’13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन’ की सरकार की परिकल्पना है। जिसमें टिहरी जिले में टिहरी झील को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से टिहरी झील में बड़ा पोटेंशियल दिखता है। इस तरह के आयोजनों से वैश्विक स्तर पर टिहरी झील एक प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर आयेगा। वेलनेस, योगा टूरिज्म, एडवेंचर, फिल्म आदि के क्षेत्र में यहां अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टिहरी झील राज्य में युवाओं को आर्थिक एवं आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत करेगी। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को उत्तराखण्ड आने के लिये आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को उत्तराखण्ड को प्रकृति द्वारा दी गई इस देन को समझना होगा।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिये जाने से पर्यटन राज्य की रोजी रोटी का जरिया बनेगा। उन्होंने कहा कि टिहरी महोत्सव के आयोजन से देश व विदेशीयों के लिये टिहरी झील आकर्षण का केन्द्र बनेगी। फ्लोटिंग हट्स यह कि विशिष्ट पहचान है। वॉटर स्पोर्ट्स, पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग एवं अन्य गतिविधियां टिहरी में पर्यटन के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटक स्थलों पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है।

वन विभागीय अधिकारियों को सीएम की फटकार, दिए ये निर्देश

राज्य में बढ़ते तापमान व गर्म हवाओं के चलते वन आग की ज्वाला में धधक रहे है। वनों के इस तरह जलने से आबादी क्षेत्र में रह रहे लोगों में भी दहशत है। वनों में आग बढ़ने पर आबादी क्षेत्र में आने का खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को वगाग्नि पर ठोस व प्रभावपूर्ण कदम उठाने के निर्देश दिए है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने वन विभाग के अधिकारियों को आडे़ हाथों लेते हुए उनसे पूछा कि उन्होंने क्या तैयारी की थी ? अगर तैयारी पूरी थी तो परिणाम क्यों नहीं मिला ? मुख्यमंत्री ने वन विभाग के नोडल अधिकारी वीपी गुप्ता और डीएफओ पौड़ी को फटकार लगाते हुए कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को भी हिदायत दी कि अपने जनपदों में वनाग्नि की घटनाओं की जवाबदेही उन्हीं की होगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रभागीय वनाधिकारी की परफॉर्मेंस एप्रेजल रिर्पोट में वनाग्नि की रोकथाम के प्रयासों तथा उनके परिणामों को भी दर्ज किया जाय। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जिलाधिकारियों और वन विभाग, स्थानीय समुदायों को अपने साथ जोड़ें। स्थानीय लोगों की मदद के साथ, वनों की प्रभावी सुरक्षा की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने वनाग्नि की रोकथाम के लिये कुल प्रावधानित बजट 12 करोड़ 37 लाख का 50 प्रतिशत ही जारी किये जाने पर भी सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने वन विभाग को फटकार लगाते हुए कहा कि, ‘‘आग अभी लगी है, आप पैसा कब के लिये बचा रहे हैं।’’ उन्होंने शेष राशि तत्काल जनपदों देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी आपदा प्रबंधन तंत्र तथा आपदा प्रबंधन मद में उपलब्ध धनराशि का भी समुचित प्रयोग करें। सभी जनपदों में आपाद प्रबंधन मद में पांच-पांच करोड़ की धनराशि दी गई है जिसकी 10 प्रतिशत राशि से उपकरण क्रय किये जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों की आग सिर्फ वन विभाग की समस्या नहीं है। अन्तरविभागीय समन्वय कर इससे पूरी क्षमता के साथ लड़ा जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग वर्षा काल का इंतजार न करे और अभी से अपने प्रयासों को तेज करे। जिन जनपदों में एक्टिव फायर की रिपोर्ट नहीं है, उन्हें भी सजग रहने की जरूरत है।
वनाग्नि की घटनाओं में सम्बन्धित नोडल अधिकारी ने बताया कि अभी तक कुल 776 घटनाएं दर्ज हुई है, जिनमें 1271 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। 40 मास्टर कंट्रोल रूम स्थापित किये गये है।

हाईकोर्ट ने दिया निकाय चुनावों पर बड़ा फैसला

राज्य सरकार की ओर से निकायों के परिसीमन व सीमा विस्तार को लेकर जारी अधिसूचना को निरस्त करने संबंधी एकलपीठ के आदेश को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निरस्त कर दिया। इससे अब राज्य में नगर निकाय चुनावों को लेकर रास्ता साफ हो गया है।

विदित हो कि हल्द्वानी, पिथौरागढ़ के दौला, खटीमा, टनकपुर, डोइवाला, रुद्रपुर, काशीपुर, भवाली, भीमताल, कोटद्वार, ऋषिकेश समेत 17 निकायों के सीमा विस्तार की अधिसूचना को अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई थी। इन याचिकाओं में कहा गया था कि सीमा विस्तार से संबंधित जारी अधिसूचना राज्यपाल की ओर से जारी होनी चाहिए थी। लेकिन, इसे शहरी विकास सचिव द्वारा जारी किया गया था। जो संविधान का उल्लंघन है। पिछले दिनों एकलपीठ ने इन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए सरकार की परिसीमन संबधी अधिसूचना को असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया था।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व सीएससी परेश त्रिपाठी ने जिरह की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल और राज्य सरकार को एक ही परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए, अलग-अलग नहीं। राज्य सरकार के स्तर पर परिसीमन को लेकर जो कवायद की गई, वह राज्यपाल के नाम पर की गई। एकलपीठ ने संविधान में निहित व्यवस्था की व्याख्या सही नहीं की, लिहाजा फैसले को निरस्त किया जाए। खंडपीठ ने सरकार की दलीलों से सहमत होते हुए एकलपीठ का फैसला निरस्त कर दिया और सरकार की कवायद को संवैधानिक करार दिया।

श्रद्धालुओं की सुविधाओं में न रहे कमी, सीएम ने दिए ये निर्देश

श्री केदारनाथ धाम पहुंच कर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूजा-अर्चना की। उन्होंने केदारनाथ में चल रहे पुननिर्माण कार्यों के साथ मंदाकिनी नदी के समीप घाटों के निर्माण कार्याें का जायजा भी लिया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिये सभी व्यवस्थायें सुचारू रूप से चलाने के निर्देश भी दिये। इस दौरान उन्होंने दस बैड वाले अस्पताल का उद्धाटन भी किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस बार चारधाम दर्शन हेतु रिकार्ड श्रद्धालु पहुंच रहे है। श्री केदारनाथ में अब तक ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके है। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं के बीच जाकर उनसे बातचीत कर व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी हासिल की।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ ही भगवान श्री बद्री विशाल के दर्शन किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान बद्री विशाल से राज्य की जनता की सुख-समृद्धि और मंगलमय जीवन की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने सरकार के विकास-योजनाओं को जनता के सामने रखा

ऊधमसिंह नगर में सात करोड़ 60 लाख 41 हजार की लागत से निर्मित शक्तिफार्म से तीन पानी तक के मार्ग के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य के विकास पर फोकस डाला। उन्होंने सरकारी की योजनाओं को जनता के सामने रखा।

मंगलवार को मुख्यमंत्री शक्तिफार्म (टैगोर नगर), उधमसिंहनगर के दुर्गा पूजा मंदिर प्रांगण में सात करोड़ 60 लाख 41 हजार रूपये की लागत के शक्तिफार्म से तीनपानी मार्ग का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भूमि विनियमितीकरण वर्ग-4, वर्ग-8, वर्ग-20 की भूमि की विनियमितीकरण कर 24 पात्र लोगों को भूमिधारी अधिकार प्रदान किये।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के राजस्व में बढ़ोत्तरी हुयी है, आने वाले साल में ऊर्जा से 300 करोड रूपये का मुनाफा कमायेंगे। रोडवेज को घाटे से उबारने के उपाय किये जा रहे है। इस वर्ष सरकार को खनन से 400 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, अगले वर्ष इसे बढ़ाकर 800 करोड़ किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का अगला फोकस रोजगार सृजन पर रहेगा। इसके लिए ब्लॉक व जिला स्तर पर गोष्ठियां आयोजित की जायेंगी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत व सुझाव 1905 नम्बर पर दर्ज करा सकते हैं। पिछले दिनों आई अतिवृष्टि से जिन किसानों की फसल नष्ट हुई है, उन्हें दो माह के भीतर मुआवजे का भुगतान कर दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील भी की जिनकी भूमि का विनियमितीकरण किया जाना है, वह 19 अगस्त, 2018 तक करा लें। भूमि का विनियमितीकरण वर्ष 2000 के सर्किल रेट पर किया जा रहा है, उसके बाद यह वर्तमान सर्किल रेट पर किया जायेगा। उन्हांेने कहा कि ग्राम गोठा व बग्घा मे वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव शीघ्र बनाये, ताकि वहां सड़क निर्माण कराया जा सके। कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ई-टेंडरिंग से कार्य आवंटित किये जा रहे है। शराब के ठेकों का ई-टेंडरिंग कराने से 11 गुना तक बढे़ हुए टेंडर प्राप्त हुए है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सिरसा से शक्तिफार्म तक 13 किमी की सड़क बनाने, सूखी नदी में पुल निर्माण, गोठा में दो किमी की सड़क निर्माण, सितारगंज मे बस अड्डा निर्माण तथा शक्तिफार्म मंे 108 इमरजेंसी सेवा चलाने की घोषणा की।

श्रद्धालुओं के लिये बद्रीनाथ धाम में लगा हारपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर

यात्रियों की आमद को देखते हुये सूबे के सीएम ने श्रद्धालुओं के चिकित्सा सुविधा की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए है। इसके तहत बद्रीनाथ धाम में हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर लगाया गया है, जबकि केदारनाथ धाम, गंगोत्री व यमुनोत्री में भी यह सुविधा जल्द शुरू होने वाली है।

उत्तराखंड सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने बताया कि यात्रा मार्ग पर चिकित्सा अधिकारी/फार्मेसिस्ट एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी गई है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप वाले लोगों एवं वरिष्ठ नागरिक को आकस्मिक उपचार के लिए इकोस्प्रिन एवं सोर्बिट्रेट दवाओं की व्यवस्था की गई है। अधिक ऊचाँई पर होने वाले रोगों के उपचार हेतु प्रशिक्षित ‘सिक्स सिगमा हेल्थ केयर’, नई दिल्ली द्वारा उत्तराखण्ड में चारांे धाम के यात्रा मार्गों पर 21 जून तक विशिष्ठ सेवाएं दी जायेगी। इस हेल्थ केयर सेंटर द्वारा केदारनाथ धाम में कार्डियोलॉजिस्ट, पल्मोनोलॉजिस्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। यमुनोत्री धाम में भी शीघ्र ही कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध कराये जाएंगे। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नम्बर-104 को भी सुदृढ़ किया गया है। जिसके माध्यम से सभी स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सूचना दी जायेगी तथा शिकायत एवं सुझाव भी लिए जायेंगे। हेल्प लाइन के माध्यम से चारधाम यात्रा मार्गो पर श्रद्धाुलुओं को स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराई जायेगी।

उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा मार्गों में कुल 20 स्थानों पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाये गये हैं। 08 स्थानों पर फर्स्ट मेडिकल रिस्पोन्डर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जबकि 103 स्थानों पर चिकित्सा इकाईयां बनाई गई हैं। इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सकों, फार्मासिस्टों एवं स्टाफ नर्स की समुचित व्यवस्था की गई है। चारधाम यात्रा मार्ग में 50 प्रमुख स्थानों पर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई।

चीन सीमा को जाने वाला गंगोरी बेली ब्रिज तैयार

भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला गंगोत्री हाइवें पर बना गंगोरी बेली ब्रिज तनकर तैयार हो गया है। सीमा सड़क संगठन के चीफ इंजीनियर वीएसएम एएस राठौर ने पुल का उद्घाटन किया।

उन्होंने बताया कि 1.3 करोड़ रुपये की लागत से 190 फीट लंबे इस बेली ब्रिज को बीआरओ के जवानों ने सात दिन में तैयार किया है। पुल की भार क्षमता 18 टन से बढ़कर 40 टन होगी। तय समय से पहले पुल का निर्माण होने पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बीआरओ की टीम को बधाई दी।

विदित हो कि एक अप्रैल को भारत-चीन सीमा पर स्थित गंगोत्री धाम व भटवाड़ी ब्लाक के 42 गांवों को जोड़ने वाला असी गंगा नदी पर बना गंगोरी बेली ब्रिज टूट गया था। ब्रिज बीआरओ ने आठ जनवरी 2018 में बनाया था, लेकिन उसकी भार क्षमता सिर्फ 18 टन थी। बीती एक अप्रैल को एक रेत से भरे डंफर के भार से ही पुल टूट गया था।

इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बीआरओ ने असी गंगा नदी में ह्यूम पाइप डालकर मार्ग तैयार किया। ताकि वाहनों की आवाजाही सुचारु रहे। बरसात से पहले नया पुल तैयार करने के दबाव के बीच बीआरओ ने इस टूटे पुल को हटाने और नया पुल बनाने की योजना तैयार की। इसके लिए पठानकोट, चंडीगढ़, भारत-चीन सीमा के रिमझिम बॉर्डर, जोशीमठ और ऋषिकेश से सामान एकत्र किया गया। 12 अप्रैल तक सामान एकत्र होने के बाद 13 अप्रैल से बीआरओ के जवानों ने ब्रिज को जोड़ने का कार्य शुरू किया। ब्रिज के निर्माण में बीआरओ ने आर्मी से भी तकनीकी सहयोग लिया।

राज्य सरकार के लेटलतीफी पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 23 अप्रैल तक निकायों के परिसीमन की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को देने के आदेश दिए है। अगली सुनवाई 24 अप्रैल की नियत की है।

इस मामले में सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में हुई। निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट ने बताया कि कोर्ट ने परिसीमन, आरक्षण निर्धारण, मतदाता सूची आदि की मौजूदा स्थिति के अनुसार चुनाव कराने व बेवजह चुनाव न टालने को कहा है।

सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार चुनाव को पूरी तरह तैयार है। 12 मई को चुनाव कार्यक्रम आयोग को सौंप दिया जाएगा। इससे पहले परिसीमन, आरक्षण निर्धारण व अन्य कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।

यहां बता दें कि राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी ना करने पर चुनाव आयोग द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। जिसमें कहा है कि तीन मई से पहले राज्य में निकाय कराना संवैधानिक बाध्यता है, इसलिये राज्य सरकार को निर्देश दिये जाएं कि चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए।

राज्य में चुनाव की अधिसूचना जारी करने का अधिकार राज्य सरकार को है। राज्य सरकार ने चुनाव आयोग की इस याचिका का जवाब दाखिल किया था। हाईकोर्ट ने सरकार से 23 अप्रैल तक चुनाव को लेकर अंतिम रिपोर्ट भी दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

तीन जिला आबकारी अधिकारी निलंबित

आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने शराब की दुकानों से हो रही राजस्व की हानि के लिये तीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। पंत ने इन तीनों आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश अपर मुख्य सचिव डा. रणबीर सिंह को दिए है।

पंत के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव डा. रणबीर सिंह ने जिला आबकारी अधिकारी देहरादून मनोज कुमार उपाध्याय, जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार प्रशांत कुमार व जिला आबकारी अधिकारी चंपावत राजेंद्र लाल को निलंबित कर आबकारी आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। साथ ही शासन ने नई तैनाती तक तीनों जिलों के अपर जिला अधिकारी को अतिरिक्त रूप से यह जिम्मेदारी दी है। सरकार ने उक्त मामले की विस्तृत जांच कराने का निर्णय भी लिया।

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लाइसेंस समाप्त होने के बाद शासन ने इन जिलों में एक माह के लिए शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी किए थे। हर जिले के लिए बकायदा राजस्व लक्ष्य भी तय किया गया। इन दुकानों के आवंटन के बाद ये तथ्य सामने आए कि इनमें से कई दुकानें निर्धारित से कम कीमत पर आवंटित की गई। इससे विभाग को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई।

कुछ दिनों पहले आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने निर्धारित से कम कीमतों पर दुकानों का आवंटन व इससे राजस्व में हुए नुकसान पर गहरी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी। अब शासन ने देहरादून, हरिद्वार और चंपावत जिलों में हुए नुकसान को देखते हुए तीनों जिलों के जिला आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन्हें निलंबन के दौरान आधा वेतन दिया जाएगा। इन्हें आरोप पत्र अलग से दिए जाएंगे।

शासन ने इन अधिकारियों के निलंबन के बाद देहरादून में एडीएम प्रशासन अरविंद कुमार पांडेय, हरिद्वार में एडीएम वित्त ललित नारायण मिश्र और चंपावत में एडीएम प्रशासन एवं वित्त हेमंत कुमार वर्मा को संबंधित जिलों के जिला आबकारी अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि अपर मुख्य सचिव आबकारी को इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जांच अधिकारी वे ही नियुक्त करेंगे।

जनता की खुशहाली के लिये एकजुट होंगे भारत और नेपाल

भारत और नेपाल एक दूसरे के नागरिकों की खुशहाली और गरीबी दूर करने के लिये एकजुट होकर कार्य करेंगे। कृषि क्षेत्र में यह कार्य सार्थक सिद्ध होगा। यह बात नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पंतनगर विवि में कार्यक्रम के दौरान कही।

पंतनगर एयरपोट पर पहुंचने पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का राज्यपाल केके पॉल व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुके देकर स्वागत किया। परंपरागत कुमाऊं के रीति रिवाज के तहत प्रधानमंत्री केपीएस ओली का स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री के सम्मान में कलाकारों ने छोलिया नृत्य एयरपोर्ट पर प्रस्तुत किया। इसके उनका काफिला पंतनगर विवि के लिए रवाना हो गया।

ओली अपनी धर्मपत्नी राधिका शाक्य और नेपाल के 33 सदस्यीय दल के साथ उत्तराखंड दौरे पर आए हुए हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच कृषि तकनीक के आदान-प्रदान को बढ़ाना है। रविवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि विवि, पंतनगर के गांधी हॉल में राज्यपाल केके पाल ने उन्हें विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि हमारी धार्मिक आस्थाएं एक-दूसरे के साथ हैं। नेपाल की जनता भी भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है। पीएम ओली ने कहा कि नेपाल की दो तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, लेकिन आधुनिकीकरण एवं यांत्रिकीकरण में काफी पीछे हैं। हमारे दो कृषि विवि हैं, लेकिन वे अभी प्रारंभिक अवस्था में हैं। उन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए पंतनगर विवि का सहयोग लिया जाएगा।

जीबी पंत कृषि विवि के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यहां बहुत कुछ सीखने को है। बोले, विवि ने जो सम्मान उनको दिया, वह उनके लिए नई प्रेरणा का काम करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने जो पहल की है, नेपाल उसमें अपना पूरा योगदान देगा। इससे पहले ओली ने विवि के ब्रीडर सीड्स प्रोसेसिंग यूनिट और बीज अनुसंधान केंद्र का निरीक्षण किया।

राज्यपाल डॉ. केके पॉल ने कहा कि नेपाल एवं उत्तराखंड इतिहास, संस्कृति, व्यापार के साथ-साथ अन्य बहुत सी समानताएं रखते हैं। चुनौतियां भी एक जैसी हैं तथा दोनों मिलकर अपने लोगों की बेहतरी, वातावरण सुरक्षा एवं प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने नेपाल एवं उत्तराखंड की समान परिस्थितियों को देखते आपसी सहयोग के पांच बिंदुओं का उल्लेख किया।