पानी की टंकी में चढ़े कर्मचारी, सालभर से वेतन नही अब नौकरी से निकालने से है नाराज

गीता भवन आयुर्वेद संस्थान के कर्मचारियों ने आज पानी की टंकी पर चढ़कर जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। आरोप है कि संस्थान ने उन्हें बेवजह नौकरी से निकाल दिया है और एक साल से तनख्वाह भी नही दी है।
आज सुबह स्वर्गाश्रम जोंक क्षेत्र में एक पानी की टंकी पर गीता भवन आयुर्वेद संस्थान के कर्मचारी चढ़ गए। हंगामा करते हुए गीता भवन प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन करने लगे। इनमें से कुछ कर्मचारी ऊपर से कूदकर जान देने की धमकी देते हुए भी दिखाई दिए। सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन और स्थानीय नेता आनन-फानन में मौके पर पहुंचे। सभी ने कर्मचारियों को वार्ता के लिए नीचे बुलाने की बात कही, मगर कर्मचारी पानी की टंकी से नीचे उतरने को तैयार नहीं हुए। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि गीता भवन आयुर्वेद संस्थान को हरिद्वार स्थित सिडकुल एरिया में शिफ्ट कर दिया गया है। कुछ कर्मचारियों को नौकरी से इस दौरान निकाल दिया है। अब उन्हें गीता भवन में आवंटित कमरे भी खाली करने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं। आरोप है कि संस्थान ने उनकी एक साल से तनख्वाह भी रोक रखी है। ऐसे में उनके सामने सुसाइड करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। कई कर्मचारियों के बीवी और बच्चे भी रिश्ते नाते तोड़ कर जा चुके हैं। समाचार लिखे जाने तक पुलिस प्रशासन कर्मचारियों को टंकी से नीचे उतारने के लिए वार्ता करने में लगी रही। वहीं, कुछ नेता भी कर्मचारियों के समर्थन में पुलिस से बहस करते हुए नजर आए हैं।

गीताभवन में सर्वदलीय संघर्ष समिति का धरना 29वें दिन भी जारी

गीता भवन स्थित आयुर्वेदिक औषधि निर्माण साला को स्वर्ग आश्रम जौंक से सिडकुल हरिद्वार स्थानांतरण व कर्मचारियों के खाते में दो महीने से वेतन न दिए जाने के विरोध स्वरूप धरना व आंदोलन 29वें दिन भी लगातार जारी है।

सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक आशुतोष शर्मा ने बताया कि कर्मचारी व उनका परिवार दो महीने से वेतन ना मिलने के कारण अपनी सामान्य जरूरतों को भी अब पूरा नहीं कर पा रहे है, जबकि कोविड पश्चात राज्य की आर्थिक स्थिति कुछ हद तक पटरी पर आ रही है। वहीं इस औषधि निर्माण शाला में कार्यरत रहे कार्मिकों को वेतन न मिलने से आर्थिक विपन्नता की स्थिति का सामना कर रहे हैं। जिसके विरोध स्वरूप आज आयुर्वेद औषधि निर्माण शाला के कार्मिकों द्वारा अर्थी पर लेट कर आंदोलन की शुरुआत की।

लोकतांत्रिक ढंग से चल रहे इस आंदोलन को प्रबंधकों द्वारा गंभीरता से लिया जाना अति आवश्यक था। परंतु प्रबंधक वर्ग अपने इन कर्मचारियों की जायज मांगों को भी अनदेखा करता है और उसके तानाशाही पूर्ण रवैया के कारण आज कर्मचारियों के परिवार भूखे मरने की स्थिति में आ गए हैं।

स्वर्ग आश्रम जौक नगर पंचायत के चेयरमैन माधव अग्रवाल ने कहा कि प्रबंधकों द्वारा पूर्व में भी अपने कर्मचारियों की तनख्वाह दिए बगैर गीता भवन परिसर को छोड़ दिया गया था जिसमें प्रबंधन की मंशा हमेशा से यही रही है कि कर्मचारी कमजोर है जब उनके आर्थिक स्थिति प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगी तो वह स्वयं प्रबंधन के सामने घुटनों पर आ जाएंगे।

मौके पर कांग्रेस के जिला महामंत्री सुभाष शर्मा, मुरली शर्मा, राधेश्याम प्रजापति, सुरेंद्र थापा, हुकम सिंह, घनश्याम तिवारी, अंकित गुप्ता, चेतन चैहान, अरुण चैबे मनोरंजन, विजेंद्र कुमार, मानव राय, कमल राय, बहादुर पासवान, अजीत पासवान आदि शामिल थे।

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