अब मोदी के इशारे पर काम कर रहे नीतीश, दिखाया शरद यादव को आईना

भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से नई सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार के इस कदम से बिहार की राजनीति पूरी तरह बदल चुकी है। नीतीश कुमार की अगुवाई वाला जेडीयू जल्द ही केन्द्र में एनडीए सरकार का हिस्सा हो जाएगा क्योंकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार को केन्द्र सरकार में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आनेवाले दिनों में किस तरह का बिहार में सियासी समीकरण देखने को मिलेगा? आनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा और जेडीयू की बिहार में क्या रणनीति है?

नीतीश की दो टूक
नीतीश ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद शरद यादव के बगावती तेवर पर पहली बार खुलकर अपनी बात रखते हुए उन्हें दो टूक जवाब दे दिया। नीतीश ने कहा कि उन्होंने नई सरकार बनाने का फैसला सर्वसम्मति के आधार पर लिया था। उन्होंने कहा कि कुछ भी करने से पहले पार्टी के लोगों से जरूर पूछता हूं। ऐसे में शरद यादव को जो भी फैसला लेना है उसके लिए वह पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।

सरकार में शामिल हो जेडीयू
माना जा रहा है कि जेडीयू को केन्द्र सरकार में दो या तीन अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। लेकिन, इससे पहले जेडीयू की 19 अगस्त को बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्र सरकार में शामिल होने पर फैसला हो सकता है।

शरद यादव पर कार्रवाई
जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद यादव पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है। इसको लेकर जेडीयू की तरफ से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। पार्टी ने शरद यादव की जगह आरसीपी सिंह को राज्यसभा में अपना नेता चुना है।

बदल जाएगा सियासी समीकरण
जेडीयू के केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद पूरी तरह से बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में समीकरण बदल जाएगा। कल तक जिस नीतीश कुमार को विपक्ष की तरफ से धर्मनिरपेक्षता का बड़ा नेता माना जा रहा था और विपक्षी दल उनकी अगुवाई के बारे में सोच रही थी वो अब करीब डेढ़ साल बाद आनेवाले लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव के उलट मोदी के पक्ष में चुनाव् प्रचार करते हुए दिखेंगे।

कैसे कमाते है लालू पैसा, जल्द करुंगा खुलासा

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही बालू माफियाओं का आरजेडी से संबंधों को सबूतों के साथ उजागर करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के परिवार की संपत्तियों की भी जांच करा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘बालू माफिया राजनीतिक दलों को फंडिंग करते हैं। बालू माफिया आरेजडी की फंडिंग का मुख्य स्रोत हैं। मैं लालू प्रसाद के परिवारवालों की बालू माफियाओं से संबंधों के बारे में जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा करूंगा।’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि सुशील मोदी ने मिट्टी खरीद घोटाले के बारे पूछे गए सवाल पर कहा कि यह बहुत छोटा मामला है। उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि इस बारे में क्या कार्रवाई की गई है। इस केस में कितनी प्रगति हुई है और इस मसले पर और क्या कार्रवाई करने की जरूरत है। यह (मिट्टी खरीद घोटाला) बहुत छोटा मसला है।’

लालू डाल रहे शरद यादव पर डोरे, भाजपा की मुश्किलें बढ़ी

महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने से नीतीश कुमार से नाराज शरद यादव बिहार के मुख्यमंत्री पर तो चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इस बीच वह मोदी सरकार पर हमलावर हैं। पूर्व एनडीए संयोजक ने कालेधन को लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे 70 वर्षीय नेता ने ट्वीट कर कहा, ‘विदेशों से कालाधन वापस नहीं आया, जोकि सत्ताधारी पार्टी का एक मुख्य नारा था और ना ही पनामा पेपर्स में नामित लोगों में से किसी को पकड़ा गया।’
राज्यसभा सांसद ने शनिवार को अन्य ट्वीट में कहा था, ‘सरकार कई सेवाओं के नाम पर जनता से काफी सेस अर्जित करती है, लेकिन फिर भी देश में किसी भी क्षेत्र में सुधार नहीं दिख रहा है।’ इससे पहले उन्होंने केंद्र की महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा था, ‘दूसरी योजनाओं की तरह फसल बीमा योजना भी सरकार की असफलता है, जिसके द्वारा केवल प्राइवेट बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया।’
बताया जाता है कि शरद यादव महागठबंधन तोड़े जाने के पक्ष में नहीं थे। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने के बाद नीतीश ने महागठबंधन तोड़ बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया। नीतीश के इस कदम से शरद यादव नाराज बताए जाते हैं। नीतीश और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की, लेकिन वह अब भी ‘नई दोस्ती’ से असहज हैं। इस बीच आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शरद यादव को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुट गए हैं। उन्होंने शरद से आरजेडी जॉइन करने की अपील की है। लालू ने बताया कि इस सिलसिले में उन्होंने शरद यादव से फोन पर बात भी की है।
लालू ने शनिवार को कहा, ‘मैंने शरद यादव से फोन पर बात की है। मैं उनसे अपील करता हूं कि आइये और देश के हर कोने में जाकर इस लड़ाई की कमान अपने हाथों में लें।’ इसके अलावा लालू ने सोशल मीडिया पर भी शरद यादव से साथ आने की अपील की। लालू ने इसे लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘गरीब, वंचित और किसान को संकट/आपदा से निकालने के लिए हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे। शरद भाई, आइए सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करें।’ एक दूसरे ट्वीट में लालू ने लिखा, ‘हमने और शरद यादव जी ने साथ लाठी खाई है, संघर्ष किया है। आज देश को फिर संघर्ष की जरूरत है। शोषित और उत्पीड़ित वर्गों के लिए हमें लड़ना होगा।’

नीतिश के इस्तीफे से बिहार की राजनीति में भूचाल

तेजस्वी यादव पर जेडीयू-आरजेडी में बढ़ती तकरार के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार शाम गवर्नर को इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश पार्टी की विधायक दल की मीटिंग के बाद सीधे गवर्नर हाउस गए थे, जहां उन्होंने केसरी नाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंपा। वे बोले, आगे क्या होगा, ये आगे पर छोड़ दीजिए। आज का चैप्टर यहीं खत्म। नीतीश के इस्तीफे के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी। इससे पहले लालू यादव ने कहा था कि बिहार सरकार 5 साल पूरे करेगी, लेकिन नीतीश के इस्तीफे के बाद अब सवाल सामने आ रहा है कि महागठबंधन बचेगा या फिर टूटेगा? बता दें कि रेलवे टेंडर स्कैम और बेनामी प्रॉपर्टी मामले में केस दर्ज होने पर बीजेपी लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रही है। जेडीयू भी कह चुकी है कि तेजस्वी को जनता के बीच जाकर सफाई देनी चाहिए।

इस्तीफे के बाद नतीश ने क्या कहा?
गवर्नर को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश ने कहा, मैंने अभी महामहिम को इस्तीफा सौंपा है। महागठबंधन की सरकार 20 महीने से भी ज्यादा समय तक चलाई है। …और मुझसे जितना संभव हुआ, हमने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए बिहार की जनता के समक्ष चुनाव के दौरान जिन बातों की चर्चा की थी, उसी के मुताबिक हमने काम करने की कोशिश की थी। हमने शराबबंदी लागू कर सामाजिक परिवर्तन की नींव रखी। बुनियादी ढांचे का विकास हो, सड़क हो, बिजली का मामला हो, सभी के लिए हमने निरंतर काम करने की कोशिश की और निश्चय यात्रा के दौरान हर जिले में जिन योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है, उन्हें स्पॉट पर देखा। जितना संभव था, हमने काम करने की कोशिश की।

महागठबंधन में काम करना संभव नहीं
20 महीने में एक तिहाई कार्यकाल पूरा किया। जिस तरह की चीजें सामने आईं, उसमें मेरे लिए महागठबंधन का नेतृत्व करना और काम करना संभव नहीं था। हमने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा। हमारी लालू जी से भी बात होती रही। तेजस्वी जी से भी मिले। हमने यही कहा कि जो भी आरोप लगे, उसके बारे में एक्सप्लेन कीजिए। आमजन के बीच में जो एक अवधारणा बन रही है, उसको ठीक करने के लिए एक्सप्लेन करना जरूरी है। लेकिन वह भी नहीं हो रहा था।

मेरी अंतरआत्मा की आवाज
कुल मिलाकर माहौल ऐसा बनता जा रहा था कि हमारे लिए काम करना संभव नहीं था। हम कुछ भी काम करें, परिचर्चा में एक ही बात हो रही थी। हमने आज तक रुख अख्तियार किया, उससे अलग रुख नहीं अपना सकते थे। हमने गठबंधन धर्म का पालन किया। लेकिन ये मेरे अंतरआत्मा की आवाज थी। कई दिनों से यह बात मेरे मन में थी कि कोई रास्ता निकल आए। हमने राहुलजी से भी बात की। उनका भी यही रुख रहा है। उन्होंने ही (दोषियों को चुनाव लड़ने से छूट देने का) ऑर्डिनेंस फाड़ा था।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.