निकाय चुनावः फिर से आमंत्रित होंगी आपत्ति, होगी सुनवाई

अब ऋषिकेश और कोटद्वार का नगर निगम बनना बिल्कुल तय है। अब इन पर आपत्ति आमंत्रित की जायेगी। इसके बाद अंतिम अधिसूचना जारी हो जायेगी। राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इस बात की पुष्टि की है।

राज्य सरकार ने 24 निकायों के सीमा विस्तार और गठन से संबंधित अनंतिम अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें पांच नगर निगम व 19 नगर निकाय शामिल हैं। शासन की ओर से किए गए सीमा विस्तार पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने 24 निकायों के सीमा विस्तार व गठन को लेकर नए सिरे से आपत्तियां आमंत्रित की थीं। इन निकायों में नगर निगम देहरादून, काशीपुर, हरिद्वार, हल्द्वानी व रुद्रपुर, नगर पालिका परिषद कोटद्वार व ऋषिकेश (पूर्व में नगर निगम के रूप में उच्चीकृत), नगर पालिका परिषद भवाली, अल्मोड़ा, बागेश्वर, टनकपुर, विकासनगर, डोईवाला, पिथौरागढ़, किच्छा, चंबा, खटीमा, नगर पंचायत भीमताल, लंबगांव, चिन्यानौला (रानीखेत), नंदप्रयाग, तिलवाड़ा, चमियाला व सेलाकुई शामिल थे। इन सभी स्थानों से मिली आपत्तियों को सुनने और इनका निस्तारण करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी। इनका शासन में परीक्षण चल रहा था। इस मामले में कोर्ट में 11 अप्रैल को सुनवाई होनी है।

सरकार ने अपनी तैयारियों को पुख्ता रूप देते हुए गुरुवार देर शाम इसकी अनंतिम अधिसूचना जारी कर दी है। अब इस अधिसूचना पर भी आपत्तियां मांगी जाएंगी। माना जा रहा है कि इनके निस्तारण में कम से कम तीन से चार दिन का समय लगेगा। इसमें बाद अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अनंतिम अधिसूचना से संबंधित पत्रवली पर उन्होंने हस्ताक्षर कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि चुनावांे को लेकर सरकार दस मई तक अपनी ओर से सारी तैयारियां पूरी कर लेगी।

राज्य के चहुंमुखी विकास के लिये सरकार कृत संकल्पः त्रिवेन्द्र

त्रिवेन्द्र ने सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में जन सहयोग से अच्छी सुविधायें लाकर शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी के लिए ’’रूपान्तरण अभियान’’ का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 06 से 12 तक के गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिये गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डलों में एक-एक विशेष विद्यालय खोले जायेंगे। कुमाऊं मण्डल में यह विद्यालय अल्मोडा में खोला जायेगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि विद्यालय के लिये भूमि चयनित कर शीघ्र ही प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करायें।

’’रूपान्तरण अभियान’’ का मुख्य उद्देश्य सरकारी विद्यालयों को भौतिक संसाधनों से युक्त बनाना तथा फर्नीचर, स्वच्छ पेयजल, पंखा, हीटर, क्रीड़ा सामग्री व्यवस्था, कम्प्यूटर प्रोजेक्टर के माध्यम से स्मार्ट क्लास का संचालन, सुरक्षित व सुसज्जित भवन, विद्यार्थियों की अन्य मूलभूत आवश्यकताएं, शिक्षकों अभिप्रेरण जिससे वे अपना अधिकतम योगदान शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में दे सकें, छात्र-छात्राओं में रचनात्मकता, सृजनशीलता एवं मानवता की भावनाओं का विकास, समाज को सरकारी विद्यालयों के प्रति संवेदनशील एवं सहयोग हेतु प्रेरित करना मुख्य हैं।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन व विद्यालयी शिक्षा द्वारा अल्मोड़ा में चलाये गये इस अभियान की प्रशंसा की। संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत हिमांशु खुराना व उप शिक्षाधिकारी गीतिका जोशी सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा किये गये इस रूपान्तरण कार्यक्रम के लिए उन्होंने अधिकारियों की भी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के चहुॅमुखी विकास के लिए सरकार कृत संकल्प है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के चार धामों को टेल-मेडिसन सुविधा से शीघ्र जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यही नहीं एचपी कम्प्यूटर कम्पनी द्वारा भी राज्य के चिकित्सालयों में अपनी सुविधाएं देने की बात की गयी है ताकि चिकित्सालय भी तकनीक के क्षेत्र में समृद्ध हो सकें।

संतुलन खो एमआई-17 हुआ क्षतिग्रस्त

केदारनाथ में सेना का एक एम-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट समेत चार लोग घायल हो गए। लैंडिंग के वक्त हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ। बताया जा रहा है कि पायलट निर्माणाधीन पुल के लोहे को बचाने में संतुलन खो बैठा और हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया।

भारतीय वायुसेना के इस हेलीकॉप्टर में निर्माण कार्यों से जुड़ा मैटेरियल भरा हुआ था। गुप्तकाशी से ये हेलीकॉप्टर केदारनाथ जा रहा था, जहां निर्माण के लिए सामान पहुंचाना था। हादसे से हेलीकॉप्टर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उससे धुंआ निकलने लगा। समय रहते लोगों को बाहर निकाल लिया गया।

बता दें कि केदारनाथ आपदा के दौरान 2013 में भी एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था। उस वक्त हादसे में आठ लोगों की जान चली गई थी। भारतीय वायुसेना ने कहा कि एमआई-17 केदारनाथ में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इसमें सवार सभी पैसेंजर्स सुरक्षित हैं। हादसे की जांच की जा रही है।

लोस, विस के बाद निकाय चुनाव में भी करें भाजपा का समर्थन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि नगर निगमों को 1500 करोड़ रूपये दिये गये है। 2000 कर्मियों की भर्ती भी नगर निकायों में की जाएगी। जिसमें पर्यावरण मित्र तथा अन्य स्टाफ होगा। नगर निकायों में जो नए क्षेत्र मिलाए गए है, आने वाले 10 सालों तक उनसे कोई टैक्स ( होम टैक्स आदि) नहीं लिया जायेगा। 

उन्होंने जनता से अपील की, कि जिस तरह से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को समर्थन दिया, उसी तरह आने वाले निकाय चुनाव में भी दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार निकाय में दो हजार स्टाफ की भर्ती करने जा रही है। जिसमें पर्यावरण मित्र व अन्य स्टाफ होगा। कार्यक्रम के दौरान परिसीमन के बाद 24 निकायों में सीमा विस्तार की नाराजगी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने टैक्स माफी और विकास कार्यो को गति देने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सरकार जीरो टोलरेंस पर काम कर रही है। ऐसे में राज्य को लोकायुक्त की जरूरत महसूस नहीं होगी। इसके शुरुआती परिणाम देखने को मिल रहे हैं। गैरसैंण में बजट सत्र को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की जरूरतों के अनुरूप राज्य का बजट तय हुआ है। इस बजट से राज्य के विकास को नई गति मिलेगी। भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार काम कर रही है। इसमें जनता का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि एनएच मुआवजा घोटाले में फंसे लोग अब कार्रवाई की डर से पैसा वापस कर रहे हैं। अब तक दो करोड़ रुपये वापस आ गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द पानी की समस्या खत्म होगी। सभी को ग्रेविटी वाटर का लाभ दिया जायेगा। देहरादून के 43 गांवों में इसकी शुरुआत की जा रही है। इससे 60 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष बिजली का खर्चा बचेगा, और जनता को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सकेगा।

सचिवालय में ई-पास के लिये ऐसे करे आवेदन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सचिवालय व विधानसभा में प्रवेश हेतु आगन्तुकों के लिए ई-गेट पास सिस्टम का शुभारम्भ किया। सचिवालय व विधानसभा में वर्तमान पास व्यवस्था के साथ-साथ ई-पास व्यवस्था लागू की गयी है। यह स्वचालित व्यवस्था है। आगन्तुकों, कर्मचारियों तथा कार के लिए किसी भी स्थान तथा किसी भी समय गेट पास बनाया जा सकता है। ई-पास व्यवस्था हेतु पूर्व-पंजीकरण करवाया जा सकता है। इससे बाहर से आने वाले आगन्तुकों की पहचान आसानी से हो सकेगी। इससे गेट पास में शुद्धता, ज्यादा साफ फोटाग्राफ तथा एमआईएस रिर्कोडिग सुनिश्चित होगी।

ई-पास व्यवस्था की प्रक्रिया

ई-पास व्यवस्था हेतु आगन्तुक अपने तथा अपने वाहन के लिए सम्बन्धित अधिकारी से निर्धारित तिथि पर मिलने के लिए गेट पास हेतु मळंजमचंेे.नाण्पद पर ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन कर सकते है।

एक बार आगन्तुक द्वारा गेटपास हेतु आवेदन करने पर एप्लीकेशन द्वारा सम्बन्धित कार्यालय को स्वीकार-अस्वीकार करने हेतु भेजा जायेगा। एक बार आवेदन स्वीकार होने पर आगन्तुक को उनके उनके मोबाइल एवं ई-मेल पर एक ओटीपी भेजा जायेगा। आगन्तुक ओटीपी भरकर गेटपास के बूथ पर गेटपास प्रिंट कर सकता है। आगन्तुक गेटपास एप पर भी गेटपास हेतु आवेदन कर सकता है।

निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा ने बताया कि ई-पास सिस्टम के सम्बन्ध में आईटीडीए के माध्यम से सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है तथा गेट पास बूथ से गेट पास हेतु कम्प्यूटर भी स्थापित कर दिया गया है। जिसका संचालन सुरक्षा कर्मिकों के द्वारा किया जा रहा है। साथ ही ई-गेट पास सुविधा के सम्बन्ध आईटीडीए के माध्यम से सचिवालय व विधानसभा में तैनात 92 निजी सचिवों को व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

देश की नजर आज उत्तराखंड परः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता मिलन हॉल में उत्तराखण्ड सरकार एवं वर्ड हिन्दू इकोनॉमिक फोरम के तत्वावधान में उद्यमियों एवं विषय विशेषज्ञों के साथ आयोजित आर्थिक परिचर्चा में प्रतिभाग किया। उन्होंने उद्यमियों का आभार व्यक्त कर कहा कि इस परिचर्चा से प्रदेश में पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, आईटी, कृषि आदि के क्षेत्र में हुए मंथन का लाभ प्रदेश को मिलेगा तथा विकास के प्रति हमारी सोच को नया दायरा मिलेगा।

मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्री केदारनाथ के कपाट खुलने व बन्द होने के समय दो बार श्री केदारनाथ आये। उनकी सोच स्पष्ट है कि दुनिया के 120 करोड़ हिन्दू उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा पर आना चाहते है। इसके लिये इस देवभूमि में सड़क, रेल व वायु परिवहन सेवाओं का बेहतर होना आवश्यक है, इसी दिशा में उन्होंने 12 हजार करोड़ रूपये ऑल वेदर रोड, 13 हजार करोड रूपये भारतमाला योजना तथा 1600 करोड रूपये ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिये स्वीकृत किये है, जिस पर कार्य तेजी से किया जा रहा है।
जॉलीग्रांट हवाई अड्डे को एलीवेटेड रूप में विस्तार कर इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके साथ ही पंतनगर हवाई अड्डे, चिन्यालीसौड, नैनी सैनी हवाई पट्टियों के विस्तारीकरण के साथ ही चौखुटिया में नई हवाई पट्टी बनायी जायेगी। उत्तराखण्ड में भविष्य के पर्यटन का आधार तैयार किया जा रहा है।

कई फिल्मों का फिल्मांकन यहां पर किया जा रहा है। इसके लिये सूटिंग फीस को माफ किया गया है। जनपद चमोली के सीमांत गांव घेस व हिमनी को वाई-फाई सुविधा से जोडा गया है। 36 अस्पताल व ब्लड बैंको, दवा स्टोरों को ऑनलाइन किया गया है। टेली मेडिसिन से जुडे अस्पतालो को अपोलो अस्पताल से जोडा गया है। जहां से विशेषज्ञ डॉक्टरो का परामर्श प्राप्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के 144 ई-अस्पतालों में से 47 उत्तराखण्ड में है। उन्होंने कहा कि नई तकनीकि के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र की कमियों को दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 03 साल के अन्दर प्रदेश के सभी गांवों को ऑप्टीकल फाइवर से जोडने का हमारा प्रयास है, इससे प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग देश व दुनिया को देख सकेंगे।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड सदियो से साधको मनीषियों व पर्यटको के आर्कषण का केन्द्र रहा है। प्रदेश में गढवाल व कुमाऊं में 24 धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाये जा रहे है। चारधाम पैदल यात्रा मार्ग की हजारों साल पुरानी परम्परा की शुरूआत की जा रही है। इससे हमारे पड़ाव व चट्टियों को पुनर्जीवित करने तथा पलायन रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोकल खान-पान व ट्राईवल दूरिज्म को भी बढ़ावा दिये जाने की योजना हमारी है।

पशु पक्षियों के संरक्षण के लिये जनता को आगे आना होगाः हरक

तीन दिवसीय वर्ल्ड फेस्टिवल का शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में जैव विविधता की दृष्टि से अपार संभावनाएं है। सरकार हर क्षेत्र में आगे बढ़कर कार्य कर रही है। जिससे उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा मिल सके।

उत्तराखंड वन विभाग द्वारा थानो वन रेंज में पहली बार आयोजित वर्ल्ड फेस्टिवल का शुभारंभ मुख्यमंत्री व वन मंत्री ने किया। मुख्यमंत्री व वन मंत्री ने वर्ल्ड फेस्टिवल में आयोजित वन विभाग, वन विकास निगम, जिला कारागार, डब्लू डब्लू एफ, सहज योग आदि कई विभागों के अलावा स्थानीय स्तर पर लगाए गए स्टॉलों का भी अवलोकन किया। उन्होंने वर्ल्ड फेस्टिवल में संजय लोधी व अनीति भूषण दत्ता की तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड देशी व विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये ईको पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक झरने, बुग्याल, जैव संसाधन आदि है। जो पर्यटन की दृष्टि से आय का स्त्रोत बन सकता है। उन्होंने कहा कि गुजरात की दर्ज पर उत्तराखंड में भी ऑप्टिकल पार्क बनाये जा सकते है।

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि देश में पाये जाने वाली करीब 1200 प्रजातियों में से अकेले 710 के लगभग प्रजातियां उत्तराखंड में पाई जाती है। वन विभाग व आम लोगों के बीच आपसी तालमेल अच्छा हो सके, इसके लिये पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिये जनता को भी सहयोग करना होगा।

गढ़वाली गीत कैने मारी पिचकारी से नेगी ने की वापसी

लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी बीमारी की जंग जीतने के बाद एक बार फिर से गायकी से जलवा करने को तैयार है। होली का त्योहार नजदीक है और ऐसे में नेगी का पिचकारी सर्ररर, कैने मारी… वीडियो सॉन्ग सीएम आवास पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रिलीज किया। होली के अवसर पर यह गढ़वाली गीत उनके प्रशंसकों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है।

विदित हो कि बीमारी से उबरकर नेगी दा ने एक बार मंच में प्रस्तुति दी थी, मगर गढ़वाली वीडियो सॉन्ग उन्होंने पहली बार जारी किया है। समारोह में उन्होंने कहा कि वह अस्वस्थता के चलते लंबे समय से लोकगायिकी से दूर थे। यह गढ़वाली वीडियो सॉन्ग उन्होंने होली के खास मौके पर बनाया है। बीमारी के बाद यह लोकगीत लोगों को समर्पित करते हुए वह काफी ऊर्जावान महसूस कर रहे हैैं। उन्होंने यह गीत गाकर समारोह में रंग जमा दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह लोकगीत होली को खास बनाएगा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी का लोकगायिकी के प्रति समर्पण भाव प्रेरणास्रोत है। उनके स्वस्थ होने के बाद से प्रदेशवासी उनकी आवाज सुनने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे, जो आज पूरी हुई।

काठगोदाम में युवती ने किया दो महिला का यौन उत्पीड़न, सेक्स टॉय से बनाये संबंध

युवक ने युवतियों का यौन उत्पीड़न किया, यह आपने अक्सर सुना होगा। मगर, एक युवती पुरूष का वेष धर महिलाओं से शादी कर उनका यौन शोषण करे। यह शायद ही आपने सुना हो। ताजा मामला उत्तराखंड के काठगोदाम का है, जहां एक युवती ने पुरुष बनकर दो महिलाओं से शादी रचा ली। दोनों महिलाओं के साथ तीन साल तक मियां-बीवी की तरह रही। हैरानी की बात यह है कि इन दोनों महिलाओं को भनक तक नहीं लगी कि उनके साथ पति के रूप में कोई महिला रह रही है। आखिर सच सामने आ ही जाता है, पुरुष बनी महिला का भंडाफोड़ हो गया।

जानकारी के मुताबिक, यूपी के बिजनौर के धामपुर की रहने वाली स्वीटी ऊर्फ कृष्णा सेन ने साल 2013 में फेसबुक के जरिए एक लड़की से दोस्ती कर ली। कुछ दिनों बाद काठगोदाम की रहने वाली उस लड़की को प्रेम जाल में फांसकर उसने शादी कर ली। दोनों हल्द्वानी में किराये के एक मकान में रहने लगे, लेकिन शादी के बाद से ही दोनों के बीच झगड़ा होने लगा।

पहली शादी के करीब तीन साल बाद कृष्णा सेन ने एक दूसरी लड़की से शादी कर ली। दोनों बीवीओं को एक ही घर में साथ रखने लगा। इसके कुछ दिन बाद पहली पत्नी ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाकर केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने तलाशी के बाद आरोपी पति को हिरासत में लिया। जेल में पूछताछ के दौरान जो राज खुला, सभी भौंचक्के रह गए।

आरोप कृष्णा सेन ने पुलिस को बताया कि वह महिला है। ऐसे में वह किसी महिला से ही कैसे शादी कर सकता है। इसके बाद पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच कराई, तो इस बात की पुष्टि हो गई कि वह महिला ही है, लेकिन पुलिस भी इस बात से हैरान थी कि तीन साल तक दो महिलाओं के साथ वह कैसे रही और किस तरह उनसे शारीरिक संबंध बनाए।

पुलिस पूछताछ में स्वीटी ऊर्फ कृष्णा सेन ने बताया कि उसने ऑनलाइन साइट से सेक्स टॉय मंगाए थे। रात को कमरे में अंधेरा करने के बाद सेक्स टॉयज के जरिए वह महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाती थी। वह कभी उनके सामने न तो कपड़े बदलती, न ही नहाने के बाद बिना कपड़े के बाहर आती थी। पुरुषों के सारे व्यवहार करती थी।

पुलिस ने बताया कि आरोपी स्वीटी ऊर्फ कृष्णा सेन के खिलाफ केस दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। युवती ने जालसाली के साथ ही दोनों महिलाओं के साथ ठगी भी की है। उनका यौन उत्पीड़न किया है। यहां तक की उसने सारे दस्तावेज भी पुरुष के तौर पर फर्जी बनाए हुए हैं। इन दस्तावेजों को जब्त करके उसके खिलाफ जांच की जा रही है।

आग लगने से 40 परिवार हुये बेघर

उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के सावनी गांव में रात्रि समय पर अचानक आग लग गयी। आग ने इतना भयंकर रूप धारण कर लिया कि अपनी चपेट में करीब दो सौ मवेशियों व करीब 40 मकानों को भस्म कर दिया। मकानों के जल जाने से करीब 40 परिवारों के समक्ष छत चली गयी।

बताया जा रहा है कि गांव में सिर्फ चार भवन ही सुरक्षित बचे। अधिकांश मकान लकड़ी के थे। ऐसे में आग पर काबू पाना भी मुश्किल हो गया। इस दुर्गम इलाके में प्रशासन की टीम भी मौके पर सुबह तक नहीं पहुंच सकी। घटना आधी रात के बाद करीब एक बजे की है।

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर सावणी गांव हिमाचल की सीमा से लगा है। निकटतम सड़क स्टेशन जखोल गांव से सावणी पहुंचने के लिए सात किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। यहां एक घर में लगी आग ने विकराल रूप लेना शुरू किया कि उसकी जद में एक-एक करते दूसरे मकान भी आने लगे।

देखते ही देखते पूरा गांव आग के गोले में तब्दील हो गया। ग्रामीण घरों से बाहर निकले और मवेशियों को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक करीब दौ सो मवेशी जल कर मर गए। आग बुझाने के ग्रामीणों के प्रयास भी सफल नहीं हो सके। जैसे-जैसे आग बढ़ती गई तो ग्रामीण अपने बच्चों सहित खेतों की ओर भागे। पूरे गांव में चीख-पुकार मचने लगी।

करीब रात ढाई बजे जिला प्रशासन को आग की सूचना मिली। प्रशासन और पुलिस की टीम सावणी गांव के लिए रवाना हुई। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि राहत और बचाव टीम तथा प्रशासन की टीम को मौके पर भेजा गया।