सीएम ने किया बोधिसत्व विचार श्रृंखला उत्तराखण्ड की डिजिटल उड़ान कार्यक्रम को सम्बोधित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला उत्तराखण्ड की डिजिटल उड़ान कार्यक्रम को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कामन सर्विस सेंटरों से जुड़े उद्यमियों से संवाद कर उनके विचार भी सुने। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में उनके स्तर पर दी जा रही सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर क्षेत्र की समस्याओं का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संवाद कार्यक्रम में प्राप्त सुझावों पर ध्यान दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 4 जी एवं 5 जी के 1200 से अधिक टावर स्थापित किये जा रहे हैं। इसके लिये उन्होंने प्रधानमंत्री का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत नेट फेज 2 में प्रदेश के हजारों गांवों को जोड़ा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान युग टेक्नोलॉजी का युग है और देश व दुनिया में इस नयी टेक्नोलॉजी से बदलाव आया है। जीवन का कोई भी क्षेत्र हो शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्यमिता, मनोरंजन और गवर्नेंस – सब तरफ टेक्नोलॉजी का प्रभाव है। आज दुनिया के मध्य दूरियों का कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है क्योंकि वर्चुअल- डिजिटल माध्यम दुनिया में एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है जिसने गांव देहात को इस इंटरनेट की दुनिया में विकास के नये मानक और उंचे पायदानों पर स्थापित करने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अदभुत मोदी-फाईड (डव्क्प्-थ्प्म्क्) कार्य शैली से इस देश को बदलने की रीति और नीति इसी डिजिटल क्रांति से जुड़ी है। उत्तराखण्ड, डिजिटल राज्य के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, इसको विकास के ऊंचे पायदानों पर चढ़ने के लिए जिस डिजिटल इंजन की आवश्यकता है, यह यही गांव-गांव तक फैले हुए इस राज्य के कोने-कोने से जुड़े हुए यही कामन सर्विस सेन्टर (जन सेवा केन्द्र) है जिसके हजारों उद्यमी आज नयी परिभाषाएं गढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय मोबाइल और इन्टरनेट के अदभुत मिश्ररण से पैदा हुयी क्रांति का है इस तकनीकि के द्वारा हम तमाम विकास योजनाओं को समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुचाने तथा आदर्श उत्तराखण्ड के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 1 जुलाई 2014 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की थी। हमारे लिए डिजिटल इंडिया का मतलब है कि देश के हर व्यक्ति को सभी सरकारी वगैर सरकारी सेवाएं आसानी से उपलब्ध करायी जा सके। दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूल औद्योगिक नीति और उदार कर लाभों से उत्पन्न पूंजी निवेश में भारी वृद्धि के कारण उत्तराखंड अब भारत में सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक के रूप में उभर रहा है। इसने राज्य में निवेश करने और पहाड़ी राज्य के निरंतर विकास का हिस्सा बनने के लिए उद्योगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। राज्य के यह समावेशी विकास का लक्ष्य आईटी क्षेत्र के बिना हासिल नहीं किया जा सकता। डिजिटल उत्तराखंड का उद्देश्य राज्य में रोजगार सृजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और औद्योगिक विकास में नए आयाम हासिल करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देशवासियों को उनके घर के आसपास सभी सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने सीएससी स्कीम को प्रोत्साहन दिया और आज उत्तराखंड में करीब 11474 सीएससी हैं। इन सीएससी को ग्रामीण इलाके में उद्यमी चलाते हैं जिसमें बड़ी संख्या में महिला उद्यमी भी शामिल हैं जो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। ये सब उद्यमी नई डिजिटल टेक्नॉलोजी के बारे में लोगों को अवगत कराते हैं. डिजिटल सेवाएं लेने में मदद करते हैं और ग्रामीण इलाके में युवाओं को स्किल ट्रेनिंग लेने में सहायता करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल पोर्टल ’अपनी सरकार’ के जरिए राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित सभी सेवाओं को ऑनलाइन लाया जा रहा है जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता आ रही है, यह न केवल सरकारी सेवाएं ऑनलाइन प्रदान करेगा बल्कि नए ’अपनी सरकार पोर्टल पर ई- जिला पोर्टल के तहत सभी सेवाएं भी दी जा रहीं हैं।
हमारी सरकार का प्रयास ये है कि हम हर व्यक्ति को सक्षम बनाएं ताकि वो नई डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग अपने जीवन को सरल और जीविका को सुधारने में कर सके। इसी संदर्भ में हमने पीएमजी दिशा प्रोग्राम की शुरुआत की। हमारा उद्देश्य है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हर परिवार के एक सदस्य को डिजिटल लिट्रेसी की ट्रेनिंग दें जिससे वह डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे मोबाइल, इंटरनेट, कम्प्यूटर आदि का उपयोग करना सीख सके।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सीएससी के माध्यम से अधिक से अधिक गांव, देहात व नगरों में युवक-युवतियां जुड़ेंगी तथा सक्षम होकर आदर्श और आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न उत्तराखण्ड के निर्माण में सहयोगी बनेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में हताशा व निराशा का वातावरण था। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश व दुनिया में भारत का मान व सम्मान बढ़ा है। हर क्षेत्र में नेतृत्व करने वाला भारत बना है। प्रधानमंत्री ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। हम इस दिशा में रोड मैप बना कर कार्य कर रहे हैं। राज्य के विकास में जन भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। नीति आयोग से हिमालयी राज्यों के लिये अलग से विकास का मॉडल तैयार करने की अपेक्षा की गई है।
इस अवसर पर कामन सर्विस सेंटर के सीईओ संजय राकेश ने कहा कि देश में 15 साल पहले यह यात्रा शुरू हुई थी। सरकार की सुविधाओं का लाभ लोगों को उनके घरों तक पहुंचाना हमारा उद्देश्य है। पूरे देश में 5.50 लाख सेंटर हैं जो गांवों में भी सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों लोग हमसे जुड़ हैं। उन्होंने कहा कि रूरल बीपीओ के साथ शहरी क्षेत्रों में कॉल सेंटर बनाये जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि सीएससी की सेवाओं को वन स्टॉप सॉल्यूशन के रूप में पहचान बन रही है। ई ग्राम स्वराज की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रदेश भर के जिल सीएससी संचालाकों द्वारा आनलाइन व आफ लाइन अपने विचार व सुझाव रखे उनमें नेहा भट्ट रानीखेत, पंकज गैडी गैरसैंण, विनीत अग्रवाल देहरादून, विशाल चन्द्र चम्पावत, यशवीर सिंह चकराता, राजीव कुमार हरिद्वार, मुस्तकीम हसन सहसपुर, स्मृति मोगरा लक्सर, दिवाकर भट्ट भटवाड़ी, आशीष रावत रूद्रप्रयाग, हरि सिंह धामी धारचूला, देवेन्द्र सिंह कोरंगा मुन्स्यारी, दीपक चौहान डोईवाला, राजू कश्यप आदि प्रमुख थे।
कार्यक्रम का संचालन महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने किया। विधायक प्रदीप बत्रा एवं निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में अपस्थित रहे।

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