जंगली पिक्चर्स ने सीएम ने सोशल मीडिया के जरिए सीएम का जताया आभार

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता कम्पनी जंगली पिक्चर्स ने अपनी फिल्म बधाई दो की शूटिंग और सब्सिडी के लिए उत्तराखण्ड में मिले सहयोग हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद दिया है। जंगली पिक्चर्स ने मुख्यमंत्री धामी को अपने सोशल मीडिया पोस्ट (ट्वीट और इंस्टा) पर टैग करते हुए लिखा हैः-
‘‘मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद का उनके सहयोग और गर्मजोशी से भरे आतिथ्य हेतु हार्दिक धन्यवाद। बधाई दो फिल्म के लिए शूटिंग की अनुमति देने से लेकर सब्सिडी स्वीकृत करने तक उनकी कार्यप्रणाली वास्तव में सराहनीय है। हम एक बार फिर सुरम्य राज्य उत्तराखण्ड में शूटिंग करने के अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
जंगली पिक्चर्स के इस पोस्ट को बधाई दो के अभिनेता प्रसिद्ध स्टार राजकुमार राव ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर शेयर करते हुए लिखा ‘‘धन्यवाद सर’’।
उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बंशीधर तिवारी ने फिल्म निर्माता को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माताओं के लिए एक आदर्श वातावरण तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है।
बंशीधर तिवारी ने कहा कि राज्य में फिल्म निर्माण को एक उद्योग की भांति बढ़ावा दिया जायेगा। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में रोजगार सृजन पर फोकस किया जा रहा है। नई फिल्म नीति में क्षेत्रीय फिल्मों को प्रोत्साहन देने के लिए उनको दी जाने वाली सब्सिडी में उल्लेखनीय वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य के अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर शूटिंग को प्रोत्साहन देने के लिए भी नीति बना ली गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के शूटिंग लोकेशनों और फिल्म निर्माण से जुड़े कलाकारों तथा तकनीशियनों हेतु डायरेक्ट्री बनाने के लिए सूचना संकलन का कार्य प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि हाल में ही लागू की गई निजी औद्योगिक क्षेत्र स्थापना नीति-2023 के अंतर्गत भी निजी फिल्म सिटी, स्टूडियो एवं अन्य उपक्रमों को बढ़ावा मिलेगा। कई बड़े फिल्म निर्माता राज्य में फिल्म निर्माण, फिल्म सिटी, फिल्म संस्थान हेतु बातचीत कर रहे हैं।
उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक डॉ. नितिन उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष बड़े बैनर की दो हिन्दी फिल्मों बधाई दो (जंगली प्रोडक्शन) तथा तड़प (साजिद नाडियाडवाला प्रोडक्शन) को सब्सिडी दी गई है। जिन्होंने अपनी कुल शूटिंग का 75 प्रतिशत से अधिक उत्तराखण्ड में शूट किया है। कुछ अन्य हिन्दी और क्षेत्रीय फिल्मों की सब्सिडी हेतु भी कार्यवाही गतिमान है। पिछले वर्ष बनी कई फिल्में रिलीज होने के बाद सब्सिडी हेतु आवेदन करेंगी। पिछले एक वर्ष में लगभग 200 फिल्म शूटिंग अनुमतियां जारी की गई हैं। अभी राज्य में कई फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग चल रही हैं या शीघ्र प्रस्तावित हैं। इन फिल्मों में फिर आई हसीन दिलरूवा, राज और डी के निर्मित वेब सीरीज सिटाडेल इंडिया, पुतुल, मेघना गुलजार की सैम बहादुर प्रमुख हैं।

प्रदेश की आर्थिकी को सशक्त बनाने को सीएम ने किया विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि समूहों के साथ संवाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रदेश की आर्थिकी को सशक्त बनाने के लिये कृषि, बागवानी, उद्योग, व्यापार आदि समूह के प्रतिनिधियों से संवाद कर उनके सुझाव एवं विचारों से अवगत हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको मिलकर उत्तराखण्ड को सशक्त राज्य बनाने का संकल्प लेना होगा।
उन्होंने कहा कि इस संवाद से प्राप्त होने वाले सुझावों को आगामी बजट में समावेश करने के प्रयास किये जायेंगे। सुझाव देने वालों को अपने अपने क्षेत्रों की क्रीम बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने में भी निश्चित रूप से मदद मिलेगी।

प्रदेश के विकास में जन सहभागिता को जरूरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सीमित हैं इसलिये हमें स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार देने को आंदोलन बनाना होगा। समस्याओं एवं सुझावों का भी हमें मिलकर समाधान ढूंढना है। हमारा प्रयास अंत्योदय की अवधारणा को सर्व स्पर्शी विकास के साथ पूर्ण करने का है। यही हमारा मूल मंत्र भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र विकास में अभिनव पहल के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विषय विशेषज्ञों के सुझावों पर भी हम कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम चौपाल जन समस्याओं के समाधान एवं उनके सुझावों को जानने का माध्यम बन रहे हैं। होम स्टे योजना भी ग्रामीण आर्थिकी एवं स्वरोजगार के माध्यम बन रहे हैं। वे स्वयं जनपदों के भ्रमण के दौरान होम स्टे में निवास कर रहे हैं। इसका अनुभव अविस्मरणीय एवं आत्मीयता के भाव वाला रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास गंगा, यमुना, काली, शारदा जैसी नदियों के साथ 71 प्रतिशत भू-भाग वन व पर्वतों वाला है। देवों की हमारे ऊपर कृपा है। हमारे प्रदेश का हर क्षेत्र एक डेस्टिनेशन है। हम अपनी इन समृद्ध विरासतों के साथ आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में भारत के अमृत काल का लक्ष्य भी देश व देशवासियों को विकास के नये शिखर पर पहुंचाना है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत प्रगतिशील देश के रूप में पहचान बना रहा है। कोरोना के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था विश्व में 10 वीं से 5वें स्थान पर पहुंची है। देश आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ रहा है। निर्यात बढ़ रहा है, डिजिटल ट्रांजेक्शन 40 प्रतिशत देश में हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में नवाचार के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। यह संवाद समस्याओं के समाधान की भी राह प्रशस्त करेगा, इसकी भी उन्होंने उम्मीद जतायी।

वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि बजट से पूर्व विषय विशेषज्ञों से सुझाव एवं विचार आमंत्रित करने के ऐसे प्रयास गत वर्ष भी किये गये थे। यहां प्राप्त सुझावों को बजट का हिस्सा बनाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्यों में शामिल करने के प्रयासों में सरकार के साथ समाज के सभी जिम्मेदार नागरिक एवं विषय विशेषज्ञों की भी बड़ी भूमि रहती है।
अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर आपसी संवाद की यह अभिनव पहल की गई है। इससे अर्थ व्यवस्था को मजबूती तथा विकास की गति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास, नागरिकों की क्षमता, योग्यता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराना तथा नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाने के प्रयासों में ऐसे आयोजन प्रेरणा का भी कार्य करते हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान एवं मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर जिन्होंने अपने सुझाव रखे उनमें इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, उत्तराखण्ड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, दून स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के प्रो. ममगाई, सीआईआई की अध्यक्ष सोनिया गर्ग, अध्यक्ष व्यापार मण्डल अनिल गोयल, नथुवावाला वार्ड मेम्बर स्वाति डोभाल, प्रधान संघ ऊधम सिंह नगर के अध्यक्ष भास्कर, आंचल समिति के अध्यक्ष दुष्यंत सिंह रावत, एपल फेडरेशन उत्तराखण्ड के अध्यक्ष विपिन पैन्यूली, चम्पावत के वागवान हरीश चन्द्र जोशी, मौन उत्पादक संघ की अध्यक्ष निर्मला नेगी, अध्यक्ष स्वर्णा जैविक बासमती उत्पादक संघ यशपाल सिंह राणा आदि शामिल थे।
इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर, डॉ पंकज कुमार पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में विषय विशेषज्ञ एवं अधिकारी गण उपस्थित थे।

भूधंसाव से प्रभावितों को मुआवजा राशि वितरण शुरू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जोशीमठ नगर क्षेत्र में भूधसांव के कारण प्रभावित भवन स्वामियों को पुनर्वास नीति के अनुसार मुआवजा धनराशि का वितरण शुरू हो गया है।

पुनर्वास पैकेज वितरण के तहत पहले दिन 03 प्रभावितों को 63.20 लाख की धनराशि का वितरण किया गया है। जिन प्रभावितों को मुआवजा राशि वितरित की गई है उनमें गांधीनगर वार्ड के प्रभावित सूबेदार मेजर मंगलू लाल (सेनि) पुत्र बाली लाल, तथा सुनील वार्ड के प्रभावित कृष्णा पंवार पुत्र कल्याण सिंह एवं बलदेव सिंह पंवार पुत्र कल्याण सिंह शामिल है। इन तीनों परिवारों को 63.20 लाख का मुआवजा वितरण किया गया है। प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों के अभिलेखों का सत्यापन एवं मूल्यांकन कार्य तेजी से किया जा रहा है। शीघ्र ही अन्य प्रभावितों को भी पुनर्वास पैकेज के तहत मुआवजा धनराशि का वितरण किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये निर्देश, आप भी जानिए…

नशीली एवं नकली दवाओं की रोकथाम के लिये प्रदेशभर में मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया जायेगा। इसके साथ ही प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर एक पंजीकृत फार्मासिस्ट की तैनाती का भी सत्यापन अभियान चलाया जायेगा। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में नकली एवं नशीली दवाओं की बिक्री को रोकने के लिये राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत प्रदेशभर में फुटकर दवा बिक्री के लिये पंजीकृत 12500 से अधिक मेडिकल स्टोरों के निरीक्षण के साथ ही वहां पर तैनात फार्मासिस्टों का भी भौतिक सत्यापन किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को पूरे अप्रैल माह में विशेष अभियान के निर्देश दे दिये गये हैं। डा. रावत ने कहा कि औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम-1940 एवं 1945 की नियमावली के नियम 65(2) के अंतर्गत प्रत्येक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस होने के साथ ही स्टोर पर दवा बिक्री के लिये पंजीकृत फार्मासिस्ट की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी चाहिये। इसी प्रकार थोक दवा विक्रय के लिये भी नियम 64 के तहत अनुभवी व्यक्ति को ही लाइसेंस दिये जाने का प्राविधान है। इन्हीं नियमों का सख्ती से पालन करने के लिये खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को सभी पंजीकृत मेडिकल स्टोरों का मुआयना करने के निर्देश दिये गये हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 22 हजार फार्मासिस्ट पंजीकृत है, जिनमें से साढ़े बारह हजार से अधिक फार्मासिस्टों के नाम पर मेडिकल स्टोर के लाइसेंस जारी किये गये हैं, जबकि एक हजार के करीब फार्मासिस्ट राजकीय सेवा में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर यह भी शिकायत मिलती रही है कि एक लाइसेंस पर एक से अधिक मेडिकल स्टोर संचालित किये जा रहे हैं तथा उन पर पंजीकृत फार्मासिस्ट तैनात नहीं किये गये हैं, जो कि नियमों का सीधा-सीधा उल्लंघन है। इन्हीं तथ्यों को मध्यनजर रखते हुये विभागीय अधिकारियों को प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोरों का भौतिक सत्यापन कर वहां पर पंजीकृत फार्मासिस्टों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा गया है ताकि सूबे के बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्टों को मेडिकल स्टरों पर रोजगार मिल सके।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का सीएम ने किया उद्धाटन, यह मंत्री भी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश स्थित योग भरत घाट में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड देश की सांस्कृतिक राजधानी ही नहीं अपितु योग और वेलनेस का उत्कृष्ट केंद्र भी है। इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में योग व वेलनेस केंद्रों का विकास करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। योग हमारे प्रदेश की प्राचीनतम परंपरा है, योग के माध्यम से उत्तराखंड के लोगों को देश विदेश में नई पहचान मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा योग के क्षेत्र में काम कर रहे उत्तराखंड के लोगों को सम्मानित किया जाना समस्त प्रदेशवासियों के लिए सम्मान का विषय है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पद्मश्री से सम्मानित आदरणीय योगाचार्य स्वामी शिवानंद जी, रजनीकांत जी का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। योग महोत्सव में आगंतुकों को जहां एक ओर योग, ध्यान और प्राणायाम की बारीकियों को सीखने का मौका मिलता है, वहीं दूसरी ओर वे नाड़ी परीक्षण और आयुर्वेद शिविरों के माध्यम से अपनी समस्याओं का निःशुल्क समाधान भी पाते हैं।

उन्होंने कहा कि ऋषिकेश की आध्यात्मिक भूमि पर संध्या काल में गंगा आरती, भजन, संकीर्तन और आंचलिक लोक-संगीत की धुन योग महोत्सव में भाग लेने वालों को उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत से रूबरू कराने का कार्य करेगी। आज हम कितने तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें आराम देता है, हमारी क्षमताओं को बढ़ा देता है। इसलिए, हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है, हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है, हमें योग को पाना भी है और हमें योग को अपनाना भी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत, विश्व को योग का संदेश दे रहा है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का महत्व और भी बढ़ जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा की ऋषिकेश की नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है कि लोग स्वयं यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आते हैं और योग महोत्सव के दौरान यह सौंदर्य और आनंद अपने चरम को छू लेता है। संपूर्ण विश्व में आज हमारे ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहा जाता है, यह हम सभी के लिए बड़ी गौरव की बात है।

उन्होंने कहा की कुछ ही दिनों बाद यहां होने वाली जी20 बैठक के बाद तो ऋषिकेश की इस आध्यात्मिक भूमि से विश्व का कोना कोना परिचित हो जायेगा। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में घर-घर में योग का प्रचार हुआ है, आज योग ’पार्ट ऑफ लाइफ’ नहीं बल्कि अब ’वे ऑफ लाइफ’ बन चुका है। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों की तपस्थली ऋषिकेश जैसे भारत के आध्यात्मिक केन्द्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वो योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज योग मानव मात्र को निरोगी जीवन का विश्वास दे रहा है, आज दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्याेदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कि इस महोत्सव में आयोजित होने वाले सत्रों की सार्थक चर्चा, हमारी सरकार को योग के क्षेत्र में और अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में उत्तराखण्ड की हमारी डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है। आज जब पूरी दुनिया में हमारे प्रदेश की पहचान योग और आध्यात्म की जननी के रूप में है, तब हम सभी का दायित्व है कि इस पहचान को उत्कृष्टता प्रदान करने का कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार धाम यात्रा यहां आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को सुगम और सरल हो इसके लिये व्यापक तैयारियों की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बार की यात्रा में तमाम चुनौतियों के बावजूद 50 लाख से अधिक यात्री देवभूमि के दर्शन हेतु आये। इस बार अभी तक 1.51 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके है तथा जीएमवीएन को 4 करोड़ की बुकिंग प्राप्त हो चुकी है। होटल व्यवसायियों की भी बुकिंग यात्रियों द्वारा की जा रही है। इस अवसर मुख्यमंत्री ने आस्थापथ सेतु के विस्तार की भी घोषणा की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पद्मश्री स्वामी शिवानन्द को सम्मानित किया। जबकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा पद्मश्री रजनीकान्त को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए, उन्होंने गंगा पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने योग पर आधारित आकर्षक ड्रोन शो का भी अवलोकन किया।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को नये आयाम प्रदान करेगा। इससे हमारे परम्परागत उत्पादों को भी पहचान मिलेगी। देश व दुनिया के लोगों को यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा की यहां की बर्ड वाचिंग के साथ कई क्षेत्रों में पहचान बन रही है। राज्य के अन्य पर्यटन क्षेत्रों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है। वेडिंग डेस्टिनेशन को भी उत्तराखण्ड में प्रमोट करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे लोग यहां विवाह कर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करें। अनेक धार्मिक सर्किटों के माध्यम से प्रदेश को पहचान दिलाने का कार्य भी किया जा रहा है। इससे पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि चारधाम के साथ लगे अन्य दर्शनीय स्थलों का भी भ्रमण करें।

सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने सभी आगन्तुको का स्वागत करते हुए अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। सचिव पर्यटन ने कहा कि यह योग महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने के हमारी अतिथि देवो भवः की परम्परा को और अधिक प्रभावी बनाने मे मददगार होगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 में 6 प्रतिष्ठित योग संस्थान भाग ले रहे हैं ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम तथा शिवानंद योग वेदांत सेंटर।

कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल ने भी सम्बोधित किया।

उत्तराखंडः केंद्र सरकार से राज्य को मिली 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति

केन्द्र सरकार से उत्तराखंड के लिए 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति दे दी गईं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह का आभार व्यक्त किया है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड को केन्द्र सरकार से आवंटित 300 मेगावाट बिजली की अवधि 28 फरवरी को पूरी हो गई थी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का कोटा यथावत जारी रखने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। साथ ही फोन पर भी बात कर आग्रह किया था। इसी क्रम में केन्द्रीय सरकार ने 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति दे दी है।

चारधाम यात्रा से पूर्व लोक निर्माण विभाग की शत प्रतिशत सड़कें शीघ्र गड्ढ़ा मुक्त की जाएं

चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सभी विभाग अपने स्तर से सभी तैयारियां पूर्ण कर लें। श्री बद्रीनाथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए बीआरओ की एक टीम नियमित जोशीमठ में रहेगी। यदि जोशीमठ में सड़कों में दरार या कोई अन्य समस्याएं आती हैं, तो उनका शीघ्र ट्रीटमेंट किया जायेगा। यात्रा के सफल संचालन के लिए जोशीमठ में आपदा प्रबंधन का कंट्रोल रूम भी बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को लोक निर्माण विभाग की सड़कों को शत प्रतिशत गड्ढ़ा मुक्त करने के निर्देश दिये गये थे, लेकिन अभी भी कई जगह सड़कों पर गड्ढ़े की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने एवं सड़कों के सुधारीकरण के लिए प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग प्रत्येक सप्ताह जिलाधिकारियों एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे। यह समीक्षा तब तक जारी रखी जायेगी, जब तक जिलाधिकारियों से लोक निर्माण विभाग की सड़कों के शत प्रतिशत गड्ढा मुक्त होने एवं सुधारीकरण की रिपोर्ट न आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारों धाम श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। सभी श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित एवं सुगम हो यह हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की चारधाम यात्रा में जो कमियां रह गई थीं, सभी संबंधित विभागों द्वारा उन कमियों का निदान करते हुए, इस बार श्रद्धालुओं को क्या बेहतर सुविधाएं दे सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों पर वाहनों के पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जाए। वाहन चालकों के लिए पार्किंग स्थलों पर आराम करने की व्यवस्थाएं भी की जाए। चारधाम यात्रा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। पैदल मार्गों में भी स्वच्छता के लिए पूरी व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी पेट्रोल पम्पों पर पेयजल एवं टॉयलेट की उचित व्यवस्था हो। यात्रा मार्गों पर साइनेज एवं क्रैश बैरियर की आवश्यकतानुसार पूरी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए खर्चे की पूरी व्यवस्था की जायेगी, लेकिन कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा। चारधाम यात्रा के लिए वाहनों के फिटनेस टेस्ट एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाए। चारधाम यात्रा मार्गो पर स्वास्थ्य, पेयजल, शौचालयों एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाएं। चारधाम यात्रा के पैदल मार्गों पर घोड़े-खच्चरों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था के साथ ही पशुपालन विभाग से डॉक्टरों की टीम की पूरी व्यवस्था रखी जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन के लिए यात्रा शुरू होने से पूर्व अधिकारी धरातल पर जाकर कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें। चारधाम यात्रा मार्गों के आस-पास के मन्दिरों एवं धार्मिक स्थलों का भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि श्रद्धालु चारधाम यात्रा के साथ इन धार्मिक स्थलों के भी दर्शन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने श्रद्धालुओं से आह्वाहन किया है कि, अपने यात्रा खर्च का 05 प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए चारधाम में किन स्थानीय उत्पादों को प्रमोट किया जा सकता है, इस दिशा में प्रयास किये जाएं। मिलेट पर आधारित उत्पादों को भी चारधाम यात्रा के दौरान प्रमोट किया जाए।

बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. प्रेम चंद अग्रवाल, चंदन राम दास, बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, विधायक भरत चैधरी, शैला रानी रावत, दुर्गेश्वर लाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिवगण, संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

मोदी सरकार की कैबिनेट में 4800 करोड़ रूपये की वित्तीय आवंटन को मिली मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए केंद्र प्रायोजित योजना “वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम” को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ केंद्र प्रायोजित योजना “वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम” (वीवीपी) को मंजूरी दे दी है।
उत्तरी सीमा पर ब्लॉकों के गांवों के व्यापक विकास से चिन्हित सीमावर्ती गांव में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। इससे लोगों को सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करने तथा इन गांवों से पलायन रोकने में सहायता मिलेगी, सीमा की सुरक्षा में सुधार होगा।
यह योजना देश की उत्तरी भूमि सीमा के साथ 19 जिलों और 46 सीमा ब्लॉकों, 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में आवश्यक अवसंरचना विकास व आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी, जिससे समावेशी विकास हासिल करने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या को बनाए रखने में सहायता मिलेगी। इस कार्यक्रम के पहले चरण में 663 गांवों को शामिल किया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य उत्तरी सीमा के सीमावर्ती गांव में स्थानीय प्राकृतिक मानव और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक प्रेरकों की पहचान और विकास करना तथा सामाजिक उद्यमिता प्रोत्साहन, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाकर “हब एंड स्पोक मॉडल”पर विकास केंद्रों को विकसित करना, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत प्रोत्साहन के माध्यम से पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारिता, एसएचजी, एनजीओ के माध्यम से “एक गांव एक उत्पाद” की अवधारणा पर स्थायी इको-एग्री बिजनेस का विकास करना है।
वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान ग्राम पंचायतों की सहायता से जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया जाएगा। केंद्रीय तथा राज्य योजनाओं की शत-प्रतिशत पूर्णता सुनिश्चित की जाएगी।
जिन प्रमुख उद्देश्यों को हासिल करने का प्रयास किया गया है उनमें- सभी मौसम अनुकूल सड़क, पेयजल, 24ग्7 सौर तथा पवन ऊर्जा पर केंद्रित विद्युत आपूर्ति, मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटक केंद्र, बहुद्देशीय सेंटर तथा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर- शामिल है।
सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के साथ किसी तरह की अंशतः समानता नहीं होगी। 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपए का उपयोग सड़कों के लिए किया जाएगा।

सर्वाधिक मत पाकर पुष्कर धामी बने भारत से सबसे खुबसूरत सीएम

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सरल और सौम्य छवि के लिए काफी लोकप्रिय हैं। लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनना और धर्मांतरण जैसे कड़े कानून बनाकर मुख्यमंत्री धामी चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में हुए न्यूज एरिना इंडिया के सर्वे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भारत के सबसे हैंडसम मुख्यमंत्री का खिताब मिला है।

न्यूज एरीना ने यह सर्वे 4 मुख्यमंत्रियों के बीच करवाया था। जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नाम शामिल थे। जिनमें मुख्यमंत्री धामी 38 प्रतिशत वोटों के साथ पहले स्थान पर रहे, वहीं गोवा मुख्यमंत्री 32 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी तीसरे व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान चैथे स्थान पर रहे।

हैंडसम मुख्यमंत्रियों के इस सर्वे में इन 4 मुख्यमंत्रियों के नाम शामिल करने से पहले भी जनता से राय ली गई थी, जिसमें 20 हजार के लगभग लोगों ने चार नामों का सुझाव दिया था, जिसके बाद ट्विटर पर कराए गए इस सर्वे में 23 हजार से ज्यादा लोगों ने मुख्यमंत्री धामी के नाम पर मुहर लगाई। इससे पहले हुए। एबीपी न्यूज के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के सर्वे में भी उत्तराखण्ड के सीएम को 6वां स्थान मिला था।

बता दें कि 23000 से ज्यादा लोगों ने इस पोल में वोट देकर सेलेक्ट मोस्ट हैंडसम सीएम पुष्कर सिंह धामी को चुना है।

उत्तराखंड सदन से सीएम ने रवाना किया जोशीमठ आपदा को राहत सामग्री वाहन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में भाजपा उत्तराखंड प्रकोष्ठ, फरीदाबाद व हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस सहित अन्य संस्थाओं द्वारा जोशीमठ में आई आपदा हेतु उपलब्ध कराई जा रही राहत सामग्री के वाहनों को रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनका आभार व्यक्त करते हुये कहा कि ऐसे समय पर सामग्री के माध्यम से सभी लोग सहायता के लिए आ रहे हैं। हमारा भी प्रयास है कि सभी की सहायता हो। केंद्र सरकार के सहयोग से जोशीमठ के पुनर्वास और प्रभावितों को राहत पहुंचाने का कार्य हो रहा है। अन्य संस्थाओ द्वारा भी राहत सामग्री भेज कर मदद की जा रही है।

इस अवसर पर भाजपा फरीदाबाद उत्तराखंड प्रकोष्ठ जिला सचिव भारती भाकुनी, जिला संयोजक चंदन नेगी, उत्तराखंड प्रकोष्ठ जिला कार्यकारिणी में जिला सह संयोजक गिरीश चंद सती, आईटी प्रमुख मनीष डंगवाल आदि उपस्थित थे।