ममता सहित कई कांग्रेसशासित राज्यों में हुई क्रॉस वोटिंग

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को बड़ी जीत हासिल हुई है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों से उन्हें जमकर समर्थन मिला है। लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि भाजपा जिन राज्यों में सत्ता में नहीं है, वहां से भी उन्हें बंपर समर्थन हासिल हुआ है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्य इसकी मिसाल हैं, जहां पक्ष से लेकर विपक्ष तक सभी ने उन्हें मतदान किया है। इसके अलावा देश में 17 सांसदों और 126 विधायकों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। इसके चलते उनकी जीत उम्मीद से कहीं बड़ी हो गई।
विधायकों की क्रॉस वोटिंग की बात करें तो सबसे ज्यादा असम में 22 विधायकों ने पार्टी लाइन से अलग हटकर द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 19, महाराष्ट्र में 16, उत्तर प्रदेश में 12 ऐसे विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है, जिनकी पार्टी ने यशवंत सिन्हा के समर्थन का ऐलान किया था। यही नहीं चुनावी राज्य गुजरात में भी 10 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी से अलग जाकर द्रौपदी मुर्मू का ही समर्थन कर दिया। यह कांग्रेस के लिए चुनाव से कुछ महीने पहले बड़ा झटका है। इसके अलावा झारखंड में भले ही झामुमो ने समर्थन का ऐलान कर दिया था, लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों के 10 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग भी की है।
इसी तरह बिहार में 6 विधायकों और कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ में भी 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया है। माना जा रहा है कि आदिवासी बहुल सीटों से आने वाले विधायकों ने छत्तीसगढ़ में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया है। अशोक गहलोत भी राजस्थान में कांग्रेस के कुनबे को समेटने में उतने कामयाब नहीं रहे। यहां 5 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। इसके अलावा गोवा में फूट का सामना कर रही कांग्रेस के 4 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को ही समर्थन कर दिया। इस तरह देश के कई राज्यों से द्रौपदी मुर्मू को बंपर समर्थन मिला है।
यही नहीं राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल में भाजपा के सांसदों और विधायकों के क्रॉस वोटिंग कर यशवंत सिन्हा को समर्थन दिए जाने की आशंकाएं थीं। लेकिन इसके उलट टीएमसी के ही एक विधायक ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया है। इस पर भाजपा ने ममता बनर्जी पर हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि क्रॉस वोटिंग इस बात का प्रमाण है कि टीएमसी के विधायक लीडरशिप से खुश नहीं हैं। बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, श्जैसा कि मैंने कहा था कि भाजपा के सभी 70 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन किया है। इसके अलावा टीएमसी के भी एक विधायक ने भी उन्हें मतदान किया है। यही नहीं 4 टीएमसी विधायकों ने अपना वोट ही इनवैलिड करा दिया।श्

राष्ट्रपति मतदान तक देहरादून में ही रहेंगे विधायक

राज्य के संसदीय कार्यमंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने आगामी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति मतदान के दृष्टिगत सभी विधायकों से दिनांक 16 जुलाई (शनिवार) से देहरादून में ही रहने का आग्रह किया है।
मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि एनडीए से राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू जी उम्मीदवार है। इसी संदर्भ में 16 जुलाई (शनिवार) को मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में शाम सात बजे एक बैठक का आयोजन किया गया है। इसमें सभी विधायकगणों से उपस्थित रहने का अनुरोध किया है।
डा. अग्रवाल ने बताया कि 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के तहत मॉक ड्रिल की जाएगी। इसमें भी सभी विधायकगणों से उपस्थित रहने का अनुरोध किया है। डा. अग्रवाल ने सभी विधायकगणों से आग्रह किया है कि 16 जुलाई से 18 जुलाई राष्ट्रपति मतदान तक देहरादून में ही ठहराव करें। मतदान के पश्चात की देहरादून से अपने-अपने क्षेत्र में जाएं।
बता दें कि बीते 11 जुलाई को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार श्रीमति द्रौपति मुर्मू ने देहरादून पहुंचकर सांसदों और विधायकों के साथ बैठक कर समर्थन हासिल किया था।

सुरक्षा के बीच उत्तराखंड पहुंची राष्ट्रपति निर्वाचन की सामग्री

भारत निर्वाचन आयोग ने नई दिल्ली से मंगलवार को राष्ट्रपति निर्वाचन से संबंधित मतपत्र, मतपेटियां, विशेष कलम और अन्य सीलबंद सामग्री उत्तराखण्ड राज्य विधानसभा सचिवालय के लिए प्रेषित की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय के पर्यवेक्षण में यह निर्वाचन सामग्री सभी राज्यों में प्रेषित की गई।
उत्तराखण्ड राज्य के लिए सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास ने यह निर्वाचन सामग्री प्राप्त की। सीलबंद निर्वाचन सामग्री अधिकारियों की देखरेख में हवाई मार्ग से देहरादून पहंुची। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बैलेट बॉक्सों की सुरक्षा के लिए विशेष एयर टिकट की व्यवस्था करते हुए निर्वाचन अधिकारी के बगल की सीट आरक्षित की गई थी।
जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से उक्त सामग्री निर्वाचन अधिकारी द्वारा विधानसभा सचिवालय में बनाये गए स्ट्रांग रूम में जमा की गई है। आयोग द्वारा प्राप्त मतपेटियों एवं महत्वपूर्ण निर्वाचन सामग्री को विधानसभा सचिवालय भवन स्थित स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दिया गया है। उपरोक्त पूर्ण प्रकिया की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी भी करायी गई है।
इस अवसर पर रिटर्निंग आफिसर/सचिव विधान सभा मुकेश सिंघल, सहायक रिटर्निंग आफिसर/संयुक्त सचिव चन्द्रमोहन गोस्वामी, उप सचिव नरेंद्र रावत, उप सचिव लक्ष्मीकांत उनियाल और निजी सचिव विजयपाल सिंह जरधारी मौजूद रहे।

द्रौपदी मुर्मू ने मांगा समर्थन, हुआ भव्य स्वागत

आज एनडीए से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड के दौरे पर पहुंची। उन्होंने भाजपा के विधायक और सांसदों से मुलाकात कर अपने समर्थन की अपील की। सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भाजपा विधायक, सांसदों और संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात की।

इस दौरान उन्होंने खुद को राष्ट्रपति जैसे अहम पद के लिए प्रत्याशी बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और एनडीए के नेताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसी की नजर समाज के अंतिम छोर पर बैठी किसी आदिवासी महिला पर पड़ी है।

उन्होंने इस दौरान भाजपा के विधायकों और सांसदों के अलावा अन्य दलों के विधायक, सांसदों से भी अपने समर्थन की अपील की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने से एक बार फिर साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के विकास पर फोकस कर रही है।

उन्होंने मुर्मू के उत्तराखंड आने पर आभार जताया और उनकी जीत का आश्वासन भी दिया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल, मंत्री रेखा आर्य, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।

मुर्मू को बसपा और निर्दलीयों का भी समर्थन
एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को भाजपा के साथ ही बहुजन समाज पार्टी के विधायकों और निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिल गया है। द्रौपदी मुर्मू के उत्तराखंड दौरे के दौरान बसपा और निर्दलीय विधायकों ने यह ऐलान किया। बसपा के विधायक दल के नेता मोहम्मद शहजाद ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती ने पहले ही मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया है।

ऐसे में राज्य के बसपा के दोनों ही विधायक मुर्मू को अपना समर्थन देंगे। इधर निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और संजय डोभाल ने भी मुर्मू को समर्थन का ऐलान किया है। राज्य के दोनों ही निर्दलीय विधायक सोमवार को मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे और उन्होंने अपने समर्थन का ऐलान किया।

कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत
उत्तराखंड आगमन पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ ही पार्टी के अनेक पदाधिकारी मुर्मू के स्वागत के लिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे।

रास्ते में भी मुर्मू का जोरदार स्वागत किया गया। उसके बाद मुर्मू कचहरी स्थित शहीद स्थल पहुंची और शहीदों को श्रद्धाजंलि दी। फिर उन्होंने मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ धन सिंह रावत, रेखा आर्या, चंदन रामदास आदि मौजूद रहे।

सौरभ बहुगुणा के साथ ही सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, तीरथ सिंह रावत, अनिल बलूनी, अजय टम्टा, नरेश बंसल, कल्पना सैनी के साथ ही पार्टी के सभी विधायक मौजूद रहे। हालांकि केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे। हालांकि अजय भट्ट ने कहा कि वह दिल्ली में एक अहम बैठक में शामिल होने की वजह से इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाए।

कोविन्दः क्रॉस वोटिंग से विपक्ष का खेमा चित्त

राष्ट्रपति चुनाव में बड़े पैमाने पर रामनाथ कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई है। गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और दिल्ली में कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की खबर है। गुजरात की क्रॉस वोटिंग कांग्रेस के लिए बुरी खबर है क्योंकि अगले महीने ही राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने हैं। राज्य में इसी साल विधानसभा के भी चुनाव हैं। माना जा रहा है कि शंकर सिंह वाघेला के समर्थक विधायकों ने कोविंद के पक्ष में वोट डाला।
गुजरात में कोविंद को 132 वोट मिले और मीरा कुमार को 49, जबकि राज्य में बीजेपी के 121 विधायक हैं और कांग्रेस के 57। इस हिसाब से कम से कम 8 कांग्रेस विधायकों ने कोविंद के पक्ष में वोट दिया। जबकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कुछ विधायकों के भी कोविंद के पक्ष में वोट डालने की खबर है। दिल्ली में कोविंद को 6 जबकि मीरा कुमार को 55 वोट मिले। जबकि बीजेपी के चार ही विधायक हैं। इस हिसाब से आम आदमी पार्टी के दो विधायकों ने कोविंद को वोट दिया। जबकि 6 वोट वैध नहीं पाए गए. पश्चिम बंगाल में भी दिलचस्प तस्वीर उभर कर सामने आई। वहां कोविंद को 11 जबकि मीरा कुमार को 273 वोट मिले। बीजेपी और उसके सहयोगी दल के 6 वोट हैं। इस हिसाब से कोविंद को कुछ दूसरी पार्टियों के वोट भी मिले।
त्रिपुरा में भी रामनाथ कोविंद को वोट मिले हैं। वहां से कोविंद को सात जबकि मीरा कुमार को 53 वोट मिले। जबकि वहां बीजेपी का कोई विधायक नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के बागी विधायकों ने कोविंद को वोट दिया। महाराष्ट्र में भी कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की खबर है। वहां कोविंद को 208 जबकि मीरा कुमार को 77 वोट मिले। वहां बीजेपी-शिवसेना के 185 विधायक हैं जबकि कांग्रेस एनसीपी के 83। इस हिसाब से कांग्रेस एनसीपी के कुछ वोट दूसरे खेमे में गए दिखते हैं।
गोवा में बीजेपी की गठबंधन सरकार है। वहां कोविंद को 25 वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 11 वोट मिले। वहां बीजेपी और सहयोगी पार्टियों के 22 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 16। यानी मीरा कुमार को उम्मीद से पांच वोट कम मिले।
इसी तरह असम में भी सत्तारूढ़ बीजेपी को विपक्षी खेमें में सेंध लगाने में कामयाबी मिली है। वहां कोविंद को 91 वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 35। लेकिन बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास 87 विधायक ही हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के पास 39 विधायक। यानी कोविंद को उम्मीद से चार वोट ज्यादा मिले हैं।
इस चुनाव में 21 सांसदों के वोट वैध नहीं पाए गए। जबकि कुछ विधायकों ने भी वोट डालने में गड़बड़ की। 56 विधायक अपने वोट ठीक से नहीं डाल पाए और उन्हें वैध नहीं माना गया। क्रॉस वोटिंग के कई सियासी मायने हैं। ये आने वाले वक्त में कई राज्यों में सियासी समीकरणों के बनने-बिगड़ने का इशारा कर रहे हैं। खासतौर से गुजरात में तस्वीर बेहद दिलचस्प हो सकती है क्योंकि शंकर सिंह वाघेला के बागी तेवर आने वाले दिनों में खुल कर सामने आ सकते हैं।

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