बजट सत्र की तैयारियों को लेकर विस अध्यक्ष ने अधिकारियों की ली क्लास

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भराड़ीसैण (गैरसैण) में 20 मार्च से शुरू होने जा रहे बजट सत्र हेतु व्यवस्थायें को लेकर उच्च अधिकारियों संग बैठक की। विधान सभा अध्यक्ष द्वारा सुरक्षा बैठक में विभिन्न विषयों पर गहनता से चर्चा की गयी।

इस वर्ष राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल का अभिभाषण भी भराड़ीसैंण में होना है, जिस कारण अभिभाषण हेतु राज्यपाल के आगमन व प्रस्थान के समय हैलिपैड से सम्बन्धित एवं सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गयी। राज्यपाल के आगमन के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा राज्यपाल का स्वागत किया जाना प्रस्तावित किया गया। इस बार ड्रोन कैमरे से सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जायेगी।

सुरक्षा बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने शान्ति व्यवस्था, अग्नि शमन दल एवं उससे सम्बन्धित व्यवस्था, बिजली की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ, वाटर सप्लाई के लिए सम्बन्धित अधिकारयों को निर्देश दिया कि व्यवस्थायें चौक-चौबन्ध होनी चाहिए। बैठक में सत्र के दौरान भराडीसैंण में उपस्थित सभी मंत्री, विधायक, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खाने की उचित व्यवस्था पर भी जोर दिया गया।

अग्रवाल ने बीएसएनएल के अधिकारयों को पिछले सत्र में नेटवर्क एवं इण्टरनेट की भारी समस्या को लेकर जमकर फटकार भी लगायी। विधानसभा अध्यक्ष ने बीएसएनएल के अधिकारयों को साफ शब्दों में कहा कि इस बार ऐसी कोई भी कमी न रहे, जिससे मीडिया एवं शासकीय कार्यवाही में कोई दिक्कत हो। अग्रवाल ने कहा कि यदि नेटवर्क एवं वाई-फाई की व्यवस्था अच्छी होगी तो सदन के कार्यो मे विभाग एवं शासन जिलों एवं सचिवालय से वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिये तुरन्त सम्पर्क साध कर सदन की कार्यवाही में तीव्रता ला सकते है।

विधान सभा अध्यक्ष ने बताया कि विधायकों एवं मंत्रियों के रहने के लिए विधानसभा भवन भराणीसैण में 60 कमरे एवं 14 ऑफिसर रूम पूर्ण रूप से तैयार है। अधिकारी, स्टाफ तथा मीडिया के लिए गैरसैण, कर्णप्रयाग, आदिबद्री, गौचर तथा कालेश्वर के गढ़वाल मण्डल विकास के गैस्ट हाउस एवं लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग के गैस्ट हाउस को जिलाधिकारी स्तर से रोक दिया गया है।

विधान सभा अध्यक्ष ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देते हुए कहा डाक्टर की विधिवत व्यवस्था, सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो को अलर्ट रखने पर जोर दिया गया। साथ ही इमरजेन्सी के लिए स्वास्थ्य मोबाइल बैन 108 की उचित व्यवस्था तथा हैलीकाप्टर सेवा की बात कही गयी। अस्थायी एवं मोबाइल टोयलेट की व्यवस्था को गम्भीरता से लिया गया।

विस अध्यक्ष ने कहा कि इस बार का सत्र चुनौती भरा है, क्योंकि इस बार राज्यपाल प्रथम बार भराडीसैंण आ रहे है और इस बार सत्र भी सबसे लम्बा चलने वाला है। अग्रवाल ने सभी अधिकारियों से सहयोग की बात कही तथा बैठक में जिन भी विषयों पर विर्मश किया गया। उन्हें जमीन स्तर पर सार्थक बनाने के लिए कहा।

निशुल्क कोचिंग से युवाओं को मिल रहा आगे बढ़ने का मौका

रूद्रप्रयाग के एसडीएम सदर पद पर तैनात मुक्ता मिश्र ने गरीब युवाओं के लिए उम्मीद कायम की है। वे प्रतिदिन 50 से अधिक युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री कोचिंग दे रही हैं, बल्कि उन्हें प्रतिष्ठित विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा के लिए भी तैयार कर रही हैं। उनकी इस पहल से गरीब बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है।

मूलरूप से चमोली जिले के ग्राम देवाल की रहने वाली मुक्ता मिश्र 2014 बैच की पीएसीएस अधिकारी हैं। बचपन साधारण पहाड़ी परिवार में बीता, संसाधन भी सीमित ही रहे। बावजूद इसके मेहनत और लगन से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।
कहती हैं, रुद्रप्रयाग में एसडीएम सदर के पद पर तैनात होने के बाद डीएम मंगेश घिल्डियाल की प्रेरणा से मैंने गरीब बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने का मन बनाया। इंटर पास करने के बाद छात्रों के लिए जिले में कोई भी ऐसा संस्थान नहीं है, जहां वे सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। खासकर गरीब छात्र तो तैयारी के बारे में सोच भी नहीं सकते।
एसडीएम मुक्ता के अनुसार पहाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। जरूरत बस! उन्हें प्रेरित करने की है। कोचिंग के माध्यम से वह यही कर रही हैं। हालांकि, अभी यह शुरुआत है। नतीजा आने में एक से दो वर्ष लग जाएंगे। यह पूछे जाने पर कि एसडीएम सदर जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए भी समय कैसे निकाल लेती हैं, मुक्ता कहती हैं कि सुबह आठ से दस बजे के बीच का समय मेरा अपना होता है। क्यों न इसे समाज के हित में लगाया जाए।

स्थानीय छात्रों का कहना है कि बीते तीन माह से नियमित कोचिंग ले रहा हूं। मुक्ता मैडम जिस तरह से कोचिंग दे रही हैं, उससे काफी फायदा मिल रही है। उन्होंने अच्छी किताबें भी उपलब्ध कराई हैं। इससे तैयारी में आसानी हो रही है।

गत पेराई सत्र का भुगतान किसानों को देने वाली यह पहली सरकारः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने डोईवाला शूगर मिल के वर्ष 2017-18 के पेराई सत्र का विधिवत पूजाअर्चना के साथ शुभारम्भ किया। उन्होंने किसानों, गन्ना समिति सदस्यों व चीनी मिल के पदाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे गन्ने की उन्नत किस्म एवं अधिकतम चीनी परता वाली प्रजाति को उगाने तथा बीज बदलाव कार्यक्रमों के प्रति विशेष ध्यान दें।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गत पेराई सत्र के गन्ना मूल्य का लगभग पूर्ण भुगतान किसानों को कर दिया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चीनी मिल द्वारा पेराई क्षमता का पूर्ण उपयोग किया जायेगा। उन्होंने सभी को पेराई सत्र की शुभारम्भ की शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का जो कुछ बकाया अवशेष होगा उसका भुगतान दिसम्बर तक कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली सरकार है जिसके द्वारा नये पेराई सत्र से पूर्व ही किसानों को उनके पुराने देयो का भुगतान कर दिया गया है। इस अवसर पर डोईवाला शूगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि डोईवाला शुगर कम्पनी द्वारा गत पेराई सत्र के आपूर्तित कुल 26.32 लाख कुन्टल गन्ने का 92 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया गया है। वर्तमान पेराई सत्र हेतु चीनी मिल के समस्त सुरक्षित क्षेत्र से लगभग 28 लाख कुन्टल गन्ना उपलब्ध होने का अनुमान है। चीनी मिल का सम्पूर्ण सुरक्षित क्षेत्र में शीघ्र प्रजाति का गन्ना क्षेत्रफल विगत तीन वर्षों में लगभग 43 प्रतिशत से अधिक हो गया है जिसे आगामी वर्षों में 60 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। इस वर्ष शरदकालीन गन्ना बुवाई में गन्ना शोध केन्द्रों प्रजनक गन्ना बीज लाकर लगभग 12 हेक्टेयर पौधशालाएं कृषकों के खेतों पर स्थापित करायी गयी, जो विगत वर्ष 3 हेक्टेयर की तुलना में चार गुना है। प्रति हेक्टेयेर गन्ना उत्पादन में वृद्धि करने के उद्देश्य से कृषकों को खेतों की गहरी जुताई हेतु एमवीप्लाऊ एवं टैंªच विधि से गन्ना बुवाई हेतु टैंªचओपनर निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे है। गन्ने में लगने वाले कीटों की रोकथाम हेतु कीटनाशकों का स्प्रे कराये जाने के लिए दो पावर स्प्रेयर निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। चीनी मिल में मृदा परीक्षण लैब स्थापित की गयी है। संतुलित उर्वरक प्रयोग करने से गन्ने में चीनी का प्रतिशत की मात्रा को बढ़ाया जाता है।

राज्य के दोनों मंडलों पर सरकार खोलेगी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र

राज्य के युवाओं को सैन्य बलों की भर्ती परीक्षाओं हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये राज्य सरकार कुमाऊं और गढ़वाल में दो प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करेगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और सेना के बैंगलोर सिलेक्शन सेंटर के कमाण्डेंट मे.ज. वी.पी.एस. भाकुनी की मुलाकात के दौरान लिया गया।
मे.ज. भाकुनी ने मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण दिया जिसमें बताया गया कि वर्तमान में एनडीए और सीडीएस परीक्षाओं की सफलता दर आईएएस परीक्षा से भी कम है। सिविल सेवाओं के मुकाबले लगभग डेढ़ गुना अधिक अभ्यर्थी एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षाओं में आवेदन करते हैं, लेकिन सेना में भर्ती हेतु समग्र व्यक्तित्व परीक्षण के कड़े मानको के कारण उनकी सफलता दर कम होती है। सेना और अर्द्वसैनिक बलों में राज्य के युवाओं का अधिकारी पद पर चयन प्रतिशत बढ़ाने के लिये उनको पहले से तैयार किया जाना जरूरी है। इसके लिये युवाओं का स्तरीय मानको के अनुरूप पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यक्रम तथा साक्षात्कार प्रशिक्षण आयोजित किया जाना लाभप्रद होगा। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि वीरभूमि उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य राज्य है और यहां के युवाओं में सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। युवाओं को उनकी क्षमता के अनुरूप आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान कर एनडीए और सीडीएस परीक्षाओं में उनकी सफलता का प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही इस प्रकार की व्यक्तित्व विकास की कार्यशालाएं सिर्फ सैन्य सेवाएं ही नहीं वरन अन्य सरकारी सेवाओं और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी युवाओं के लिये लाभप्रद होगी। बैठक में तय हुआ कि प्रथम चरण में कुमाऊं और गढ़वाल में प्रशिक्षण कार्याशालाएं (ट्रेनिंग वर्कशॉप) ऐसे स्कूल व कॉलेज के भवनों में संचालित होगी, जहां पर्याप्त अवस्थापना सुविधाएं हो। ये कार्यशालाएं 02 से 03 सप्ताह की होगी जहां युवाओं को एनडीए और सीडीएस की चयन प्रक्रिया के अनुरूप व्यक्तित्व विकास, साक्षात्कार एवं अन्य शारीरिक परीक्षणों के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा। सैनिक कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग से समन्वय कर प्रशिक्षण कार्यशालाओं हेतु स्थायी केन्द्र के रूप में स्कूल या कॉलेज के भवन चयनित करेंगे। जहां नियमित पठनपाठन के साथ-साथ कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा सके। मे.ज.भाकुनी के अनुसार पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने पर प्रति वर्ष दस हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है। द्वितीय चरण में 11वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिये राज्य सरकार द्वारा स्थायी सैनिक स्कूल खोलने पर भी विचार किया जा सकता है।

केदारनाथ निर्माण में मोदी का देश के उद्यमियों को निमंत्रण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम में केदारपुरी के पुनर्निर्माण से संबंधित पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल डॉ कृष्ण कान्त पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने केदार मंदिर परिसर पहुंचने के मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य, सरस्वती और मंदाकिनी नदियों के बाढ़ सुरक्षा और घाट निर्माण कार्य, तीर्थ पुरोहितों के लिए आवासीय भवनों के निर्माण कार्य तथा आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल के पुनर्निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ में प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल भव्य पुनर्निर्माण कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पुनर्निर्माण कार्य एक निश्चित समयसीमा में तीर्थ क्षेत्र की गरिमा के अनुकूल, पुरोहितों और पंडितों की व्यवस्था और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने पुनर्निर्माण कार्य के लिए देश की राज्य सरकारों को भी अपना योगदान देने के लिए कहा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि औद्योगिक घराने सीएसआर के अंतर्गत पुर्ननिर्माण कार्य में योगदान देंगे। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के सभी नियमों का पालन करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि केदारपुरी में आधुनिक पुनर्निर्माण किया जाएगा, परंतु तीर्थ क्षेत्र की आत्मा और हिमालय की आध्यात्मिकता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 6 महीने के अल्प समय में महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने हिमालयी राज्यों की विशिष्टता की सराहना करते हुए उत्तराखंड को 2022 तक ऑर्गेनिक स्टेट बनने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने कहा कि अभी दुनिया होलिस्टिक हेल्थ केयर की ओर चल रही है। ऐसे में केमिकल फर्टिलाइजर को अस्वीकार कर ऑर्गेनिक उत्पादों की दुनिया में उत्तराखंड अग्रणी भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की स्वच्छता अभियान की भी सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड देश में ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्त करने वाला चौथा राज्य बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में लगभग चार करोड़ परिवार ऐसे हैं जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना लागू की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना को अपने राज्य में शीघ्र से शीघ्र पूरा करने का बीड़ा उठाएगी। उन्होंने कहा कि सभी हिमालयन राज्यों, सभी राज्यों के बीच विकास की दौड़ की एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों यह कार्य कर रहे हैं कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी पहाड़ के काम आए। बाबा केदार के जयजयकारो के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गढ़वाली भाषा में अपना भाषण आरम्भ करते हुए बाबा केदारनाथ से देश, दुनिया व राज्य के लोगो के लिए खुशहाली की कामना की।

प्रधानमंत्री ने भव्य व आधुनिक केदारपुरी पुनर्निर्माण व विकास हेतु 5 प्रमुख योजनाओं का शिलान्यास किया। इनके अंतर्गत मंदिर परिसर की मुख्य सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। इन कार्य में आरसीसी तथा आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। पुरोहितों हेतु थ्री इन वन आवासीय परिसरों का निर्माण किया जाएगा। जिसमें पुरोहितों की रहने की व्यवस्था के अतिरिक्त निचली मंजिल पर श्रद्धालुओं व यात्रियों तथा ऊपरी मंजिल पर उनके यजमानों व मेहमानों की व्यवस्था की जाएगी। आवासीय परिसरों में चौबीस घण्टे बिजली, पानी व स्वच्छता सुविधाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। मंदिर परिसर में पोस्ट ऑफिस, टेलीफोन सुविधाओं तथा कम्युनिकेशन सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी। मन्दाकिनी और सरस्वती नदियों पर रिटेनिंग वॉल व घाटों का निर्माण किया जाएगा। आदि शंकराचार्य के समाधिस्थल का पुनर्निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के अन्य राज्य सरकारों, सीएसआर के माध्यम से व्यापार जगत के उद्यमियों को निर्माण कार्य में सहयोग का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का बाबा केदार जी के आंगन में आने पर उत्तराखण्ड की ओर से हार्दिक अभिनन्दन व स्वागत है। प्रधानमंत्री द्वारा केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने तथा कपाट बन्द होने से पूर्व समाधि पूजा के समय लगभग 6 माह के भीतर दो बार दर्शन करने से पूरे विश्व में सुरक्षित व सुखमय केदारनाथ यात्रा का संदेश गया है। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष दीपावली का पर्व सीमा पर तैनात हमारे वीर सैनिकों के साथ मनाया। सैनिकों की वीरभूमि उत्तराखण्ड के लिए यह सम्मान की बात है।

इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर गर्भगृह में सम्पूर्ण विधिविधान व मंत्रोचारण के साथ भगवान केदार का रूद्राभिषेक किया तथा मंदिर की परिक्रमा की। प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ मंदिर परिसर में लगभग डेढ़ घण्टे से अधिक समय व्यतीत किया। प्रधानमंत्री के समक्ष उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार किया केदारपुरी के पुनर्निर्माण पर एक 3डी प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी को राज्यपाल डॉ. कृष्णकान्त पाल तथा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अंगवस्त्र तथा केदारनाथ मंदिर की अनुकृति भेंट की।

अंग्रेजों के जमाने की कंडी रोड होगी पहली ग्रीन रोडः हरक

कबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों को आपस में जोड़ने वाली कंडी रोड को अब सरकार ग्रीन रोड के रूप में विकसित करने जा रही है। इसका जिम्मा इको टूरिज्म कारपोरेशन को सौंप दिया गया है।
डा. रावत ने यह दावा किया है कि ग्रीन रोड कांसेप्ट की देश की यह पहली सड़क होगी। हालांकि पिछले साल नवंबर में हरियाणा के पटौदी में ग्रीन रोड का शिलान्यास हो चुका है।
डॉ. रावत ने कहा कि राजाजी और कार्बेट नेशनल पार्क से गुजरने वाले इस वन मार्ग (कंडी रोड) को केंद्र सरकार के ग्रीन रोड कांसेप्ट में शामिल किया गया है। जल्द ही इस प्रस्ताव को स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड से पास कराने के बाद नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड में ले जाया जाएगा। उम्मीद जताई कि जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले माह से इस सड़क का सर्वे प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी गई है।
बता दें कि वन विभाग के अधीन कंडी रोड को आम यातायात के लिए खोलने की मांग पिछले तीन दशक से अधिक समय से चली आ रही है। अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कंडी रोड रामनगर से कालागढ़, कोटद्वार व लालढांग (हरिद्वार) को सीधे जोड़ती है।
इस सड़क के बन जाने पर यह राज्य के दोनों मंडलों गढ़वाल व कुमाऊं को राज्य के भीतर ही सीधे जोड़ेगी। वर्तमान में ऐसा कोई मार्ग न होने के कारण उप्र के बिजनौर क्षेत्र से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में समय के साथ ही टैक्स के रूप में धन की हानि भी उठानी पड़ती है।
हालांकि, कंडी रोड को खोलने के लिए कसरत लंबे समय से चल रही है, लेकिन वन एवं वन्यजीवों से संबंधित कानून इसके आड़े आते रहे हैं। पूर्ववर्ती खंडूड़ी सरकार के कार्यकाल में भी इस मार्ग के लिए बाकायदा धन भी स्वीकृत हुआ, लेकिन वन कानूनों की अड़चन दीवार बनकर खड़ी हो गई। नतीजतन, मामला लटक गया। अब फिर से राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस सड़क को अपनी पहली प्राथमिकता बताया।
ग्रीन रोड में सड़क निर्माण की इस तकनीक में सड़क बनाते समय इसमें तारकोल समेत दूसरे प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों का प्रयोग नहीं किया जाता। सीमेंट अथवा लकड़ी के बीम जमीन में बिछाकर बाकी हिस्से को मिट्टी और रेत से तैयार किया जाता है।

उत्तराखंड ग्रामीण क्षेत्र में शौच से मुक्त होने वाला चौथा राज्यः त्रिवेन्द्र

राज्यपाल डॉ.कृष्ण कान्त पाल एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ’स्वच्छता ही सेवा‘ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। स्वच्छता अभियान के व्यापक प्रचारप्रसार एवं जन जागरूकता के लिए राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने गढ़वाल एवं कुमांऊ के लिए एकएक स्वच्छता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। राज्यपाल ने कहा कि जन और देश हित में 02 अक्टूबर 2014 को सम्पूर्ण भारत में स्वच्छता की शपथ ली गई। उसके बाद समयसमय पर स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से ऊर्जा देने की आवश्यकता है। ताकि स्वच्छता मिशन के लक्ष्य में किसी भी प्रकार का भटकाव न आए। राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन सालों में विश्वविद्यालयों ने स्वच्छता अभियान पर अच्छा कार्य किया है। गोविन्द बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय ने स्वच्छता के मामले में देश के सभी विश्वविद्यालयों में से प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि अन्य संस्थाओं, स्कूलों को भी इससे प्रेरित होकर इस अभियान को आगे बढ़ाना होगा। इस स्वच्छता पखवाड़े में 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री के जन्म दिवस के अवसर पर सेवा दिवस, 25 सितम्बर को पं.दीन दयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी के अवसर पर सर्वत्र स्वच्छता दिवस एवं 02 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन एवं नए भारत के लक्ष्य को हम सबको गम्भीरता से लेना होगा। मोहल्लों एवं गांवों से एम्बेस्डर बनकर इस अभियान को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड ग्रामीण क्षेत्रों में शौच से मुक्त(ओ.डी.एफ) होने वाला देश का चौथा राज्य है। मार्च 2018 तक राज्य के शहरी क्षेत्र को भी पूर्ण रूप से ओ.डी.एफ करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के कार्यक्रमों में सबका योगदान जरूरी है। स्वच्छता मिशन को सफल बनाने के लिए जन सहयोग एवं सहभागिता के साथ ही सबको व्यक्तिगत प्रयास भी करने होंगे। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि पिछले 03 वर्षों से शीर्ष पदाधिकारियों से लेकर गांव के अन्तिम व्यक्ति तक सभी लोग स्वच्छता अभियान से जुड़े हैं। किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए समाज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

जीरो टॉरलेंस सरकार ने की कारवाई, भ्रष्टाचार के चलते किए वित्तीय अधिकार सीज

शासन ने पालिकाध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम पर लगे वित्तीय अनियमितता के सात में से तीन आरोप गढ़वाल मंडलायुक्त की जांच में सही साबित होने पर उनके वित्तीय अधिकारों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। वहीं पौड़ी के डीएम को अग्रिम आदेशों तक पालिका के वित्तीय अधिकारों का जिम्मा सौंपा गया है।
गौरतलब है कि पौड़ी नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष यशपाल बेनाम पर वर्ष 2013-14 में वित्तीय अनियमितता के सात आरोप लगाते हुए सभासदों ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। पिछली सरकार ने इन शिकायतों की जांच गढ़वाल मंडलायुक्त से कराई थी।
मंडलायुक्त ने दस अक्टूबर, 2015 और चार अगस्त, 2016 को जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। इसके बाद पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम को कारण बताओ नोटिस जारी कर आरोपों पर पक्ष रखने का मौका दिया गया था। उनका पक्ष सामने आने के बाद कुल सात आरोपों में से तीन आरोप सिद्ध पाए गए। मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पालिका के गेस्टहाउस के बारे में पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के सहायक अभियंता ने भवन सुरक्षित नहीं होने का प्रमाणपत्र 12 दिसंबर, 2013 को जारी किया। इस मामले में अध्यक्ष पर बोर्ड से भवन ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव पास कराए बगैर ही यह कार्य किया गया। जांच रिपोर्ट में यह निष्कर्ष दिया गया कि भवन ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव बोर्ड से विधिवत पास नहीं कराया गया। इस मामले में अध्यक्ष के साथ तत्कालीन अधिशासी अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके रमेश प्रसाद सेमवाल को भी दोषी माना गया। जांच आख्या में कहा गया कि नगरपालिका अध्यक्ष ने तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक सुंदरलाल मंद्रवाल की ओर से शरदोत्सव के लिए 10 लाख रुपये देने के आश्वासन पर पालिका निधि से उक्त धनराशि खर्च कर दी। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी दरबान सिंह राणा ने विहित प्रक्रिया न अपनाकर बोर्ड फंड से धनराशि आवंटित की। इसमें वित्तीय अनियमितता की गई। उक्त धनराशि की विधायक निधि से प्रतिपूर्ति नहीं हुई। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री की ओर से ग्रीष्मोत्सव के आयोजन को 20 लाख देने के आश्वासन पर उक्त आयोजन किए जाने का उल्लेख किया है। ग्रीष्मोत्सव पर 15 लाख रुपये व्यय किए गए, लेकिन पालिका निधि से आहरित इस धनराशि के बारे में बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को अनुमोदित नहीं कराया गया। जांच में कहा गया कि 15 लाख की धनराशि का समायोजन किस मद से होगा, यह उल्लेख नहीं करना गंभीर अनियमितता है। पालिका ने कूपन छपवाने का बिल प्रस्तुत किया, उसमें 50 पृष्ठ की 100 बुक छापने का उल्लेख है। लेकिन, इन कूपनों से कितनी धनराशि प्राप्त हुई और उसे किन मदों में खर्च किया गया, इसका उल्लेख या व्यय विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया। उक्त आयोजन यशपाल बेनाम परे व्यक्तिगत तौर पर कराया था और इसके लिए जिला प्रशासन या शासन से अनुमति नहीं ली गई थी। मंडलायुक्त एवं पौड़ी जिलाधिकारी की जांच आख्या और पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम के अभिकथन के बाद शासन ने सात में उक्त तीन आरोप सिद्ध पाए। इनके आधार पर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम के वित्तीय अधिकार सीज करने के आदेश शहरी विकास प्रभारी सचिव राधिका झा की ओर से जारी किए गए हैं।

माउंटेन रेजीमेंट के हवाले होगी उत्तराखंड की सीमाएं

भारतीय सीमाओं में चीन की लगातार घुसपैठ की खबरों के बीच अब सेना भी उत्तराखंड में सैन्य क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत सेना सूबे में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के साथ ही यहां अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) तैनात करने की तैयारी कर रही है। साथ ही हैवी फायरिंग रेंज बनाने को भूमि भी तलाशी जा रही है। अब सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने राज्य में माउंटेन रेजीमेंट की स्थापना की बात कही है।
दून पहुंचे थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड की सरहद, देश की किसी भी अन्य सीमा से कम या ज्यादा संवेदनशील नहीं है। हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त ताकत है कि यहां कोई घुसपैठ न हो। हम राज्य में माउंटेन रेजीमेंट स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं और इसके लिए काम चल रहा है।
माउंटेन रेजीमेंट की खासियत
विशेषज्ञ माउंटेन रेजीमेंट की खासियत शत्रु पर सीधे प्रहार की होती है। इसके जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। इसमें उन्हीं जवानों को लिया जाता है जो लंबे वक्त तक पहाड़ी और बर्फीले इलाकों में रहने के आदी होते हैं। इनको खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। ये चीते की तरह फुर्तीले और सबसे कम वक्त में सबसे तेज तरीके से किसी भी आपरेशन को अंजाम देने में सक्षम होते हैं।

कृषि आय के साथ एलाइड सेक्टर्स में भी फोकस

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने की कार्ययोजना की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में क्लस्टरवार कृषि को प्रोत्साहित किया जाय। फसलों की उत्पादकता बढ़ानी होगी, इसके लिये उन्नत किस्म के बीजों तक किसानों की पहुंच बनानी होगी। जिलाधिकारी, क्लस्टर्स के अनुसार वहां पैदा होने वाली फसलों का अध्ययन कर, उन्नत बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सरकार के कई विभाग और विभिन्न परियोजनाएं कृषि तथा एलाइड क्षेत्रों में काम कर रही है, इन सभी को एक समग्र कोआर्डिनेटेड प्रयास करने की जरूरत है। सीएम ने जनपद स्तर पर सभी संबन्धित विभागों की कोर्डिनेशन कमेटी बनाने के निर्देश भी दिये। जिस क्लस्टर में जो फसल या उत्पाद चिन्हित हो उससे जुड़े सेक्टर में लोगों को स्किल डेवलेपमेंट योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षित भी किया जाय। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि आय को दोगुना करने के लक्ष्य हेतु सभी संबन्धित सभी शासनादेशों एवं गाइडलाइन्स का एक संकलन तैयार कर न्याय पंचायत स्तर तक भेजा जाये। उन्होंने हर गांव के लिये एक माइक्रो प्लान और पर्सपेक्टिव प्लान बनाने को भी कहा। प्रमुख सचिव ने कहा कि मनरेगा, आईफैड, ग्राम्या और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कई प्रावधानों के अन्तर्गत जिलाधिकारी, जनपदों में आजीविका संसाधन सृजित कर किसानों की मदद कर सकते है। कृषि सचिव ने कहा कि सभी जिलाधिकारी, अपने जनपदों में क्लस्टरवार मॉडल डी.पी.आर. बनायें। कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी, जो कि कृषि विषय में पोस्ट ग्रेजुएट तक हैं, उनका उपयोग करें। कृषि के साथ एलाइड सेक्टर्स में भी फोकस करें। पुष्प उत्पादन मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन का प्रदेश में बड़ा स्कोप है। उत्तराखण्ड हर वर्ष 125 करोड़ रूपये का शहद निर्यात कर रहा है। इस अवसर पर सभी जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जनपदों से प्रस्तावित कार्ययोजना की जानकारी दी।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.