आखिर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह क्यों भड़क उठे? जाने क्या है सच

भोपालपानी बड़ासी पुल निर्माण कार्य को देखकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह को गुस्सा आ गया। उन्होंने निर्माणाधीन पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुये विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ ही लोक निर्माण विभाग को तत्काल जांच के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को देहरादून में रायपुर – थानौ मार्ग के मध्य निर्माणधीन सौंडा-सरौली, बडासी भोपालपानी (मत्स्य पालन) विभाग के समीप बन रहे पुल का काफी मौके पर स्थलीय निरीक्षण किया। भोपालपानी के पुल की सड़क खस्ता हालत के साथ पुल की दीवारें दीवारों में पड़ी दरारों को देखकर गुस्से में नजर आए। उन्होंने मौके पर मौजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को कड़ी फटकार लगाई व प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को मामले की तत्काल जांच के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि क्या उनके ऊपर निर्माण कार्य को शीघ्र समाप्त करने का कोई दवाब था। इस प्रकार की घटनाओं में संलिप्त अधिकारी, कार्मिक व ठेकेदार सख्त कार्यवाही से बच नही सकते। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यो में किसी भी प्रकार की लापरवाही व गुणवता में गिरावट बर्दाश्त नही की जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस दौरान उपस्थित स्थानीय जनप्रतिनिधियों व लोगो से भी पुल व सड़कों की गुणवत्ता से संबंधित स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। मालूम चला कि पुल के ऊपर सड़क के घटिया निर्माण कार्य को छिपाने के लिए कार्यदाई संस्था के ठेकेदार द्वारा जेसीबी से सड़क की खुदाई कर दी गई थी। जिसको देखकर मुख्यमंत्री भी गुस्से में नजर आए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने रायपुर-थानो मार्ग पर सौंडा सरौली पुल का भी विस्तृत स्थलीय निरीक्षण कर निर्माण कार्यो की अद्यतन जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को सौंडा सरौली पुल को समय पूरा करने तथा निर्माण कार्यो की गुणवता बनाए रखने के निर्देश भी दिए। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि उक्त पुल का निर्माण कार्य आगामी 30 सितम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा।

विश्व के टॉप-10 में दून का चिड़ियाघर

देहरादून का चिड़ियाघर न सिर्फ देश, बल्कि विश्वभर में खूब चमक बिखेर रहा है। सोशल साइट फेसबुक के ऑफीशियल पेज पर सक्रिय दुनिया के 181 चिड़ियाघरों की रैंकिंग में उसे टॉप टेन में जगह मिली है, जबकि देश में वह पहले स्थान पर है। नेचर पार्क की तर्ज पर विकसित हो रहे देहरादून जू ने यह अहम उपलब्धि महज 45 दिन के अंतराल में हासिल की है।

यूं तो दुनियाभर में चिड़ियाघरों की संख्या हजारों में है, मगर फेसबुक के ऑफीशियल पेज पर 181 ही सक्रिय हैं। इनमें इसी साल पांच जून को शामिल हुआ देहरादून जू भी है। देहरादून जू के निदेशक पीके पात्रो के अनुसार फेसबुक के लाइक एलीजर सॉफ्टवेयर के जरिये यह रैंकिंग तय की जाती है। इसमें सभी चिड़ियाघर अपनी गतिविधियां इस पेज पर शेयर करते हैं। फिर लाइक, पोस्ट, कमेंट और प्रत्येक जू पर लोगों के ठहराव जैसे बिंदुओं के आधार पर सॉफ्टवेयर के जरिये इनकी रैंकिंग तय की जाती है, जो लाइक एलीजर पर देखी जा सकती है। इस रैंकिंग के ताजा आंकड़ों ने देहरादून जू को भी खिलखिलाने का मौका दे दिया। यह बताता है कि न सिर्फ देश, बल्कि विदेशों में भी देहरादून जू को लोग खासा पसंद कर रहे हैं।

देहरादून में मसूरी मार्ग पर मालसी में वर्ष 1976 में 25 हेक्टेयर क्षेत्र में वन चेतना केंद्र की स्थापना की गई। बाद में वहां हिरणों की कुछ प्रजातियां रखी गईं और नाम दिया गया मालसी डीयर पार्क। धीरे-धीरे यहां रेसक्यू किए जाने वाले पशु-पक्षी भी रखे जाने लगे और फिर शुरू हुई इसके उच्चीकरण की कवायद। 2012 में इस पार्क को मिनी जू का दर्जा मिला और 2015 में यह देहरादून जू बना।

सालभर में साढ़े छह लाख पर्यटक
नेचर पार्क की तर्ज पर विकसित हो रहे देहरादून जू में 350 पशु-पक्षी मौजूद हैं। इसके साथ ही वहां एक्वेरियम, फन पार्क कैक्टस पार्क सैलानियों के आकर्षण का केंद्र हैं। देहरादून जू के निदेशक पीके पात्रो के मुताबिक सैलानियों की संख्या हर साल बढ़ रही है। 2014-15 में यहां 2.10 लाख पर्यटक आए, जबकि 2015-16 में 3.20 लाख, 2016-17 में 4.30 लाख और 2017-18 में 6.50 लाख।

जल्द सुनाई देगी टाइगर की दहाड़
देहरादून जू में जल्द ही टाइगर की दहाड़ सुनाई देगी। इसके अलावा भालू, हाइना, घड़ियाल समेत अन्य वन्यजीव भी इसकी शोभा बढ़ाएंगे। जू के निदेशक पात्रो के मुताबिक इन जानवरों को देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से लाया जाएगा। इस संबंध में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को प्रस्ताव भेजा गया है।

पूर्व विधायक शहजाद की बसपा में वापसी के कुछ दिन बाद ही हुआ निष्कासन, जानिए वजह क्या रही?

पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को कुछ दिन पूर्व बसपा ने अपने पाले में ले लिया था। फिर आखिर ऐसा भी क्या हुआ जो उन्हें कुछ दिन के भीतर ही पार्टी से निष्कासित होना पड़ा। कारण मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रहे। जी हां, दरअसल पूर्व विधायक ने अपने बेटे की शादी में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को जो बुलाया था। बस पार्टी को यही बात नागवर गुजरी और मोहम्मद शहजाद को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

रविवार को शिवालिकनगर स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश महासचिव नत्थू सिंह, सतीश कुमार सिंह, सूरजमल व जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक शहजाद ने पार्टी का भरोसा तोड़ा है।

बसपा पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्व विधायक ने पार्टी को गुमराह करने का काम किया है। वे भाजपा के संपर्क में बने रहे। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से पूर्व की गलतियों की माफी मांगी थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी में शामिल किया गया था। पूर्व विधायक को चार साल में तीसरी बार निष्कासित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक की अभी भी भाजपा से नजदीकी है।

उन्होंने कहा कि शहजाद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके सरकार के सहयोगियों को अपने यहां पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत बुलाया। यह पार्टी के साथ विश्वासघात है। वे पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। इसे नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। इस दौरान पूर्व विधायक हरिदास भी मौजूद रहे।

अपने निष्कासन के सवाल पर पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि उन्होंने कोई ऐसा कार्य नहीं किया जो बसपा के हितों के विपरीत हो। वे 25 जून को बसपा में फिर से शामिल हुए थे। इस बीच कौन सा चुनाव हुआ, जिसमें उन्होंने पार्टी के विपरीत काम किया है, यह बसपा बताए। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे प्रेसवार्ता कर आरोपों का जवाब देंगे।

मनोरंजन से भरपूर रेडियो चैनल उत्तराखंड में हुआ लांच

रेड एफएम 93.5 रेडियो चैनल का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया। यह रेडियो चैनल राज्य का पहला रेडियो चैनल है। यह रेडियो चैनल राज्य में 24 घंटे लोगों को मनोरंजन प्रदान करेगा। साथ ही कई सामाजिक मुद्दों पर भी प्रकाश डालेगा।

देहरादून के कौलागढ़ रोड स्थित साउथ एशिया एफएम लिमिटेड के कार्यालय से रेड एफएम 93.5 रेडियो चैनल का बुधवार को शुभारंभ हो गया। मुख्यमंत्री ने राज्य के पहले इस निजी रेडियो चैनल का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने रेडियो चैनल की टीम को बधाई व शुभकामना देते हुए कहा कि रेड एफएम 93.5 का उत्तराखण्ड व देहरादून में पहला रेडियो स्टेशन है।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि रेड एफएम 93.5 मनोरंजन के साथ-साथ, विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर सामाजिक चेतना लाने में अहम भूमिका निभायेगा। साथ ही राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं व नीतियों को लोगों तक पहुंचाने में कारगार सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर एफएम रेडियो चैनल से उत्तराखण्ड की रमणीय, सौन्दर्य, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विशेषताएं और अधिक उजागर होंगी। रेडियो चैनल की शुरूआत से राज्य के ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं, जो रोचक तरीके से रेडियो पर प्रस्तुतिकरण दे सकते हैं, के लिए नये अवसर मिलेंगे।

विदित हो कि इस रेडियो स्टेशनक की फ्रीक्वेंसी 48 किलोमीटर तक की रहेगी। शुरूआती दौर में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, मंसूरी और विकासनगर के अलावा कई अन्य शहरों को इसका लाभ मिलेगा। यह रेडियों चैनल पांच आरजे की टीम वाला है। जिसे लीड आरजे काव्य करेंगे।

22 जुलाई को ढाई लाख पौधे रोपने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मिशन रिस्पना से ऋषिपर्णा के लिये स्थानीय लोगों से जनसहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि इसी माह 22 जुलाई के दिन रिस्पना के उद्गम से मोथरोवाला तक एक ही दिन में 2.5 लाख से अधिक अनेक प्रजाति जैसे फलदार वृक्ष, चारा प्रजाति के व जल संरक्षण करने वाले पौधे रोपे जाएंगे।

22 जुलाई को होने वाले पौधरोपण, सामाजिक संगठनों, संस्थाओं व जन सहयोग से किये जायेंगे। कोसी नदी पर 1.5 लाख से अधिक पौधे लगाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारम्भिक चरण में रिस्पना एवं कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया। इसके बाद अन्य नदियों को भी पुनर्जीवित किया जायेगा। आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए जल संरक्षण की दिशा में विशेष प्रयासों की जरूरत है। इसके लिए सरकारी संस्थानों में रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग की व्यवस्था की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि जो लोग 22 जुलाई को रिस्पना नदी पर पौधरोपण नहीं कर पायेंगे व लोग ‘‘मेरा वृक्ष मेरी याद’’ के भाव से अपने घरों या उसके आसपास एक पौधा अवश्य लगाएं। जल संरक्षण के लिए पौधरोपण करना जरूरी है। हमें जो जल स्रोत सूख गये हैं, उन्हें पुनर्जीवित करना होगा। देहरादून को पूर्ण ग्रेविटी का पानी उपलब्ध कराने के लिए मार्च 2020 तक सौंग बांध बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जून 2019 तक सूर्यधार जल विद्युत परियोजना को पूर्ण करने का प्रयास किया जायेगा।

लोक गायिका कबूतरी देवी को नहीं मिल सका हैलीकॉप्टर, हो गयी मौत

उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका कबूतरी देवी का शनिवार को समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण निधन हो गया। निधन के वक्त पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में भर्ती थी और उन्हें देहरादून में इलाज के लिये हैलीकॉप्टर से ले जाने का इंतजार किया जाता रहा। मगर, हैलीकॉप्टर की सुविधा नहीं मिल पाने से उनका निधन हो गया।

पिथौरागढ़ जिले के क्वीतड़ गांव की रहने वाली कबूतरी देवी प्रदेश की जानी मानी लोक गायिका थीं। गायन की कई विधाओं में माहिर लोक गायिका राज्य की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन देश भर में कर चुकी हैं। 70 वर्ष की हो चुकी कबूतरी देवी का स्वास्थ शुक्रवार को अचानक खराब हो गया। परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय लाए। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसएस कुंवर ने उनके स्वास्थ की जांच की। जांच के बाद उन्होंने बताया कि कबूतरी देवी का ब्लड प्रेशर कम है और उनका हॉर्ट कमजोर हो रहा है।

उपचार के बाद हालत में हल्का सुधार होने के बाद उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया है। इस दौरान नगर के तमाम लोगों ने जिला चिकित्सालय पहुंचकर उनका हालचाल जाना। परिजन उन्हें हेलीकॉप्टर से देहरादून ले जाने का प्रयास कर रहे थे। शक्रवार सायं उन्हें हैलीकॉप्टर से देहरादून ले जाना था। शाम को हैलीकॉप्टर नही आया। शनिवार सुबह भी हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचा और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गई।

शनिवार सुबह छह बजे कबूतरी देवी को देहरादून ले जाने के लिए जिला अस्पताल से चार किमी दूर नैनीसैनी हवाई पट्टी पहुंचाया गया। जहां पर लगभग तीन घंटे प्रतीक्षा करने के बाद भी हेलीकॉप्टर नही पहुंचा। इस बीच कबूतरी देवी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें वापस जिला अस्पताल लाया गया। जहां आईसीयू में रखा गया। बाद में चिकित्सको ने उनका परीक्षण करने के बाद मृत घोषित कर दिया।

सूचना मिलते ही लोग अस्पताल में जुटने लगे है। प्रशासन की ओर से एसडीएम नायब तहसीलदार पहुंचे। वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। लोगों का कहना था कि यदि समय रहते हेलीकॉप्टर की व्यवस्था हो जाती तो कबूतरी देवी की जान बच सकती थी।

आपदा से निपटने की तैयारियों को लेकर सीएम ने की समीक्षा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत राज्य में आपदा से निपटने को लेकर सचेत नजर आ रहे हे। इसलिये समय-समय पर जिलों के जिलाधिकारियों से आपदा को लेकर तैयारियों की समीक्षा कर रहे है। मंगलवार को भी सीएम ने समीक्षा बैठक ली। वीडियों कान्फें्रसिंग के माध्यम से उन्होंने आपदा की तैयारियों की समीक्षा ली। उन्होंने कहा कि आपदा के निपटने में धन की कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने आपदा प्रबंधन संबधी प्रशिक्षण सुनिश्चित कराने के सुझाव जिलाधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुये कहा कि प्रशासन को किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना होगा। सभी आवश्यक प्रबंध पहले ही सुनिश्चित कर लिए जाये। आकस्मिक परिस्थितियों में कम्यूनिकेशन टूटना नहीं चाहिए। रेस्पान्स टाईम सबसे महत्वपूर्ण है। जल्द से जल्द घटना स्थल तक पहुंचना और प्रभावितों को राहत उपलब्ध करवाने की व्यवस्था हो। चिन्हित आश्रय स्थलों पर भोजन, पेयजल, कैरोसीन, दवाईयां व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित हो। राशन की क्वालिटी समय-समय पर चौक कर ली जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्धसैन्य बलों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जाए। सेना से भी आपदा की स्थिति में पूरा सहयोग मिलेगा। इस संबंध में सेना प्रमुख से उनकी बात हुई है। प्रचार माध्यमों से बाहर से आने वाले पर्यटकों को आगाह किया जाए कि वे नदियों के समीप न जाएं। कन्ट्रोल रूम 24 घंटे संचालित हों। मुख्यमंत्री ने ट्रैफिक प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

बैठक में सभी जिलाधिकारियों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किए गए हैं। वर्षा से बाधित होने वाले मार्गों को कम से कम समय में खोला जा सके, इसके लिए जेसीबी, क्रेन व मानव संसाधनों को संवेदनशील स्थानों पर पहले से ही तैनात किया जा रहा है। जगह-जगह बनाए जाने वाले आश्रय स्थलों पर भोजन, पेयजल, कैरोसीन, दवाईयां व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों व कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। मॉक ड्रिल भी समस-समय पर आयोजित की जाती है।

ऋषिकेश में खुला देश का पहला सैक्स सीमन केंद्र

ऋषिकेश में अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र का शिलान्यास शनिवार को हो गया। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत देश का पहला सैक्स सोर्टेड सीमन उत्पादन प्रयोगशाला का शिलान्यास केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया। इस प्रयोगशाला के द्वारा शर्तिया बछिया उत्पादन हो सकेगा। यानी कि बछिया पैदा करने की तकनीक विकसित हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन देशी नस्ल के गौ वंश का संरक्षण कर उनकी दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाना है। ऋषिकेश में स्थापित की जा रही सीमन प्रयोगशाला की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय वृद्धि के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। राज्य सरकार का प्रयास है कि वर्ष 2021 तक ऐसी व्यवस्था कर ली जाए जिससे हमारे गौवंश सड़कों पर आवारा न घूमें बल्कि किसानों की आजीविका के साथी बनें। बद्री नस्ल की गायों की दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने में कुछ सफलता प्राप्त हुई है। इसे और अधिक बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में लाने के गम्भीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। पीएमजीएसवाई में राज्य में लक्ष्य से 200 किमी अधिक सड़क का निर्माण किया गया है। पर्वतीय गर्वमेंट ई-मार्केट व बेस्ट फिल्म फ्रेंडली राज्य के रूप में भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है। दुर्गम क्षेत्रों में इंटरनेट की उपलब्धता के लिए एयरोस्टेट बैलून का सफल परीक्षण किया गया है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जो इस तकनीक का उपयोग करने जा रहा है।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए पिछले चार सालों में पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रही है। सरकार के प्रयासों से देश के 700 से अधिक कृषि वैज्ञानिक लैब से निकलकर जमीनी परीक्षण के लिए फील्ड लेवल तक पहुंचाए हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालन, गाँव की आर्थिकी की रीढ़ है। हमारा देश पशुपालन में पहले पायदान में होने के बावजूद यहां उत्पादकता में कमी है। हमें वार्षिक वृद्धि दर के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना है।

पौधरोपण के लिये सीएम ने चलाया फावड़ा

मिशन ऋषिपर्णा के अंतर्गत मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पौधरोपण के गड्ढे खोदे। उन्होंने कहा कि रिस्पना व कोसी के पुनर्जीवीकरण के लिये हरेला पर्व के दौरान एक दिन निर्धारित कर लाखों पौधे लगाये जायेंगे। पौध रोपण का यह कार्य सभी के सार्थक प्रयासों से सफल होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा सरकार का दीर्घकालिक एवं महत्वाकांक्षी अभियान है। इस मिशन में स्थानीय लोगों के अलावा विभिन्न सरकारी तथा गैरसरकारी संगठनों, संस्थाओं एवं अन्य प्रदेशों के लोगों का सहयोग भी मिल रहा है। रिस्पना एवं कोसी के पुनर्जीवीकरण के लिए हरेला पर्व के दौरान एक दिन निर्धारित कर 3.5 लाख पौधे लगाये जायेंगे। पौधरोपण का यह कार्य पूर्ण रूप से जन सहयोग से किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारम्भिक चरण में रिस्पना एवं कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अन्य जल स्रोतो को भी पुनर्जीवित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्यावरण का संरक्षण, हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। वर्ष-2018 में विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी भारत कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्लास्टिक मुक्त भारत का जो आह्वाहन किया है, उसमें सबका सहयोग जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 जुलाई से उत्तराखण्ड में पॉलीथीन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित की जायेगी। सभी पॉलीथीन के थोक विक्रेताओं को इससे पूर्व पॉलीथीन का स्टॉक समाप्त करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि इससे एक सप्ताह पूर्व पूरे प्रदेश में पॉलीथीन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। उत्तराखण्ड को पॉलीथीन मुक्त राज्य बनाने के लिए सामाजिक संगठनों के अलावा जन सहयोग आवश्यक है।

जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने बताया कि लण्ढ़ौर शिखर फॉल से मोथरोवाला-दौड़वाला तक तक वृक्षारोपण के लिए 39 ब्लॉक बनाये गये हैं। सम्पूर्ण क्षेत्र में अनेक प्रजाति के पौध लगाये जायेंगे। इसमें 30 प्रतिशत फलदार वृक्ष लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस मिशन में सबका अच्छा सहयोग मिल रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसके उपरान्त मुख्यमंत्री आवास में भी वृक्षारोपण किया। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लीची, अनार, अमरूद, आडू, प्लम, नाशपाती आदि फलदार पौधे रोपे।

डीएम आपदा के दौरान तुरंत एक्शन लेः त्रिवेन्द्र

राज्य में अतिवृष्टि व ऑधी तूफान से हुयी क्षति के जानकारी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावन ने ली। उन्होंने राज्य आपदा परिचालन केंद्र में डयूटी पर तैनात कर्मचारियों को फोन के माध्यम से जिलों की आपदा की जानकारी लेने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन माह वर्षाकाल के दौरान विशेष सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को किसी भी प्रकार के आपदा के लिए सतर्क रहने एवं शीघ्र रिस्पांस देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिला आपदा कंट्रोल रूम का भी लगातार निरीक्षण करते रहें। ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिन्हित कर कार्यवाही करें।

जिलाधिकारियों को आपदा के दृष्टिगत निरन्तर जनप्रतिनिधियों के सम्पर्क में रहने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों की फोन नम्बर की लिस्ट भी अपडेट रखी जाए। ताकि किसी भी प्रकार की घटना होने पर शीघ्र सम्पर्क किया जा सके।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तरकाशी एवं पौड़ी में 28 मीमी की बारिश हुई है। जबकि देहरादून में 40 मीमी बारिश हुई। उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट तहसील के गंगटाड़ी में एक बच्ची के बहने की सूचना मिली है। जबकि पौड़ी जनपद के चाकीसैंण तहसील के बुमोच में अतिवृष्टि से चार पशुओं की हानि हुई है। उन्होंने राज्य में बादल फटने संबंधी जानकारी होने से साफ इंकार किया। सीएम बोले राज्य में कोई बादल नहीं फटा है। इस तरह की सूचना का कोई औचित्य नहीं है।