सीएस ने अवैध खनन को रोकने को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में अवैध खनन की रोकथाम के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से अवैध खनन को रोक जाने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी ली।
मुख्य सचिव ने कहा कि अवैध खनन को पूर्णतः रोके जाने हेतु हर संभव प्रयास किए जाएं। इसके लिए साप्ताहिक अथवा मासिक रूप से वीडियोग्राफी करवाई जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व के प्रकरणों में लगाए गए जुर्माने वसूलने के लिए अभियान चलाया जाए, साथ ही इसकी मासिक रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भी प्रेषित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि अवैध खनन के लिए गठित जनपद स्तरीय एवं तहसील स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा लगातार अवैध खनन पर कार्रवाई की जाए। साथ ही की गई कार्रवाई को डाटा लेक पोर्टल पर अपलोड किया जाए। उन्होंने खनन विभाग को डाटा लेक पर इसके लिए फॉर्मेट शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने खनन विभाग को अवैध खनन रोकने हेतु सभी आवश्यक प्रशिक्षण शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि पुलों के आसपास खनन को रोकने हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने राजस्व भूमि पर नए लॉट्स चिन्हित किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि इससे वैध तरीके से खनन किए जाने पर अवैध तरीके से खनन की कम संभावनाएं होती हैं।
इस अवसर पर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं अन्य उच्चाधिकारियों सहित जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

दृष्टिपत्र 25 संकल्प 2022 के लक्ष्यों को समयबद्धता से शीर्ष प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दृष्टिपत्र 25 संकल्प 2022 के लक्ष्यों के समयबद्धता से शीर्ष प्राथमिकता के साथ प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सचिवालय में इस सम्बन्ध में बैठक लेते हुए एसीएस राधा रतूड़ी ने विभिन्न विभागों से दृष्टिपत्र 25 संकल्प 2022 के तहत किये जाने वाले कार्यों की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को सरलीकृत, त्वरित तथा प्रभावी कार्यशैली अपनाने की सख्त हिदायत दी।
बैठक में कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग ने जानकारी दी कि दृष्टिपत्र 25 संकल्प 2022 के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में उत्तराखण्ड ऑर्गेनिक ब्रांड निर्माण के 51 आउटलेट संचालित किये जा चुके हैं तथा 24 आउटलेट संचालित किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है। पर्यटन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि साहसिक टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड के माध्यम से 20 चिहनित स्थानों में से साहसिक पर्यटन के लिए 09 स्थानों पर कार्यवाही गतिमान है। 45 नए हॉटस्पॉट पर फोकस के माध्यम से पर्यटन के क्षेत्र में आमदनी बढ़ाने, हर राज्य की राजधानियों तथा दुनियाभर की प्रमुख राजधानियों में मिशन उत्कृष्ट देवभूमि शुरू करने जैसे बिन्दुओं पर कार्य चल रहा है।
वन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि ईकों टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड के माध्यम से 20 दर्शनीय स्थलों को पर्यावरण केंद्रित पर्यटन के हॉटस्पॉट के रूप में विकसित करने की कार्य योजना पर कार्यवाही चल रही है। लोक निर्माण विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि सड़क किनारों की ढलानों के स्थिरीकरण हेतु मिशन हिमावंत के सम्बन्ध में प्रथम चरण में वित्तीय वर्ष 2022-23 में सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 56 कार्याे हेतु 3668 करोड़ रूपये की कार्ययोजना अनुमोदित हो चुकी है तथा 2148 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग ने बताया कि सड़कों को कंक्रीट सड़कों में अपग्रेड किये जाने के संबंध में राज्य में नगर निगम क्षेत्रों के शहरी मार्गों के तहत पीडब्लयूडी के स्वामित्व वाली 3.75 मीटर की चौड़ाई से अधिक चौड़े मार्गों पर चरणबद्ध तरीके से कंक्रीट/वाइट टोपिंग से अपग्रेड करने हेतु नीति निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने जानकारी दी कि उत्तराखण्ड के सभी गांवों को 4जी/5जी मोबाइल नेटवर्क एवं हाई स्पीड ब्राडबैंड एवं फाइबर इंटरनेट से जोड़ने के सम्बन्ध में प्रस्तावित 1849 स्थानों में से 1691 स्थानों को कवर कर लिया गया है। जी सैचुरेशन परियोजना के तहत 1244 गांव के सापेक्ष 44 गांवों में कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। पेयजल विभाग ने जानकारी दी कि हर घर नल योजना के तहत जल संस्थान द्वारा अनुरक्षित राजस्व ग्रामों के कुल 606300 परिवारों के सापेक्ष वर्तमान तक 485918 परिवारों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि मेरा गांव मेरी सड़क योजना के तहत वर्ष 2022-23 हेतु प्राप्त 49 सड़कों के प्रस्ताव में से 22 योजनाओं पर टोकन मनी के रूप में 283.41 लाख रूपये की स्वीकृति निर्गत हो चुकी है।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव राधिका झा, अपर सचिव जगदीश कांडपाल, राजस्व, लोक निर्माण, ग्राम्य विकास, पर्यटन विभाग सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

धामी कहीं सख्त तो कहीं दरियादिली के ले रहे फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार ऐसे फैसले ले रहे रहे जो राज्य के हित में है और लंबे समय से उनकी दरकार रही है। आज भी मुख्यमंत्री ने कई निर्णय लिये है।

अनुपस्थित चिकित्सकों की हुई सेवा समाप्त
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यस्थल से निरंतर अनुपस्थित रहने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरमीत कौर, डॉ प्रीति सारस्वत, डॉ. सर्वान्स मालवीय की सेवाएं समाप्त किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।

विभिन्न विकास कार्यों हेतु प्रदान की वित्तीय स्वीकृति
मुख्यमंत्री घोषणा के क्रम में मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र खटीमा में सैनिक मिलन केंद्र की स्थापना हेतु 162.26 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रथम किस्त के रूप में 97.35 लाख रुपये, जनपद चमोली के विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ में पुलना-1 में पार्किंग के निर्माण किए जाने हेतु 1 करोड़ 12 लाख के सापेक्ष अवशेष धनराशि 66.51 रुपए की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र पिथौरागढ़ के ग्राम पंचायत सूरौण के छुर्मल में मेला स्थान के सौंदर्यीकरण एवं धर्मशाला के निर्माण हेतु 63 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति के सापेक्ष प्रथम किश्त के रूप में 37.80 लाख, विधानसभा क्षेत्र चंपावत में घटकु-हिडिम्बा मंदिर को कुमाऊनी शैली में निर्माण कराए जाने हेतु 94.40 लाख लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रथम किस्त के रूप में 56.64 लाख रुपये तथा जनपद चंपावत के विकासखंड बाराकोट के ग्राम पंचायत खोला सुनार में टाइल्स निर्माण कार्य हेतु 23.07 लाख रुपये की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।

नगर पालिका परिषद बनी नगर पंचायत बेरीनाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला पिथौरागढ़ के नगर पंचायत बेरीनाग क्षेत्र को नगर पालिका परिषद बेरीनाग नगरीय क्षेत्र के रूप में गठित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही शासन द्वारा नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम जनपद नैनीताल के वार्डों के परिसीमन के सम्बन्ध में भी कतिपय दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।

रक्षाबन्धन के अवसर पर महिलाओं को उपलब्ध रहेगी निःशुल्क बस सेवा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर रक्षाबंधन के अवसर पर आगामी 30 अगस्त को प्रदेश की महिलाओं को प्रदेश के अंदर उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों के किराये में शत प्रतिशत छूट दी जायेगी। इस सम्बन्ध में सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी द्वारा प्रबंध निदेशक उत्तराखण्ड परिवहन निगम को निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

गौरीकुंड में चल रहे राहत बचाव कार्य में तीव्र गति लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय, देहरादून स्थित आपदा कन्ट्रोल पहुंचकर प्रदेश भर में जारी बारिश की स्थिति के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में हुए हादसे में संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने गौरीकुंड में चल रहे राहत बचाव कार्य में तीव्र गति लाने के निर्देश दिए। साथ ही शासन स्तर से गौरीकुंड क्षेत्र में हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर की जानकारी ली। उन्होंने कहा जिन भी क्षेत्र में जल स्तर बढ़ जाने से बाढ़ की समस्या आ रही है, उन सभी स्थानों पर अलर्ट जारी किया जाए, एवं सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों के आसपास बनी इमारत एवं कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गौरीकुंड में हुए हादसे के बाद लगातार राहत बचाव कार्य जारी है। लापता लोगों को ढूंढने हेतु सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हादसे में मृतक एवं लापता लोगों के परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है। एसडीआरएफ जिला प्रशासन सभी टीमें मौके पर मौजूद हैं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासन प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव अभिनव कुमार सचिव आपदा रंजीत सिन्हा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

वन्यजीवों से खेती बचाने के लिए ठोस कारगर उपाय करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 19वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए बंदरों और जंगली सूअरों की समस्या को दूर करने के लिए फोकस्ड होकर काम करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बंदरों के बंध्याकरण के लक्ष्य को दोगुना करने के साथ ही इनका प्रैक्टिकल समाधान प्रस्तुत करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने मानव वन्यजीव संघर्ष राहत राशि का वितरण 15 दिनों में सुनिश्चित किए जाने की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। वन्यजीवों के हमले में किसी व्यक्ति की मृत्यु पर राहत राशि को 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रूपए करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द कैबिनेट में लाया जाए।
मुख्यमंत्री ने मानव वन्यजीव संघर्ष को कम किए जाने की दृष्टी से आवश्यक कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा वनों के समीप गांव में सोलर लाइट लगाए जाने, पब्लिक अवेयरनेस, पर्याप्त मात्रा में वन कर्मियों की नियुक्ति के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा जिन स्थानों पर मानव वन्यजीव संघर्ष अधिक होते हैं ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए। ताकि लोगों को पहले चेतावनी दी जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए बायो फेंसिंग पर कार्य किया जाए। इको टूरिज्म, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म और बायो फेंसिंग को बोर्ड की बैठक का नियमित एजेंडा बनाया जाए।मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड वाइल्डलाइफ हेल्पलाइन का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने बाघों की संख्या में उत्तराखंड के तीसरे स्थान पर रहने पर बधाई देते हुए कहा कि इसमें स्थानीय लोग बधाई के विशेष पात्र हैं। राज्य के क्षेत्रफल को देखते हुए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वाइल्ड लाइफ टूरिज्म की दृष्टि से इसका व्यापक प्रचार किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लंबे समय से लंबित टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन भी शीघ्र किया जाए। उन्होंने कहा टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स बनाकर युवाओं को इससे जोड़ा जाए। वनों से लगे ग्रामीण इलाकों के लोगों की वन्यजीव संरक्षण में अहम भूमिका होती है। ऐसे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक भी किया जाए, समय-समय पर वन्यजीव रेस्क्यू एवं रैपिड एक्शन फोर्स की ट्रेनिंग भी लोगो को दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौरासी कुटिया को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को टाइम बाउंड तरीके से काम करना होगा। इसमें विलंब होने पर जिम्मेदारी तय की जायेगी। निर्णयों की क्रियान्विति तभी सम्भव है जब सम्बन्धित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 का संशोधन 2022 लाया गया है। इसके अनेक प्रावधान उत्तराखंड के हित में है। इसकी जानकारी संबंधित विभागों के अधिकारियों को जरूर होनी चाहिए।
बैठक में बताया गया कि मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ और उत्तराखंड मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण निधि की स्थापना की गई है। प्रकोष्ठ के अंतर्गत उत्तराखंड वन्यजीव हेल्पलाइन की भी स्थापना की गई है।
मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली का संशोधित प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें पूर्व में दी जा रही अनुग्रह राशि को बढ़ाने के साथ ही ततैया और मधुमक्खी से मनुष्य की मृत्यु पर भी अनुग्रह राशि का प्रावधान किया गया है।
बैठक में केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक रेणु बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, मुख्य सचिव एस एस संधु, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक सहित राज्य वन्य जीव बोर्ड के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने की श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान यूपीसीएल को निर्बाध एवं स्थिर विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से पावर कट के कारण कितनी देर कार्य बाधित रहा इसकी भी नियमित रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सितम्बर माह से विद्युत पोल एवं अन्य उपकरणों को भी स्थापित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में आवरण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने हेतु एक तंत्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के कठोरतम वातावरण के अनुरूप आवरण सामग्री का उपयोग हो इसके लिए श्रेष्ठतम तकनीक, विशेषज्ञों एवं सामग्री का उपयोग किया जाए। उन्होंने सेंट्रल स्ट्रीट के कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी भवनों की डीपीआर अगले एक सप्ताह में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को सभी साईट्स को शीघ्र से शीघ्र ठेकेदारों को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने आवश्यक निर्माण सामग्री की कमी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी कार्यों का पर्ट चार्ट तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों को निर्धारित समय से पूर्ण करने हेतु आवश्यक निर्माण सामग्री के साथ ही उचित संख्या में कुशल श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। निर्माण सामग्री की कमी होते ही उच्च स्तर पर अवगत कराया जाए ताकि निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। कार्यों में ढिलाई बरत रहे ठेकेदारों पर भी कार्रवाई किए जाने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए।
इस अवसर पर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, एसीईओ यूटीडीबी युगल किशोर पंत एवं अपर सचिव विनीत कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि से लोगों के जीवन में आया बदलाव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वनिधि परिवार के लाभार्थियों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वनिधि के लाभार्थियों एवं स्वनिधि के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले बैंकर्स एवं अन्य लोगों को सम्मानित भी किया। स्वनिधि के लाभार्थियों को कुल 9 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है। जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा 7 प्रतिशत एवं राज्य सरकार द्वारा 2 प्रतिशत का ब्याज पर अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत लाभार्थियों को 9 प्रतिशत अनुदान मिलने के बाद जो 3 से 4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है, आने वाले समय में यह भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना ने शहरों और कस्बों में वित्तीय समावेशन और डिजिटल साक्षरता की एक नई लहर चलाई है। जिससे रेहड़ी-पटरी व फेरी वालों के जीवन को गरिमा और स्थायित्व मिला है। स्ट्रीट वेंडर्स के बीच स्वरोजगार, स्वावलंबन, स्वाभिमान और आत्मविश्वास बहाल करने के उद्देश्य से यह योजना लाई गयी। पहले गरीब आदमी बैंक के भीतर जाने की भी नहीं सोच सकता था। लेकिन आज बैंक वाले खुद आपके पास आ रहे हैं और आपको लोन भी दे रहे हैं यही सम्मान है, स्वावलंबन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज गरीब बैंक से लोन भी ले रहे हैं और ईमानदारी से इसे चुका भी रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की समस्त नगरीय निकायों में 1 जुलाई, 2020 से प्रारम्भ पी0एम0स्वनिधि योजना के तहत प्रदेश में 31 हजार से अधिक फेरी व्यवसायियों द्वारा ऑनलाईन पोर्टल में ऋण हेतु आवेदन किया गया। प्रथम चरण में 16 हजार से अधिक प्रति आवेदक को रू0 10 हजार का ऋण, द्वितीय चरण में लगभग 6 हजार प्रति आवेदक को रू0 20 हजार का ऋण एवं तृतीय चरण में लगभग 600 प्रति आवेदक को रू0 50 हजार का ऋण स्वीकृत किया गया है। अभी तक इस योजना के तीनों चरणों में 22 हजार से अधिक फेरी व्यवसायियों को 31 करोड़ रूपये का ऋण वितरित हो चुका है। ‘मैं भी डिजीटल’ अभियान के तहत लगभग 16 हजार फेरी व्यवसायियों को बैंकों के माध्यम से क्यू0आर0 कोड उपलब्ध कराते हुए डिजीटल लेन-देन को बढ़ावा दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्वनिधि से समृद्धि’ योजना के अन्तर्गत पीएम स्वनिधि के लाभार्थियों एवं उनके परिजनों को केन्द्र सरकार की 8 कल्याणकारी योजनाओं वन नेशन वन राशन कार्ड, जननी सुरक्षा, मातृ-वन्दन, सुरक्षा बीमा, जनधन, जीवन-ज्योति बीमा, श्रम-योगी मानधन योजना एवं भवन निर्माण श्रमिकों हेतु पंजीकरण जैसी पीएम योजना से प्रदेश के 11 नगरीय निकायों के लगभग 17 हजार पात्र फेरी व्यवसायियों एवं उनके परिजनों को लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत प्रदेश से बाहर के लगभग 7 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं, जननी सुरक्षा योजना के तहत गत वर्ष 73 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित कर कुल 9 करोड़ 64 लाख रुपये डीबीटी के माध्यम से उनके खतों में जमा किये गए हैं तथा संबंधित आशाओं को प्रोत्साहन मद में कुल 3 करोड़ 13 लाख रुपये दिए गए। मातृ-वन्दन योजना के तहत प्रदेश के 6 लाख से अधिक माताओं को लाभान्वित किया गया है। पी.एम. श्रम-योगी मानधन योजना के तहत प्रदेश के 39 हजार लोगों को लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण श्रमिकों हेतु पंजीकरण के तहत प्रदेश के साढ़े चार लाख (4.50 लाख) से अधिक श्रमिक पंजीकृत हैं। पीएम सुरक्षा बीमा योजना के तहत प्रदेश के 30 लाख से अधिक लोगों को आच्छादित किया गया है। पी.एम. जन-धन योजना के तहत प्रदेश में 34 लाख से अधिक जन-धन खाते खोले गये हैं। पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत प्रदेश के 8 लाख से अधिक लोगों को आच्छादित किया गया है।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक अरविन्द पाण्डेय, विधायक अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, सुरेश गड़िया, मोहन सिंह मेहरा, प्रमोद नैनवाल, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, निदेशक शहरी विकास नवनीत पाण्डेय एवं पी.एम स्वनिधि के लाभार्थी उपस्थित रहे।

पीएम ने बताया उत्तराखंड की महिलाओं ने पत्र लिखकर धन्यवाद दिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात के 103 वें संस्करण को सुना।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की कुछ माताओं और बहनों ने जो पत्र उन्हें लिखे हैं, वो भावुक कर देने वाले हैं। उन्होंने अपने बेटे को, अपने भाई को, खूब सारा आशीर्वाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि ‘उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा ‘भोजपत्र’, उनकी आजीविका का साधन, बन सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें यह पत्र चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं ने लिखा है। ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में उन्हें भोजपत्र पर एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी। यह उपहार पाकर वे बहुत अभिभूत हो गये। हमारे यहाँ प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं। महाभारत भी इसी भोजपत्र पर लिखा गया था। आज, देवभूमि की ये महिलाएं, इस भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियाँ और स्मृति चिन्ह बना रही हैं। माणा गांव की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना की थी। उन्होंने देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा स्थानीय उत्पाद खरीदें। इसका बहुत असर हुआ है। आज, भोजपत्र के उत्पादों को यहाँ आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं। भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई है कि भोजपत्र से नए-नए उत्पाद बनाने के लिए राज्य सरकार, महिलाओं को प्रशिक्षण भी दे रही है। राज्य सरकार ने भोजपत्र की दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए भी अभियान शुरू किया है। जिन क्षेत्रों को कभी देश का आखिरी छोर माना गया था, उन्हें अब, देश का प्रथम गाँव मानकर विकास हो रहा है। ये प्रयास अपनी परंपरा और संस्कृति को संजोने के साथ आर्थिक तरक्की का भी जरिया बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केंटिंग की अच्छी व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दे रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में माणा से देशभर के श्रद्धालुओं से अपील की थी कि अपनी धार्मिक यात्रा का 5 प्रतिशत खर्चा स्थानीय उत्पादों पर जरूर करें। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो रही है और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है।

प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. मांगेराम की पुण्यतिथि पर किया पौधरोपण

प्रसिद्ध समाज सेवी स्व. मांगेराम की 20वीं पुण्यतिथि पर राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह, आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा कैलाशानंद गिरि महाराज, मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला, अभिनेता कृष्ण कुमार द्वारा स्व. मांगेराम अग्रवाल के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया गया।
इस मौके पर प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. मांगेराम अग्रवाल को स्मरण कर उनकी याद में पौधरोपण किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा के लिए बेजुबान जानवरों का उपचार करने पर अनुज कुमार धस्माना, स्वरोजगार कर कई महिलाओं को रोजगार देने के लिए ईशा चौहान कालूड़ा, गिनीज बुक में कम उम्र में चित्रकार के रूप में नाम कमाने पर राजेश चंद्रा, निशुल्क भोजन प्रदान करने पर संस्था जानकी रसोई, रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करने पर दिव्यांग कौशल्या, प्रत्येक वर्ष निर्धन कन्याओं का निशुल्क विवाह कराने पर अखिलेश अग्रवाल, हरज्ञान चंद सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में हाई स्कूल में विद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने पर तान्या कश्यप, द्वितीय स्थान पर पूनम, इंटर मीडिएट में विद्यालय में प्रथम स्थान पाने पर तनुजा, द्वितीय स्थान पाने अदिति मित्तल, समाज सेवा के लिए भगत सिंह वर्मा, अध्यापन के क्षेत्र के लिए हरिहर लोहानी, उत्तराखंड हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा में राज्य में दूसरा स्थान पाने पर ऋषिकेश के आयुष रावत, 128 बार रक्त देने के लिए योगेश अग्रवाल को राज्यपाल राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
रविवार को डोईवाला के वेडिंग पॉइंट में स्व. हरज्ञान चंद अग्रवाल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर डोईवाला की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कर राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह ने कहा कि स्व. मांगेराम अग्रवाल दिव्य विभूती राष्ट्रभक्त थे, जो भारत माता की साधना में अनवरत लगे रहे। शिक्षा में भारतीय संस्कृति और संस्कार भी मिलने चाहिए। इस हेतु डोईवाला में मांगेराम ने पिता स्व हरज्ञान चन्द अग्रवाल की स्मृति में आपने विद्यालय के लिए अपनी भूमि दान देकर उसपर कक्षो का निर्माण करवाया। केवल डोईवाला में ही नहीं अपितु भानियावाला, थानों, भोगपुर, बुल्लावाला व दूधली में भी सरस्वती शिशु मंदिरों की स्थापना करवाई। आज यही विद्यालय हाई स्कूल व इंटर कालेज के स्वरूप ले चुके हैं।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि जिन सिद्धान्तों को लेकर मांगेराम ने अपना जीवकोपार्जन किया, उसी सिद्धान्तों को उनके बच्चें आगे बढ़ा रहे है। तीनों ही सुपुत्र सामाजिके कार्याे में सदैव अग्रसर रहते है। उनके पुत्र आज डॉ प्रेमचंद अग्रवाल कैबिनेट मंत्री के रूप में आज प्रदेश हित में कई सराहनीय कदम उठा रहे हैं। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि स्व. मांगे राम जी समरस्ता के प्रत्यक्ष ऐसे उदाहरण हैं जो कहते थे इस धरा पर कोई ऊंच-नहीं सब इंसान बराबर हैं। जाति के आधार पर कोई भेद-भाव या छुआछूत नहीं होनी चाहिए। वो हमेशा होली-दीवाली जैसे पर्व बस्ती में जाकर बस्ती के बन्धुओं के साथ मनाते थे। उन्होंने अपने रहते हुए सभी बच्चों को संघ का परिशिक्षण करवाया। वो हमेशा कहते थे शाखा हमारे जीवन का आधार है। यही जीवन का मूलमंत्र है। राज्यपाल गुरमीत सिंह जी ने कहा कि स्व. मांगेराम जी सच्चे निष्ठावान समर्पित स्वयंसेवक थे। संघ की इच्छा को हो आदेश स्वीकार कर जीवन में धारण किया। वो हर वर्ष संघ वर्ग के लिए एक माह का समय चाहे परिस्थिति अनुकूल हो या प्रतिकूल हो वर्ग की व्यावस्था रहते थे। शाखा है तो सब कुछ सम्भव है शाखा हमारी संस्कारों की निर्माण शाला है। जीवनपर्यन्त वो इसी पथ के अनुगामी रहे।
इस मौके पर आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा पूज्य कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि स्वर्गीय मांगेराम विद्यालय के लिए जमीन ना देते तो आज निर्धन बच्चे शिक्षा ना ले पाते। कहा कि वास्तव में मांगे राम जी ने एक मंदिर की स्थापना की। ऐसे शिक्षा के मंदिर आज पूरे देश भर में खुलने चाहिए। उन्होंने अधिक से अधिक पौधारोपण करने का आवाहन किया। साथ ही विद्यालय के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया।
एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि हरियाणा के छोटे से गांव में स्व. मांगेराम का जन्म हुआ। यहीं से कार्य एवं पढ़ाई की दृष्टि से डोईवाला में आगमन हुआ। बाल्यकाल में ही संघ से जुड़ गए। यहीं से राष्ट्र निर्माण के पथ पर चल पड़े। कहा कि जीवन में साक्षात संघ को उतारने वाले स्व मांगेराम निरन्तर संघ कार्य के लिए डोईवाला के क्षेत्र के गांवों में शाखा लगाने लगे। पूरे क्षेत्र में संघ की पहचान मांगेराम बन गए। चाहे आपातकाल के काल हो, रामजन्म भूमि का आंदोलन हो, गो आंदोलन हो, सभी मे सक्रिय भाग ही नहीं लिया। अपितु समाज को जोड़ने का काम किया। उन्होंने आदर्श गांव बनाने के लिए प्रेरित किया कहा कि है कि ऐसा गांव स्थापित करें, जहां जैविक खेती, समरसता, जाती-पाती ना हो। जहां के बच्चे संस्कारित हो, उनमें देश प्रेम का भाव हो, पर्यावरण की समझ रखते हों, ऐसे गांव की आज जरूरत है।
वित्त व संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 1989 में सम्पूर्ण देश में संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी की जन्मशताब्दी का वर्ष था। संघ योजना के अंतर्गत अनेक सेवा कार्याे को प्रारंभ करने की योजना बनी। डोईवाला में भी ऐसी बस्ती बने जो भूमिहीन हों, वंचित समाज से हों आर्थिक स्तिथि दयनीय हों उनको इस बस्ती में बसाया जाए। स्व० मांगेराम के अथक प्रयास से डा. हेडगेवार के नाम से केशव बस्ती बसाई गई। जिसमें स्कूल, सड़क, खेड़ा, संस्कार केंद्र का निर्माण आपके द्वारा करवाया गया।
इस मौके पर डोईवाला के विधायक बृज भूषण गैरोला ने भी अपने विचार रखे। वहीं, कार्यक्रम से पहले मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मन की बात कार्यक्रम को सुना।

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