देहरादून में हुआ सीएम का भव्य रोड शो, भारी भरकम जुड़ी जनता


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ’नारी शक्ति महोत्सव’ के अंतर्गत देहरादून के त्यागी रोड से लेकर बन्नू स्कूल मैदान तक आयोजित भव्य रोड शो में प्रतिभाग किया। इस दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित महिलाओं, क्षेत्रीय जनता ने मुख्यमंत्री का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस दौरान क्षेत्रीय जनता के स्वागत से मुख्यमंत्री अभिभूत नजर आए। मुख्यमंत्री ने भी लोगों पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया।

इस अवसर पर सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह,विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सहदेव सिंह पुंडीर, सविता कपूर, बृज भूषण गैरोला, भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

देहरादून में दहशत का पर्याय बना गुलदार पकड़ा गया

देहरादून में दहशत का पर्याय बने गुलदार को वन विभाग की टीम आखिरकार पकड़ने में कामयाब हुई है। गुलदार के पकड़े जाने के बाद स्थानीय निवासियों एवं वन विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद में बढ़ते गुलदार के हमलों के मद्देनजर वन विभाग को जल्द से जल्द गुलदार को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए थे।

गौरतलब है कि करीब दो माह पूर्व सिगली गांव में घर के आंगन से गुलदार ने एक चार वर्षीय बच्चे को उठाकर निवाला बना लिया था। इसके कुछ समय बाद ही सोंधोवाली क्षेत्र में रिस्पना नदी के पास भी गुलदार ने एक बालक पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। अभी कुछ दिन पहले गलजवाड़ी गांव में भी गुलदार ने एक 9 वर्षीय बच्चे पर हमला कर उसे अपना निवाला बना लिया था। इसे लेकर क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त था।

वन विभाग की ओर से लगातार गुलदार को पकड़ने के प्रयास किये जा रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गुलदार के बढ़ते हमलों के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द गुलदार को पकड़ने के निर्देश दिए थे। मसूरी वन प्रभाग में रेंजर राकेश नेगी ने बताया कि गुलदार को किमाड़ी गांव में लगाए गए पिंजड़े में कैद कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले काफी समय से इस गुलदार की तलाश की जा रही थी।

सीएम ने किया शहीद आईटीबीपी के परिजनों को सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटीबीपी कैंपस सीमाद्वार, देहरादून में आईटीबीपी उत्तरी सीमान्त मुख्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ’रेजिंग डे’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आइटीबीपी जवानों के साथ रात्रिभोज किया। साथ ही बड़ी संख्या में मौजूद जवानों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने आइटीबीपी बैंड के जवानों को उपहार देकर सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी के शहीद जवानों के परिजनों एवं सेवानिवृत्त सैनिकों को सम्मानित किया। उन्होंने सिलक्यारा रेस्क्यू टनल ऑपरेशन में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले आइटीबीपी जवानों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी की 16 नई गठित अग्रिम चौकियों के लिए शीघ्र ही भूमि उपलब्ध करवा दिए जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आईटीबीपी पिछले 06 दशकों से देश की सेवा हेतु हमेशा तत्पर है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी आईटीबीपी के जवान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते है। विपरीत परिस्थिति में सीमाओं पर चौकस रहने के लिए अनुशासन और वीरता की भावना अहम होती है। आईटीबीपी के जवानों का अनुशासन, उनकी वीरता और देश सेवा की भावना अतुलनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सैनिक परिवार से होने के कारण उन्होंने फौज के अनुशासन को बचपन से देखा और जिया है। जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी होता है, अनुशासन समाज को एक सभ्य समाज बनाता है। व्यक्ति कैरेक्टर में डिसिप्लिन से आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य तक जरूर पहुंचता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आईटीबीपी के जवान हिमालयी क्षेत्रों में आयी विभिन्न आपदाओं में राहत अभियानों का संचालन करते हैं। शीतकाल में कपाट बंद होने के बाद हमारे चारों धामों, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी आईटीबीपी के सशक्त और जिम्मेदार हाथों में होती है। चुनौतीपूर्ण माहौल में भी आईटीबीपी के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। उन्होंने उत्तराखंड को देवभूमि के साथ ही वीरभूमि भी बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देशन में सैनिकों एवं उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाने से लेकर शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है। उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं एवं वेटरन की पेंशन प्रतिमाह 8 हजार रूपये से बढ़ाकर 10 हजार रूपये करने का भी निर्णय लिया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की गई है।
इस अवसर पर आईजी संजय गुंज्याल, आईजी पी.एस डंगवाल, डीआईजी मन्नू महाराज, कमांडेंट पीयूष पुष्कर एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

जौनसार बावर की पौराणिक संस्कृति, देश व दुनिया में रखती है अपनी अलग पहचान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है। उत्तराखंड ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर अगर कहीं पौराणिक लोक संस्कृति को जीवित रखने और संजोए रखने का कार्य प्रमुखता से किया गया है तो वो हमारा जौनसार बावर का क्षेत्र है। जौनसार बावर की पौराणिक संस्कृति, देश व दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है।
कौलागढ़ स्थित अम्बेडकर, स्टेडियम में जौनसार बावर सेवावृत्त कर्मचारी मण्डल द्वारा आयोजित दो दिवसीय जौनसार बावर सांस्कृतिक महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोजकों को बधाई दी तथा लोक कलाकारों द्वारा आयोजित लोक नृत्य में सामिल होने से स्वयं को रोक नहीं पाये। लोक कलाकारों के साथ झूमते हुए मुख्यमंत्री ने लोक कलाकारों का उत्साह बर्धन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जौनसार बावर भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 50 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस भवन का उपयोग जरूरतमंद छात्रों के अध्ययन के लिये भी किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जौनसार बाबर के संस्कृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्कृति अनोखी है इसे बचाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के साथ ही प्रतिवर्ष ऐसे महोत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। यह सांस्कृतिक समारोह हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान करने के साथ आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य कर रहा है। राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह सांस्कृतिक समारोह, निश्चित रूप् से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का भी कार्य करेगा। ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने कहा कि हरीपुर में घाट निर्माण से उसके पौराणिक महत्व को भी पहचान मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हमें आगे बढ़ना है तथा भारत को पुनः विश्व गुरू के पद पर आरूढ़ करने के लिए हर परिस्थिति को पार करना है। हमें अपने श्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के ‘विकल्प रहित संकल्प‘ को प्राप्त करने हेतु भी निरंतर प्रयास जारी रखने हैं। ये सभी प्रयास तभी सफल होंगे जब हमें आप सभी का विशेष सहयोग और समर्थन मिलता रहेगा। उन्होंने सभी से राज्य के विकास में सहयोगी बनने की भी अपेक्षा की।
इस अवसर पर विकास नगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे जनजाति छात्रों के हित में सदैव प्रयासरत रहते हैं।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान सेवावृत्त कर्मचारी मण्डल के अध्यक्ष रणवीर सिंह तोमर, संरक्षक तुलसी सिंह तोमर, उपाध्यक्ष अतर सिंह, सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान, भाजपा नेता प्रताप सिंह रावत, मूरत राम शर्मा, राम शरण नौटियाल सहित बड़ी संख्या में लोक उपस्थित थे।

राज्य में प्रचलित सभी ब्रांड की गुणवत्ता में सुधार करने को हाउस आफ हिमालयास कंपनी का गठन

राज्य में प्रचलित सभी ब्रान्ड के उत्पादों की पहुंच बढ़ाने, गुणवत्ता में सुधार करने, मानकीकृत पैकेजिंग सुनिश्चित करने और ब्रान्डिंग एवं विपणन करने हेतु House of Himalayas Company तथा अम्ब्रेला ब्रान्ड – House of Himalayas का गठन किया गया है। Company के पंजीकरण / विधिमान्यकरण आदि कार्यवाहियां प्रचलित है। प्रथम चरण में दिल्ली एवं देहरादून में House of Himalayas Brand के आउटलेट / स्टोर खोले जाने की कार्यवाही भी गतिमान है।

Women on Wings (WoW½ एक नीदरलैन्ड बेस्ड गैर सरकारी संस्था है, जो ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की स्थायी आजीविका का निर्माण करने एवं रोजगार बढ़ाने के क्षेत्र में वर्ष 2007 से कार्य कर रही है। वर्तमान में उक्त संस्था सम्पूर्ण भारत में लगभग 50 से ज्यादा सामाजिक उपक्रमों एवं महाराष्ट्र तथा झारखण्ड की राज्य संस्थाओं के साथ कार्य कर रही है।

House of Himalayas की Branding / Marketing हेतु Business Plan / Road Map विकसित करने में सहायता के उद्देश्य से उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति ( UGVS ) एवं Women on Wings (WoW) के साथ गैर वित्तीय समझौता ज्ञापन ( MoU) निष्पादित किया गया है, जिसके अनुसार Women on Wings (WoW) House of Himalayas Company के संचालन हेतु SoP तैयार करने, House of Himalayas Brand को Scalable and Sustainable Brand के रूप में स्थापित करने, Business Strategy, Branding, Marketing, Product Pricing, Positioning, Supply Chain Creation, Capacity Building of Human Resource आदि तथा महिला उत्पादकों की सतत् आजीविका सृजित करने में UGVS@House of Himalayas Company को सहायता प्रदान करेगी।

मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन द्वारा ग्राम्य विकास विभाग की इस पहल को काफी सराहा गया तथा यह निर्देशित किया गया कि House of Himalayas की Website एवं Storeखोले जाने के संबंध में तत्काल कार्यवाही की जाय।

राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम को राज्य सरकार ने अपने नियंत्रण में लिया

नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल के निर्देशों का अनुपालन न किये जाने के कारण राजीव गांधी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के संचालन हेतु अधिकृत की गई फर्म मे देहरादून इन्टीग्रेटेड अरीना लि. से सम्पत्ति को खाली कराकर राज्य सरकार के नियंत्रण में लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में खेल अवस्थानात्मक सुविधाओं को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में ये निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में खेल परिसम्पत्तियों के संरक्षण एवं आगामी राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन में भी मदद मिलेगी। ज्ञातव्य है कि राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को निविदा के आधार पर मेर्सस आई०टी०यू०ए०एल० को दिया गया था जिस हेतु उनके द्वारा देहरादून इन्टीग्रेटेड अरीना लि० कम्पनी को निर्मित कर राज्य सरकार के साथ मई, 2018 में अनुरक्षण एवं संचालन हेतु अनुबंन्ध गठित किया गया था। कोविड महामारी काल में उक्त कंपनी ने स्टेडियम के संचालन हेतु प्रर्याप्त वित्तीय संसाधन के अभाव में इन्सोल्वेन्सी हेतु मा० एन०सी०एल०टी में वाद दायर किया गया था। मा० एन०सी०एल०टी द्वारा इस हेतु आई०आर०पी० श्री अन्सुल पठानिया को रिजोल्यूशन प्लान हेतु नियुक्त किया गया था। माह नवम्बर, 2023 में मा० एन०सी०एल०टी द्वारा मेर्सस ट्राइवर इन्टरप्राइजेज के रिजोल्यूशन प्लान को स्वीकार करते हुये आदेश निर्गत किये गये थे। परन्तु उक्त कम्पनी द्वारा नई संचालन एजेंसी के रूप में राज्य सरकार से ना तो अनुमोदन प्राप्त किया गया ना ही मूल अनुबंधी शर्तों के अनुरूप एस्क्रो खाता खोला गया और ना ही अपेक्षित बैंक गारंटी उपलब्ध करायी गई, अपितु स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजन हेतु विभिन्न संस्थाओं से धनराशि बुकिंग हेतु ली गयीं।
एनसीएलटी के निर्णय उपरान्त मै. देहरादून इन्टीग्रेटेड अरीना लि० को अनुबन्ध की नियमों के पालन हेतु दिनांक 12.12.2023 को अनुबन्ध की शर्तों अनुसार नोटिस दिया गया था जिसका संज्ञान उनके द्वारा नहीं लिया गया तथा प्रतिनिधियों द्वारा बैठक हेतु समय मांगने उपरान्त भी बैठक हेतु नहीं आये। नयी संस्था द्वारा की जा रही बुकिंग के विरूद्ध थाना रायपुर मे एक प्राथमिकी भी पीड़ित संस्था द्वारा दर्ज की गयी है जिसकी जांच पुलिस स्तर पर गतिमान है। राज्य एवं परिसंम्पत्ति के संरक्षण हित में दिनांक 13.02.2024 को पुनः नोटिस जारी कर संपत्ति को खाली करने के निर्देश दिये गये थे जिसके क्रम में आज दिनांक 17.02.2024 को संस्था द्वारा परिसर को रिक्त कर दिया गया है एवं राज्य सरकार द्वारा जन हित में स्टेडियम का नियंत्रण ले लिया गया है।

शौर्य, साहस और शालीनता के प्रतीक थे जनरल रावतः राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में नंदा की चौकी स्थित द टोंस ब्रिज स्कूल में देश के प्रथम सीडीएस जनरल स्व. बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण किया।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सेनानियों की भूमि है और इसे वीरभूमि कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य मेरे हृदय के बेहद करीब है और यहां के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देखकर मेरा मन बहुत प्रफुल्लित होता है, वह स्वाभाविक रूप से प्रशंसा के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास की नई बुलंदियों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे आज इस स्कूल परिसर में जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा के अनावरण का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि जनरल रावत की प्रतिमा सदैव यहां के छात्रों व आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य करती रहेगी। जनरल रावत के व्यक्तित्व और वैल्यूज को जनता के बीच में लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनरल रावत का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। जिस दिन यह हादसा हुआ तब भी ऑन ड्यूटी थे और देश की सेवा कर रहे थे। यह उनकी निष्ठा और राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जनरल रावत से बेहतर रोल मॉडल छात्रों के लिए और कोई नहीं हो सकता।

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्कृष्ट व आधुनिक हथियार देकर सेना को लगातार मजबूत करने के कार्य में जुटी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि जनरल रावत शौर्य, साहस और शालीनता के प्रतीक थे और यह तीनों गुण उसी में होते हैं जो आध्यात्मिक होगा। उन्होंने कहा कि जनरल रावत का मन बहुत बड़ा था। उन्हें गोली भी लगी, वे जाबांज पराक्रमी सैनिक और एक अच्छे इंसान थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में जनरल रावत सेनाध्यक्ष रहने के साथ ही देश के प्रथम सीडीएस बने।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्व. जनरल बिपिन रावत जी की 08 दिसम्बर 2021 को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के वीर सैनिकों का अति विशिष्ट योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं, वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट मौका भी है। स्व.जनरल बिपिन रावत ने भी अपने जीवनकाल में उत्तराखंड की इसी सैन्य परम्परा का निर्वहन किया। मातृभूमि के लिए उनकी चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 दिसम्बर 1978 को जनरल रावत को 11 जी.आर. की 5 वीं बटालियन में कमिशन मिला और उस दिन से लेकर जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जिए। उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना ,ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण तथा देश को रक्षा आवश्यकताओं के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाये जाने हेतु स्व. जनरल बिपिन रावत द्वारा विशेष प्रयास किये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. जनरल बिपिन रावत ने पूरी लगन से भारत की सेवा की, वे एक सच्चे देशभक्त और एक उत्कृष्ट योद्धा थे, सामरिक मामलों पर उनकी अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण असाधारण थे। जनरल बिपिन रावत जी “High Altitude Warfare“ और “Counter Insurgency operations“ के महारथी थे।अनेक उदाहरण हैं जब कठिन चुनौतियों में उनकी रणनीति और उत्कृष्ट नेतृत्व कौशल ने देश को गौरवान्वित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए नए कीर्तिमान स्थापित किए। वे देश के साथ – साथ अपने राज्य उत्तराखंड की धरती से भी बहुत प्रेम करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर वे एक और महान व्यक्ति, हमारे पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम को भी नमन करते हैं। जिस उद्देश्य के लिए देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने इस विद्यालय की नींव रखी थी, उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए स्कूल प्रबंधन निरन्तर प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब अम्बेडकर ने कहा था कि ’’शिक्षा से अधिक महत्व चरित्र का होता है, परंतु अच्छी शिक्षा अच्छे चरित्र के निर्माण में सहायक होती है’’। शिक्षा हमें उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का उचित समाधान भी उपलब्ध कराती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का जो नारा दिया है उस नारे को हमें सार्थक करके दिखाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, आईएमए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन, जनरल बिपिन रावत की पुत्री तारिणी रावत, विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, स्कूल के प्रबंधक विजय नागर आदि उपस्थित रहे।

समान नागरिक संहिता विधेयक पास होने के पीछे उत्तराखण्ड की जनता की शक्ति-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गुरुवार को सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में प्रदेश में समान नागरिक संहिता विधेयक विधान सभा से पारित होने पर गर्मजोशी से स्वागत के साथ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्वर्णिम देवभूमि परिषद द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में बडी संख्या में बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू किये जाने के लिये मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सभी ने प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने राज्य विधान सभा में नागरिक संहिता विधेयक पास होने के पीछे उत्तराखण्ड की जनता की शक्ति बताते हुये कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह कानून मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्र सरकार तथा प्रदेश की देवतुल्य जनता का भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे देश का नेतृत्व आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम हाथों में है, जिनके लिए देश सर्वप्रथम है, जो इस देश को ही अपना परिवार समझते हैं और अपने परिवारजनों का सुख-दुःख ही उनका सुख-दुःख है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने समान नागरिक संहिता पर देवभूमि की सवा करोड़ जनता से किये गए अपने वादे को निभाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जनता के हैं और जनता हमारी है, यह कानून जनता के लिये है, जनता की भलाई, समता और समानता के लिये बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की जनता से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ’’एक भारत और श्रेष्ठ भारत’’ मन्त्र को साकार करने के लिए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना आशीर्वाद देकर पुनः सरकार बनाने का मौका दिया। सरकार गठन के तुरंत बाद, जनता जर्नादन के आदेश को सिर माथे पर रखते हुए हमने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की। इस समिति के सदस्यों में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, समाजसेवी मनु गौड, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह एवं दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल को सम्मिलित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सीमांत गांव माणा, जिसे हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश का प्रथम गांव घोषित किया है, वहां से प्रारंभ हुई जनसंवाद यात्रा के दौरान 43 जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर समिति को विभिन्न माध्यमों से लगभग 2.33 लाख सुझाव प्राप्त हुए। प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों द्वारा किसी कानून के निर्माण के लिए अपने सुझाव देने का देश में यह पहला अतुलनीय उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राप्त सुझावों का अध्ययन कर समिति ने उनका रिकॉर्ड समय में विश्लेषण कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से इस देवभूमि से निकलने वाली मां गंगा अपने किनारे बसे सभी प्राणियों को बिना भेदभाव के अभिसिंचित करती है उसी प्रकार राज्य विधान सभा से पारित समान नागरिक संहिता के रूप में निकलने वाली समान अधिकारों की संहिता रूपी ये गंगा हमारे सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात संविधान स्वयं करता है, क्योंकि हमारा संविधान एक पंथनिरपेक्ष संविधान है। यह एक आदर्श धारणा है, जो हमारे समाज की विषमताओं को दूर करके, हमारे सामाजिक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि माँ गंगा-यमुना का यह प्रदेश, भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, आदि कैलाश, ऋषि-मुनियों-तपस्वियों, वीर बलिदानियों की इस पावन धरती ने एक आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लिखित होने के बावजूद अब तक इसे दबाये रखा गया। 1985 के शाह बानो केस के साथ इसी देवभूमि की बेटी सायरा बानो ने दशकों तक न्याय के लिये संघर्ष किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता, विवाह, भरण-पोषण, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह विच्छेद जैसे मामलों में भेदभाव न करते हुए सभी को बराबरी का अधिकार देगा और जो प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार भी है। समान नागरिक संहिता समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों को रोका जाए। हमारी माताओं-बहन-बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त किया जाए। हमारी आधी आबादी को सच्चे अर्थों में बराबरी का दर्जा देकर हमारी मातृशक्ति को संपूर्ण न्याय दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत का सपना देखने के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर अग्रसर है। उनके नेतृत्व में सैंकड़ों वर्षों के बाद अयोध्या में रामलला अपने जन्मस्थान पर विराजमान हुए हैं, और मातृशक्ति को सशक्त करने के लिए विधायिका में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस संहिता में पुरुष व महिलाओं को बराबरी का दर्जा देते हुए विवाह विच्छेद से संबंधित मामलों में विवाह विच्छेद लेने के समान कारण और समान अधिकार दिए गए हैं। समान नागरिक संहिता में महिला के दोबारा विवाह करने से संबंधित किसी भी प्रकार की रूढ़िवादी शर्तों को प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे इस कदम से उन कुप्रथाओं का अंत होगा जिनसे महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई जाती थी।
मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता में लिव इन संबंधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए कहा कि एक वयस्क पुरुष जो 21 वर्ष या अधिक का हो और वयस्क महिला जो 18 वर्ष या उससे अधिक की हो, वे तभी लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे, जब वो पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में न हों और कानूनन प्रतिबंधित संबंधों की श्रेणी में न आते हों। लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिव-इन में रहने हेतु केवल पंजीकरण कराना होगा जिससे भविष्य में हो सकने वाले किसी भी प्रकार के विवाद या अपराध को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देकर उनसे किए गए वादे को निभाया है। उन्होंने कहा कि इन सभी निर्णयों से यह स्पष्ट है कि हमने इस दशक में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति की है। वही दशक जिसका हमारी माताएं-बहनें, बरसो से इंतजार कर रही थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश हित में यू.सी.सी. के साथ कठोर नकल विरोधी कानून बनाया है। अब भारत की संसद ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है। प्रदेश में अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध सख्ती से कार्यवाही कर 05 हजार है. सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है। देवभूमि के स्वरूप को बनाये रखने के लिये, धर्मांतरण को रोकने के लिये भी कानून बनाया गया है। भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिये 1064 एप पर शिकायत की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी रूप में बरदास्त नहीं किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें कई देशों में जाने का अवसर मिला। वे जहां भी गये वहां लागों का देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति लगाव उन्हें देखने को मिला, जो इस महान देवभूमि की महिमा का ही परिणाम है।

29.76 करोड़ की लागत से सीएम ने किया एकीकृत भवन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.टी पार्क देहरादून में लेखा परीक्षा विभाग, रजिस्ट्रार चिट्स फर्म्स एवं सोसायटी तथा अर्थ एवं संख्या के नव निर्मित एकीकृत भवन का लोकार्पण किया। इस भवन का निर्माण ब्रिटकुल द्वारा 29.76 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है।

मुख्यमंत्री ने तीनों विभागों को अपना भवन मिलने पर विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सबके प्रयासों से यह भवन जल्द बनकर तैयार हुआ। विभागों को अपना भवन मिलने से कार्यों के संचालन में आ रही कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण राज्य सरकार का मूल मंत्र है। तीन विभाग एक ही भवन पर संचालित होने से लोगों को आसानी होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि तीनों विभागों को अपना भवन मिलने से विभागों की कार्यक्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यहां पर आने वाले आगंतुकों की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से कार्य कर रही है। हर विभाग को लक्ष्य दिया गया कि राज्य और जनहित में कोई महत्वपूर्ण योजना और कार्यों पर कार्य करें, जो प्रदेश की जनता के लिए समर्पित हो। उन्होंने कहा कि हर विभाग को अपने कार्य व्यवहार में नवाचार लाने होंगे। सभी अधिकारी और कर्मचारी जिस विभाग में भी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें अपने विभाग में अपना अहम योगदान देना होगा, जिससे उनके योगदान को हर कोई लंबे समय तक याद रख सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह सभी विभागों का दायित्व है कि उनके सभी कार्यालय स्वच्छ हों।

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि तीनों विभागों को अपना भवन मिलने के बाद कार्य करने में सुगमता होगी। इससे विभागीय कार्मिकों में कार्यों के प्रति दक्षता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रयोजन से तीनों विभागों के लिए एकीकृत भवन बनाया गया है, उसका आम आदमी को पूरा लाभ मिलना जरूरी है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एस.एन. पाण्डेय एवं तीनों विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री धामी ने किया आईटीडीए का औचक निरीक्षण, दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटीडीए का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्प लाईन 1905 और इन्टीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाईन के कंट्रोल रूम से अल्मोड़ा जनपद के पच्योना गांव के निवासी लाल सिंह की समस्या सुनी। उन्होंने जिलाधिकारी अल्मोड़ा को निर्देश दिये कि शिकायत का शीघ्र संज्ञान लेते हुए समाधान किया जाए। लाल सिंह ने सीएम हेल्पलाईन 1905 पर शिकायत की थी कि खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया गया है। जिसके कारण क्षेत्रीय राशन डीलर द्वारा उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लाल सिंह से बात करते हुए कहा कि उनकी समस्या का शीघ्र समाधान किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारी अल्मोड़ा को निर्देश दिये हैं कि जिला पूर्ति अधिकारी अल्मोड़ा के स्तर पर लंबित इनकी समस्या का समाधान जल्द कराया जाए।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने आई.टी.डी.ए के इन्टीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर से यातायात व्यवस्थाओं का अवलोकन भी किया। उन्होंने यातायात व्यवस्थाओं में लगे सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि यातायात की सभी व्यवस्थाएं सुदृढ़ रखी जाए। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्यवाही भी की जाए। सीएम हेल्पलाईन 1905 के कंट्रोल रूम के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम में कार्य कर रहे कार्मिकों से कहा कि लोगों की विभिन्न समस्याओं से संबंधित जो भी फोन कॉल आ रहे हैं, लोगों से शालीनता से बात कर उनकी समस्याएं सुने और जिस विभाग से संबंधित शिकायत है, यथा शीघ्र संबंधित विभागों को भेंजे। मुख्यमंत्री हर माह स्वयं सीएम हेल्पलाईन 1905 की विस्तृत समीक्षा करते हैं। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान आई.टी.डी.ए की विभिन्न गतिविधियों का जायजा भी लिया।

इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी भी मौजूद थे।