नेशनल गेम्स के बड़े मंच से तीन विषय और उत्तराखंड को बड़ी शाबासी

मंगलवार को यह बड़ा मंच राष्ट्रीय खेलों का था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल विकास से जुड़ी कई अहम बातें कीं। मगर तीन ऐसे विषय भी उठाए, जिनमें उत्तराखंड के विशेष प्रयास हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के इन प्रयासों को नए सिरे से रेखांकित करते हुए धामी सरकार की खुलकर सराहना की और शाबासी दी। यह तीन विषय थे-यूसीसी, शीतकालीन यात्रा और प्लास्टिक मुक्त अभियान।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना के बाद धामी सरकार के प्रयास देश-दुनिया तक और प्रभावी ढंग से पहुंचे हैं। एक दिन पहले उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का प्रधानमंत्री ने खास तौर पर जिक्र किया। खेल और यूसीसी में सबको साथ लेकर चलने की अंतर्निहित भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलचस्प ढंग से जोड़ा।

हाल ही में शीतकालीन यात्रा के लिए जिस तरह से धामी सरकार ने पहल की है, उसे प्रधानमंत्री के पूर्ण समर्थन के खास मायने रहे। उत्तराखंड की स्थानीय आर्थिकी के व्यापक हितों के लिए शुरू की गई शीतकालीन यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य अहम रहा कि वह खुद इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं। पिछले दिनों अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से भेंट कर उन्हें शीतकालीन यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित भी किया था। यात्रा की ब्रांडिंग कर प्रधानमंत्री राज्य सरकार के प्रयासों को भी गति दे गए।

राष्ट्रीय खेलों की ग्रीन गेम्स की थीम पर प्रधानमंत्री प्रभावित नजर आए। ई-वेस्ट से पदक निर्माण, विजेता खिलाड़ियों के स्तर पर पौधरोपण जैसी पहल पर प्रधानमंत्री खूब बोले। उन्होंने इसके साथ ही, धामी सरकार के प्लास्टिक मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी खुलकर सराहा।

गांधी पार्क में सीएम ने बड़ी संख्या में लोगों के साथ गाया वंदे मातरम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क, देहरादून में भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित ’सामूहिक वन्दे मातरम’ गायन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों द्वारा सामूहिक रूप से वंदे मातरम् गाया गया।

मुख्यमंत्री ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए भारत विकास परिषद का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा राष्ट्रगीत वंदे मातरम के सामूहिक गायन से हृदय में राष्ट्रप्रेम की ज्वाला और अधिक बढ़ जाती है। हमारा राष्ट्र विविध प्रकार के संप्रदायों, जातियों, भाषाओं, परंपराओं एवं संस्कृतियों से परिपूर्ण है। 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ हमारा संविधान इन सभी अनेकताओं को एकता के सूत्र में पिरोकर देश के नागरिकों में राष्ट्रप्रथम की भावना जागृत करता है। संविधान ने हमें कई अधिकार दिए हैं, जिससे हमारा हमारा देश सबसे बड़े लोकतांत्रित देश में रूप में जाना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कल का दिन सभी के लिए ऐतिहासिक दिन होने वाला है। कल उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता का कानून लागू होने पर वाला है, जो सभी के लिए गर्व की बात है। समान नागरिक की यह गंगा उत्तराखंड से पूरे देश में जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन, संविधान निर्माताओं और माँ भारती को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने वाले स्वतंत्रता सेनानियों एवं आंदोलनकारियों को याद करने एवं उनसे प्रेरणा लेने का दिन है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में हमारा देश आगामी 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होने की ओर अग्रसर है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है और तीसरी बनने की ओर अग्रसर है। भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, शोध और विनिर्माण आदि के क्षेत्र में विश्व के बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है। भारतीय सेना को पहले से और अधिक मजबूत हुई है।भारत का कद वैश्विक स्तर पर भी तेजी से बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतवर्ष विश्व के एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान पुनर्स्थापित कर रहा है। वर्तमान में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक समागम महाकुंभ आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारतीय न्याय व्यवस्था में तीन नए कानून “भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम“ को लागू करने का ऐतिहासिक कार्य भी किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी के सहयोग एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। सरकार, रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड को भारत का एक अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य लेकर दिन-रात कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल एवं हवाई कनेक्टिविटी सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा सभी राज्यवासियों के लिए गर्व की बात है कि आगामी 28 जनवरी से हमारी देवभूमि में प्रधानमंत्री मोदी जी की गरिमामयी उपस्थिति में 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य शुभारंभ होने जा रहा है। राज्य सरकार ने खेल अवस्थापना एवं सुविधा निर्माण पर लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। राज्य में ळक्च् की तर्ज पर ळम्च् का भी आंकलन किया जा रहा है। महिलाओं को राज्य में 30 प्रतिशत आरक्षण, राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानूनी, दंगा विरोधी कानून, देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून भी लागू किया गया है।

नव निर्वाचित मेयर सौरभ थपलियाल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम समाज को नई दिशा और राष्ट्र प्रेम जागृत करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा उन्हें जानत के आशीर्वाद से बड़ी जिम्मेदारी मिली है, वो निश्चित ही उन जिम्मेदारियों पर खरा उतर कर दिखाएंगे। उन्होंने भारत विकास परिषद के सदस्यों का भी आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर आरएसएस के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, विधायक सविता कपूर, निशा अग्रवाल, डॉ. मुकेश, सरिता एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

गणतंत्र दिवसः सूचना विभाग उत्तराखंड की झांकी ने प्राप्त किया प्रथम स्थान

76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य कार्यक्रम में 38वें राष्ट्रीय खेल पर आधारित सूचना विभाग की झांकी को प्रथम स्थान मिला। इस झांकी में उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल की विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं और उत्तराखंड के पारंपरिक खेल मलखंब को प्रदर्शित किया गया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना विभाग की झांकी को प्रथम स्थान मिलने पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी को पुरस्कार प्रदान किया।

सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाए जाने का सीएम ने किया आग्रह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेलों को लेकर चल रही तैयारी के बीच राज्य में प्रदेशवासियों से सामूहिक रूप से देवभूमि आ रहे खिलाड़ियों के स्वागत में विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स की क्च् पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाए जाने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का जो गौरव प्राप्त हुआ है, वो ऐतिहासिक है। आगामी राष्ट्रीय खलों में देशभर के विभिन्न राज्यों से लगभग 10,000 खिलाड़ी देवभूमि आ रहे हैं। उन्होंने जनता से निवेदन करते हुए कहा कि हमारी श्अतिथि देवो भवःश् की संस्कृति का पालन करते हुए, सभी खिलाड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत करना है। और उनके उत्साहवर्धन हेतु अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की क्च् पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता सामूहिक तौर पर सभी खिलाड़ियों का स्वागत करेगी। सभी ने मिलकर आगामी राष्ट्रीय खेलों को विशेष और ऐतिहासिक बनाना है। हमारा यह कर्तव्य है कि देवभूमि आ रहे खिलाड़ी, हमारे राज्य से बेहतर यादें और अनुभव लेकर जाएं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बनाए जाने के संकल्प में राष्ट्रीय खेल भी सहायक सद्ध होंगे।

प्रवासी सम्मेलन में बोेले मंत्री सुबोध, कोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन के चतुर्थ सत्र में कृषि व ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान एक नारा खूब लगता था-कोदा, झिंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे। अब बदली हुई स्थिति में नारा बदल गया है। नया नारा है-कोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आगे बढ़ाएंगे।

चतुर्थ सत्र में अपने संबोधन में जोशी ने कहा कि जहां तक जैविक खेती का सवाल है, आज करीब 40 फीसदी तक हमारी खेती जैविक है। इस साल हम इसे 50 फीसदी तक ले जाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। पिछले चार वर्षों से हमें जैविक खेती में प्रथम पुरस्कार मिल रहा है। प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होेंने मिलेट्स को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स के लिए उत्तराखंड में बेहद उपयोगी स्थिति मौजूद है। उन्होंने कहा कि हम कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। 2027 तक हम अपना उत्पादन दुगना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बागवानी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों, उपलब्धियों के बारे में भी विस्तार से बात की।

सचिव दीपेद्र कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य में छह एरोमा वैली प्लांट डेवलप किए जा रहे हैं। एरोमा पार्क काशीपुर में 40 एकड़ भूमि पर इत्र से संबंधित प्रोसेस यूनिट को एक जगह पर लाने का निर्णय महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एरोमा वैली पालिसी प्रारूप तैयार है, जिसे दो-तीन महीने में अनुमोदन प्राप्त हो सकता है। उन्होंने बताया कि कीवी के उत्पादन को मिशन मोड में लेकर कार्य किया जाएगा।

काश्तकारों ने बताई सफलता की कहानी

काश्तकार बलबीर सिंह कांबोज ने बताया कि वह 18 एकड़ भूमि पर फूलों की खेती करते हैं। यहां की जलवायु अच्छी है। इस व्यवसाय के लिए सारी स्थितियां अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के फूलों को सीमित करना चाहिए। प्राइवेट कंपनी चला रहे चंद्रमणि कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी ने 18 राज्यों में 40 हाइड्रोपोनिक फार्म बनाए हैं। युगांडा में भी काम कर रहे है।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय कर रहे अतर सिंह कैंत्यूरा ने कहा कि हमारे जंगल मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त हैं। उत्तराखंड में बहुत पहले से इस संबंध में काम किया जा रहा है। जौजीकोट में देश का पहला मधुमक्खी बॉक्स बना था।

नैनीताल की आरोही संस्था के पंकज तिवारी ने कहा कि विकास में संतुलन जरूरी है। उन्होंने मशरूम उत्पादन, शहद उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिश्रित खेती उत्तराखंड के लिए अच्छी है, क्योंकि पहाड़ काफी असिंचित खेती है। मृदा का स्वास्थ्य वैसा ही रखना है, जैसे हम अपने स्वास्थ्य को रखते हैं।

एक प्राइवेट कंपनी संचालित कर रहे मनमोहन भारद्वाज ने कहा कि कलस्टर में काम किया जाना ज्यादा लाभदायी है। उन्होंने बताया कि उनके स्तर पर 200 बीघा जमीन पर काम किया गया है। चतुर्थ सत्र में मेहमानों का स्वागत ग्राम्य विकास आयुक्त अनुराधा पॉल ने किया। सत्र का संचालन आर्गनिक बोर्ड के एमडी विनय कुमार ने किया। इस मौके पर प्रवासी उत्तराखंडियों और मेहमानों का सम्मान भी किया गया।

अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का तृतीय सत्र

अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के तीसरे सत्र में कौशल विकास और विदेश में रोजगार की संभावना पर विचार विमर्श किया गया।

उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सत्र की विषय वस्तु रखते हुए बताया कि सरकार उत्तराखंड के युवाओं के कौशल विकास पर जोर दे रही है। आईटीआई में उद्योगों की जरूरत के अनुसार रोजगार परख कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही राज्य में नई शिक्षा नीति भी लागू कर दी गई है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम, में हेड एकेडमिक क्वालिटी प्रोफेसर डॉ ज्योत्सना घिल्डियाल बिजल्वाण ने कहा कि हमारे युवा आज भी उच्च शिक्षा के लिए बाहर जा रहे हैं, यह एक तरह से प्रतिभा पलायन है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा में आगे होने के बावजूद, हमारे युवा भाषा के स्तर पर पिछड़ रहे हैं, साथ ही हमारे शिक्षण संस्थान अब भी ग्लोबल स्टैंडर्ड से पीछे हैं। इसे ठीक किया जाना होगा। आईआईटी दिल्ली के प्रो एसके साहा ने कहा कि तकनीकी का प्रयोग, गांवों के विकास में किया जाना चाहिए। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम में एआई के प्रोफेसर अंचित बिजल्वाण ने कहा कि ज्यादातर विदेशी शिक्षण संस्थान प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण करवा रहे हैं, भारत में भी शिक्षण प्रणाली को बदलना होगा।

विदेश के नियम कायदे भी बताएं

यूएई से आए प्रवासी उत्तराखंडी गिरीश पंत ने कहा कि विदेश में रोजगार के लिए स्किल के साथ ही युवाओं को संबंधित देश के नियम कायदों की भी सही जानकारी देनी चाहिए। खासकर जालसाजों के जरिए, विदेश जाने की प्रवृत्ति के खतरों के प्रति हमें लोगों को उजागर करना होगा। कौशल विकास विभाग में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ की कॉर्डिनेटर चंद्रकांता ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। इसके तहत जापान में कई युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा चुका है। अब जर्मनी और ब्रिटेन में रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) अहमदाबाद के डॉ अमित द्विवेदी ने कहा कि संस्थान युवाओं में उद्यमिता विकास के लिए हर तरह से प्रशिक्षण और सहायता दे रहा है।

स्टार्टअप में निवेश करें प्रवासी

आईआईटी रुड़की के प्रो. आजम खान ने कहा कि आज उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए बहुत संभावना हैं। इसमें प्रवासी समुदाय मदद कर सकता है। खासकर स्टार्टअप के मैंटोरशिप में प्रवासी मददगार हो सकते हैं सनफौक्स टेक्नोलॉजी के सह संस्थापक रजत जैन ने कहा कि उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए शानदार ईको सिस्टम है, युवाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। सत्र का संचालन दून विवि की वीसी प्रो सुरेखा डंगवाल ने किया।

प्रवासी सम्मेलन में बोले विशेषज्ञ, पर्यटन में नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा उत्तराखंड

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन के द्वितीय सत्र में पर्यटन विशेषज्ञों और प्रवासी उत्तराखंडियों ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड असीमित संभावनाओं से भरा हुआ है। कहा गया कि उत्तराखंड पर्यटन विकास के क्षेत्र में नित नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा है।

उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग के अपर सचिव अभिषेक रोहेला ने दूसरे सत्र मेें चर्चा करते हुए सरकार की तमाम पर्यटन योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की महामारी के बावजूद उत्तराखंड पर्यटन विकास के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा में रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। सरकार ने इस बार से शीतकालीन यात्रा भी शुरू की है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने साहसिक पर्यटन, पर्यटन सर्किट, होम स्टे, उत्तराखंड टूरिस्ट पालिसी का जिक्र किया और सरकार के स्तर पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

ताज ग्रुप के आईएचसीएल के जीएम मनोज मिश्रा ने बताया कि उनके ग्रुप के 17 होटल इस वक्त उत्तराखंड में हैं और बहुत जल्द देहरादून का प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका ग्रुप विरासत का सम्मान, सतत विकास के लिए सहभागिता, पर्यावरणीय हितों का ध्यान, स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर और कौशल विकास जैसे पहलुओं को ध्यान में रखकर काम कर रहा है।

स्टारकैप्स के मेंटर व एकेडमिक हेड अमिताभ पांडेय ने एस्ट्रो टूरिज्म पर बात की। उन्होंने कौसानी में नक्षत्र सभा की स्थापना से जुडे़ अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पहुंचना आसान है। वनों की सघनता है। दूरस्थ में अति दर्शनीय स्थान है। ये सारे पहलु एस्टो टूरिज्म को बढ़ावा देने के मजबूत आधार हैं।

राजस एरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मनीष सैनी ने हेली सेवा के माध्यम से उत्तराखंड को जोड़ने पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि हिमालय दर्शन के माध्यम से हेली सेवा देने का अनुभव बहुत अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमालय में कई ऐसी जगह है, जहां तक आप नहीं पहुंच सकते। ऐसी स्थिति में हेली सेवा कारगर साबित हो सकती है। उन्होेंने अपनी प्रस्तावित जायरो एक्सपडीसन का भी जिक्र किया और कहा कि बहुत जल्द इस पर काम शुरू किया जाएगा।

ईको ग्लैंपस कानाताल के फाउंडर व सीईओ संजीव शर्मा ने कहा कि पर्यावरण का ध्यान में रखते हुए ग्लैंपिंग पर्यटन का ऐसा माध्यम है, जिसके कई लाभ है। सीमित संसाधनों से स्थानीय लोगों के रोजगार के बडे़ जरिये इससे बनाए जा सकते हैं। उन्होंने अपनी संस्था के स्तर पर किए जा रहे कार्यों और उसमे महिलाओं की भागीदारी का खास तौर पर जिक्र किया।

जापान से आए प्रवासी उत्तराखंडी भुवन तिवारी ने बताया कि जापान में पर्यटन के क्षेत्र में भारत की 16 कंपनियां काम कर रही हैं, जिसका संचालन करने वाले 50 फीसदी उत्तराखंडी हैं। उन्होंने कहा कि जापान से आने वाले पर्यटक ज्यादातर हरिद्वार व ऋषिकेश ही आते हैं। उन्हें पहाड़ के अन्य स्थानों तक लाने के प्रयास होने चाहिए।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एके त्रिपाठी ने कहा कि आयुष व वैलनेस पर देश दुनिया की कितनी रूचि है, इसका पता पिछले दिनों आयोजित वर्ल्ड आयुष कांग्रेस से चल सकता है। इस आयोजन में रिकार्ड रजिस्ट्रेशन हुए हैं। उन्होंने कहा कि वैलनेस का मतलब है कि किन नियमों का पालन करके स्वस्थ रहा जा सकता है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड आयुष राज्य है। यहां पर दुर्लभतम मेडिकल प्लांट मौजूद हैं। इनके बेहतर उपयोग करके देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम आगे बढ़ाने के लिए काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश को वर्ल्ड कैपिटल योगा घोषित किया गया है। यह वर्ल्ड सिटी ऑफ वैलनेस भी है। उन्होंने आयुष व वैलनेस के संबंध में प्रदेश सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए उनके बारे में विस्तार से बताया। पर्यटन विभाग की अधिकारी पूनम चंद्र ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर सचिव पर्यटन श्री सचिन कुर्वे भी मौजूद थे, इस मौके पर प्रवासी उत्तराखंडियों और मेहमानों का सम्मान किया गया। संचालन आरजे काव्य ने किया। संचालन आरजे काव्य ने किया।

अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में दिग्गजों ने किया स्टार्टअप पर मंथन

अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के प्रथम सत्र में विनिर्माण, ऊर्जा उत्पादन और स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया गया।

थाईलैंड से आए ब्रॉस्टेन ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एके काला ने कहा कि 30 साल तक विदेश में काम करने के बाद अब वो भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोलने की तैयारी कर रहे हैं, इसमें वो उत्तराखंड को प्राथमिकता देंगे। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में ऑयल एंड गैस सेक्टर के लिए उपकरण तैयार कर दुनिया भर में सप्लाई करें। डॉ एके काला ने कहा कि वो उत्तराखंड में पलायन से पूरी तरह खाली हो चुके गांवों को भी फिर आबाद करने के लिए काम करना चाहते हैं, इसके लिए किसी एक ऐसे गांव को गोद लेने का प्रस्ताव शासन को दे चुके हैं। साथ ही 70 साल से अधिक उम्र की जरूरतमंद महिलाओं को अपनी मां के समान मानते हुए, अपनी मां के नाम पर चला जा रहे भीमा केयर फाउंडेशन के जरिए मदद करेंगे।

हाउस ऑफ हिमालयाज की तारीफ

सिंगापुर से आई मंडला ग्लोबल की संस्थापक मीनाक्षी अरोड़ा डबराल ने कहा कि वो अपने ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर उत्तराखंड की महिला उद्यमियों को अपने उत्पाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की ओर से तैयार किए गए हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड की तारीफ करते हुए, कहा कि इसमें सभी उत्पाद उच्च गुणवत्ता के हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विश्व खाद्य श्रंखला में अहम भूमिका निभा सकता है। वो उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की सप्लाई सिंगापुर में करती हैं।

मेक इन उत्तराखंड

उत्तराखंड में ही एआई आधारित स्टार्टअप संचालित करने वाले कुनाल उनियाल ने कहा कि वो लंदन से वापस आकर, उत्तराखंड से ही एआई आधारित शिपिंग ट्रांसपोर्ट स्टॉर्ट अप संचालित कर रहे हैं। इसके लिए कई निवेशक भी उत्तराखंड आए हैं, उन्होंने कहा कि हम मेक इंडिया, मेक इन उत्तराखंड के नारे पर चलते हुए काम कर रहे हैं।

गुनसोला हाइड्रो पावर जनरेशन के राजेश गुनसोला ने बताया कि वो टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार में हाइड्रो प्रोजेक्ट संचालित कर रहे हैं, जिसमें 50 लोग रोजगार पा रहे हैं। अब वो विनयखाल में सोलर प्रोजेक्ट में भी शुरु करने जा रहे हैं। सोलर प्लांट के क्षेत्र में कंसलटेंट अमन जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ सोलर ऊर्जा के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं। यहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं।

सत्र की अध्यक्षता करते हुए अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु ने कहा कि प्रदेश सरकार ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के साथ ही निवेश के लिए कई प्रयास कर ही है। इसी क्रम में जल्द जियो थर्मल और ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी भी तैयार हो रही है। सत्र का संचालन आयुक्त उद्योग प्रतीक जैन ने किया।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलनः विभिन्न देशों में निवासरत उत्तराखंडियों के समागम में दिखा अपनी मिट्टी के प्रति अटूट प्रेम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का शुभारंभ किया।

विभिन्न देशों में निवासरत उत्तराखंडियों के इस समागम में अपनी मूल जड़ों, विरासत और मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम और उत्साह की झलक दिखी।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि तेजी से विकसित हो रहे उत्तराखंड में निवेश की व्यापक संभावना है। साहसिक पर्यटन, पावर जेनरेशन, एरोमेटिक, विनिर्माण, कृषि, उद्यान, हर्बल, आयुष एंड वैलनेस इत्यादि में निवेश की आभार संभावनाएं हैं। कहा कि हमने राज्य को निवेश डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए नीतिगत और ढांचागत दोनों स्तर पर बड़े सुधार किए हैं। काम शुरू करने में आसानी हो इसके लिए नियमावली में उसी अनुरूप सुधार किए हैं। अपराधमुक्त और भयमुक्त समाज के लिए अनेक सख्त वैधानिक प्रावधान किए हैं।

सड़क, रेल, हवाई अड्डा, रोपवे, संचार नेटवर्क का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, जिससे राज्य एक सुरक्षित, सुगम और आकर्षक निवेश स्थल के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। नीति आयोग की रैंकिंग भी इसी और इशारा करती है।

मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि उत्तराखंड की पलायन जैसी विकट समस्या के समाधान के लिए अपनी मातृभूमि के किसी गांव – कस्बे को गोद लेते हुए उसको विकसित और संरक्षित करने का प्रण लें। उन्होंने कहा कि राज्य को आपकी योग्यता, अनुभव और तकनीकी ज्ञान की बहुत आवश्यकता है और राज्य की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को साकार करने में यह महत्वपूर्ण भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव का एक विशिष्ट महोत्सव भी है। हमारे प्रवासी उत्तराखंडी अपनी ईमानदारी, मेहनत और समर्पण के लिए देश-विदेश में सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। कहा कि जिस तरह से देश-विदेश में भारत का नाम आप लोग रोशन कर रहे हैं इसी तरह से अपनी मातृभूमि उत्तराखंड का नाम भी रोशन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रवासियों से बेहतर समन्वय और सहयोग प्रदान करने के लिए प्रवासी प्रकोष्ठ का भी गठन किया है। हम शीघ्र वेंचर फंड का भी प्रावधान करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 उत्तराखंड के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। इस वर्ष राज्य अपना रजतोत्सव मना रहा है। आगामी 28 जनवरी से राज्य राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए तैयार है। इसी माह समान नागरिक संहिता कानून लागू करने जा रहे हैं। हाल ही में हमने शीतकालीन पर्यटन की शुरुआत भी की है। जो राज्य की आर्थिक के लिए गेम चेंजर साबित होगा।

उत्तराखंड के प्रवासियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह से उन्होंने भी बचपन में यहां की पगडंडिया नापी है। तब के और आज के उत्तराखंड में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। तब हमने रोजगार की तलाश में विदेश का रुख किया था। कहा कि आज बदलते उत्तराखंड में युवाओं को काम करने के लिए बहुत संभावनाएं है। क्योंकि आज उत्तराखंड ने बहुत से क्षेत्रों में विकास के बड़े मानक तय किए हैं।

प्रवासी उत्तराखंडी गिरीश पंत, अनीता शर्मा, देव रतूड़ी, विनोद जेठुडी, ए. के. काला और शैलेश उप्रेती ने अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन की पहल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इससे उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने और अपनी माटी के लिए कुछ करने का अवसर मिला है। हम सभी अपने अनुभव, तकनीक और ज्ञान से राज्य सरकार के साथ मिलकर पलायन की इस समस्या का बेहतर समाधान कर सकते हैं। कहा कि हम सभी प्रवासियों को राज्य के दूरस्थ क्षेत्र का कोई- ना – कोई गांव जरूर गोद लेना चाहिए। अपना गांव तो गोद ले ही सकते हैं। गांव गोद नहीं ले सकते तो कम – से – कम किसी बच्चे को ही गोद लें।

बहुत से प्रवासियों ने अपनी मातृभाषा में संबोधन किया जिससे मातृभूमि के प्रति उनका गहरा नाता दिखा।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में अपना योगदान देने वाले तथा राज्य के गांव को गोद लेने वाले उत्तराखंड के प्रवासियों गिरीश पंत, अनीता शर्मा, देव रतूड़ी, विनोद जेठुडी, ए. के. काला और शैलेश उप्रेती को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा हाउस ऑफ हिमालयाज उत्तराखंड ब्रांड से विक्रय किए जाने वाले उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, रंजीत कुमार सिन्हा, विनोद कुमार सुमन, दीपेंद्र चौधरी, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय, डीजी सूचना बंशीधर तिवारी सहित संबंधित गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सीएम धामी ने किया देहरादून-मसूरी ट्रैक मार्ग का पैदल निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून से मसूरी ट्रैक रूट का पैदल निरीक्षण करते हुए इस मार्ग पर बेसिक सुविधाओं का अवलोकन किया।

उन्होंने एमडीडीए को निर्देश दिए कि ट्रैक के नैचुरल लुक को बरकरार रखते हुए इस मार्ग पर देश – विदेश से आने वाले ट्रैकर्स, टूरिस्ट और आम – जनमानस को बैठने, खाने – पीने, शौचालय इत्यादि की बेसिक सुविधाएं डेवलप की जाए। बेहतर स्वच्छता, रूट मार्गदर्शन हेतु आकर्षक साइनेज और रेलिंग लगाई जाए। इसके साथ ही सुरक्षा और आपातकालीन उपाय भी किए जाएं।

अवलोकन के दौरान उन्होंने सीनियर सिटीजन और पुराने ट्रैकर्स से भी बातचीत की तथा उनके द्वारा प्राप्त फीडबैक को भी रूट डेवलपमेंट में शामिल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थित दूसरे ट्रैकिंग रूट को भी और बेहतर बनाया जाएगा जिससे देश- विदेश से आने वाले टूरिस्ट और ट्रैकर्स उत्तराखंड की नैसर्गिकता, सुंदरता और वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति का आनंद ले सके तथा यहां से अच्छे अनुभव लेकर जाएं।

इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पराग धकाते सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।