ठीक होकर आने का वादा किया था, लेकिन साथ छोड़ दिया- मुख्यमंत्री

‘मैं निश्चित रूप से वापस आऊंगा, पर अब उनका पार्थिव शरीर वापस आ रहा है’ कैबिनेट सहयोगी प्रकाश पंत से आखिरी मुलाकात को याद कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भावुक होकर फफक पड़े। उन्होंने प्रकाश पंत से जुड़ी कुछ यादों को साझा कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुआ एक वीडियो बुधवार शाम को जारी किया। मुख्यमंत्री ने पंत की संसदीय प्रणाली की समझ और उनके कार्यशैली को याद किया। मुख्यमंत्री बोले, ‘राज्य गठन के बाद अंतरिम सरकार बनी तो बात आई कि विधानसभा अध्यक्ष किसे बनाया जाए। मैंने डा. मुरली मनोहर जोशी को सुझाया कि प्रकाश पंत को बनाते हैं। उस समय मैं प्रदेश संगठन देख रहा था। जोशी जी का एक संशय था कि इतनी कम उम्र में प्रकाश विधानसभा का कार्य देख पाएगा। मैंने उन्हें समझाया, जिसके बाद वे मान गए। उनकी संसदीय कार्यों की मजबूत समझ से इतिहास में लंबी लकीरें खींची हैं।
वे न केवल मर्यादाओं की चिंता करते थे बल्कि उस पर चलते भी थे’। मुख्यमंत्री ने उनकी कार्यकुशलता और विनम्रता को लेकर कई रोचक बातें बताईं। अपनी बात समाप्त करने से पहले मुख्यमंत्री ने पंत जी से आखिरी मुलाकात को याद किया तो वे भावुक हो गए। उन्होंने अंत में कहा कि ‘मैं बहुत दुखी हूं’। इतना कहने के बाद वे फफक ही पड़े। प्रकाश पंत ने जब सोशल मीडिया पर अपने स्वास्थ्य में आ रहे सुधार के संबंध में एक वीडियो पोस्ट किया तो अपने प्रशंसकों के चेहरे खिल उठे। सभी उनके सेहत को लेकर चिंतित थे और हर जुबान पर एक सवाल तैर रहा था कि प्रकाश पंत जी को आखिर क्या हुआ? पंत ने संदेश में कहा था कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और सेवा के भाव लेकर वे पुनः उपस्थित होंगे।

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