मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक बयान में कहा है कि शराब बिक्री के बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही है, वह निराधार है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी सरकार ने एक पारदर्षी आबकारी नीति लागू की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार एफएल-5एम/डीएस के नाम से एक पॉलिसी लाई थी। जिसके अंतर्गत मॉल/डिपार्टमेंटल स्टोर में 02 लाख रूपए का शुल्क देकर लाइसेंसधारियों को विदेषी शराब बेचने का अधिकार दिया गया था। हमारी सरकार ने इस पॉलिसी के दुरूपयोग को रोकने हेतु नए कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए प्रावधानों के तहत मॉल/डिपार्टमेंटल स्टोर का लाइसेंस शुल्क 02 लाख से 05 लाख कर दिया गया है। साथ ही ये प्रावधान भी किया गया है कि यह लाइसेंस तब दिया जाएगा, जब उस स्टोर का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये से अधिक हो। इससे वास्तविक डिपार्टमेंटल स्टोर ही उक्त अनुज्ञापन प्राप्त कर सकेंगे।
सीएम ने मीडिया व जनता से अपील की है कि इस मुद्दे पर भ्रामक खबरों या दुष्प्रचार से बचें। एफएल-5एम/डीएस पॉलिसी में किए गए संषोधन परचून किराना स्टोर में शराब बेचने के लिए नहीं है बल्कि पहले से चली आ रही पॉलिसी का दुरूपयोग रोकने का एक ईमानदार एवं पारदर्षी कदम है।
सरकार शराब को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं है, बल्कि इसके लिए बनाये नियमों का पारदर्षी तरीके से लागू करने का प्रयास कर रही है।
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