गुरूद्वारा नानकमत्ता साहिब के दरबार पहुंचे राज्यपाल और मुख्यमंत्री

राज्यपाल ले0ज0 (सेनि0) गुरमीत सिंह एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक दिवसीय कार्यक्रम के दौरान गुरूद्वारा नानकमत्ता साहिब में पहुचकर मत्था टेक कर प्रदेश की खुशहाली के लिए अरदास की। इसके उपरान्त उन्होने गुरूद्वारा परिसर में झाड़ू लगाई तदोपरान्त लंगर में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष व सम्मानित सभी सदस्यों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री को सरोपा भेंट किया। राज्यपाल ने कहा कि मुझे आज बहुत खुशी हो रही है कि आज गुरु के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यहां आकर मुझे आप लोगों का जो स्नेह व आर्शीवाद मिला है, उससे मै अभिभूत हुं। उन्होने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे इस प्रकार सभी का आर्शीवाद मिलेगा तो मुझे उत्तराखण्ड की सेवा करने में और बल मिलेगा। उन्होने कहा कि राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के द्वारा जो दायित्व मुझे दिया गया है, मै उसका निर्वाहन एक सैनिक के रूप में पूरी निष्ठा से करूंगा। उन्होने कहा कि जो सम्मान मुझे मिला है वह सिक्ख समुदाय के हर व्यक्ति का सम्मान है। उन्होने कहा कि सच्चे बादशाह गुरु नानक देव ने हमको सरलता, नम्रता, करुणा, सेवा आदि का जो सबक सिखाया है, वह बहुत ही अच्छा मार्गदर्शन है। उन्होने कहा कि आज मैने सच्चे बादशाह से प्रार्थना की है कि उत्तराखण्ड की पावन धरती जिसमें चार धाम, हेमकुंड साहिब, रीठा साहिब व नानकमत्ता साहिब है। मुझे उनका आर्शीवाद प्राप्त हो जिससे मै अपना एक-एक क्षण उत्तराखण्ड की सेवा में लगाऊं।

चारधाम यात्रा शुरु, तीर्थयात्रियों के साथ ही कारेाबारियों के खिले चेहरे

केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चार धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेश में यात्रा का श्रीगणेश हो गया। पहले दिन बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री धाम में 700 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यात्रा शुरू होने से श्रद्धालुओं में उत्साह है तो दूसरी ओर, चारधाम रूट के पर्यटन और परिवहन कारोबारी भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए दोपहर 12 बजे तक 352 तीर्थयात्री प्रस्थान कर चुके थे। केदारधाम में प्रतिदिन 800 लोगों को ही जाने की अनुमति दी गई है।
देवस्थानम बोर्ड के अनुसार, केदारनाथ में गर्भ गृह में भी व्यवस्थाएं बहाल कर दी गई हैं। गर्भ गृह में किसी को प्रवेश की अनुमति नही हैं। सभी यात्रियों को सभा मंडप से ही दर्शन की अनुमति दी गई है। बदरीनाथ में ब्रह़्म मुर्हुत में भगवान बदरी विशाल का पूजन अभिषेक शुरू हुआ। मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने नियमानुसार भगवान का स्नान, श्रृंगार, अभिषेक किया। धर्माधिकारी भुवन उनियाल अपर धर्माधिकारियों ने वेद ऋचाओं का वाचन किया। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश किया। दोपहर तक 250 श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर चुके थे। अभी सिलसिला जारी है। उधर, उत्तरकाशी में दोपहर तक गंगोत्री धाम में 73 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं ने मां यमुना की पूजा अर्चना की। दोनों धामों में शाम तक 302 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना की।

कोविड जांच के लिए सख्त इंतजाम
भगवान बदरीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य जांच के लिये जिले के प्रवेश द्वार गौचर, मोहन खाल, मेहलचौरी से ही बैरियर पर कोविड जांच की व्यवस्था की गई है। पांडुकेश्वर में भी कोविड जांच यात्रियों की जांच हो रही है । हेमकुंड जाने वाले यात्रियों की भी कोविड जांच की जा रही है। बदरीनाथ आने वाले यात्रियों कोविड प्रपत्रों की जांच देवदर्शनी में भी हो रही है। उधर,केदारनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले महाराष्ट्र, केरल और आंध्रप्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए सोनप्रयाग में आरटीपीसीआर कोविड टेस्ट की अलग से व्यवस्था की है।

इन नियमो का पालन करने से चारधाम यात्रा पर नही करना होगा कठिनाईयों का सामना

चारधामों के कपाट खुलने के लगभग चार महीने के बाद शनिवार से चारधाम यात्रा शुरू होगी। शुक्रवार को सरकार ने चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिसके बाद ही चारधामों में दर्शन की अनुमति मिलेगी।
राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 15 दिन के बाद प्रमाण पत्र दिखाने पर यात्रा की अनुमति दी जाएगी। लेकिन केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को दोनों डोज लगवाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड जांच निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। 
सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल ने चारधाम यात्रा की एसओपी जारी की है। इस बीच चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने भी एसओपी जारी कर दी है। दोनों एसओपी में एक समान प्रावधान हैं। चारधामों में यात्रा का संचालन 18 सितंबर से होगा। यात्रा में राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को सशर्त अनुमति दी जाएगी।
धामों में दर्शन करने के लिए यात्रियों को सबसे पहले देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड की ओर से सीमित संख्या में प्रतिदिन ई-पास जारी किए जाएंगे। मंदिर परिसर के मुख्यद्वार पर दर्शन करने से पहले यात्रियों का ई-पास चेक किया जाएगा। 

मंदिर परिसर में प्रसाद चढ़ाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंध
कोविड संक्रमण को देखते हुए चारधामों में दर्शन करने वाले यात्री प्रसाद नहीं चढ़ाएंगे। साथ ही मंदिरों में यात्रियों को तिलक भी नहीं लगेगा। मंदिर में मूर्तियों और घंटियों को छूने, तप्त कुंडों में स्नान पर प्रतिबंध रहेगा। केदारनाथ धाम में एक समय में छह यात्री ही सभामंडप से दर्शन कर सकेंगे। गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं होगी। 

केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मंदिर परिसर में दिन में तीन बार सैनिटाइजेशन और साफ सफाई की जाएगी। मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेसिंग की निगरानी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। प्रत्येक धाम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। एसओपी का पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और एसडीएम की होगी। 
 
यात्रा के लिए ऐसे करेंगे पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in/ पर पंजीकरण करना होगा। बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को सबसे पहले स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। जबकि राज्य के यात्रियों को इस पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करना होगा। यात्रा के लिए ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज 15 दिन पहले लग चुकी है। उन्हें कोविड जांच नहीं करानी होगी। एक डोज लगाने वाले को कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगा। 

चारधामों में दर्शन के लिए ये रहेगी प्रतिदिन संख्या
बदरीनाथ-1000
केदारनाथ-800
गंगोत्री-600
यमुनोत्री-400

यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट के न जाने दें
चारधाम यात्रा के लिए डीआईजी नीरू गर्ग ने रेंज के सभी एसएसपी, एसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि कोविड संक्रमण को देखते हुए यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और देवस्थानम बोर्ड पंजीकरण किए बिना यात्रा पर न जाने दिया जाए। चेकिंग के लिए सभी स्थानों पर चौकपोस्ट बनाकर उनमें पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। इस दौरान उन्होंने सभी जनपदों में यात्रा के लिए सीओ को नोडल अधिकारी बनाया है। 
डीआईजी ने यात्रा के दौरान शासन-प्रशासन और हाईकोर्ट की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन करने और इस संबंध में यात्रियों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए। कहा कि निर्धारित संख्या से अधिक यात्रियों को चार धाम यात्रा के लिए अनुमन्य न किया जाए। यात्रा आरंभ में ही हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती, लक्ष्मणझूला आदि स्थानों पर फ्लैक्स आदि के जरिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
टिहरी में भद्रकाली, तपोवन, सुवाखोली, कैम्पटी, पौटी में कोटद्वार, श्रीनगर में सघन चेकिंग किया जाए। इस दौरान उन्होंने जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री में सीओ बड़कोट गंगोत्री में सीओ उत्तरकाशी, केदारनाथ में सीओ गुप्तकाशी व बदरीनाथ में सीओ चमोली को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
नोडल अधिकारी जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एसएसपी देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली आदि मौजूद रहे।
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि सरकार की ओर से यात्रा शुरू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसके बाद बोर्ड की ओर से चारधामों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए एसओपी जारी की जाएगी। यात्रा के लिए तैयारियां पूरी है। 

धामी सरकार की मजबूत पैरवी से ही खुली चारधाम यात्रा
सरकार की ओर से मजबूत पैरवी होती तो चारधाम यात्रा के द्वार पहले ही खुल जाते। लेकिन यात्रा संचालन करने के लिए सरकार की तरफ से कमजोर होमवर्क भी दिखाई दिया। अब कोर्ट ने रोक हटाई तो यात्रा की राह में मौसम की चुनौतियां भी खड़ी है। चारधाम यात्रा के लिए लगभग डेढ़ माह ही समय बचा है। भारी बारिश से चारधाम यात्रा के सड़क मार्गों की हालत खराब है। कई संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बरकरार है। 

धामी सरकार के 200 करोड़ के राहत पैकेज से भी मिली राहत
प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा संचालन न होने से पर्यटन क्षेत्र को दो सौ करोड़ का पैकेज देकर राहत का मरहम लगाया था। चारधाम व पर्यटन कारोबार से जुड़े 50 हजार लोगों को छह माह तक प्रति माह दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता देेने की घोषणा की थी। अब तक 11813 लाभार्थियों के खाते में कुल 440.54 लाख की राशि दी गई। 655 पंजीकृत टूर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10 हजार रुपए प्रति आपरेटर देने की घोषणा की थी। इसमें 208 लाभार्थियों को 20.80 लाख रुपये की राशि दी गई। 630 पंजीकृत रीवर राफ्टिंग गाइड में से 209 को 20.90 लाख, टिहरी झील में 86 मोटर बोट संचालकों को 10 हजार रुपये के अनुसार 8.60 लाख की राशि दी गई।

कार्यों की गुणवत्ता से ना किया जाए समझौता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ एस.एस. सन्धु ने शुक्रवार को भगवान केदारनाथ के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कार्यों में बेहतर गुणवत्ता के साथ ही तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों में गति लाने के लिए आवश्यक मैन पावर, मशीनरी एवं मटीरियल की पर्याप्तता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों में गति लाने के लिए वीकली टारगेट निर्धारित कर अचीवमेंट की समीक्षा नियमित रूप से की जाए।
मुख्य सचिव ने केदार पुरी के दोनों तरफ की पहाड़ियों पर वन विभाग को आकर्षक प्लांटेशन करने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां काम कर रही लेबर से भी बात की, मुख्य सचिव ने अधिकारियों को श्रमिकों के लिए उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने चोराबाड़ी ट्रेक रूट को विकसित किए जाने के साथ ही गरुड़ चट्टी से रामबाड़ा तक पुराने मार्ग को सुचारू करने हेतु फॉरेस्ट क्लीयरेंस पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने निर्माणाधीन शंकराचार्य समाधि स्थल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी के संगम पर निर्मित हो रहे स्नान घाटों केदारनाथ गरुड़ चट्टी को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पुल व पहाड़ी शैली में निर्मित हो रहे भवनों का जायजा भी लिया। मुख्य सचिव ने वहां मौजूद अधिकारियों से निर्माण कार्यों में गति एवं समय से पूरा करने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सुव्यवस्थित और सुरक्षित चारधाम यात्रा हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर एवं जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग भी उपस्थित थे।

विस अध्यक्ष ने गणपति का किया विसर्जन, सभी के लिए मांगा आर्शीवाद

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गणपति को घर में स्थापित करने के बाद रविवार को परिवार सहित गंगा में विधि विधान से विसर्जन किया। गणपति जी का विसर्जन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि, स्वस्थ जीवन की कामना की।
ऋषिकेश स्थित अपने निजी आवाज से विधानसभा अध्यक्ष ने धर्मपत्नी शशिप्रभा अग्रवाल व सुपुत्र पीयूष अग्रवाल सहित गणपति जी को लेकर आस्था पथ पर पहुंचे, जहां गणपति का गंगा में विसर्जन किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गणपति जी प्रदेशवासियों को कोरोना और जीवन में आई हर विपत्ति का सामना करने की शक्ति दें। उन्होंने कहा श्री गणेश की उपासना से जीवन में स्थायित्व आता है और विघ्नों का नाश होता है। उन्होंने कहा कि बुद्धि और समृद्धि के आराध्य देव भगवान गणेश जीवन में श्रेष्ठ और सृजनात्मक कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। हम सभी को उनका स्मरण और वंदन करना चाहिए।

किशोर उपाध्याय ने किया ऐलान, चारधाम यात्रा शुरू न होने पर बदरीनाथ के दर्शन को तोड़ देंगे सारे प्रतिबंध


यदि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा शुरू नहीं की तो एकादशी के दिन सारे प्रतिबंध तोड़कर भगवान बदरीनाथ के दर्शन को जाऊंगा। यह बात आज प्रेसवार्ता के दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कही। उन्होंने सरकार से तुरंत चार धाम यात्रा शुरू करने की मांग की है।

प्रेसवार्ता में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि जब स्कूल, पर्यटक स्थल खुल गये हैं। यात्रियों से भरी बसें चल रही है, तो चारधाम यात्रा से सरकार क्यों परहेज़ कर रही है। चारधाम यात्रा से पहाड़ के लाखों लोगों का रोजगार भी जुड़ा है। आशंका व्यक्त की कि तीर्थ पुरोहितों के आन्दोलन के मध्यनज़र सरकार की छवि देश-विदेश में और ख़राब न हो, इसलिए भी यात्रा शुरू नहीं की जा रही है। उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें चारधाम यात्रा शुरू न होने से लोगों पर पड़ रहे आर्थिक प्रभावों के सम्बन्ध में सुझाव दिये हैं। लोगों के ऋण, टैक्स के साथ बिजली-पानी के बिल माफ करने की मांग की है। कहा कि सरकार ने अगर चारधाम यात्रा शुरू न की तो वे सारे प्रतिबंधों को तोड़कर आने वाली एकादशी को भगवान बदरी विशाल के दर्शनों को जाएंगे। प्रेस वार्ता में एआईसीसी सदस्य जयेन्द्र रमोला, पूर्व प्रदेश महासचिव डा केएस राणा, पूर्व मंडी अध्यक्ष जय सिंह रावत, प्रदेश सचिव विजयपाल रावत, मनोज गुसांई, दिनेश भट्ट, भगवती सेमवाल, दिनेश सकलानी, देव पोखरियाल, अजय रमोला, विनोद सकलानी आदि मौजूद रहे।

तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात में सीएम ने कहा, नहीं होगा अहित


सीएम आवास में देवप्रयाग विधायक विनोद कण्डारी और केदारनाथ की पूर्व विधायक शैलारानी रावत के नेतृत्व में केदारनाथ व बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमण्डल ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से भेंट की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड से तीर्थ पुरोहितों, हक हकूक धारियों और पण्डा समाज का किसी प्रकार का अहित नहीं होने दिया जाएगा। वरिष्ठ नेता श्री मनोहर कांत ध्यानी जी को संबंधित तीर्थ पुरोहितों के पक्ष को जानकर पूरी रिपोर्ट देने का आग्रह किया गया है। राज्य सरकार सभी को सुनेगी और उनकी चिंताओं का समाधान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम्यूनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार बातचीत के माध्यम से रास्ता निकालेगी। बातचीत से सभी शंकाएं दूर की जाएगी और जहां सुधार की जरूरत होगी, राज्य सरकार सुधार करेगी।

बदरीनाथ मास्टर प्लान को मूर्त रूप देने से पूर्व सभी संबंधित पक्षों की भी बात सुनी जाएगी और उनकी शंकाओं का निवारण किया जाऐगा। सभी के हित यथासंभव सुरक्षित रहेंगे।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने भी वार्ता के माध्यम से रास्ता निकाले जाने पर सहमति व्यक्त की।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद साधु-संतों को बड़ी राहत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में स्थापित साधु संतों के आश्रमों व धर्मशालाओं को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। अब इनके बिजली पानी के बिल और सीवरेज टैक्स व्यावसायिक दरों के स्थान पर घरेलू दरों पर वसूलेगी। दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ संतों का आशीर्वाद कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने यह मांग उठाई। जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने यह एलान किया।

हरिद्वार में सबसे ज्यादा आश्रम और धर्मशाला
बता दें कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद तीर्थनगरी हरिद्वार में 950 से अधिक आश्रमों और धर्मशालाओं को कामर्शियल दरों से राहत मिलेगी। इस निर्णय से पूरे प्रदेश में चेरिटेबल ट्रस्ट के तहत संचालित साधु संतों धर्मशालाओं और मंदिर मठों को फायदा होगा। 

भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया आरोप
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में साधु संतों के आश्रमों, धर्मशालाओं, मंदिरों और मठों के गृह कर, बिजली, पानी के बिल और सीवरेज का टैक्स व्यावसायिक कर दिया गया था। जब वह शहरी विकास मंत्री बनें तो उन्होंने एक्ट में संशोधन के माध्यम से गृह कर को व्यावसायिक से घरेलू कर दिया था। लेकिन बिजली, पानी का बिल और सीवरेज का टैक्स घरेलू नहीं हो पाया था। कौशिक ने राहत के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। 

मुख्यमंत्री घोषणा के बाद कार्यक्रम में उपस्थित साधु संतों के चेहरे पर चमक बिखर गई। उन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया। साथ ही मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष के सहयोग की सराहना की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि संतों के आश्रमों व धर्मशालाओं में व्यावसायिक तौर पर लिए जाने वाले कर को हम घरेलू दरों में परिवतिर्त करेंगे व आगामी समय में कुंभ के लिहाज से संत समाज का एक सम्मान समारोह भी किया जाएगा।

सीएम का आग्रह-केदारपुरी में फेज-टू के प्रोजेक्ट का शिलान्यास करे पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाये जाने तथा वासुकी ताल क्षेत्र के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को भी नये लोकेशन के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री ने स्थानीय जन भावनाओं के अनुरूप ईशानेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण, आस्था चौक पर “ऊँ“ कार की प्रतिमा स्थापित करने, शंकराचार्य समाधि एवं शिव उद्यान के डिजाइन में जन भावनाओं के अनुरूप संशोधन करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारपुरी में फेज-टू के 113.92 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने हेतु प्रधानमंत्री से समय देने का आग्रह किया। इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री द्वारा शीघ्र समय निर्धारण हेतु आश्वासन दिया गया।

प्रधानमंत्री के विजन एवं मार्गदर्शन में हो रहा है केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केदारनाथ में 2013 में आयी आपदा के बाद प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी, एक नयी सुरक्षित एवं सुविधा युक्त धार्मिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में निर्मित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि स्थानीय स्थापत्य कला, नवीन तकनीकी के इस्तेमाल, ठोस अपशिष्ट निस्तारण व्यवस्था के साथ केदारनाथ धाम सुनियोजित आधुनिक संसाधनों से युक्त इको फ्रेंडली टाउन के रूप में विकसित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि बद्रीनाथ को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिये प्रथम चरण के 245 करोड़ की योजना के कार्यों को शुरू करने के लिये 22 राजकीय भवनों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का निर्णय राज्य की कैबिनेट द्वारा लिया जा चुका है। इससे कार्यों में अब तेजी आ सकेगी।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के प्रथम चरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं जिसमें टेम्पल प्लाजा, एराइवल प्लाजा, मन्दाकिनी एवं सरस्वती नदी पर सुरक्षा दीवार निर्माण, 05 घाटों का निर्माण, मन्दाकिनी रिवर फ्रंट के कार्य 5 गेस्ट हाउसों का निर्माण, 3 ध्यान गुफाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है। आदि शंकराचार्य की गुफा का निर्माण कार्य गतिमान है जबकि, द्वितीय चरण में 113.92 करोड़ के 13 कार्यों पर भी कार्यवाही गतिमान है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, विशेष सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत उपस्थित थे।  

प्रसिद्ध बग्वाल मेले का संचालन राज्य सरकार करेगी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चंपावत की लोहाघाट विधानसभा के देवीधुरा में 21.56 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने लोगो की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए देवीधुरा स्थित मॉ वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले का संचालन राज्य सरकार द्वारा किए जाने के साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा लोहाघाट विधानसभा हेतु 39.70 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र के विकास की विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण से क्षेत्र वासियों को इनका लाभ मिलेगा। उनेंने कहा कि हर क्षेत्र का विकास ही हमारा ध्येय है। उन्होंने कहा कि हम आगे भी देवीधुरा क्षेत्र के विकास हेतु हमेशा तत्पर रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक युवा को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने नव निर्मित राजकीय आदर्श महाविद्यालय देवीधुरा के भवन का लोकार्पण करते हुए विद्यालय में बीएससी, बीकॉम, कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की। लोहाघाट नगर पंचायत को नगर पालिका का दर्जा देने, लोहाघाट पीजी कालेज में स्नातकोत्तर स्तर पर समाज शास्त्र व इतिहास विषय सृजित करने आदि की भी घोषणा की। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि उनकी आशाओं एवं आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार पूरा प्रयास करेगी। महाविद्यालय के भवन लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय के कक्षा-कक्षों आदि का निरीक्षण कर निर्माण कार्य की गुणवत्ता की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने जिन 5 योजनाओं का लोकार्पण किया उनमें भारत सरकार द्वारा पोषित ’रूसा’ परियोजना के अंतर्गत आदर्श महाविद्यालय (मॉडल कॉलेज) के भवनों का निर्माण लागत कुल 10.47 करोड़, नाबार्ड के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के विकासखंड पाटी में शाल टांण मोटर मार्ग से माँ शिलादेवी मंदिर तक सड़क मार्ग का सुधारीकरण कार्य लागत रूपये 1.73 करोड़, राज्य योजना के अंतर्गत जनपद चंपावत के विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के अंतर्गत तिमलागुंठ पीपलढींग मोटर मार्ग का पुनःर्निर्माण व सुधारी करण कार्य लागत रू. 1.91 करोड़ है। राज्य योजना के अंतर्गत जनपद चंपावत के विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के विकासखंड पाटी में काठगोदाम खुटानी लोहाघाट पंचेश्वर मोटर मार्ग से ग्राम सभा गहतोडा में झाड़सिरतोली तक मोटर मार्ग का निर्माण लागत 1.86 करोड़ खसकांड़े सोलर पंपिंग पेयजल योजना 104.24 लाख शामिल है।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री द्वारा जिन 4 योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें राज्य योजना के अंतर्गत जनपद चंपावत की विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के अंतर्गत पाटी छत्तरदयार गुम मोटर मार्ग का पुनर्निर्माण व सुधारीकरण का कार्य लागत 1.15 करोड़, विकासखंड पाटी में छिनकाछीना सिमलखेत मोटर मार्ग के जालछीना से ग्राम कजीना के गहत्वाड़ तक मोटर मार्ग का निर्माण लागत 99.47, विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के अंतर्गत टाक बैंड से कुंडीमाहरा मोटर मार्ग सुधारीकरण का कार्य लागत 1.12 करोड़ है। लोहाघाट डिग्री कॉलेज से गंगनौला- नसखौला होते हुए पोखरीबोरा मोटर मार्ग का पुनर्निर्माण एवं सुधार कार्य लागत रू. 1.29 करोड़ शामिल है ।
मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के लिये की गई 39.70 करोड़ की घोषणा में लोहाघाट नगर के लिये लिफ्ट पेयजल योजना के लिये 16.92 करोड़, दिगाली चौड के लिये लिफ्ट पंपिंग योजना हेतु 3.87 करोड़, विकासखण्ड पाटी में लधिया नदी के बांये एवं दायें पार्श्व में स्थित ग्राम परेवा गागरी एवं कुल्यालगांव के साथ ही बाराकोट के ग्राम बोतडी में बाड़ सुरक्षा कार्यों हेतु 11.66 करोड तथा विकासखण्ड लोहाघाट, बाराकोट तथा पाटी विभिन्न सड़कों के लिये निर्माण हेतु 7.25 करोड़ की धनराशि शामिल है।
इससे पूर्व देवीधुरा पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वप्रथम विश्व प्रसिद्ध मां वाराही धाम के दर्शन एवं पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उसके बाद मुख्यमंत्री ने आदर्श महाविद्यालय देवीधुरा पहुंचने पर पौधारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री के साथ मौजूद कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि महाविद्यालय देवीधुरा के रूप में क्षेत्रीय जनता को एक मॉडल कॉलेज मिल रहा है। इससे क्षेत्र के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी। लोहाघाट विधायक पूरन फर्त्याल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लोहाघाट विधानसभा विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार, जिला पंचायत अध्यक्षा ज्योति राय, अपर जिलाधिकारी त्रिलोक सिंह मर्ताेलिया सहित अन्य विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.