अब कैलाश मानसरोवर यात्रा की जा सकेगी

भारत और चीन के बीच तनाव की लगातार खबर आती रही हैं, लेकिन आज एक ऐसी खबर आई जो दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और रिश्तों को बहाल करने की दिशा में थोड़ा योगदान कर सकती है।

चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम की ओर से जाने वाले नाथू-ला मार्ग को फिर से बहाल करने की पुष्टि की है। पिछले साल इस रास्ते से मानसरोवर यात्रा नहीं हो सकी थी। तब चीन ने इस मार्ग से सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने की बात कही थी।

शुक्रवार को केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने लोकसभा को इस फैसले की जानकारी दी। 4 महीने चलने वाली मानसरोवर यात्रा जून से शुरू होती है। सिक्किम के नाथु-ला दर्रे के अलावा उत्तराखंड का लिपुलेख पास भी मानसरोवर यात्रा के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

पिछले साल दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी डोकलाम गतिरोध के चलते चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अनुमति देने से मना कर दिया। जिससे इस रास्ते से यात्रा नहीं हो सकी थी। तब चीन ने कहा था कि भारत पहले डोकलाम से सेना हटाए तब कोई फैसला लिया जाएगा।

पिछले साल चीनी सेना के भूटान के दावे वाले डोकलाम इलाके में घुस आने पर भारतीय फौज ने हस्तक्षेप किया था। पिछले साल 16 जून को शुरू हुआ यह गतिरोध 73 दिन तक चला। चीनी सेना के डोकलाम में घुस आने से भारत को पूर्वोत्तर के राज्यों से जोड़ने वाले चिकन नेक (संकरे गलियारे) की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था, लेकिन दोनों सेनाओं के बीच लंबी कूटनीतिक प्रयासों के बाद 28 अगस्त को पीछे हट गई थीं।

विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा को दिए अपने लिखित बयान में बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिसंबर 2017 में चीनी समकक्ष से हुई मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। चीन ने इस मार्ग से यात्रा बहाल करने की बात मान ली थी।

राज्य में कृषि के लिये केंद्र से मिले छह हजार करोड़

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आम बजट में किसानों को सौगात देने और गावों, महिलाओं, मजदूरों को समर्पित बजट को लेकर केंद्र सरकार का आभार जताया। साथ ही कहा कि केंद्र और राज्य सरकार जनता के हित के लिए काम कर रही है।

राज्य के किसानों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आम बजट 2018 में केंद्र सरकार द्वारा किसानों को दी गई सौगात पर पीएम मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को धन्यवाद दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को कृषि और उससे संबंधित विभागों के लिए छह हजार करोड़ रुपये की धनराशि मिली है।

बजट में 145 करोड़ रूपये खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए मिला है। इसके लिए 55 हजार मैट्रिक टन फल और सब्जियों के अतिरिक्त उत्पादन की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य का पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने और आधुनिक कृषि पर बल देने की जरूरत है। वहीं उन्होंने प्रदेश में पण्डित दीन दयाल किसान कल्याण योजना की भी बात की। उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों को मात्र दो प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपये तक का ऋण दिया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने पिछले चार माह में 560 करोड़ रूपये किसानों के लिए दिये हैं।

इस दौरान सीएम ने किसानों से आह्वान किया कि वो अच्छी आमदनी के लिए अपना बाजार (अपणु बाजार) की अवधारणा पर बल दें। किसान उपभोक्ताओं को सीधे उत्पादों की मार्केंटिंग करेंगे तो इससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं को भी डायरेक्ट मार्केटिंग से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं और फसलों एवं पशुओं का बीमा जरूर करवाएं। इसके साथ ही सीएम ने कई अन्य योजनाओं से किसानों को अवगत कराया।

अपहरण कर हरिद्वार पहुंचे बदमाश, क्राइम ब्रांच ने दबोचा

उत्तर प्रदेश केे गाजियाबाद निवासी लोहा व्यापारी का अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर सुरक्षा की दृष्टि से हरिद्वार पहुंचे, लेकिन गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने हरिद्वार पहुंच बदमाशों से व्यापारी को सकुशल बरामद कर लिया।

पुलिस के मुताबिक गाजियाबाद के प्रेम नगर निवासी लोहा कारोबारी अनिल अरोड़ा का दो करोड रुपए की फिरौती के लिए अपहरण किया गया था।
बदमाशों का पीछा करते हुए यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई। तहसील के पास हुई इस फायरिंग से हड़कंप मचा रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक फायरिंग के दौरान अपहृत बुजुर्ग ने गाड़ी में छुपकर अपनी जान बचाई। जबकि फायरिंग में एक बदमाश के घायल होने की भी सूचना है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से ही कुल 895 एनकाउंटर हुये है। ऐसे में बदमाशों को इस बात का अंदेशा था कि यदि उनका सामना यूपी पुलिस से हो गया तो उनकी मौत निश्चित है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुये बदमाशों ने यूपी से बाहर जाने का मन बनाया। वहीं इस बात को बदमाशों ने पकड़े जाने के बाद स्वीकार भी किया। बदमाशों ने बताया कि यूपी पुलिस का डर से ही उन्हें उत्तराखंड आने पर मजबूर होना पड़ा। वहीं पुलिस उनके मोबाइल लोकेशन के जरिये हरिद्वार तक आ पहुंची।

यह पहला वाकया नहीं है जब यूपी के बदमाश सुरक्षा के लिये उत्तराखंड की शरण में न आते हो। इससे पहले भी कई बदमाशों ने उत्तराखंड की शरण पकड़ी है।

मुठभेड़ के बाद ज्वालापुर कोतवाली पहुंचने पर कारोबारी अनिल अरोड़ा ने पुलिस को बताया कि अपहरण करने के बाद बदमाश उसे मेरठ रोड की तरफ ले गए। उसके साथ मारपीट भी की गई। इसके बाद शामली होते हुए हरियाणा ले जाया गया। बदमाशों ने उसके घर फोन कर दो करोड़ रुपये मांगते हुए छोटे भाई मन्नू से उसकी बात भी कराई थी। पकड़े जाने के डर से बदमाश कहीं भी ज्यादा देर नहीं रुके। लगातार चलते हुए बदमाश पहले हरियाणा गए। वहां गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने हरियाणा पुलिस की मदद से बदमाशों की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया तो बदमाशों को भनक लग गई। जिसके बाद बदमाश हरियाणा से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर होते हुए हरिद्वार पहुंच गए।

पुलिसकर्मी को अवकाश में बढ़ोतरी कर रूद्रप्रयाग बना पहला जिला

रूद्रप्रयाग जिले के पुलिस कर्मियों के अच्छे संकेत मिले है। अब वह अपने और बच्चों के जन्मदिन व शादी की सालगिरह में शामिल हो सकेंगे। उन्हें इसके लिये अवकाश दिया जाएगा। यह कदम जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में पुलिस कर्मियों की अत्यधिक व्यस्तता को देखते हुए उठाया गया है। पुलिसकर्मियों अवकाश में बढ़ोतरी करने वाला रुद्रप्रयाग प्रदेश का पहला जिला बन गया है।

पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा के अनुसार यह महसूस किया गया कि रुद्रप्रयाग जिले में तैनात पुलिसकर्मी ड्यूटी की व्यस्तताओं के चलते महत्वपूर्ण अवसरों, जैसे बच्चों के जन्मदिन, स्वयं अथवा माता-पिता की शादी की सालगिरह समेत अन्य जरूरी आयोजनों में शामिल नहीं हो पाते। नतीजा, अक्सर उन्हें परिजनों अथवा नाते-रिश्ते वालों के ताने सुनने को मिलते हैं और वह तनाव का शिकार हो जाते हैं। इससे उनकी कार्यक्षमता और अनुशासन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

मीणा ने बताया कि इस स्थिति से निपटने के लिए प्रधान लिपिक एसपी कार्यालय को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। वह समस्त कार्मिकों से उनके बच्चों के जन्मदिन, स्वयं अथवा माता-पिता की शादी की सालगिरह समेत अन्य विवरण लेकर कार्यालय स्तर पर अवकाश स्वीकृत कराएंगे। प्रधान लिपिक व आशुलिपिक को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे कार्मिकों के अवकाश आवेदन प्राप्त होते ही उन्हें स्वीकृति के लिए एसपी के समक्ष प्रस्तुत करें। बताया कि सभी प्रभारी समय से कार्मिकों के अवकाश आवेदन कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे और पुलिस बल की उपलब्धता को ध्यान में रख रोटेशन में अवकाश स्वीकृति के लिए अग्रसारित करेंगे। ताकि राजकार्य प्रभावित न हो।

चीन ने सेना प्रमुख के बयान को बताया तनावपूर्ण

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान से चीन बौखलाया हुआ है। बतौर चीन, जनरल का बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएगा। चीन ने आरोप लगाया कि ऐसे बयानों से सीमा पर हालात और तनावपूर्ण होंगे।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने जनरल बिपिन रावत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीते एक साल में भारत और चीन के संबंधों में काफी उथल-पुथल रही है। पिछले साल भारत-चीन के रिश्तों ने कुछ उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन पिछले साल सितंबर में ब्रिक्स सम्मेलन के इतर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात में रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने के लिए उनमें आम राय बनी थी।

लू कांग ने कहा कि ऐसी बयानबाजी दोनों देशों के संबंधों को बेहतर करने के प्रयासों पर विपरीत असर डालेगी। इससे सीमा पर शांति बनाए रखने की प्रक्रिया पर भी असर पड़ सकता है। लू ने कहा कि चीन और भारत अहम पड़ोसी हैं। वे राष्ट्रीय विकास एवं उत्थान के निर्णायक चरण में हैं। दोनों देशों को सामरिक संवाद बढ़ाना चाहिए, सामरिक संदेह दूर करना चाहिए और सामरिक सहयोग संचालित करना चाहिए।

डोकलाम पर फिर चीन ने जताया अपना हक

प्रवक्ता ने कहा कि हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि वह दोनों नेताओं की ओर से बनी आम राय के बाद के कदमों पर काम करे ताकि सीमाई इलाकों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के उपाय किए जा सकें और ऐसी चीजों से परहेज किया जाए, जिससे हालात जटिल होते हों। जरूरी मामलों को रचनात्मक तरीके से संभाला जाए और द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास को बढ़ावा दिया जाए। इससे समूचे क्षेत्र एवं भारतीय पक्ष के साझा हित सधेंगे। एक सवाल के जवाब में लू कांग ने जनरल बिपिन रावत के बयान का हवाला देते हुए कहा कि डोकलाम पर हमारा रुख साफ है। डोकलाम चीन का हिस्सा है और हमेशा चीन के अधिकार क्षेत्र में रहा है।

गौरतलब है, बिपिन रावत ने कहा था चीन मजबूत तो भारत भी कमजोर नहीं। भारत को पाकिस्तान के साथ लगती सीमा के साथ-साथ पूर्वी सीमा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। भारत अपनी सीमा पर किसी भी देश को अतिक्रमण नहीं करने देगा। अब हालात 1962 जैसे नहीं है, हर क्षेत्र में भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है। रावत ने यह भी कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास बीजिंग की ओर से दबाव बनाया जा रहा है।

जल्द हटेगा अंग्रेजों कानून, पटवारी के बजाए पुलिस संभालेगी कानून व्यवस्था

अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड के लगभग बारह हजार गांवों में अंग्रेजों के बनाये कानून को दरकिनार करते हुये पर्वतीय जिलों में सभी जगह पुलिस थानों खोले जायेंगे।

दरअसल, अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1816 में कुमाऊं के तत्कालीन ब्रिटिश कमिश्नर ने पटवारियों के 16 पद सृजित किए थे। इन्हें पुलिस, राजस्व संग्रह, भू अभिलेख का काम दिया गया था। साल 1874 में पटवारी पद का नोटिफिकेशन हुआ। रजवाड़ा होने की वजह से टिहरी, देहरादून, उत्तरकाशी में पटवारी नहीं रखे गए। साल 1916 में पटवारियों की नियमावली में अंतिम संशोधन हुआ। 1956 में टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून जिले के गांवों में भी पटवारियों को जिम्मेदारी दी गई।

वर्ष 2004 में नियमावली में संशोधन की मांग उठी तो 2008 में कमेटी का गठन किया गया और 2011 में रेवेन्यू पुलिस एक्ट अस्तित्व में आया। मगर गौर करने वाली बात यह कि रेवेन्यू पुलिस एक्ट बना तो दिया गया, लेकिन आज तक कैबिनेट के सामने पेश नहीं किया गया।

अंग्रेजों ने अपनी नीतियों के लिहाज से राजस्व वसूली और कानून व्यवस्था संभालने के लिए दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में पटवारी पद सृजित किए थे। तब से लेकर आज तक पर्वतीय जिलों में इसके मुताबिक काम हो रहा है। इन जिलों में सिविल पुलिस नहीं है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पटवारियों ने ब्रिटिश कमिश्नर की नियमावली में संशोधन की मांग उठाई, मगर उनकी आवाज दबकर रह गई।
कैबिनेट मंत्री एवं प्रवक्ता राज्य सरकार मदन कौशिक का कहना है कि पर्वतीय राज्यों में पुलिस थाने खोलने के संबंध में आए हाइकोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद सरकार इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी।

इस संबंध में एडीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार का कहना है कि पर्वतीय जिलों में पुलिस थाने खोलने के संबंध में हाइकोर्ट के आदेश को पढने के बाद आगे कदम उठाए जाएंगे।

रूड़की के छह साल के मासूम को एचआईवी

छह साल के एक बच्चे में एचआईवी पॉजीटिव होने के पता चला है। बच्चा थैलीसीमिया से पीड़ित बताया जा रहा है। बच्चे के पिता का कहना है कि संक्रमित खून चढ़ाने की वजह से एचआईवी हुआ है। इस मामले में बच्चे के पिता ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से की है। जेएम ने सिविल अस्पताल के सीएमएस को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। बच्चे को छह बार सिविल अस्पताल रुड़की से और 48 बार हरियाणा के कैथल में रक्त चढ़ाया जा चुका है।

जिला कैथल, हरियाणा निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उसके छह वर्षीय बच्चे को थैलीसीमिया है। 28 अगस्त 2017 से उसके बच्चे का उपचार सिविल अस्पताल रुड़की में चल रहा है। 28 अगस्त से अब तक उसके बच्चे को छह बार खून चढ़ाया जा चुका है। जबकि इससे पहले कैथल में उसका उपचार चल रहा था। वहां पर 48 बार बच्चे को खून चढ़ा है।

सिविल अस्पताल रुड़की में तीन दिन पहले उसके बच्चे की खून की जांच की गई थी। जांच में उसके बच्चे के खून में एचआइवी पॉजिटिव पाया गया है। बच्चे के पिता ने आशंका जताई है कि उसके बच्चे को किसी ऐसे व्यक्ति का खून चढ़ा है, जो एचआइवी पॉजिटिव होगा। इसी कारण उसके बच्चे को भी एचआइवी हो गया है। पीड़ित बच्चे के पिता ने मामले की शिकायत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल से की है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके मिश्रा को जांच के निर्देश दिए हैं।

वहीं सिविल अस्पताल रुड़की के सीएमएस डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चे में एचआइवी पॉजिटिव की बात सामने आई है। अस्पताल में बच्चे का उपचार पिछले चार माह से चल रहा है। अस्पताल के ब्लड बैंक से वही रक्त मरीज को चढ़ाया जाता है जिसकी सभी जांचें सही हो।

भाजपा विधायक ने तोड़ा नियम, शादी कार्ड पर छपवाया उत्तराखंड शासन का लोगो

भाजपा विधायक ने किसी बात की परवाह न करते हुये शादी के कार्ड पर शासन का लोगो छपवा लिया। इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो वह बेहिचक बोले कि उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा है, बल्कि इससे तो अच्छा संदेश जायेगा।

उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर ने अपनी गोद ली हुयी बेटी की शादी कार्ड पर उत्तराखंड शासन का लोगो तक छपवा लिया है। जैसे ही कार्ड बंटने लगे, तो यह बात सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गयी। सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट्स आने लगे। लोगों ने अपने-अपने विचार रखे।

गौरतलब है कि शासन का लोगों केवल शासकीय कार्यों हेतु ही प्रयोग में लाया जा सकता है, निजी तौर पर इसका प्रयोग करना एक तरह से नियम तोड़ना ही है, लेकिन भाजपा विधायक ने मनमर्जी के चलते लोगो को ही शादी कार्ड पर छपवा दिया।

विधायक सुरेश राठौर का कहना है कि मैनें किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। यह मेरी गोद ली हुई बेटी है। एक्सीडेंट में इसके माता-पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही मेरी पत्नी और मैं इसका भरण-पोषण कर रह हैं।

शादी का भी पूरा खर्चा हम ही उठा रहे हैं। कार्ड पर लोगो छपवाने का मतलब कानून का उल्लंघन करना नहीं है। इससे पार्टी का अच्छा संदेश जाएगा कि भाजपा गरीब परिवारों और जरूरतमंदों के लिए हमेशा तत्पर रहती है।

अनियंत्रित ट्रक ने लिया पांच वाहन को चपेट में, दो की मौत

ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से पुराने बस अड्डे की ओर जाने वाली रोड़ पर मंगलवार को सड़क दुर्घटना हो गयी। दुर्घटना में स्कूटी सवार एक मजदूर व कार चालक की मौके पर मौत हो गयी। वहीं सूमो सवार छह अन्य घायल हो गये। ट्रक चालक मौके से फरार होने में सफल रहा। वहीं देर रात ट्रक चालक के खिलाफ मुकादमा दर्ज कर लिया गया है।
मंगलवार का दिन तीर्थनगरी के लिये बड़ा दुखहारी रहा। बेकाबू ट्रक ने पांच वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। आलम यह रहा कि ऑल्टो कार बुरी तरह से कुचल कर सिमट गयी। वहंी सूमो तो 90 डिग्री का कोण बनाते हुये आगे के दौ टायरों पर खड़ी हो गयी। वहीं मौके पर दूसरी तरफ से आ रहे स्कूटी सवार भी इनके बीच में समा गये। स्कूटी भी पिचक कर खिलौना बन गयी। वहीं एक और बाइक सवार ने मौके पर ब्रेक लगाकर खुद को किसी तरह बचा लिया।
घटना उस वक्त की जब नगर में नो एंट्री व जीरो जोन का समय होता है। ऐसे में पुलिस अधिकारियों पर भी सवाल उठना लाजिमी है। आखिर कार कैसे नो एंट्री के समय ये माल वाहक ट्रक नगर के बीच से होकर जा रहे थे।
दुर्घटना में कुंदन (25 वर्ष) निवासी शांति नगर ऋषिकेश, मूल निवासी बिहार व रामस्वरूप (58 वर्ष) पुत्र हरि सिंह रावत निवासी इंदिरा नगर ऋषिकेश की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य लोगों में राधेश्याम (40 वर्ष) पुत्र धर्मपाल निवासी सुंजडू, मुजफ्फरनगर, सतीश (40 वर्ष) पुत्र सज्जन प्रजापति निवासी भरत विहार ऋषिकेश, जुनवरी देवी (45 वर्ष) पत्नी महेंद्र सिंह निवासी नीरगड्डू तपोवन टिहरी गढ़वाल, हरिनारायण (70 वर्ष) पुत्र सुधांशु निवासी मायाकुंड ऋषिकेश, शिशुपाल (24 वर्ष) पुत्र महेंद्र निवासी नीरगड्डू टिहरी गढ़वाल को राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां देर रात सभी घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
गौरतलब है कि रेलवे रोड से हीरालाल मार्ग की ओर ढलान पर आ रहे सीमेंट से लदे एक ट्रक के ब्रेक फेल हो गए। तेज ढलान होने के कारण चालक ट्रक पर नियंत्रण खो बैठा। रेलवे स्टेशन की ओर से आने वाली यह सड़क आगे चलकर पुराने रोडवेज अड्डे पर मिलती है और यहां से दायीं ओर और बायीं ओर के लिए सड़कें कटती है। जबकि सामने पुराना रोडवेज अड्डे की दीवार है। तिराहे के पास अनियंत्रित ट्रक ने अपने आगे चल रही एक ऑल्टो कार को टक्कर मारते हुए घसीट दिया। जिससे ऑल्टो कार अपने आगे चल रहे टाटा सूमो वाहन से जा टकराई और टाटा सूमो अपने आगे चल रहे एक अन्य ट्रक से जा भिड़ा। इतना ही नहीं सबसे आगे चल रहा ट्रक भी मोड़ नहीं काट पाया और सामने पुराना रोडवेज बस अड्डे की बाउंड्री के बाहर लगे विद्युत ट्रांसफार्मर से जा भिड़ा। इस बीच एक स्कूटी सवार भी इन वाहनों के बीच बुरी तरह कुचल गया। सीमेंट लदे ट्रक की गति इतनी तेज थी कि दोनों ट्रकों के बीच में जो भी वाहन आए उनके परखच्चे उड़ गए। भीषण दुर्घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जाम हो गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस की मदद से घायलों को वाहनों से बाहर निकाला। जिन्हें 108 आपात सेवा की मदद से राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया गया।

गंगा की स्वच्छता का जिम्मा जर्मनी से आयी टीम के हाथों


जर्मनी के प्रतिनिधिमण्डल नेे सचिवालय में डिप्टी मिशन चीफ डॉ.जेस्पर वेक के नेतृत्व में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से तकनीकी और वित्तीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार विमर्श किया। मिशन चीफ के साथ फेडरल मिनिस्ट्री के साउथ एशिया डिवीजन हेड डॉ.रोलफ्राम क्लेन, जर्मन डेवलपमेंट बैंक के सीनियर पॉलिसी ऑफिसर, जीआईजेड(जर्मन एजेंसी फॉर इंटरनेशनल टेक्निकल कोऑपरेशन) के कंट्री डायरेक्टर डॉ.यूरिक रिवेरे, सिल्के पालविज सहित अन्य अधिकारी थे। जीआईजेड उत्तराखण्ड में गंगा नदी की स्वच्छता, चिकित्सा, कौशल विकास में तकनीकी और आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा।

गंगा नदी की स्वच्छता के लिए जर्मनी के मिशन चीफ के समक्ष 920 करोड़ रूपये के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। जीआईजेड को बताया गया कि हरिद्वार, ऋषिकेश, तपोवन, मसूरी, देहरादून में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नेटवर्किंग का कार्य किया जायेगा। इन शहरों में 265.47 एमएलडी सीवेज निकलता है। इनके नेटवर्किंग 574.26 किमी में की जानी है। जर्मन मिशन ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार द्वारा बनाये गये डीपीआर का मूल्यांकन जर्मन तकनीकी टीम द्वारा किया जा रहा है। जीआईजेड गंगा नदी की स्वच्छता के लिए 920 करोड़ रूपये दिये जाने पर जल्द निर्णय लेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार का संकल्प है कि गंगा नदी स्वच्छ व निर्मल हो। कोई भी नाला गंगा नदी में नही गिरने दिया जायेगा, इसके लिए गंगा किनारे के कस्बों में कार्य चल रहा है। जर्मनी के सहयोग से इस कार्य में और गति मिलेगी।