चारधाम यात्रा में रजिस्ट्रेशन के बाद निर्धारित तिथि पर ही दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि सुरक्षित और सुगम चारधाम यात्रा के लिए शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सड़क मार्ग से ग्राउंड जीरो पर यात्रा व्यवस्थाओं को देंखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि उनको चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के अनुसार जो तिथि मिली है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए आयें। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य परीक्षण और मौसम का पूर्वानुमान देखने के बाद ही चारधाम यात्रा पर आने के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है कि चारधाम यात्रा भी सुरक्षित हो और सभी श्रद्धालु भी स्वस्थ और सुरक्षित हों। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि चारो धामों में 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था स्थगित रखी जाय।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चारों धामों में प्रतिदिन के लिए जो क्षमता निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए भेजे जाएं। रजिस्ट्रेशन की व्यवस्थाओं को और मजबूत बनाया जाए। श्रद्धालुओं का चार धाम यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन होने पर ही चेक प्वाइंट से आगे जाने दें। परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से चेक पोस्ट पर चेकिंग करने के निर्देश दिए। आगामी तीन दिनों तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन रोक दिए जाय। यह सुनिश्चित हो कि चार धाम यात्रा नियमों के अनुरूप ही चले। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि चार धाम के सभी मार्गों के एंट्री प्वाइंट एवं विकास नगर, यमुना पुल क्षेत्र, धनौल्टी, सुवाखोली में भी सख्ती से चेकिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हो। इन स्थलों पर यात्रियों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं से सबंधित सभी जानकारियां लोगों तक स्पष्ट रूप से जाए इसके लिए शासन के वरिष्ठ अधिकारी प्रतिदिन मीडिया ब्रीफिंग करें। यात्रा से संबंधित सभी जानकारियां आमजन तक पहुंचाने के लिए मीडिया को उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन और यात्रा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये कि वे यातायात प्रबंधन और भीड़ प्रबंधन के लिए स्वयं स्थलीय निरीक्षण करें और चारों धामों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाय। सभी अधिकारि सहयोगी के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की लाईफ लाईन है। यह यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े सभी जनपद यात्रा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए समन्वय के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं से अपेक्षा की है कि देवभूमि उत्तराखण्ड के इन धामों की धार्मिक यात्रा में स्वस्थ मानकों के अनुसरण पर भी ध्यान दें।

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों रूप्रदप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से सबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं की जानकारी ली और शासन स्तर से चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सबंधित जिलाधिकारियों को जो भी सहयोग की आवश्यकता है, उसके बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने शासन और पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा से सबंधित जो भी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाता है, उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए।

बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष विनय रोहिला, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी एवं वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से सबंधित जिलों के जिलाधिकारी और एसपी उपस्थित थे।

देहरादून के गोविंदगढ़ में 15 झोपड़ियों में आग लगने का मुख्यमंत्री धामी ने लिया संज्ञान

देहरादून के गोविंदगढ़ में स्थित बस्ती में 15 झोपड़ियों में आग लगने से नुकसान होने के मामले का मुख्यमंत्री धामी ने संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून को पीड़ितों की यथासंभव सहायता के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी ने अवगत कराया है कि आज मौके पर 40 राशन के बैग भेजे जा रहे हैं। साथ ही जो भी अन्य सहायता अपेक्षित होगी जिला प्रशासन के स्तर से की जायेगी।

देहरादून के गोविंदगढ़ में एक प्लाट में बनी कई झोपड़ियों में सोमवार को आग लग गयी थी, जिससे पूरा सामान जलकर राख हो गया। इनमें 15 झोपड़ियां पूरी तरह से जल गई थी।

इस मामले का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि इस घटना के पीड़ितों की यथासंभव मदद की जाए। तत्क्रम में जिलाधिकारी की ओर से गोविंदगढ़ में प्रभावित लोगों को 40 पैकेट राशन के भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा पीड़ितों की हर संभव मदद जिला प्रशासन के स्तर से की जाएगी।

उत्तराखंड राज्य स्तरीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में ऋषिकेश के खिलाड़ियों का रहा जलवा

उत्तराखंड एमेच्योर किकबॉक्सिंग एसोसिएशन के तत्वाधान में देहरादून में उत्तराखंड राज्य स्तरीय किकबॉक्सिंग प्रतियोगिता परेड ग्राउंड देहरादून बैडमिंटन हॉल में आयोजित की गई।

प्रतियोगिता में नेशनल रेफरी किक बॉक्सिंग एवम कोच शिवानी गुप्ता ने बताया कि प्रतियोगिता का शुभारंभ 21 अप्रैल 2024 को उत्तराखंड एमेच्योर किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद कोटनाला ने दीप प्रज्वलित कर किया।

प्रतियोगिता में देवभूमि ऋषिकेश मार्शल आर्ट ट्रेनिंग सेंटर के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मनन डोगरा दो स्वर्ण, हर्षित भट्ट दो स्वर्ण, दिव्यता थापा दो स्वर्ण, सोनाक्षी पात्रों दो स्वर्ण, तविषा तनेजा दो स्वर्ण,वर्णिका दो स्वर्ण, श्लोक गैरोला स्वर्ण एवम रजत,निकिता कौशिक स्वर्ण एवम रजत,सान्या स्वर्ण एवम रजत, भव्या चौहान दो रजत, शिवानी रजत एवम कांस्य, गरिमा कोठियाल दो रजत,माधवन रजत एवम कांस्य, सार्थक भट्ट दो स्वर्ण, अंश पाल दो रजत, प्राची नौटियाल दो कांस्य पदक हासिल किए।

कोच शिवानी गुप्ता ने बताया कि खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता महाराष्ट्र पुणे के लिए हुआ है। इस अवसर पर उत्तराखंड एमेच्योर के किक बॉक्सिंग एसोसिएशन अध्यक्ष अरविंद कोटनाला, वर्किंग प्रेसिडेंट ओम प्रकाश मल, महासचिव सत्येंद्र कुमार, कोच मुक्ति, कोच विपिन डोगरा, कोच सुमित कुमार, कोच आदर्श कुमार, कोच मिंटू सैनी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे और उन्होंने खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।

पोलिंग पार्टियां सकुशल मतदान कराने के बाद पहुंची स्ट्रांग रूम, सील


जिले में लोक सभा चुनाव कुशलतापूर्वक सम्पन्न हो गया है। जिले की छः विधानसभाओं की सभी 1010 पोलिंग पार्टिया सकुशल मतदान कराने के बाद वापस स्ट्रांग रूम लौट गई है। पोलिंग पार्टियों का आने का सिलसिला 19 अप्रैल देर शाम से 20 अप्रैल की दोपहर तक चलता रहा। 993 पोलिंग टीमें देर रात को स्ट्रांग रूम पहुंच गई थी। जबकि दूरस्थ की 17 मतदान टीमें 20 अप्रैल की सुबह स्ट्रांग रूम पहुंची। जिला निर्वाचन अधिकारी वंदना सिंह एम बी पी जी डिग्री कालेज स्ट्रांग रूम में मौजूद रही। राजनैतिक दलों की उपस्थिति में स्ट्रांग रूम को आज सुबह सील किया गया। स्ट्रांग रूम की कड़ी सुरक्षा के लिए अर्द्धसैनिक बलों,पुलिस की तैनाती की गई है। साथ ही सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी रहेगी।

उत्तराखंडः सबसे ज्यादा क्रिटिकल बूथ हरिद्वार जनपद में और वल्नरबल बूथ देहरादून में

देहरादून। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों के चिन्हीकरण के निर्देश दिये गये हैं। राज्य में 1365 क्रिटिकल बूथ और 809 वल्नरबल बूथ चिन्हित किये गये हैं। वल्नरबल बूथ की श्रेणी में ऐसे बूथ आते हैं, जिनमें पूर्व में निर्वाचन के दौरान कोई घटना हुई हो, जिसमें आपराधिक मामला शामिल हो। वहां पर कोई गंभीर घटना या अपराध घटित हुआ हो जिससे चुनाव बाधित हुआ हो। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा क्रिटिकल बूथ के भी मानक तय किये गये हैं। यदि किसी बूथ में गत निर्वाचन में 10 प्रतिशत से कम मतदान हुआ हो उसे क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में रखा गया है।

ऐसे बूथ जिनमें गत वर्ष 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है और उसमें से 75 प्रतिशत से अधिक मतदान किसी एक ही प्रत्याशी के पक्ष में हुआ हो, उसे भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है। यदि किसी बूथ पर मतदान के दिवस पर औसत से अधिक लोगों ने एपिक के अलावा अन्य दस्तावेजों का प्रयोग किया है, तो उस बूथ को भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है। क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों के चिन्हीकरण की कार्यवाही सेक्टर ऑफिसर और सेक्टर पुलिस ऑफिसर के माध्यम से की जाती है।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चिन्हित वल्नरबल बूथों में विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए पुलिस बल और अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती की जाती है। क्रिटिकल बूथों पर माईक्रो आर्ब्जवर की तैनाती, वेबकास्टिंग और वीडियोग्राफी की व्यवस्था, अतिरिक्त मतदान टीम की व्यवस्था की जाती है। राज्य में सर्वाधिक क्रिटिकल बूथ हरिद्वार जनपद में 344, देहरादून जनपद में 278 और उधमसिंह नगर में 158 पाये गये हैं। सबसे अधिक वल्नरबल बूथ देहरादून में 243, उधमसिंह नगर में 229 और नैनीताल जनपद में 201 पाये गये हैं। सभी जनपदों में उनकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों की संख्या कम और अधिक हो सकती हैं।

देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू


देहरादून। केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए पंजीकरण जारी हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग के पास चार दिनों में पहली कक्षा के लिए सीटों के मुकाबले चार गुना से ज्यादा पंजीकरण हो चुके हैं। यहां सीटों की संख्या करीब 1,800 है, जिसमें गुरुवार शाम तक 7,658 पंजीकरण हो चुके हैं। जबकि आवेदन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल है। वहीं, इस सत्र से सीटों की संख्या 40 से घटाकर 32 किए जाने के बाद पहली कक्षा में पिछले वर्षों के मुकाबले दाखिले की राह और भी कठिन मानी जा रही है।

देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालय
केंद्रीय विद्यालय संगठन के देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालय हैं। इनमें कई केंद्रीय विद्यालयों में दो शिफ्ट चलती हैं। केंद्रीय विद्यालयों में एक अप्रैल से पहली कक्षा के लिए आनलाइन पंजीकरण शुरू हो चुके हैं। अधिकांश अभिभावक चाहते हैं कि देश के टाप सरकारी स्कूलों में होने से केंद्रीय विद्यालयों में उनके भी बच्चे का दाखिला हो। हर वर्ष की तरह इस बार भी लोग आनलाइन पंजीकरण करने में जुटे हैं। केंद्रीय विद्यालयों में हर कक्षा के लिए सीटों की संख्या तय है।

अब तक 40 सीटें हर कक्षा में होती थीं, लेकिन इस बार 32 सीटों पर ही प्रवेश दिए जाएंगे। ऐसे में पंजीकरण के बाद कई लोग स्कूल से भी संपर्क कर रहे हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग की उपायुक्त डा. सुकृति रैवानी का कहना है कि केंद्रीय विद्यालयों में पंजीकरण को लेकर अभिभावक उत्साह दिखा रहे हैं।

बालवाटिका के लिए भी उमड़ रही भीड़
केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका में प्रवेश के लिए आवेदन को अभिभावक काफी संख्या में विद्यालय पहुंच रहे हैं। गुरुवार को भी विभिन्न विद्यालयों में अभिभावक पंजीकरण फार्म लेने के लिए पहुंचे। आफलाइन मोड पर बालवाटिका-1 के लिए 31 मार्च तक न्यूनतम तीन वर्ष व चार वर्ष से कम आयु, बालवाटिका-2 के लिए न्यूनतम चार वर्ष व पांच वर्ष से कम, जबकि बालवाटिका-3 के लिए न्यूनतम पांच वर्ष से छह वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

चुनाव में डाक विभाग का बेहद महत्वपूर्ण भागीदारी और जिम्मेदारी का कार्यः मुख्य निर्वाचन अधिकारी

मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने देहरादून स्थित मुख्य डाकघर में आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने वहां मौजूद समस्त पोस्ट ऑफिस कार्मिकों, आरडीआर एजेंट्स को मतदाता शपथ दिलाई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भारतीय डाक विभाग के समस्त कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव में डाक विभाग का बेहद महत्वपूर्ण भागीदारी और जिम्मेदारी का कार्य होता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पोस्ट ऑफिस में दैनिक रूप से बड़ी संख्या में आम जनता अपने कार्यों के लिए पहुंचती है, इस लिहाज से पोस्ट ऑफिस मतदाता जागरूकता के लिए भी उचित स्थान है। कार्यक्रम में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने भारतीय डाक विभाग के समस्त एजेंट्स को डोर-टू-डोर मतदाता जागरूकता अभियान में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का अनुरोध किया।

इस अवसर पर भारतीय डाक विभाग के उत्तराखण्ड सर्किल के निदेशक अनुसूया प्रसाद समेत बड़ी संख्या में डाक विभाग के कार्मिक उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने आंचल ब्रांड के तहत आंचल शहद एवं आंचल इनामी योजना का किया शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे ऑफ इण्डिया स्टेडियम, हाथीबड़कला, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए राज्य पशुधन मिशन योजनान्तर्गत लाभार्थियों को चेक वितरण किए। उन्होंने आंचल ब्राण्ड के तहत आंचल शहद एवं आंचल इनामी योजना का भी शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भराड़ीसैंण में बद्री गाय ट्रेनिंग सेण्टर खोले जाने एवं दुग्ध उत्पादको हेतु दुग्ध दरों में एक रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसान और पशुपालक देश, राज्य के विकास की नींव होते हैं। राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। किसानों और पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी करने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राज्य पशुधन मिशन योजना शुरु की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर कार्य कर रही है साथ ही अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचकर उनका उत्थान एवं सशक्तिकरण सुनिश्चित करने को संकल्पित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अगले दो वर्ष में दुधारू पशुओं, खच्चर, भेड़-बकरी, सूकर और मुर्गी पालन की लगभग 4500 इकाईयों की स्थापना हेतु ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह योजना सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में पारिवारिक पोषण और आजीविका को सुरक्षित बनाने के साथ ही पलायन को रोकने में भी मील का पत्थर साबित हुई है। छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले किसानो की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई अभूतपूर्व योजनाएं शुरु की हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार गोट वैली योजना संचालित की जा रही है जिसके जरिए लगभग 1500 लाभार्थियों को एन०सी०डी०सी० के ऋण सहित लगभग 17 हजार से अधिक बकरियाँ वितरित की गई हैं। पोल्ट्री वैली तथा ब्रायलर फार्म की स्थापना करते हुए राज्य के कुक्कुट पालकों को कुक्कुट पालन व्यवसाय हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके तहत 10 जिलों में 4000 कुक्कुट पालकों को लाभान्वित किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भी किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। देश में पहली बार “नेशनल डिजिटल लाईवस्टेक मिशन योजना“ उत्तराखण्ड से प्रारम्भ की है। वर्तमान में राज्य के 95 प्रतिशत पशुधन को यूआईडी नम्बर प्रदान कर भारत पशुधन ऐप के माध्यम से पंजीकरण कर लिया गया है। केंद्र सरकार की सहायता से 60 मोबाईल वेटनरी यूनिटों के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा, टीकाकरण, रोग परीक्षण आदि सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक सवा लाख से अधिक पशुओं की चिकित्सा मोबाईल वेटनरी यूनिट के माध्यम से संपादित की जा चुकी हैं और 60 पशु चिकित्सकों के साथ-साथ 120 अन्य लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस वर्ष 35 और मोबाईल वेटनरी यूनिट स्थापित कर राज्य के सभी 95 विकासखण्डों में पशु चिकित्सा एवं पशु प्रजनन सेवाएँ सुनिश्चित करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा संचालित “राष्ट्रीय गोकुल मिशन“ योजना के तहत देहरादून में स्वदेशी गोवंशीय प्रजातियों हेतु प्रथम बार भ्रूण प्रत्यारोपण उत्कृष्ठता केंद्र स्थापित किया गया है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कार्यक्रम में पशुपालन के महत्त्व पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि बिना पशुपालन के क़ृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है तथा जैविक खेती का मूल आधार भी पशुपालन ही है। उन्होंने सरकार की उपलब्ध्यिं का जिक्र करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों में पांच हजार से अधिक नियुक्तियां की गयी हैं, नकल विरोधी कानून को सख्ती से लागू किया गया है तथा 100 करोड़ की लागत से सैन्यधाम बनकर लगभग तैयार हो गया है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये पशुपालन, दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि हमने जितनी भी नीतियां पशु पालन विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत कीं, उन्हें उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। जिसके परिणामस्वरूप आठ नई नीतियां बनाई गयीं, उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में पहली बार लाइव स्टॉक मिशन की स्थापना की, जिसके तहत 1800 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें से 185 आवेदनों के लिये चार करोड़ आठ लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी तथा हमारा प्रयास है कि जितने भी आवेदन आये हैं, उन्हें भी इसके तहत लाभान्वित किया जाये। उन्होंने कहा मूल रूप में पशुधन राज्य की आर्थिकी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस अवसर पर गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र अंथवाल, अध्यक्ष ग्रामीण बैंक हरिहर पटनायक, निदेशक पशुपालन नीरज सिंघल, अपर निदेशक पी.एस भण्डारी, नीरज बोरा, लाभार्थीगण सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

सीएम ने राज्य में महिलाओं एवं किशोरियों की सुरक्षा एवं समस्त आयामों के सुदृढीकरण हेतु मोबाइल वैनों को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में महिलाओं एवं किशोरियों की सुरक्षा एवं समस्त आयामों के सुदृढीकरण हेतु प्रचार प्रसार एवं रेस्क्यू मोबाइल वैनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि हमारी सरकार महिला, किशोरियों व बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये सदैव कटिबद्ध है तथा महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की यह पहल सराहनीय है।

उल्लेखनीय है कि ये मोबाइल वैन राज्य के जनपदों में गांव गांव जाकर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं किशोरियों से सम्बन्धित संचालित समस्त योजनाओं का प्रचार प्रसार सुनिश्चित कर, उन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास करने के साथ ही किसी भी पीड़ित महिला व किशोरी को सुरक्षा प्रदान करते हुये चिकित्सा, कानूनी एवं आश्रय सुविधा प्रदान करेंगी।

इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव प्रशांत कुमार आर्य, उप निदेशक विक्रम सिंह, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी, राज्य परियोजना निदेशक आरती बलोदी, नोडल अधिकारी मुख्यालय उदय प्रताप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिद्वार सुलेखा सहगल, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्यालय तरूणा चमोला सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

दून में विभिन्न विधानसभाओं की विकास योजनाओं का सीएम ने किया लोकार्पण व शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिटी फॉरेस्ट (निकट सहस्त्रधारा हैलीपैड), देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण की लगभग 226 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 186 करोड़ के शिलान्यास एवं 40 करोड़ के लोकार्पण शामिल हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की लोकार्पण एवं शिलान्यास की गई योजनाओं में मुख्य रुप से सिटी फॉरेस्ट परियोजना, हरबर्टपुर बस स्टैण्ड, आढत बाजार पुनर्विकास परियोजना, मसूरी मॉल रोड का फसाड एवं सौंदर्गीकरण का कार्य, इको पार्क मसूरी, मालदेवता क्षेत्र में वॉटरफॉल (जल प्रपात) का सौंदर्गीकरण का कार्य, गौरा देवी पार्क एवं कृत्रिम झील का सौंदर्गीकरण कार्य, राजकीय इण्टर कॉलेज मियांवाला के समीप जौहड़ की भूमि पर वॉटर पार्क लैण्डस्केपिंग का कार्य, मियांवाला पंचायत घर के पास गन्ना सेन्टर के समीप भूमि पर पार्क निर्माण/लैण्डस्केपिंग / सौंदर्गीकरण कार्य, एवं आई०एस०बी०टी० परिसर में लैण्डस्केपिंग / आरबोरीकल्चर का कार्य शामिल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की लगभग 226 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण, यहां के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई विभिन्न मांगों पर शीघ्र कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा सरकार ने विभिन्न कार्यक्रमों के तहत संपूर्ण प्रदेश में कई शिलान्यास और लोकार्पण किए है। जिसमें टनकपुर में 2215 करोड़, हरिद्वार में एनएचएआई की 4700 करोड़, हरिद्वार में 1168 करोड़, चंपावत में 161 करोड़, अल्मोड़ा में 117 करोड़, पौड़ी गढ़वाल में 828 करोड़, रुद्रप्रयाग में 456 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया। राज्य सरकार का संकल्प है कि जिन योजनाओं का शिलान्यास किया है उनका लोकार्पण भी किया जाए। सरकार हर क्षेत्र के संतुलित विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हमारा जोर संतुष्टिकरण पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। देश तेजी से विकास करते हुए हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, आस्था के सम्मान, आजीविका, हर क्षेत्र में दुनिया नए भारत का दर्शन कर रही है, भारत की ताकत को प्रतिष्ठित कर रही है। देश के विकास के साथ ही उत्तराखंड का भी तीव्र विकास हुआ है। लोगों की उत्तराखण्ड के प्रति धारणा बदल चुकी है। डबल इंजन की सरकार डबल स्पीड में काम कर रही है। राज्य में नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर तेजी बढ़ें हैं, नागरिक सुविधाओं का विस्तार हुआ है, गरीबों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है, किसानों का सम्मान बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में चौड़ी सड़कों का जाल बिछ रहा है, ऋषिकेश के बाद अब उधमसिंह नगर में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बन रहा है। दिल्ली देहरादून एलिवेटेड एक्सप्रेस वे, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन, हवाई सेवाओं का विस्तार हुआ है। स्वास्थ्य सेवाएं पहले से बेहतर हुई हैं। देहरादून से अयोध्या तक की हवाई सेवा शुरू हुई है। पंतनगर, चिन्यालीसौड़, गौचर में हवाई अड्डे का विकास हो रहा है। राज्य के प्रत्येक क्षेत्र को हेली सेवा से जोडने का कार्य जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में नकल विरोधी कानून के तहत नकल कराने वालों पर कार्यवाही हो रही है, महिलाओं को समान अधिकार देने हेतु समान नागरिक संहिता लागू किया है, लैंड जिहाद के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्यवाही हो रही है और दंगारोधी कानून लाया गया है। केदारखण्ड के साथ ही मानसखण्ड मंदिर माला के तहत मंदिरों के सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की पवित्र भूमि से “21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक“ बताया था। उसी क्रम में देवभूमि में चहुंमुखी विकास किया जा रहा है, उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के कार्य निरंतर जारी है। सक्षम, समर्थ और विकसित उत्तराखंड बनाने की नींव को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार आगे भी प्रधानमंत्री जी की आकांक्षाओं और उम्मीदों पर खरा उतरेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक उमेश शर्मा काऊ, उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ. आरके जैन, वी. सी एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।