पांच वर्षों की तुलना एक वर्ष से करेंः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने भ्रष्टाचार को मिटाने में जनता से सहयोग की अपेक्षा की है। प्रदेश में पिछले एक वर्ष में संस्थागत भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है। यह भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का ही परिणाम है कि आज प्रदेश में भ्रष्टाचारियों में दहशत ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचारी, भ्रष्ट तरीके से कमाये गये धन को वापस करने की बात कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कैंसर रोगियों और हृदय रोगियों के लिये एक माह के भीतर मॉडल लैब स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि एक वर्ष के भीतर प्रदेश की सड़कों के सभी दुर्घटना सम्भावित क्षेत्र (ब्लैक स्पॉट) ठीक कर दिए जाएंगे। अपै्रल माह तक 108 सेवा की 111 अतिरिक्त एम्बुलेंस आ जाएंगी। प्रदेश में खाद्य सामग्री की जांच के लिये मोबाईल फूड टेस्टिंग लैब की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने इन सचल वाहनों को भी झंडी दिखाकर रवाना किया।

रविवार को प्रदेश सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर परेड ग्राउण्ड में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने पिछले एक वर्ष में अपनी सरकार द्वारा प्रदेश हित में लिये गये निर्णयों व कार्यों की जानकारी जनता के समक्ष रखी। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर जनता के समक्ष राज्य सरकार के गुड गवर्नेंस मॉडल को प्रस्तुत किया। लगभग 20 मिनट के सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने की बात दृढ़ता के साथ दोहराई। उन्होंने ग्राम्य विकास, महिला सशक्तिकरण, चिकित्सा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, सूचना प्रौद्योगिकी, जल संरक्षण, विद्युतीकरण, शिक्षा, स्वच्छता, समाज कल्याण जैसे सभी महत्वपूर्ण सैक्टरों में पिछले एक वर्ष में किये गए कार्यों की जानकारी दी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सर्वांगीण विकास के अपने विजन को भी साझा किया। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल लिंगानुपात पर किये गये अध्ययन को जारी किया।

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा जनता से उत्तराखण्ड को विकसित पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का वायदा किया गया था। उसके परिणाम भी सामने है। पांच वर्षों की तुलना में प्रदेश में इस एक वर्ष की अवधि में अपराध, हत्या, मृत्यु की घटनाओं में कमी आयी है। पुलिस द्वारा अपराधों के नियन्त्रण में प्रभावी कार्यवाही की जा रही है।

उन्होंने अपनी सरकार द्वारा एक वर्ष की उपलब्धियों को जनता के सम्मुख पेश किया। जिनमें फॉर्म मशीनरी बैंक, सस्ता ऋण वितरण, मॉडल स्कूलों के लिये ‘के’ यान मशीने, गैस कनेक्शन वितरण, स्टैण्डअप योजना, डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र, आशाओं को सम्मान, दुग्ध संघो को प्रोत्साहन, ओडीएफ नगर निकायों का सम्मान, ई रिक्शा योजना, सौभाग्य योजना आदि योजनाओं रही।

सात महिलाओं को सीएम ने प्रदान की सखी ई-रिक्शा

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने आवास पर कार्यक्रम आयोजित किया। महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राज्य में सामाजिक दृष्टि से कमजोर व निराश्रित एकल महिलाओं के लिये पं. दीन दयाल उपाध्याय सामाजिक सुरक्षा कोष एकल महिला ऋण योजना के तहत एक लाख तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर दिये जाने की योजना का शुभारम्भ किया।

इस योजना का उद्देश्य गांवों में ही रोजगार सृजन कर महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ करते हुये उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। राज्य सरकार द्वारा अकेली महिलाओं के लिये यह सौगात दी है। पशुपालन व मत्स्य पालन को भी इसमें सम्मिलित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एकल मंिहलाओं के लिये सखी ई-रिक्शा योजना के तहत सात महिलाओं को ई-रिक्शा की चाबी व सेफ्टी किट प्रदान की। उन्होंने ई-रिक्शा में बैठकर इसके संचालन की भी शुरूआत की। इसके लिये 50 हजार प्रति ई-रिक्शा अनुदान दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कैलेण्डर तथा विभिन्न प्रचार सामग्री का भी विमोचन किया तथा महिलाओं को सेफ्टि नैपकिन किट भी वितरित किये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आंगनबाडी कार्यकत्रियों को मोबाईल तथा सुपर वाईजर केा टेबलेट उपलब्ध कराये जायेंगे ताकि उन्हें अपने कार्यो के सम्पादन में आसानी हो सके।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने महिलाओं से अपना उत्साह एवं आत्म विश्वास हर समय बनाये रखने को कहा। उन्होंने कहा कि धरती को हम मां कहते हैं धरती की भंाति महिलाओं में भी धारण करने की क्षमता है ।

प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों में भी महिला अधिकारी बेहतर क्षमता का प्रदर्शन कर रही है। प्रदेश में 03 डीएम, 04एसएसपी, 05 सीएमओ के अलावा अन्य महिला अधिकारी कार्यरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस में महिलाओं की भागीदारी 11 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इसका प्रतिशत 07 ही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश में 293 एएनएम को नियुक्ति पत्र जारी किये गये है। 380 वेकेंसी निकाली गई है। 481 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। जिसमें 193 महिलायें है उसमें भी 159 उत्तराखण्ड की है। 2100 एएनएम तथा 12 हजार आशा वर्करों का 02 लाख का बीमा का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश की आशा कार्यकत्रियों को वर्ष 2012-13 से रूकी हुई वार्षिक प्रोत्साहन धनराशि हेतु 33 करोड़ रूपये जारी कर दिये गये हैं। 108 योजना के तहत 61 एम्बुलेंस वाहन दी गई है। शीघ्र 111 और एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध कराये जायेंगे। हर जिले में आईसीयू स्थापित किये जा रहे है। प्रति आईसीयू पर दो करोड़ व्यय होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2011 में 0-06 का आयु लिंगानुपात प्रति 1000 के विपरीत 890 था।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अपील भी की कि वे सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिये संचालित विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं की जानकारी प्राप्त का उनका अधिक से अधिक उपयोग कर आर्थिक व सामाजिक रूप से मजबूत बने।

बीएसएफ फिर चर्चा में, जवान को मिली सजा जरा हट के

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में एक जवान को पीएम मोदी के नाम के आगे माननीय या श्री न लगाकर संबोधित करना भारी पड़ गया। इसकी कीमत उसे सात दिन के वेतन के रूप में गवानी पड़ी। बताया जा रहा है कि बीएसएफ ने इसे पीएम का अपमान मानते हुये सात दिन का वेतन काट लेने की सजा दी।

21 फरवरी को बीएसएफ के 15वें बटालियन के मुख्यालय महतपुर, नाडिया (पश्चिम बंगाल) में एक जवान संजीव कुमार ने एक रिपोर्ट देते हुए मोदी कार्यक्रम शब्द का इस्तेमाल किया।

बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कमांडेंट अनूप लाल भगत इससे काफी नाराज हुए और उन्होंने संजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया।

संजीव के खिलाफ संक्षिप्त सुनवाई हुई और उन्हें बीएसएफ एक्ट की धारा 40 (व्यवस्था के प्रति पक्षपात और बल का अनुशासन) के तहत दोषी पाया गया।

बीएसएफ के कई अधिकारियों ने इस सजा को थोड़ा सख्त बताया और कहा कि इसकी जरूरत नहीं थी।

वेस्ट को बेस्ट में बदलना आवश्यकः रामदेव

पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार में नव निर्मित भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा पतंजलि योगपीठ योग व आयुर्वेद को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। भारत को विश्वगुरू बनाना है तो योग व आयुर्वेद को बढ़ावा देना होगा।

पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में त्रिवेन्द्र बोले भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति विश्व में सर्वोपरि है। भारत योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से विश्व को शांति, सुख व स्वस्थ जीवन की परिकल्पना दे सकता है।

स्वस्थ विश्व की परिकल्पना के लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में निरन्तर शोध जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 21 जून को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग के माध्यम से भारत ने विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

आयुष मंत्री हरक सिंह ने कहा कि योग एवं आयुर्वेद का उल्लेख वेदों, उपनिषदों एवं पुराणों में प्राचीन समय से ही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोटद्वार के निकट चरक डाण्डा में देश का पहला आयुर्वेद शोध संस्थान बनाने का निर्णय लिया है।

स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत के निर्माण में ऋषि-मुनियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वेद, पुराण, उपनिषद एवं ऋषियों के तप एवं साधना के संस्कार भारतीय संस्कृति में हैं। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वदेशी वस्तुओं एवं उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। वेस्ट को बेस्ट में बदलना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एविडेन्स बेस मेडिसिन के रूप में औषधियों को प्रसिद्धि दिलाना एवं पाण्डुलिपियों का संरक्षण करना जरूरी है।

जानिए किसने कहा राजनीति बेहद कठिन, मगर मैं कर सकता हूं बदलाव…

सुपरस्टार रजनीकांत चेन्नई स्थित एक कॉलेज में छात्रों से कहा कि वे एक अच्छी सरकार चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब जयललिता नहीं रहीं, करुणानिधि भी बीमार हैं। उन्होंने एमजीआर का नाम लेते हुए कहा कि मैं उनकी तरह राज्य की सेवा कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि एमजीआर जैसे लोग हजारों साल में एक बार पैदा होते हैं।

एमजीआर एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में एमजीआर की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद रजनीकांत ने छात्रों से बातें कीं। रजनीकांत ने इस मौके पर एमजी रामचंद्रन की ही तरह सफेद धोती और शर्ट पहना था।

छात्रों से उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि राजनीति का रास्ता बेहद कठिन है, लेकिन मैं एक अच्छी सरकार का नेतृत्व कर सकता हूं। उन्होंने एमजीआर के शासन का जिक्र करते हुए कहा कि मैं राज्य की जनता को एक बार फिर से वैसी ही सरकार दे सकता हूं. ईश्वर मेरे साथ है और मुझे विश्वास है कि मैं राज्य में ये बदलाव ला सकता हूं।

रजनीकांत ने कहा कि एम करुणानिधि, जीके मुप्पनर और दूसरे नेताओं के साथ मेरे अच्छे संबंध रहे हैं। इन लोगों से मैंने राजनीति सीखी है। राजनीति के रास्ते में तमाम मुश्किलें, कठिनाइयां और दिक्कतें आती हैं। इसका रास्ता कांटों से भरा हुआ है, लेकिन आपका नजरिया साफ हो, तो आप सब कुछ पार कर सकते हैं।

रजनीकांत ने इस दौरान उन लोगों को भी जवाब दिया जो कलाकारों के राजनीति में आने पर सवाल उठा रहे हैं। रजनीकांत ने कहा कि मैं स्वागत की उम्मीद नहीं करता, लेकिन आप हतोत्साहित क्यों कर रहे हैं। मैं अभी सिर्फ 67 साल का हूं. राजनेता अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं, इसलिए हमें राजनीति में आना पड़ रहा है। पिछले साल के आखिरी दिन रजनीकांत ने राजनीति में आने का ऐलान किया था।

सरकार की योजनाओं की पहुंच गांव तक पहुंचेः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक सूचना तकनीकि की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया। प्रदेश का डाटा बेस सेन्टर शीघ्र तैयार करने, सभी न्याय पंचायतों में कामन सर्विस सेन्टर (सीएससी) की स्थापना के साथ ही वैलून तकनीकी के उपयोग पर ध्यान देने के भी निर्देश दिये है। आईटी के क्षेत्र में भारत सरकार के सहयोग से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये है।

सचिवालय में आईटी विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच गांवों तक सुनिश्चित हो तथा शासकीय कार्यकलापों, कार्यक्रमों व योजनाओं के साथ ही जन सुविधाओं से सम्बन्धित विभिन्न विषयों को आईटी से जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों तक आईटी की पहुंच सुनिश्चित होने से ग्रामीण क्षेत्रों तक योजनाओं व सुविधाओं का लाभ सुलभ हो सकेगा तथा शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। इससे स्मार्ट विलेज की कल्पना भी साकार हो सकेगी तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक शिक्षा के प्रसार एवं स्वस्थ मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर सूचना प्रौद्योगिकी का है। अतः इस दिशा में सभी विभागों को प्रभावी पहल करनी होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लोगों को आधार कार्ड बनाने में परेशानी न हो इसके लिये जिलाधिकारियों को आधार किट उपलब्ध कराये जाय तथा शासकीय कार्यालयों के माध्यम से भी यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने सभी विभागों में आईटी विभाग से समन्वय स्थापित कर योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने को कहा। उन्होंने आईटी विभाग के पुनर्गठन हेतु आवश्यक पदों के सृजन पर भी सहमति जतायी। उन्होंने कहा कि आईटी के अधिक से अधिक उपयोग से कार्यो में पारदर्शिता व सुगमता आयेगी।
निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अवगत कराया कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में संचार व्यवस्था हेतु एयरोस्टेट (बैलून) की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए आईआईटी मुम्बई से एमओयू किया गया है। परियोजना का प्रथम ट्रायल अहमदनगर में किया जा चुका है, जबकि दूसरा ट्रायल उत्तराखण्ड में अप्रैल में प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के अन्तर्गत ई साक्षरता हेतु मार्च 2019 तक पांच लाख छह हजार लोगों को प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। एक लाख पैंतालीस हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राज्य में ड्रोन पर शोध एवं प्रशिक्षण का कार्य किया जायेगा। मार्च 2018 तक एनटीआरओ केन्द्र प्रारम्भ किये जाने की योजना है। वर्ष 2018 में सभी 7095 ग्राम पंचायतों को कॉमन सर्विस सेंटर (सी.एस.सी) से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। अभी 6226 ग्राम पंचायतों में सी.एस.सी स्थापित हैं। प्रदेश के नागरिकों को प्रमाण पत्र एवं अन्य सेवाओं के लिए 131 ई-डिस्ट्रिक्ट केन्द्र, 16 सेवायोजन केन्द्र तथा 2160 कार्यशील सी.एस.सी के माध्यम से 16 सेवाएं पौड़ी तथा 13 सेवाएं राज्य के अन्य जिलों में प्रदत्त हैं।

सरकार ने नये फायर स्टेशन को दी हरी झंडी

प्रदेश सरकार ने पुलिस मुख्यालय द्वारा फायर स्टेशन संबंधी भेजे गये प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। दुर्गम व रिहायशी इलाकों में लगने वाली आग पर काबू पाने को प्रदेश में अब 33 स्टेशन खोलने की योजना है।

प्रदेश हर वर्ष फायर सीजन में लगने वाली आग में 20 से 25 करोड़ की संपत्ति स्वाहा होने के साथ सैकड़ों लोगों की जान खतरे में पड़ती है। आग से नुकसान के आंकड़े इसलिए भी आसमान छूते हैं क्योंकि प्रदेश के कई इलाकों में राज्य स्थापना के बाद से अब फायर स्टेशन तक नहीं खोले जा सके। लिहाजा दूरदराज के इलाकों से फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ती है और तब तक यहां आग बेकाबू होकर तांडव मचा चुकी होती है।

इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के उन 33 स्थानों पर फायर स्टेशन खोलने को प्रस्ताव भेजा है, जहां अब तक फायर स्टेशन नहीं खुले हैं। मगर अग्नि दुर्घटनाओं के लिहाज यह इलाके हमेशा संवेदनशील रहते हैं। इसमें गैरसैंण, बद्रीनाथ, श्रीनगर, डोईवाला, चंपावत, त्यूणी व भगवानपुर शामिल हैं, जहां फायर स्टेशन स्थापित करने को सरकार ने हरी झंडी दे दी है।

अब घर बुक करने पर बिल्डर नहीं दे पाएगा इनकम की गांरटी

अब रिएल एस्टेट और ज्वेलरी कारोबार में पॉंजी स्कीमों जैसे चलने वाले कारोबार को भी पॉंजी स्कीम माना जाएगा। साथ ही इन्हें रेगुलेट भी किया जायेगा। इसके लिये केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव करने को मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसे संसद में पेश किया जाएगा।

धोखाधड़ी को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने पॉन्जी स्कीम के दायरे में रिएल एस्टेट और ज्वेलर्स को भी शामिल किया है। पिछले दिनों देश के विभिन्न भागों में ऐसी घटनाएं सामने आई जिनमें गैर-कानूनी तरीके से जमा राशि लेने की योजनाओं के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई। इस तरह की योजनाओं के सबसे अधिक शिकार गरीब और ऐसे लोग हुए जिनको वित्तीय मामलों की जानकारी नहीं थी और ऐसी योजनाएं अनेक राज्यों में चल रही थीं।

केन्द्र सरकार का मानना है कि यदि कोई बिल्डर कुछ वर्षों में निश्चित रिटर्न के नाम पर लोगों को घर या प्रॉपर्टी बेचता है तो ऐसे ऑफर्स को पॉन्जी स्कीम की श्रेणी में रखा जाएगा। वहीं देश में कई ज्वेलर्स ग्राहकों को निवेश के लिए यह ऑफर के साथ उकसाते हैं कि यदि कोई ज्वेलरी खरीदने के लिए वह 11 इन्सटॉलमेंट भरते हैं तो 12 इन्सटॉलमेंट कंपनी की तरफ से भरा जाएगा। ऐसी स्थिति में भी ज्वेलर्स के ये ऑफर्स पॉन्जी स्कीम के दायरे में रहेंगे और केन्द्र सरकार का प्रस्तावित कानून इन्हें रेगुलेट करने के लिए सक्षम होगा।

गौरतलब है कि इस विधेयक पर फैसले से पहले अपने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि गैर-कानूनी जमा योजनाओं की बुराइयों को कम करने के लिए एक विधेयक का मसौदा सार्वजनिक किया जाएगा और उसे अंतिम रूप देने के बाद जल्द ही पेश किया जाएगा। इसी बजट भाषण को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार ने पॉन्जी स्कीमों के खिलाफ नए कानून का ऐलान किया है।

संशोधन के बाद इस तरह बदल जाएगी जमा योजना

पहला विधेयक में तीन अलग-अलग प्रकार के अपराध निर्धारित किए गए हैं, जिनमें अनियमित जमा योजनाओं को चलाना, नियमित जमा योजनाओं में धांधली और अनियमित जमा योजनाओं को गलत तरीके से प्रोत्साहन।

दूसरा, विधेयक में बचाव कार्य करने के लिए कड़ी सजा और भारी जुर्माने की व्यवस्था की गई है।

तीसराविधेयक में ऐसे मामलों में जमाराशि को निकालने अथवा उसकी अदायगी के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए है, जहां ऐसी योजनाओं के लिए अवैध तरीके से जमा राशि जुटाने में सफलता मिल जाती है।

चौथा, विधेयक में सक्षम प्राधिकार द्वारा संपत्तियों व परिसंपत्तियों को कुर्क करने और जमाकर्ताओं को अदायगी के लिए सम्परत्ति की अनुवर्ती वसूली का प्रावधान किया गया है।

पांचवा, संपत्ति की कुर्की और जमाकर्ताओं को धनराशि लौटाने के लिए स्पष्ट समय निर्धारित किया गया है।

छठां, विधेयक में एक ऑनलाइन केन्द्रीय डेटाबेस तैयार करने की व्यवस्था है जिससे देश में जमा करने की धनराशि लेने की गतिविधियों के बारे में सूचनाएं एकत्र करने और उन्हें साझा करने की व्यवस्था होगी।

सातवां, विधेयक में “जमाराशि लेने वाले” और “जमाराशि” को विस्तार से परिभाषित किया गया है।

आठवां, “जमाराशि लेने वालों” में धनराशि लेने वाली अथवा मांगने वाली सभी संभावित कंपनियां (व्यक्तियों सहित) शामिल होंगी। इनमें केवल उन विशिष्ट कंपनियों को शामिल नहीं किया जाएगा, जिन्हें कानून द्वारा शामिल किया गया है।

नवां, “जमाराशि” को इस तरीके से परिभाषित किया गया है कि जमा राशि लेने वालों पर प्राप्तियों के रूप में जनता की जमा राशि को छिपाने से रोक होगी और साथ ही अपने सामान्य व्यवसाय के दौरान किसी प्रतिष्ठान द्वारा धनराशि स्वीकार करने से रोक होगी।

दसवां, एक विस्तृत केन्द्रीय कानून होने के कारण विधेयक में कानून की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाया गया है साथ ही कानून के प्रावधानों को लागू करने की प्रमुख जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई है।

छापेमारी में नीरव मोदी के ठिकानों से हुयी 5100 करोड़ की संपत्ति जब्त

पंजाब नेशनल बैंक में हुये महाघोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी का भारत को छोड़ अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप व दुनिया के कई जगहों में कारोबार है। पीएनबी महाघोटाला प्रकाश में आने पर प्रवर्तन निदेशालय ने गुरूवार को अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के भारतीय ठिकानों पर छापेमारी की गयी।


एक्शन में आने के बाद ईडी ने बताया कि इस घोटाले की रकम हांगकांग से निकाली गई थी। अब ईडी हांगकांग के अधिकारियों के साथ संपर्क कर जानने की कोशिश कर रही है कि इस रकम का क्या हुआ। ईडी ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी समेत इस घोटाले के चार आरोपियों को पूछताछ के लिए समन भी जारी किया है।

गुरुवार को ईडी ने नीरव मोदी के जयपुर, सूरत, दिल्ली समेत कुल 17 स्थानों पर छापेमारी की। नीरव मोदी के दफ्तरों, शोरूम और वर्कशाप पर छापेमारी के दौरान करीब 5,100 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की।

पीएनबी में 11,360 करोड़ रुपये के घपले में नीरव मोदी की कंपनियों और बैंक की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा के कुछ अन्य खातों की संलिप्तता उजागर होने के एक दिन बाद बड़े स्तर कार्रवाई शुरू की गई है। पीएनबी के कम से कम 10 बैंक कर्मियों को निलंबित किया गया है, लेकिन पीएनबी की कर्ज अनुमति कमेटी या निदेशक मंडल से कोई इनमें शामिल है या नहीं, यह अभी साफ नहीं हुआ है।

सीबीआई ने पिछले सप्ताह मोदी और उनकी पत्नी एमी और भाई निशाल व मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इससे पहले पीएनबी ने 29 जनवरी को 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर इन चारों के खिलाफ शिकायत की थी।

यह धोखाधड़ी का मामला साल 2011 का है. बताया जाता है कि नीरव मोदी ने पीएनबी और अन्य बैंकों को लिखा था कि वह बकाए की वापसी कर देंगे। मालूम हो कि नीरव मोदी का कारोबार भारत के अलावा यूरोप, अमेरिका, ब्रिटेन, मध्यपूर्व और सुदूर पूर्व में भी है।

आपको बता दें कि इस घोटाले की रकम विजय माल्या के 9,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने से मुकरने से बड़ी है। बैंकों को चूना लगाने के ये मामले तब उजागर हो रहे हैं जब बैंकों के डूबे हुए कर्ज को लेकर भारतीय बैंकिंग प्रणाली सवालों के दौर से गुजर रही है।

फिल्म बत्ती गुल, मीटर चालू के मुहूर्त को पहुंचे त्रिवेन्द्र

अब उत्तराखंड सरकार ने फिल्म निर्माताओं से शूटिंग टैक्स नहीं लेने का मन बनाया है। यह बात स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कही। गौरतलब है कि नई टिहरी में बत्ती गुल, मीटर चालू फिल्म की शटिंग शुरू हो गयी है। जिसके शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री भी पहुंचे और उन्होंने फिल्म शूटिंग को प्रोत्साहित करने के उत्तराखंड में शूटिंग टैक्स नहीं लेने की बात कही।

आपको बता दें कि शूटिंग के लिए प्रतिदिन दस हजार रुपये के हिसाब से टैक्स लिया जाता है। जिसे अब नहीं वसूला जायेगा। कहा कि टिहरी में शूटिंग होने से अन्य निर्माता भी यहां आने के लिए प्रेरित होंगे।

यहीं नहीं मुख्यमंत्री ने फिल्म अभिनेता शाहिद कपूर को मलेथा के वीर भड़ माधों सिंह भंडारी, प्रतापनगर के वीर गंगू रमोला के साथ ही परियों के देश कहे जाने वाले खैट पर्वत की कहानी भी सुनायी। इस दौरान शाहिद कपूर ने बड़ी तन्मयता के साथ सीएम की बातों को समझा।

सीएम ने शाहिद को बताया कि यहां की धरती पर अनेक ऐसे वीर हुए हैं, जिनके बारे में लिखा गया है। फिल्म के निर्देशक श्रीनारायण सिंह ने बताया कि नई टिहरी उन्हें बेहद पसंद आया है और यहां पर शानदार लोकेशन हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म में भी शहर का नाम नई टिहरी ही रखा गया है। फिल्म में नाम नहीं बदला जाएगा। फिल्म में कुछ स्थानीय कलाकारों को भी लिया गया है।

इससे पूर्व शाहिद कपूर ने अपने प्रशंसकों को अपनी एक झलक के लिये काफी इंतजार भी कराया। सुबह से ही पडियार भवन में शूटिंग के लिए गए शाहिद दो बजे मकान से बाहर आए और सीधा वेनिटी वैन में चले गए। इस दौरान वहां सड़क के ऊपर खड़े प्रशंसकों को निराश होना पड़ा।

इसके बाद मुख्यमंत्री के आने से शाहिद ही झलक को बेताब प्रशंसकों के लिये अच्छा रहा। इस दौरान प्रशंसक शाहिद को देख पाए। साथ ही शाहिद की तस्वीर भी अपने कैमरे में कैद कर सके।