उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दायर अपीलों को नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने खारिज कर दिया। खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग के वर्कचार्ज कर्मियों को पेंशन संबंधी लाभ देने वाले एकलपीठ के आदेश को सही पाया है।
विदित हो कि उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष पांच जून को दिए एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी थी। वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा की एकलपीठ ने लोनिवि और सिंचाई विभाग के वर्कचार्ज कर्मचारियों की समस्त सेवा को जोड़ते हुए उन्हें पेंशन सहित अन्य लाभ देने के आदेश पारित किए थे।
नैनीताल लोक निर्माण विभाग में कार्यरत गिरीश जोशी, पौड़ी गढ़वाल के विक्रम सिंह समेत अन्य लोगों ने इस संबंध में याचिका दायर करते हुये कहा कि उनके वर्कचार्ज की सर्विसेज को जोड़ते हुए उन्हें पेंशन समेत अन्य लाभ देने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान उप्र सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र कुमार सिंह तथा उत्तराखंड सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने दलीलें देकर एकलपीठ के आदेश को निरस्त करने की मांग की। मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने एकलपीठ के खिलाफ दायर विशेष अपीलों को खारिज कर मामला निस्तारित कर दिया। मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने बताया कि अदालत ने वन विभाग के 14 अस्थायी कर्मियों के मामले में एकलपीठ के फैसले के खिलाफ सरकार की अपील स्वीकार कर ली हैं।
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