पुलिस महानिदेशक ने सेवा का अधिकार आयोग के निर्देश के क्रम में सभी जिलों को जारी किए दिशा निर्देश के तहत अब पुलिस सत्यापन के दौरान सीधे मकान मालिक का चालान नहीं करेगी। पहले नोटिस जारी कर सत्यापना की स्थिति स्पष्ट करेगी।
देहरादून की पटेलनगर पुलिस ने सत्यापन के दौरान आइएसबीटी के पास एमडीडीए आवासीय परियोजना निवासी जनार्दन प्रसाद ध्यानी का चालान काट दिया था। जबकि उन्होंने पहले से किरायेदार का सत्यापन करा रखा था। इस कार्रवाई के विरोध में ध्यानी ने सेवा का अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। प्रकरण पर सुनवाई करते हुए आयोग के मुख्य आयुक्त आलोक कुमार जैन ने पाया कि पुलिस की लापरवाही के चलते मकान मालिक को सीजेएम कोर्ट में एक हजार रुपये खर्च करने पड़े और आर्थिक, मानसिक परेशानी से भी गुजरना पड़ा।
आयोग ने पुलिस की इस कार्रवाई पर द्वितीय अपीलीय अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया था। आयोग ने पूछा था कि क्या सत्यापन के दौरान पुलिस के पास मकान मालिकों के आवेदन का विवरण नहीं रहता है। हालांकि, उनकी तरफ से चौंकाने वाला जवाब मिला कि संबंधी थाना पुलिस के लिए यह संभव नहीं है कि वह सत्यापन रजिस्टर को साथ लेकर चले। इस उत्तर को आयोग ने वाजिब नहीं पाया और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा कि सत्यापन के विवरण के बिना इस तरह मकान मालिकों का चालान किया जाना उचित नहीं है। जब शासकीय तंत्र के पास सूचना है तो नागरिकों को परेशान किया जाना किसी भी दशा में ठीक नहीं।
लिहाजा, दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए कि जिन मकान मालिकों ने सत्यापन करा लिया है, उनका चालान न किया जाए। इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक ने जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए और यह आदेश प्रदेशभर के लिए नजीर भी बन गया है।
Service Unavailable
The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.
Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.