यूसीसी ड्राफ्ट को मिली मंजूरी, अब विधानसभा में होगा पेश

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून लागू करने के लिए धामी मंत्रिमंडल ने यूसीसी ड्राफ्ट को हरी झंडी दे दी है। 6 फरवरी को प्रदेश सरकार विधानसभा पटल पर यूसीसी बिल पेश करेगी।
रविवार शाम को सीएम आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक हुई। जिसमें सुप्रीमकोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई समिति की ओर से तैयार यूसीसी ड्राफ्ट का प्रस्तुतिकरण दिया गया। चार खंडों में 740 पेज के यूसीसी रिपोर्ट पर चर्चा के बाद मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से मुहर लगा दी। साथ ही यूसीसी विधेयक तैयार कर विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी दे दी।
यूसीसी ड्राफ्ट में बहु विवाह रोकने, लिव इन की घोषणा, बेटियों को उत्तराधिकार में बराबरी का अधिकार देने, विवाह का रजिस्ट्रेशन करने, एक पति-एक पत्नी का नियम समान रूप से लागू करने जैसे तमाम प्रावधान हैं। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ.धन सिंह रावत, गणेश जोशी, रेखा आर्या के अलावा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन भी मौजूद थे।

कई दशक बाद धरातल पर उतरेगा यूसीसी
– 1962 में जनसंघ ने हिंदू मैरिज एक्ट और हिंदू उत्तराधिकार विधेयक वापस लेने की बात कही। इसके बाद जनसंघ ने 1967 के उत्तराधिकार और गोद लेने के लिए एक समान कानून की वकालत की। 1971 में भी वादा दोहराया। हालांकि 1977 और 1980 में इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई।
– 1980 में भाजपा का गठन हुआ। भाजपा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने। पार्टी ने 1984 में पहली बार चुनाव लड़ा, जिसमें केवल दो सीटें मिली।
– 1989 में 9वां लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें भाजपा ने राम मंदिर, यूनिफॉर्म सिविल कोड को अपने चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल किया। पार्टी की सीटों की संख्या बढ़कर 85 पहुंची।
– 1991 में देश में 10वां मध्यावधि चुनाव हुआ। इस बार भाजपा को और लाभ हुआ। उसकी सीटों की संख्या बढ़कर 100 के पार हो गई। इन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड, राम मंदिर, धारा 370 के मुद्दों को जमकर उठाया। ये सभी मुद्दे बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल थे, मगर संख्या बल के कारण ये पूरे नहीं हो पाए थे।
– इसके बाद 1996 में भाजपा ने 13 दिन के लिए सरकार बनाई। 1998 में पार्टी ने 13 महीने सरकार चलाई। 1999 में बीजेपी ने अपने सहयोगियों के साथ बहुमत से सरकार बनाई। तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने।
– वर्ष 2014 में पहली बार भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई और केंद्र में मोदी सरकार आई। मोदी सरकार ने पूरे जोर-शोर से अपने चुनावी वादों पर काम करना शुरू किया। अब केंद्र की सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में काम कर रही है। इसी कड़ी में यूसीसी को लागू कर उत्तराखंड, देश का पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर है।
-उत्तराखंड में 2022 में भाजपा ने यूसीसी के मुद्दे को सर्वाेपरि रखते हुए वादा किया था कि सरकार बनते ही इस पर काम किया जाएगा। धामी सरकार ने यूसीसी के लिए कमेटी का गठन किया। जिसने डेढ़ साल में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया। अब विधानसभा का विशेष सत्र पांच फरवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसमें पास होने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।

ये हैं ड्राफ्ट के संभावित प्रावधान
1- लड़कियों की विवाह की आयु बढ़ाई जाएगी, जिससे वे विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें।
2- विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।
3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्नी के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग-अलग ग्राउंड हैं।
4- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी।
5- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक है।
6- नौकरीशुदा बेटे की मृत्यु पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी होगी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता-पिता का भी हिस्सा होगा।
7- मेंटेनेंस- अगर पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण का दायित्व पति पर होगा।
8- एडॉप्शन- सभी को मिलेगा गोद लेने का अधिकार। मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार, गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।
9- हलाला और इद्दत पर रोक होगी।
10- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा। ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा जिसका एक वैधानिक फॉर्मैट लग सकती है।
11- गार्जियनशिप- बच्चे के अनाथ होने की स्थिति में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा।
12- पति-पत्नी के झगड़े की स्थिति में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है।
13- जनसंख्या नियंत्रण को अभी सम्मिलित नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री ने पौड़ी को दी 800 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पौड़ी में 800 करोड़ लागत की 353 विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। इसमें 134.61 करोड़ की 196 योजनाओं का लोकार्पण तथा 666.13 करोड़ की 157 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी में विशाल जन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पौड़ी की यह भूमि सांस्कृतिक चेतना के केन्द्र, तीलू रौतैली, वीर माधो सिंह, जसवंत सिंह रावत और भारत के प्रथम सीडीएस रहे विपिन रावत की भूमि है। उन्होंने कहा कि कि यह उनका सौभाग्य है कि आज उन्हें पौड़ी की पवित्र भूमि पर आने और मातृशक्ति को समर्पित कार्यक्रम में जन कल्याण की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने का सुअवसर मिल रहा है। आज पौड़ी गढ़वाल के लिए 800 करोड़ से अधिक की लोक कल्याणकारी परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। इन योजनाओं से पौड़ी गढ़वाल का और तेजी से विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार द्वारा पूरे उत्तराखंड का विकास किया जा रहा है। महिला समूहों द्वारा स्थानीय उत्पादों पर लगाए गई प्रदर्शनियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी मातृशक्ति ‘’आत्मनिर्भर भारत’‘ और ’’वोकल फॉर लोकल’’ के मंत्र को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही हैं। आज प्रदेश के दुर्गम गावों में महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर कुटीर उद्योगों के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया गया है। प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था भी प्रारंभ की। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को भी लागू करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। कल ही हमें कमेटी द्वारा इसका ड्राफ्ट भी सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप राज्य सरकार प्रदेश के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कण्डोलिया मैदान में महिला सशक्तिकरण को समर्पित ‘दिशा ध्याणी, ब्वै-ब्वारी‘ सम्मेलन कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रांसी स्टेडियम में शहीद जसवंत सिंह रावत की मूर्ति का अनावरण किया। उसके बाद कण्डोलिया पार्क में अर्बन हाट और महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किये गये उत्पादों का अवलोकन किया। उन्होंने कंडोलिया मंदिर के दर्शन करते हुए देश-प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य कार्यक्रम स्थल कंडोलिया मैदान में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए विभिन्न विभागों की ‘‘16 सामान्य स्टॉल, 5 लाइव स्टॉल (भीमल पेंटिंग, पिरूल व खजूर के क्राफ्ट निर्माण, उत्तराखण्ड के भाण्ड-कुण्ड, मथनी से मठ्ठा निकालना, जांदरा व ओखली का प्रदर्शन) तथा फोटो प्रदर्शनी (जी-20, बीट्ल्स फेस्टिवल तथा सिलक्यारा टनल रेस्क्यू) का अवलोकन करते हुए नारी सशक्तिकरण और प्रदेश के विकास के संबंध में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किये गये कार्यों और प्रयासों की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम स्थल में मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के स्टॉल में बदरी गाय और बछिया का पूजन कर लाइव स्टॉल में ओखली से अनाज कूटा और जंदरे में भी हाथ अजमाया।
अपने संबोंधन में मुख्यमंत्री ने केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए चलायी जा रही योजनाओं, कार्यक्रमों, उपलब्धियों और प्रयासों से अवगत कराते हुए नारी शक्ति को इस पर्वतीय राज्य की रीढ़ कहा। कहा कि चाहे उत्तराखण्ड में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने की बात हो अथवा महिलाओं को उज्ज्वला गैस योजना के लाभ की बात हो ऐसी योजनाओं से आज महिलाएं तेजी से आत्मनिर्भर और सशक्त होकर उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्य बनाने में अपना योगदान दे रही हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गयी गंगा पथ पर आधारित ‘‘कॉफी टेबल बुक‘‘ का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा कण्डोलिया में ही स्व0 जनरल बिपिन रावत के पार्क का लोकार्पण किया, जहां पर जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा और 101 फीट ऊंचा तिरंगा आकर्षण का केन्द्र रहा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनमानस को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ व ड्रग फ्री देवभूमि-2025 की शपथ दिलाई।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कंडोलिया थीम पार्क में महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से लगाए गए अर्बन हाट का निरीक्षण के दौरान महिलाओं के स्वरोजगार के प्रयासों से बेहद खुश नजर आए। हाट में लगाए गए स्टॉलों के भ्रमण के दौरान महिलाओं ने सीएम को उत्पाद चखाए। सीएम के आत्मीय व्यवहार और रोजगार के बारे में बारीकी से जानकारी लिए जाने पर मातृशक्ति प्रफुल्लित नजर आई। हाट में महिलाओं ने मोटे अनाज के उत्पाद, अर्से, पकोड़े, अचार, चटनी और दाल के पकोड़े रखे थे। मातृ शक्ति के अनुरोध पर सीएम ने उत्पादों का स्वाद चखा।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक स्टॉल में जाकर उत्पादों की जानकारी लेने के साथ ही इससे हो रहे लाभ के बारे में सवाल किए। मुख्यमत्री ने महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि मातृशक्ति बहुत बढ़िया काम कर रही हैं। इसका लाभ उनके परिवार सहित प्रदेश को मिलेगा। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सरकार के वोकल फॉर लोकल के नारे का अनुसरण करते हुए स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाया है। वह चाहती हैं कि आत्मनिर्भर बनने के साथ ही स्थानीय उत्पादों का प्रचार-प्रसार हो।
‘‘दिशा ध्याणी, ब्यै-ब्वारी‘‘ सम्मेलन कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और डॉ0 धन सिंह रावत ने भी प्रतिभाग करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा देश-प्रदेश के विकास के किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया।
इस दौरान स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी, लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत और यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष राजेन्द्र अंथवाल, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डे, महानिरीक्षक गढ़वाल के.एस. नगन्याल, जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ0 आशीष चौहान, मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जया बलूनी, पूर्व विधायक मुकेश कोहली, निवर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम सहित बड़ी संख्या में आम जनमानस उपस्थित रहे।

16 प्रस्ताव हुए पारित, अगली कैबिनेट बैठक 6 फरवरी को

सरकार ने राज्य में गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी फिल्म बनाने वालों के लिए सब्सिडी आठ गुना बढ़ा दी है। वहीं, आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में फिल्मों की राज्य में शूटिंग करने वालों की सब्सिडी भी दोगुनी कर दी है। इसके लिए नई फिल्म नीति को धामी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। वहीं, व्यावसायिक वाहनों का टैक्स 10 फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 18 प्रस्ताव आए, जिनमें से 16 पर मुहर लगी। इसमें प्रमुख तौर पर नई फिल्म नीति के तहत प्रदेश में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं की फिल्मों की उत्तराखंड में शूटिंग करने वालों की सब्सिडी 1.5 करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दी गई है। वहीं, गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी में फिल्म बनाने वालों की सब्सिडी 25 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ कर दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में नई लोकेशन पर शूटिंग करने वालों को पांच प्रतिशत अतिरिक्त और फिल्म में उस लोकेशन का नाम दिखाने पर पांच प्रतिशत और सब्सिडी मिलेगी। खास बात यह भी है कि स्थानीय कलाकारों को फिल्म में मौका देने वालों को 10 लाख रुपये अलग से मिलेंगे।
जो छात्र किसी मान्यता प्राप्त फिल्म प्रशिक्षण संस्थान से पढ़ाई करेंगे, उन्हें सरकार 50 प्रतिशत (जनरल) और 75 प्रतिशत (एससी, एसटी, ओबीसी) को छात्रवृत्ति देगी। पर्वतीय क्षेत्रों में सिनेमाहॉल खोलने वालों को एकमुश्त 25 लाख रुपये की राशि मिलेगी।

व्यावसायिक वाहनों का टैक्स 10 फीसदी बढ़ेगा
प्रदेश में बस, टैक्सी, मैक्सी जैसे व्यावसायिक वाहनों का टैक्स 10 फीसदी बढ़ेगा। कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। पूर्व में वाहनों के टैक्स में हर साल पांच फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया था, लेकिन कोरोना की वजह से वर्ष 2020 से ये बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। परिवहन मुख्यालय ने एकमुश्त 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा हुआ था, जिस पर मुहर लग गई। परिवहन विभाग के लिए राजस्व का सबसे बड़ा जरिया वाहनों से मिलने वाला टैक्स ही है। निजी वाहनों से सरकार पंजीकरण के दौरान ही एकमुश्त 15 वर्ष का टैक्स ले लेती है, लेकिन व्यावसायिक वाहनों के साथ ऐसा नहीं है।

ओला-ऊबर संग अब बाइक और तिपहिया भी चलेंगे
कैबिनेट ने उत्तराखंड ऑन डिमांड (सूचना प्रौद्योगिकी आधारित) ठेका गाड़ी द्वारा परिवहन की संशोधित नियमावली (एग्रीगेटर पॉलिसी) पर मुहर लगा दी है। इसके तहत अब ओला, ऊबर के अलावा बस, बाइक, ऑटो भी ऑन डिमांड चलाए जा सकेंगे। खास बात यह है कि ये सभी वाहन किराये में 20 प्रतिशत से अधिक कमीशन नहीं ले पाएंगे, जबकि सीजन में भारी डिमांड के दौरान निर्धारित किराये से 25 प्रतिशत अधिक तक ही वसूल कर सकेंगे। वहीं, किराये का निर्धारण राज्य परिवहन प्राधिकरण से पास दरों के आधार पर ही करना होगा। इस नीति के आने से छोटे स्तर पर भी ओला-ऊबर की तरह ठेका गाड़ी चलाई जा सकेगी।

ये भी हुए निर्णय
स्थानीय फसल प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत क्लस्टर में समूहों के माध्यम से परंपरागत फसलों के सत्यापित बीज का उत्पादन एवं वितरण किया जा सकेगा।
उत्तराखंड घुड़सवार पुलिस सेवा संशोधन नियमावली 2024 को मंजूरी।
उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली 2007 में संशोधन को मंजूरी।
चंपावत की तहसील पाटी को नगर पंचायत बनाने पर मुहर।
नगर पालिका खटीमा के सीमा विस्तार को मंजूरी।
ग्रामीण पेयजल योजना संचालन एवं रख रखाव नियमावली 2024 को मंजूरी।
मंडी परिषद की निर्धारित लागत सीमा में बढ़ोतरी को मंजूरी।
सहसपुर स्किल हब में पांच सेक्टर की ट्रेनिंग को मंजूरी। बाजपुर आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का 22वां प्रत्यावेदन सदन में रखने को मंजूरी।
उत्तरखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के 2018-19 से 2022-23 तक के प्रत्यावेदन सदन में रखने को मंजूरी।

यूसीसी का प्रस्ताव छह की कैबिनेट में
समान नागरिक संहिता को लेकर कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं हुई। संभावना है कि इसका प्रस्ताव छह फरवरी को सुबह होने वाली कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। उसी दिन यूसीसी अधिनियम विधानसभा में पेश होगा।

नए मतदाताओं को जोड़ने का कार्य कर रही भाजपा

भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला व विधानसभा ऋषिकेश की ओर से राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर नमो नवमतदाता सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। इस दौरान बड़ी स्क्रीन पर डॉ अग्रवाल ने युवा कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वचनों को युवाओं ने देखा व सुना।
कार्यक्रम का शुभारंभ कर मंत्री डॉ अग्रवाल ने नव मतदाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे सीएम पुष्कर धामी अब तक के सबसे युवा सीएम हैं। साथ ही उनकी सरकार को युवा सरकार कहा जाता है। जो कि पहले ही दिन से युवाओं पर खास ध्यान दे रही है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने एक वर्ष पूर्ण होने से पहले ही देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लाकर सरकार ने साफ कर दिया कि किसी भी तरह युवाओं के सपनों और रोजगार के साथ किसी को भी खेलने का हक नहीं दिया जाएगा। सीएम धामी ने सरकार के एक साल पूरे होने पर भी युवाओं को कई सौगात दी है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी इनोवेशन पॉलिसीश धामी सरकार युवाओं और स्किल के साथ टेक्नोलॉजी को लेकर खास ध्यान दे रही है। इसके लिए सीएम ने घोषणा कि उत्तराखण्ड राज्य साइंस टेक्नोलॉजी और इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जायेगा। साथ ही राज्य सरकार इस क्षेत्र में शीघ्र ही ‘साइंस और टेक्नोलॉजी इनोवेशन पॉलिसीश् लायेगी।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि खेल विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान खेल और खिलाड़ियों पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। इसी के तहत सरकार ने प्रदेश में पहला खेल विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया है। सीएम ने घोषणा कि हल्द्वानी गौलापार में स्थापित अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम को उच्चीकृत कर अन्तरराष्ट्रीय मानकों का खेल विश्वविद्यालय स्थापित किया जायेगा।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री कौशल विकास एवं रोजगार योजना राज्य में मुख्यमंत्री कौशल विकास एवं रोजगार योजना प्रारम्भ की जायेगी। जिसमें स्नातक पास छात्र एवं छात्राओं को आवश्यक रूप से दक्ष बनाया जायेगा। जिला सेवायोजन एवं कौशल विकास कार्यालय को स्वरोजगार केन्द्र के नोडल कार्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि चलती-फिरती प्रयोगशाला, चलते-फिरते स्कूल स्कूली शिक्षा पर भी फोकस करते हुए सीएम धामी ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कक्षा 6 से ही कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी की शिक्षा को लागू करने का ऐलान किया साथ ही प्रदेश के सभी 13 जनपदों में लैब ऑन व्हील्स चलती-फिरती प्रयोगशाला स्थापित करने की घोषणा की। श्रमिकों के बच्चों को भी स्कूली शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार मोबाईल स्कूल (चलते-फिरते स्कूल) प्रारम्भ करेगी।
इस दौरान जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा, मण्डल अध्यक्ष दिनेश पयाल, जिला प्रभारी युवा मोर्चा प्रतीक कालिया, विधानसभा विस्तारक सतेंद्र, कार्यक्रम संयोजक विकास नेगी, जिला महामंत्री शिवम टुटेजा, मण्डल अध्यक्ष जगावर सिंह, जयम शर्मा, सागर गिरी, निखिल बर्थवाल, जिला मंत्री सन्दीप शर्मा, जिला उपाध्याय अक्षय खैरवाल, कार्यक्रम का संचालन सुजीत यादव, मनीष भट्ट आदि उपस्थित रहे।

लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को रूड़की कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में आयोजित नमो नवमतदाता सम्मेलन में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने सभी नव मतदाताओं से अपील की कि अपने मत का प्रयोग अवश्य करें और सबको मत का प्रयोग करने के लिए जागरूक भी करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वोट का सबसे अधिक महत्व होता है। मतदाता ही देश के भाग्य विधाता हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में युवाओं की सबसे अहम भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री ने सभी युवाओं से आह्वान किया कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें। जो मताधिकार के प्रयोग के लिए योग्य हो चुके हैं, अपना पंजीकरण कर मतदान करने का अधिकार लें। मतदान करने का पवित्र कार्य सभी को करना चाहिए। हमारी सोच होनी चाहिए कि पहले मतदान, फिर जलपान। उन्होंने कहा कि मतदान के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ी है, इसके परिणामस्वरूप मतदान का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मतदान के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाये जाते हैं। हमारे युवाओं को भी स्कूल, कॉलेजों, संस्थानों और विभिन्न क्षेत्रों में जाकर इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने होंगे।
इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष हरिद्वार किरण चौधरी, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष गौरव कौशिक, भाजपा के जिलाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए बुलाया जायेगा विधानसभा सत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान निर्माण का एक पर्व है। हमारा यह विशिष्ट संविधान हमारे राष्ट्र का निरंतर मार्गदर्शन करता आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। यह अवसर हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई 5 सदस्यों की कमेटी ने ड्राफ्ट पूरा कर लिया है। ड्राफ्ट मिलते ही जल्दी विधानसभा का सत्र बुलाकर विधानसभा में समान नागरिक संहिता का कानून पूरे उत्तराखण्ड में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंत्योदय की भावना के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के विकास, कल्याण और उन्नति हेतु संकल्पबद्ध है। जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति का अनुसरण कर राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जनसेवा से संबंधित अधिकांश सेवाएं ऑनलाईन की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मागदर्शन में उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों के श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के सहयोग से इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए 3.56 लाख करोड़ के करारों को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्यवाही गतिमान है। राज्य में निवेश के लिए निवेशकों ने जो उत्साह दिखाया है, आने वाले समय में इससे स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन तेजी से बढ़ेंगे और पलायन पर भी नियंत्रण होगा। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन की अन्य गतिविधियों पर भी तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। कुमांऊ मण्डल में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति का सम्मान भी हमारे लिए सर्वाेपरि है। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का आह्वान किया।

पिछले दस वर्षों की भूमि की जानकारी राजस्व विभाग को भेजने के निर्देश

एसीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित भू कानून के सम्बन्ध में सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों का संरक्षण तथा उन्हें न्याय दिलाना है। निवेशकों में अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टिकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून के सम्बन्ध में फैली विभिन्न भ्रान्तियों या संशयों को विभिन्न माध्यमों से तत्काल दूर किया जाए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को पिछले दस वर्षों में डीएम स्तर से कृषि एवं औद्यानिकी हेतु अनुमति प्राप्त भूमि की जानकारी शीघ्र राजस्व विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एसीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित भू कानून के सम्बन्ध में सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों का संरक्षण तथा उन्हें न्याय दिलाना है। इसके साथ ही इस कानून का लक्ष्य उत्तराखण्ड में निवेश एवं रोजगार सृजित करने वाले विश्वसनीय निवेशकों को प्रोत्साहित करना तथा निवेश की प्रक्रिया को सरल करना है। राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया है कि अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून का उद्देश्य भूमि के दुरूपयोग को रोकना, भू कानून को और भी अधिक तर्कसंगत एवं न्यायपूर्ण बनाना है। इसका लक्ष्य औद्योगिक गतिविधियों एव निवेश को हतोत्साहित करना नही है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निवेशकों में अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून के सम्बन्ध में फैली विभिन्न भ्रान्तियों या संशयों को विभिन्न माध्यमों से तत्काल दूर किया जाय।
बैठक के दौरान एसीएस रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में निवेश के आवेदकों का सत्यापन सम्बन्धित विभागों द्वारा पूरी तत्परता से सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। सम्बन्धित विभागों द्वारा निवेशकों की विश्वसनीयता की जांच के साथ ही पूरी व्यवस्था द्वारा निवेश की प्रक्रिया को सरल किया जाना जरूरी है ताकि अधिक से अधिक निवेशक राज्य में उद्यम स्थापित करने एवं रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित हो सके।
बैठक में डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

15 दिनों में उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ की वेबसाइट और पोर्टल तैयार करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को अगले 15 दिनों में उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ की वेबसाइट एवं पोर्टल तैयार करने की डेडलाइन दी हैं। इसके साथ ही एसीएस ने देश और दुनियाभर में रह रहे उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों का सटीक डाटा बेस प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप राज्य में प्रत्येक वर्ष प्रवासी उत्तराखण्ड दिवस मनाने की परम्परा आरम्भ की जाएगी। सचिवालय में उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के गठन की औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के सम्बन्ध में बैठक लेते हुए एसीएस राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ से जुड़े अधिकारियों को हिदायत दी कि उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों के लिए लॉंच की जाने वाली वेबसाइट पर प्रवासियों को पंजीकरण की सुविधा दी जाए तथा वेबसाइट पर ही उनकी शिकायतों निवारण हेतु सिस्टम विकसित जाए। एसीएस ने उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के गठन के लिए अन्य राज्यों के प्रवासी सेल के तुलनात्मक अध्ययन के पश्चात उत्तराखण्ड हेतु एक ठोस एक्शन प्लान बनाने तथा फोकस एरिया तय करने के निर्देश दिए। राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ में उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों के भूमि सम्बन्धित एवं अन्य मुद्दों व शिकायतों के निवारण हेतु भी व्यवस्था की जाय।
आज के बैठक में उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के कार्यालय में अधिकारियों एवं कार्मिकों तैनाती, उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों के संबंध में डाटा बेस तैयार करने हेतु देश के विभिन्न राज्यों, शहरों और विदेशों में उत्तराखण्डी प्रवासियों के संगठनों, एसोसिएशन एवं संस्थानों से सहयोग लेने के सम्बन्ध में निर्णय लिए गए।
एसीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ दुनिया भर में रह रहे उत्तराखण्ड मूल के लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ने वाले सेतु का कार्य करेगा। इसके साथ ही यह प्रकोष्ठ प्रवासियों के निवेश प्रस्तावों पर शीघ्र कार्यवाही, उनकी समस्याओं के समाधान तथा सरकार एवं प्रवासियों के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने में मदद करेगा।
बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक सिडकुल रोहित मीणा, सदस्य सुधीर नौटियाल सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

धामी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण फैसलों पर लगाई मुहर

कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

1- उत्तराखंड वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार विभिन्न संवर्ग के कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के संबंध में।
राज्य सरकार के सरकारी सेवकों को जिन्हें अपने पदेन कर्तव्यों से सम्बन्धित कार्यों को करने के लिए बहुधा अल्प दूरी की यात्राएँ करनी पड़ती हैं एवं जिसके लिए यात्रा भत्ता अनुमन्य नहीं है तथा जिन्हें वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-3 के नियम-82 के अधीन परिशिष्ट-8 में उल्लिखित सूची एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत आदेशों के अन्तर्गत वाहन भत्ता अनुमन्य कराया जा रहा है, को वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार मासिक रूप से प्राप्त वाहन भत्ता तालिकानुसार दिनांक 01 जनवरी, 2024 से अनुमन्य किये जाने हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव पर विचलन के माध्यम से प्राप्त मा० मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के क्रम में शासनादेश संख्या-174877/XXVII(7)/E- 42461/2022 दिनांक 13 दिसम्बर, 2023 निर्गत (संलग्न) किये जाने के पश्चात कृत कार्यवाही से मा० मंत्रिमण्डल को अवगत कराये जाने हेतु प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

2- वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैटर्न के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू0 4800/- में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किये जाने के संबंध में।

वैयक्तिक सहायक संवर्ग में ग्रेड वेतन रू0 4800/- में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी पदनाम से नया पद सृजित किये जाने एवं वैयक्तिक सहायक संवर्ग में तालिका के स्तम्भ-6 के अनुसार संशोधित स्टाफिंग पैटर्न लागू किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।

3- उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के संबंध में।
उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा हेतु वर्तमान में उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा नियमावली. 2021 प्रख्यापित है। उक्त नियमावली में पशुचिकित्साधिकारियों हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 व पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 पदनाम उल्लिखित है।) (राजकीय पशुचिकित्सालयों/रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं/राजकीय पशुधन प्रक्षेत्रों / निदेशालय / अपर निदेशक कार्यालयों/ बोर्डो /विभिन्न कार्यालयों में सेवारत पशुचिकित्सा अधिकारियों हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 पदनाम सृजित किये गये है) पशुचिकित्साविदों हेतु सृजित वर्तमान पदनाम, राजकीय पशुचिकित्सालयों के अतिरिक्त अन्य कार्यालयों में पदस्थापित पशुचिकित्साविदों के कार्य प्रकृति से मेल नहीं खाते हैं। अतः उक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत विभागीय आवश्यकतानुरूप पशु चिकित्सा संवर्ग में पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 का वेतनमान यथावत् रखते हुए केवल पदनाम परिवर्तन तालिकानुसार किया जाना है ।

4- विभिन्न विभागों में कार्यरत सहायक अभियन्ताओं को मोटरकार के लिए वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में।
राज्य में वाहन भत्ता दिये जाने के सम्बन्ध में लागू संगत शासनादेशों तथा वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-3 के नियम-82 के अधीन राजकीय विभागों में कार्यरत सहायक अभियन्ताओं को मोटर कार (जहां औसत स्थानीय यात्रा 400 किलोमीटर प्रतिमाह से अधिक होती है) के लिए वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के प्रस्ताव पर विचलन के माध्यम से प्राप्त मा० मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के क्रम में शासनादेश संख्या-174509/XXVII(7)/E-65724/2023 दिनांक 12 दिसम्बर, 2023 (संलग्न) निर्गत किये जाने के पश्चात कृत कार्यवाही से मा० मंत्रिमण्डल को अवगत कराये जाने हेतु प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

5- मत्स्य विभागान्तर्गत जलाशयों के ठेकेदारों को 05 वर्षों हेतु ठेका प्राप्त होने पर प्रथम वर्ष में मत्स्य बीज संचय करने के उपरान्त जलाशय की क्षमतानुसार उत्पादन प्राप्त करने हेतु लगभग 02 वर्षों का समय लगता है, इसके अतिरिक्त अन्तिम वर्षों में ठेका समाप्त होने के दृष्टिगत ठेकेदार द्वारा जलाशय में उपलब्ध स्टॉक को पूर्णतः खाली किये जाने का भरसक प्रयास किया जाता है जिस कारण जलाशय की उत्पादकता पर असर पड़ता है। अतः प्रस्तावित संशोधित नियमावली “उत्तराखण्ड मत्स्य (संशोधन) नियमावली, 2024” में ठेका अवधि “05 वर्ष से 10 वर्ष” एवं “खुली ई-निविदा” किये जाने पर मुख्यतः निग्नवत लाभ होंगे:-
1. जलाशयों की वर्तमान उत्पादकता 41 कि०ग्रा० प्रति हैक्टेयर से 60-65 कि०ग्रा० प्रति हैक्टेयर होगी।
2. राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व में लगभग 50 से 60 प्रतिशत तक वृद्धि होगी।
3. वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर मत्स्य बीज संचय एवं मत्स्य आखेट से जलाशय का जलजैविक संतुलन बना रहेगा।
4. जलाशयों का उचित प्रबन्धन, व्यापक जनहित एवं राज्य हित में होगा।
5. “खुली ई-निविदा” किये जाने पर निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता आयेगी।

6- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को कार्यालय भवन निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की भूमि का निःशुल्क हस्तान्तरण।
राज्य में स्थित राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण एवं रख-रखाव तथा सड़क परिवहन एक राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार (मोर्थ) द्वारा केन्द्र पोषित योजनाओं यथा-केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सी०आर०आई०एफ०), एन०एच० (ओ०) आदि परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु देहरादून में क्षत्रीय कार्यालय स्थापित है। यह कार्यालय किराये के भवन में संचालित है। उल्लेखनीय है कि विगत 05 वर्षों में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एन०एच० (ओ०) के अन्तर्गत लगभग रु० 15,000.00 करोड़ तथा सी०आर०आई०एच० के अन्तर्गत लगभग रु० 12,00.00 करोड क्री स्वीकृतियां निर्गत की गयी है। केन्द्र सरकार की सहायता से सड़क एवं सेतुओं के निर्माण में राज्य ने आशातीत प्रगति की गयी है। केन्द्र सरकार के कार्यालय भवन हेतु भूमि की उपलब्धता होने पर राज्य के राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड, डोईवाला एवं देहरादून (वर्तमान में किराये के भवन पर संचालित) अधीक्षण अभियन्ता (एन० एच०, गढ़वाल) तथा मुख्य अभियन्ता (एन०एच०, उत्तराखण्ड) के कार्यालय को भी प्रस्तावित भवन में स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित है। अतः लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की 06 नम्बर पुलिया, रिंग रोड, देहरादून स्थित 0.0266 हेक्टेयर भूमि को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय के भवन निर्माण हेतु निःशुल्क उपलब्ध करायी जानी है। कार्यालय भवन निर्माण का व्यय भारत सरकार द्वारा स्वयं वहन किया जाना है।

7- पुरानी जेल परिसर, देहरादून में स्थित न्याय विभाग के स्वामित्व की कुल 0.7401 है० भूमि में से 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून में अधिवक्ताओं के चैम्बर निर्माण हेतु 1.00 रूपये प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर दिया जाना।
पुरानी जेल परिसर, देहरादून में स्थित न्याय विभाग के स्वामित्व की कुल 0.7401 है० भूमि में से 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून में अधिवक्ताओं के चैम्बर निर्माण हेतु 1.00 रूपये प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर दिये जाने के प्रस्ताव को विचलन के माध्यम से मा० मुख्यमंत्री जी, उत्तराखण्ड सरकार की अनुमति के क्रम में शासनादेश क्रमांक- 09/XXXVI-A-3/2024-10/ सा0 /2018, दिनांक 16.01.2024 द्वारा उक्त 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून को हस्तान्तरित किये जाने के आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के संज्ञानार्थ प्रस्तुत ।

8- उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012, समय-समय पर यथा संशोधित के प्राविधानानुसार जनपद हरिद्वार में तहसील हरिद्वार के अन्तर्गत गंगा नदी के दांये तट पर हरिपुर कलां से चण्डी पुल तक एवं जनपद देहरादून के अन्तर्गत ऋषिकेश क्षेत्र में ढालवाला ड्रेन से पशुलोक बैराज एवं पशुलोक बैराज से हरिपुर कला तक गंगा नदी के दांये तट पर (ऋषिकेश, खड़कमाफ, गौहरीमाफी, रायवाला एवं हरिपुर परगना-परवादून) तक हेतु अन्तिम अधिसूचना निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में समयबद्धता के दृष्टिगत प्रकरण में विचलन के माध्यम से मा० मुख्यमंत्री जी की संस्तुति / अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त अधिसूचना संख्या-40 एवं 41 दिनांक 08.01.2024 को निर्गत कर दी गयी है। प्रस्तुत प्रस्ताव को मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा विचलन से संस्तुति / अनुमोदन की सूचना मा० मंत्रिमण्डल के अवगतार्थ प्रस्तुत किया जाना।

9- भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के पुनर्गठित ढांचे में अतिरिक्त अवशेष पदों के सृजन के सम्बन्ध में।
मा० मंत्रिमण्डल की बैठक दिनांक 04.12.2023 में लिये गये निर्णय के अनुपालन में दिनांक 16.12.2023 द्वारा पुनर्गठित भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के ढांचे में औचित्यपूर्ण पाये गये 07 अतिरिक्त पदों को सृजित कराया जा रहा है।

10- उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति, 2021 में आंशिक संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में।
मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा जनहित याचिका सं0 169/2022 ‘गगन परासर बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य’ में पारित आदेश दिनांक 14.12.2023 के अनुपालन में तथा उक्त नियमावली के प्राविधानों को सरलीकृत / व्यवहारिक बनाये जाने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति, 2021 के कतिपय प्राविधानों को संशोधित किया जा रहा है।

11- व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 को सदन के पटल से वापस लिये जाने के संबंध में।
राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926 की धारा 04 एवं धारा 09 में संशोधन करते हुए व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया था, जिसमें किसी व्यवसाय संघ को रजिस्ट्रीकृत किये जाने हेतु उसमें नियोजित कर्मकारों की संख्या दस प्रतिशत या एक सौ कर्मकारों के स्थान पर तीस प्रतिशत रखा गया था। जिसे केन्द्रीय व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926 के प्राविधानों के विरूद्व पाते हुए भारत सरकार ने वापस लिये जाने की अपेक्षा की गयी है। तत्क्रम में व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 को सदन के पटल से वापस लिये जाने हेतु मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

12- राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave) अनुमन्य किये जाने सम्बन्धी कार्यालय ज्ञाप दिनांक 01 जून, 2023 में आंशिक संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में।
राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) सरकारी सेवकों को वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय ज्ञाप दिनांक 01 जून, 2023 द्वारा विशिष्ट परिस्थितियों यथा सन्तान की बिमारी अथवा परीक्षा आदि में सन्तान की 18 वर्ष की आयु तक देखभाल हेतु सम्पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश इस शर्त / प्रतिबन्ध के साथ अनुमन्य किया गया है किः-
बाल्य देखभाल अवकाश में रहते हुए कार्मिक को पहले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 100 प्रतिशत तथा अगले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 80 प्रतिशत वेतन दिया जायेगा। जिन महिला सरकारी सेवकों द्वारा पूर्व से बाल्य देखभाल अवकाश लिया जा रहा है, के सम्बन्ध में यह प्रावधान अवकाश लेखे में बचे हुए अवकाशों पर ही नियमानुसार लागू होगा।”
विभिन्न माध्यमों से उक्त शर्त / प्रतिबन्ध को विलोपित किये जाने हेतु राज्य सरकार को प्राप्त प्रत्यावेदनों का पुनः परीक्षण किये जाने के क्रम में उक्त उल्लिखित शर्त / प्रतिबन्ध को निम्नवत् संशोधित किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है:-
“राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त हो रहे /आहरित वेतन के समतुल्य ‘अवकाश वेतन देय होगा।”

13- उत्तराखण्ड राज्य के अनेक प्रतिभावान खिलाड़ियों द्वारा अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य को खेलों के क्षेत्र में नई पहचान दी है: अतः प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के कुशल खिलाड़ियों को लोक सेवाओं और पदों में 04 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड लोक सेवा (अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक विजेता / प्रतिभाग करने वाले कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक, 2024 को विधानसभा के पटल पर रखे जाने हेतु कैबिनेट द्वारा दी गयी मंजूरी।

14- उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के अधीन सहासिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित विषय-विशेषज्ञ (जल, थल एवं वायु कीड़ा) के नियत वेतन (संविदा) के पदों हेतु निर्धारित अर्हताओं में संशोधन किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के अधीन सहासिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित विषय विशेषज्ञ (जल, थल एवं वायु क्रीडा) के नियत वेतन (संविदा) आधारित पदों पर भर्ती / नियुक्ति हेतु अर्हताओं में संशोधन किया गया है, जिससे राज्य में सहासिक पर्यटन क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

15- वाईब्रेन्ट विलेज योजानान्तर्गत सीमान्त गांव जादुंग उत्तरकाशी के पर्यटन विकास हेतु होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने हेतु योजना प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
सीमान्त गांव जादूंग भारत सरकार द्वारा संचालित “चाईब्रेन्ट विलेज” के अन्तर्गत चिन्हित है जिसे टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाना है, जिससे उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि एवं गांव के मूल निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो पायेंगें। अतः वाईब्रेन्ट विलेज योजानान्तर्गत सीमान्त गांव जादुंग उत्तरकाशी के पर्यटन विकास हेतु होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने हेतु योजना प्रख्यापित किये जाने पर अनुमति प्रदान की गयी है।

16- लखवाड-व्यासी जल विद्युत परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन हेतु पूर्व निर्गत शासनादेश सं० 66 दिनांक 13.01.2016 के प्रस्तर-8 (ब) के अन्तर्गत अल्प तकनीकी लघु कार्य परियोजना प्रभावितों को प्रभावित क्षेत्र की सहकारी समिति के माध्यम से कराये जाने की वित्तीय सीमा को रू0 05 लाख से वृद्धि करते हुए रू 10.00 लाख किये जाने विषयक।
300 मेगावॉट की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना हेतु परियोजना हित में लखवाड़ व्यासी जल विद्युत परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्वास हेतु पूर्व में निर्गत ऊर्जा विभाग के शासनादेश संख्या-66 दिनांक 13.01.2016 के प्रस्तर 8 द्वितीयक रोजगार (ब) अल्प तकनीकी लघु कार्यों को प्रभावितों के माध्यम से कराया जाना- रू0 05.00 लाख के स्थान पर रु 10.00 लाख तक के अल्प तकनीकी लघु कार्य परियोजना प्रभावितों को परियोजना प्रभावित क्षेत्र की सहकारी समिति, जिसके पास ई०पी०एफ० पंजीकरण हो के माध्यम से एकल निविदा के आधार पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की अनुसूची की दरों पर तथा उत्तराखण्ड प्रोक्योरमेंट पॉलिसी-2008 के अन्तर्गत दिये जायेंगे।”, पर उक्तानुसार संशोधित किये जाने हेतु प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया।

17- बाल देखरेख के क्षेत्र में SOS Children Village, भीमताल, नैनीताल संस्था के बेहतरीन कार्यशैली एवं उचित व्यवस्था के अनुकरणीय मॉडल की तर्ज पर SOS संस्था के साथ मिलकर राज्य की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत इसी तरह के केन्द्र / गृह गढ़वाल क्षेत्र में विकसित किया/चलाया जाना है। उक्त मॉडल की भांति गढ़वाल क्षेत्र में भी बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण हेतु सुविधाओं व सेवाओं की व्यवस्था किये जाने हेतु प्रथम 05 वर्षों तक राज्य सरकार द्वारा अंशदान दिया जाना हैं। छठवें वर्ष से संस्था द्वारा योजना का संचालन अपने संसाधनों से किया जाएगा।

18- वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 उत्तराखण्ड राज्य में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में आने वाले व्यक्तियों हेतु कोविड-19 टेस्ट (आर०टी०पी०सी०आर०/एंटीजन टेस्ट) हेतु विभिन्न लैब अधिकृत किये गये, होटल/आश्रम/लॉज अधिकृत किये गये, संक्रमित स्थानों के मार्गों में बैरीकेडिंग / महाराणा प्रताप स्टेडियम को कोविड-19 सेन्टर बनाया गया, कंटेनमेंट / क्वारंटीन जोन का निर्धारण किया गया, वैक्सीनेशन केन्द्र भवन का निर्माण कराये गये थे, वाहन आदि की व्यवस्था की गयी थी। जिसके क्रम में तत्समय अधिकृत लैब के सापेक्ष अवशेष 10 लैब के बीजक, अधिकृत किये गये होटल/आश्रम के आवासीय एवं भोजन के बीजक, प्रयुक्त वाहन के ईधन के बीजक आदि का भुगतान तत्समय न होने के कारण उक्त बीजक कुल रू0 23.0993 करोड़ (रू० तेईस करोड़ नो लाख तिरानवें हजार मात्र) वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2023-24 में राज्य आपदा मोचन निधि मद से अवमुक्त किये जाने के प्रस्ताव के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

19- दो से अधिक जीवित संतान वाले व्यक्तियों हेतु त्रिस्तरीय पंचायतों की सदस्यता के लिए अनर्हता सम्बन्धी उपबन्ध विषयक।
उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा 8 (1) (द). 53 (1) (द) एवं धारा 90(1) (द) में वर्णित दो से अधिक जीवित संतान वाले व्यक्तियों के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों की सदस्यता के लिए अनर्हता सम्बन्धी उपबन्धित व्यवस्था को प्रतिस्थापित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक, 2024 प्रख्यापित किये जाने के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

20- पुलिस विभाग में समस्त संवर्ग के आरक्षियों (कान्स्टेबल) की सेवा नियमावली में एकरूपता लाये जाने के उद्देश्य से आरक्षी, चालक की वरिष्ठता अपने मूल संवर्ग में मौलिक नियुक्ति की तिथि से निर्धारित किये जाने एवं परिवहन शाखा में पूर्व में अपने मूल संवर्ग से स्थानान्तरित हो कर नियुक्त आरक्षी चालकों को एक बार अपवाद स्वरूप अपने मूल संवर्ग में वापस जाने पर पदोन्नति के अवसर प्राप्त होने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड पुलिस मोटर परिवहन शाखा अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

21- पेराई सत्र 2023-24 हेतु गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य एवं गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर निर्धारित किये जाने के सम्बन्ध में।
पेराई सत्र 2023-24 हेतु राज्य सरकार द्वारा विगत पेराई सत्र 2022-23 हेतु निर्धारित गन्ना मूल्य में रू० 20.00 प्रति कुन्तल की वृद्धि करते हुए गन्ने की अगेती प्रजाति हेतु रू० 375.00 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) तथा सामान्य प्रजाति हेतु रू० 365.00 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) निर्धारित किये जाने एवं विगत पेराई सत्र सत्र 2022-23 की भांति पेराई सत्र 2023-24 हेतु भी गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर रू० 5.50 प्रति कुन्तल निर्धारित किये जाने एवं इसके फलस्वरूप गन्ना विकास समिति के कार्मिकों के वेतन इत्यादि देयकों के भुगतान हेतु रु० 136.48 लाख (रू० एक करोड़ छत्तीस लाख अड़तालीस हजार मात्र) की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
22- एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल 01 वर्ष विस्तारित किये जाने के संबंध में।
राज्य के भीतर प्रति स्थानीय निकायों में पिछडेपन की प्रकृति और निहितार्थों की समसामयिक कठोर अनुभवजन्य जांच (contemporaneous rigorous empirical inquiry) कराये जाने हेतु गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल आगामी 01 वर्ष अर्थात् 31 जनवरी, 2025 तक के लिए बढ़ाये जाने के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन के तत्वावधान में मुम्बई कौथिग सीजन-15 का आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नवी मुंबई में आयोजित मुम्बई कौथिग सीजन-15 में प्रतिभाग कर कौथिग का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन जैसी संस्थाएं न केवल अपने सामाजिक दायित्व को पूरा कर रही हैं बल्कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौथिग में भारी संख्या में आए दर्शकों और श्रोताओं को देखकर इस कार्यक्रम की सफलता का पता चलता है, जिसका श्रेय देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन की पूरी टीम को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब-जब उत्तराखंड के दौरे पर आते हैं तो इस बात का विशेष रूप से जिक्र करते हैं कि 21 वीं सदी का यह तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कहे अनुसार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था, जिसके लिए ढाई हजार करोड़ के एमओयू का हमने लक्ष्य तय किया था लेकिन हमने इससे कहीं ज्यादा साढ़े तीन लाख करोड़ के न केवल एमओयू किये बल्कि अब तक लगभग 46 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग भी हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई है कि यहाँ पर पहाडों के लोक गीत, लोक नृत्य और संस्कृति के विविध रूप दर्शकों को देखने के लिए मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक विरासत की ताकत को पहचानेगी तथा इसके विस्तार के लिए आगे आएगी। उन्होंने कहा कि इस बार का कौथिग उत्तराखंड के पर्यटन, विकास और स्वरोजगार को समर्पित है। यह अद्वितीय आयोजन जहां एक ओर पर्यटकों को उत्तराखंड की सुंदरता से परिचित कराएगा, वहीं उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास और पर्यटन की अपार संभावनाओं को भी प्रमोट करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सागर और पर्वतों के बिना हमारी जीवन रूपी रेखा अधूरी है, जैसे मुंबई के सागर की लहरें और हमारे उत्तराखंड के पहाड़, दोनों हमें कुछ न कुछ सीखने के लिए प्रेरित करते हैं। दोनों की गंभीरता ,दोनों की सुंदरता,दोनों की शालीनता हमें सीख देती है कि चाहे कुछ भी हो जाए ,जीवन में हारना नहीं है। यह संबंध हमें यह भी याद दिलाता है कि हम सभी, चाहे कहीं भी हों, एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अपनी लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश और दुनिया का नम्बर वन पर्यटन प्रदेश बनने के साथ ही अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण जल्द ही वैश्विक पटल पर सबसे बड़े कल्चरल हब के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि आज पहाड़ी समाज को हर क्षेत्र में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है तो उसके पीछे हमारा लंबा संघर्ष, परिश्रम और सादगी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने 60-70 साल पहले जब महाराष्ट्र का रुख किया था तब वे छोटे कामों तक सीमित थे, परन्तु आज वक्त बदल गया है। आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां उत्तराखंड के लोग आपको न मिलते हों।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कौथिग के इस मंच पर आज उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में खड़ा हूं तो ये इस बात का द्योतक है कि हम तरक्की कर रहे हैं। उन्होंने प्रवासियों से आह्वान किया कि आप अपनी बोली-भाषा, संस्कृति और संस्कारों को न भूलें। क्योंकि जो समाज अपनी बोली भाषा और संस्कृति से दूर हो जाता है, उसका पतन उसी दिन शुरू हो जाता है। अपनी बोली भाषा, अपने खान पान और संस्कृति के बारे में अपने बच्चों को अवश्य बताएं। पीढ़ियों के मध्य ये अंतर नहीं आना चाहिए कि माता-पिता तो पहाड़ के हैं और हम मुंबईवासी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति में जो मधुरता है, विनम्रता है और एक अपनापन है, वो अपने आप में विशिष्ट है। हमारे खान-पान में, हमारे रहन-सहन में, हमारी बोल-चाल में, एक भावनात्मक लगाव है। हमारी मंडुवे की रोटी, झिंगोरे की खीर, पहाड़ी ककड़ी का रायता, आलू के गुटके, भट्ट का चुड़कानी, मूली की थीचयौणी, कंडाली के साग के स्वाद को कौन भूल सकता है। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर आपसे आग्रह करूंगा कि आप सभी उत्तराखंड अवश्य आएं और हमारे प्रदेश की विशेषताओं का आनंद लें और जो उत्तराखंड के ही हैं, वे अवश्य वर्ष में एक बार परिवार सहित अपनी मातृभूमि आने का प्रयास करें। अपने आपको तथा अपने बच्चों को अपने गांव से, अपने मूल निवास से जोड़े रखिये, अपने ग्राम देवता, अपने कुल देवी-देवता से जोड़े रखिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण का महाअभियान चल रहा है, उसमें उत्तराखंड भी अपना योगदान दे रहा है। उत्तराखंड में केन्द्र सरकार के सहयोग से प्राचीन धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों के पुर्नद्धार और संरक्षण का कार्य मिशन मोड पर किया जा रहा है। हमारी सरकार भी वो सब कार्य कर रही है,जो या तो बहुत पहले हो जाने चाहिए थे,या बहुत समय से लटके हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य पूरा हो गया है। इसके लिए सभी को बहुत शुभकामनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया है, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से हम पीछे नहीं हटे, इसके साथ ही प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था भी प्रारंभ की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में अब हम जल्द समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के इन 23 वर्षों में हमने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, परन्तु राज्य के संर्वागीण विकास का लक्ष्य अभी भी दूर है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना है।
इस अवसर पर देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेश राणा, मुख्य आयोजक भरत कुकरेती, धारचूला के विधायक हरीश धामी आदि उपस्थित रहे।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.