गंगा की निर्मलता और स्वच्छता बनाए रखने के सभी कार्य गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में नमामि गंगे, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन व देहरादून स्मार्ट सिटी लि. की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सचिवों व विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये कि सभी कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया जाए। जिससे कार्यों की गुणवत्ता व प्रगति की पूरी जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि कि जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनकी वीडियो रिकाॅर्डिंग भी की जाए। केन्द्र सरकार द्वारा सहायतित योजनाओं की समय-समय पर प्रगति की जानकारी केन्द्र सरकार को भी दी जाए। सभी कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिए जांए। इसके लिए रिसोर्स बढ़ाने की जरूरत हो तो बढ़ाएं लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्य निर्धारित समय में पूर्ण हो जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए जो भी कार्य किये जा रहे हैं उनका होर्डिंग व अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाए। जो कार्य प्रगति पर हैं उनकी जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि गंगा आस्था का प्रतीक होने के साथ ही हमारी अमूल्य धरोहर भी है। नमामि गंगे के तहत हो रहे महत्वपूर्ण कार्यों की रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट एवं प्रमुख स्थानों पर भी होर्डिंग, बैनर व फ्लैक्स के माध्यम से प्रचारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे के तहत जो वृक्षारोपण किये जा रहे हैं, उनमें फलदार वृक्ष और मेडिसनल प्लांट अधिक लगाये जाएं। स्वच्छता अभियान में अच्छा कार्य करने वाली पालिकाओं को सम्मानित भी किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी के तहत ऐसी कार्य योजना बनाई जाए जिससे देहरादून को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त शहर बनाया जा सके। इसके अलावा जनसुविधाओं के दृष्टिगत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाए।
नमामि गंगे में 66 कार्यों में से 41 कार्य पूर्ण व 24 पर कार्य गतिमान
बैठक में बताया गया कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम की सभी 13 सीवरेज योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। नमामि गंगे के तहत 66 कार्यों में जिसमें स्नान एवं शमशान घाटों का निर्माण, घाटों की सफाई, नदी तट की सफाई शामिल है, में से 41 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 24 पर कार्य प्रगति पर है जबकि एक की निविदा प्रक्रिया चल रही है। नमामि गंगे के तहत 135 नालों में से 91 नाले टेप किये जा चुके हैं, शेष पर कार्य गतिमान है। सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना के तहत स्वीकृत 19 परियोजनाओं में से 05 परियोजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं, 13 परियोजनाओं पर कार्य गतिमान है व एक परियोजना पर मूल्यांकन चल रहा है। गंगा नदी के किनारे सभी 15 नगरों व देहरादून में रिस्पना व बिन्दाल पर एस.टी.पी. इन 19 परियोजनाओं में शामिल हैं। हरिद्वार के सराय में 14 एमएलडी एसटीपी का कार्य मार्च 2019 तक व जगजीतपुर में 68 एमएलडी एसटीपी का कार्य जून तक पूर्ण कर लिया जायेगा। नमामि गंगे के तहत वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण, चैक डेम, गंगा वाटिका व वृक्षारोपण हेतु वर्कशाॅप भी कराये जा रहे हैं। वृक्षारोपण के तहत 40 प्रतिशत फलदार वृक्ष व 20 प्रतिशत मेडिसनल प्लांट लगाये जा रहे हैं।
शहरों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अमृत मिशन के तहत शौचालय निर्माण शत प्रतिशत जलापूर्ति का लक्ष्य जल्द किया जायेगा पूरा
प्रदेश के सात शहरों देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रूड़की, रूद्रपुर, काशीपुर व नैनीताल को अमृत मिशन के अन्तर्गत शामिल किया गया है। इसका उद्ेश्य इन शहरों में बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, हरित क्षेत्र व शहरी परिवहन की सुविधा मुहैया कराना है। अमृत मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सभी परिवारों को जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इस मिशन के प्रारम्भ होने से पूर्व 57 प्रतिशत जलापूर्ति कनेक्शन थे, जो अब बढ़कर 88 प्रतिशत हो गये हैं। शौचालय निर्माण शत प्रतिशत किया जा चुका है। इस मिशन के तहत अभी तक लगभग 445 करोड़ रूपये के 101 स्वीकृत कार्यों में से 16 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 72 पर कार्य प्रगति पर है, शेष पर निविदा प्रक्रिया गतिमान है।
वार्डों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का डोर टू डोर एकत्रीकरण का वेरिफिकेशन किया जाए
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत खुले में शौच की प्रवृत्ति के उन्मूलन, आधुनिक और वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता हेतु जागरूकता व नगर निकायों की क्षमता वृद्धि से संबंधित कार्य किये जा रहे हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि सभी 100 निकायों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए 1162 वार्डों में से 914 वार्डों में डोर टू डोर एकत्रीकरण किया किया जा रहा है। 278 वार्डों में सोर्स सेग्रिगेशन का कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भी सुनिश्चित किया जाए कि जो भी वृक्षारोपण हो रहा है, उन वृक्षों की सुरक्षा भी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्डों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का जो डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण किया जा रहा है, इसकी वास्तविक स्थिति जानने के लिए वेरिफिकेशन किया जाए।
देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि अवस्थापना विकास, स्वच्छ वतावरण व बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर से देहरादून स्मार्ट सिटी बनाई जायेगी। स्मार्ट सिटी के लिए कुल 1407.5 करोड़ रूपये के फण्डिंग की योजना है, जिसमें से 500 करोड़ केन्द्र सरकार, 500 करोड़ राज्य सरकार व 407.50 करोड़ पीपीपी मोड व अन्य से किये जाने की योजना है। इसके तहत 7 वाटर एटीएम, 7 स्मार्ट टाॅयलेट, 3 स्मार्ट स्कूल जीजीआईसी राजपुर रोड, जीआईसी खुड़बुड़ा, राजकीय जूनियर बालिका हाई स्कूल खुडबुड़ा बनाये जाने की योजना है। इसके अलावा दून इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर, शहर के प्रमुख मार्गों पर स्मार्ट रोड, जलापूर्ति व निकासी की योजना, परेड ग्राउण्ड का पुनरोद्धार, डीबीएस व डीएबी काॅलेज क्षेत्रों का पुनरोद्धार, सिटी ट्रासंपोर्ट के लिए इलेक्ट्रिक बस की सुविधा, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट व कलक्ट्रेट कैम्पस ग्रीन बिल्डिंग से सबंधित कार्य स्मार्ट सिटी के तहत किये जायेंगे।
बैठक में वित्त व पेयजल मंत्री प्रकाश पंत, सचिव राधिका झा, अरविंद सिंह ह्ंयाकी, शैलेस बगोली, अपर सचिव एच.सी. सेमवाल व संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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