राज्य की जनता को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने वाला उत्तराखंड बना पहला राज्य

उत्तराखण्ड राज्य के निर्माता भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ‘‘अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना’’ का शुभारम्भ किया। इस योजना के लागू होने से उत्तराखंड पहला राज्य है, जहां सभी प्रदेश वासियों को निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जा रही हो। उत्तराखंड राज्य के प्रणेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर शुरू की जा रही यह योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित होगी। मुख्यमंत्री ने विभिन्न लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड वितरित किए। उनकी उपस्थिति में योजना के तहत चिन्हित विभिन्न अस्पतालों के साथ एमओयू का आदान-प्रदान भी किया गया। मुख्यमंत्री ने योजना के तहत जल्द ही बच्चों व बुजुर्गों के लिए निशुल्क ओपीडी की भी सुविधा देने व 26 जनवरी से राज्य में पूरी तरह से समर्पित एयर-एम्बुलेंस शुरू करने की घोषणा की।

देहरादून के बन्नू स्कूल में आयेाजित कार्यक्रम में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत अपना पंजीकरण कराने व गोल्डन कार्ड बनाने के लिए काउंटरों पर लोग लाईनों में खड़े हो गए। बिना किसी परेशानी के अपने पंजीकरण व गोल्डन कार्ड बनते देखकर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था। उनका उत्साह देखते ही बनता था।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योजना के शुभारम्भ की घोषणा की। उन्होंने अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना की वेबसाईट व एप का औपचारिक शुभारम्भ किया। उन्होंने अनेकों लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड भी वितरित किए। उनकी उपस्थिति में योजना के अंतर्गत चयनित विभिन्न अस्पतालों के साथ एमओयू का आदान-प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आयुष्मान भारत योजना प्रारम्भ की। उसी प्रेरणा से हमने सोचा कि ऐसी क्या योजना शुरू की जाए कि सभी प्रदेशवासियों को निशुल्क ईलाज की सुविधा दे सकें। कोई भी व्यक्ति धन के अभाव में ईलाज से वंचित न रहे। इसीलिए हमने ‘अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’ में राज्य के सभी परिवारों को कवर किया है और इसमें कैशलैस इलाज का प्रबंध किया है। इन्श्योरेंस में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए योजना को ट्रस्ट मोड में संचालित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 23 लाख परिवार इससे लाभान्वित होंगे। 99 सरकारी व 66 प्राईवेट चिकित्सा संस्थान इसमें चयनित हैं। 1350 गम्भीर बिमारियों का इसमें इलाज हो सकेगा।
भारत कीें आर्थिक सामाजिक एवं जातीय जनगणना 2011 में चयनित लभग 10 करोड परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिये प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना प्रारम्भ की गयी। इस जनकल्याणकारी योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के लगभग 5.37 लाख परिवारों को चिन्ह्ति किया गया। जिन्हें प्रतिपरिवार पांच लाख रूपये तक प्रतिवर्ष की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा एवं उपचार देने का कार्य प्रारम्भ हो गया है।

योजना की प्रमुख विशेषताऐंः-
-उत्तराखण्ड राज्य के समस्त परिवारों को बीमार होने पर चिकित्सालय में भर्ती होने की दशा में इस योजना का लाभ मिलेगा।
-चिकित्सा उपचार की सुविधा के लिये सरकारी एवं प्राईवेट अस्पतालों का चिन्हित किया गया है।
-पात्र लाभार्थी परिवारों के सभी उम्र के सभी सदस्य इस योजना के अन्तर्गत लाभ ले सकते है।
-लाभार्थी परिवार अपनी एवं परिवार के सदस्यों का विवरण मोबाईल एप-(अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना) के माध्यम से प्राप्त कर सकते है।
-ऐसे परिवार जो योजना में चिन्ह्ति नहीं है का पंजीकरण मोबाईल एप (अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना) एवं वेब साईट के माध्यम से किया जायेगा।
-उपचार के समय आपके पास कोई एक फोटो पहचान पत्र अवश्य होना चाहिए।
-योजना में चयनित परिवारों को उनके डाटा बेस के अनुसार प्रमाणित कर एवं सम्बन्धित के फोटो पहचान पत्र के अनुसार उपचार मिलेगा।
-योजना में कुल 1350 (तेरह सौ पचास) प्रकार के रोग अवस्थाओं से सम्बन्धित पैकेजों का चयन किया गया है।
-हृदय रोग सम्बन्धित कुल 130 पैकेज, नेत्र रोग सम्बन्धित 42 पैकेज, नाक कान गला रोग सम्बन्धित 94 पैकेज, हडडी रोग सम्बन्धित 114 पैकेज, मूत्र रोग सम्बन्धित 161 पैकेज, महिला रोग सम्बन्धित 73 पैकेज, शल्य रोग सम्बन्धित 253 पैकेज, न्यूरो सर्जरी, न्यूरो रेडियोलोजी एवं फ्लास्टिक सर्जरी, बर्न रोग सम्बन्धित 115 पैकेज, दन्त रोग सम्बन्धित 9 पैकेज, बाल रोग सम्बन्धित 156 पैकेज, मेडिकल रोग सम्बन्धित 70 पैकेज, कैन्सर रोग सम्बन्धित 112 पैकेज एवं अन्य 21 पैकेजों का चयन किया गया है।
-मरीजो की सहायता के लिये सूचीबद्ध चिकित्सालयों में आरोग्य मित्र तैनात रहेंगे। जिनके द्वारा भर्ती मरीजो को सहयोगध्मार्गदर्शन में मदद मिलेगी। सूचीबद्ध चिकित्सालयो में तैनात आरोग्य मित्र का मोबाईल नम्बर चिकित्सालय के हेल्प डेस्क पर उपलब्ध रहेगा।

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