कोर्ट ने चेक बाउंस के आरोपी को किया बरी


चेक बाउंस मामले में न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट,ऋषिकेश श्रेय गुप्ता की अदालत ने आरोपी इंद्रपाल पुत्र राजेंद्र निवासी रूषा फार्म, गुमानीवाला, ऋषिकेश को दोषमुक्त किया है। आरोपी की ओर से अधिवक्ता शुभम राठी ने मजबूत पैरवी की थी।

अधिवक्ता शुभम राठी ने बताया कि गुमानीवाला निवासी विपिन पोखरियाल ने न्यायालय में वाद दर्ज करते हुए कथन किया कि इंद्रपाल द्वारा उनसे 2,50,000 रुपए उधार लिए थे जिन्हे लोटाने के एवज में एक चेक उन्हें दिया जो की बैंक में लगाने पर बैंक से बिना भुगतान अनादृत हो गया जिसके संबंध में न्यायलय में मुकदमा किया गया।

आरोपी इंद्रपाल द्वारा कोर्ट में बताया गया कि वह विपिन को जानता ही नहीं है और विपिन ने किसी और से इंद्रपाल का चेक प्राप्त कर झूठा मुकदमा किया है। इंद्रपाल के अधिवक्ता शुभम राठी ने परिवादी विपिन से जिरह की तथा अधिवक्ता शुभम राठी द्वारा पूछे गए सवालों का कोई भी संतोषजनक जवाब परिवादी नहीं दे पाए। जिसके पश्चात न्यायालय ने यह माना की परिवादी आरोपी के साथ अपनी जान पहचान या लेन देन साबित नही कर पाया और अधिवक्ता की ठोस पैरवी के चलते आरोपी इंदरपाल को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।

विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों को सीएम ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुभाष रोड़ स्थित वेडिंग प्वाइंट में पंजाबी सभा द्वारा आयोजित विभाजन विभीषिका सम्मान समारोह में विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने विभाजन विभीषिका के दौरान दिवंगत लोगों की स्मृति में स्मृति स्थल के निर्माण की भी घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वयोवृद्ध विद्या वंती, सरदार मनोहर सिंह नागपाल, नानक चंद नारंग, भवानी दास अरोड़ा आदि को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को एक ओर जहां देश आजादी का जश्न मना रहा था, वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दर्द सहा। देश का विभाजन भारत के लिए किसी विभीषिका से कम नहीं था। इस दंश के दर्द की टीस आज भी है, जो इसे झेलने वाले लोगों की आंखों को नम कर देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का विभाजन केवल एक भूभाग का विभाजन नहीं था, पीढ़ियों से साथ रह रहे लोगों के बीच नफरत और सांप्रदायिकता की लकीर खींच दी गई थी। लगभग पूरा भारत छिन्न-भिन्न हो गया था। सालों से साथ रहने वाले लोग, एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे, हर जगह क्रूरता नजर आ रही थी, जीवन मूल्यहीन हो गया था। मानव विस्थापन का इससे भयानक और विकराल रूप पहले कभी नहीं देखा गया। भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था।

विभाजन के दौरान वैमनस्य और दुर्भावना का दृढ़तापूर्वक सामना करने वाले, प्रत्येक व्यक्ति के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस हिंसक उन्माद के दौर के इस परिसर में बैठे हमारे वरिष्ठों और उनके अनेकों साथियों ने, समाज के प्रति अपने कर्तव्य, राष्ट्र के प्रति अपनी कृतज्ञता, और मातृभूमि के प्रति अपने समर्पण को जीवंत रखा। इस बंटवारे ने जो जटिलताएं और विषमताएं, आजाद भारत के सामने ला कर खड़ी कीं, देश आज भी उनका सामना कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों इतिहासकारों और राजनेताओं ने, विभिन्न मंचों से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि, भारत का विभाजन राजनीतिक निर्बलता का स्पष्ट उदाहरण था। हम सभी का यह दायित्व है कि, हमारी युवा पीढ़ी, उस तथ्य को जाने कि यह आज़ादी हमने किन हालातों में प्राप्त की थी? उन्होंने कहा कि देश आज आजादी के अमृत वर्ष में प्रवेश कर चुका है और इस अमृतकाल में यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और देश के विभाजन की यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद विभाजन विभीषिका झेल चुके लोगों ने विभाजन से मिले दर्द को भुलाकर देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। विभाजन विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोगों ने इस क्षेत्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से पलायन करके आए हुए आप जैसे हमारे पंजाबी भाइयों ने दिखा दिया कि मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर इंसान क्या नहीं कर सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने भी उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का ’’विकल्प रहित संकल्प’’ लिया है। इसके लिए हम सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मंत्र पर काम कर रहे हैं। प्रदेश में सड़क, रेल, हवाई यातायात की सुविधाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है। सभी के सहयोग और समर्थन से हम उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने में अवश्य सफल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि के सनातन स्वरूप को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। राज्य में धर्मांतरण के विरूद्ध कानून सख्ती से लागू किया गया है। देवभूमि के प्रति लोगों की आस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश की जनता से किये गये वायदे के अनुरूप शीघ्र ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू किया जायेगा। अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध भी सख्ती से कार्यवाही कर किसी भी षड्यंत्र के तहत किये जाने वाले अतिक्रमण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं विधायक शिव अरोड़ा, महामण्डलेश्वर स्वामी धर्मदेव, विश्वास डाबर आदि ने भी अपने विचार रखें।

राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा के साथ सीएम ने ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज में किया पौधरोपण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा के साथ ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज परिसर, हरिद्वार में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के अंतर्गत पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने देश की आजादी एवं देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले बलिदानियों का स्मरण किया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पं. मदनमोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सांसद रेखा वर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, विधायक मदन कौशिक एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग में वैज्ञानिकों से की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मिशन चंद्रयान-3 से जुड़े हमारे वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है कि मनुष्य अनंत ऊर्जा का भण्डार तथा असीम क्षमतावान है। उन्होंने इस ऐतिहासिक सफलता के लिए वैज्ञानिकों के साथ इस अभियान से जुड़े सभी सहयोगियों को भी बधाई देते हुए कहा कि इस मिशन की सफलता में उनकी कौशल क्षमता, आत्मविश्वास, धैर्य संयम आदि का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अब चन्दा मामा दूर के नहीं हमारे पास के, हमारे घर के हो गये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन यह इतिहास बना उस दिन स्कूली बच्चों के साथ वे इसके साक्षी बने थे। यह भी कारण रहा कि चाहते हुए भी वे उस दिन इस संस्थान में आकर वैज्ञानिकों से नहीं मिल पाये।

इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आई.आई.आर.एस) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संस्थान के साथ ही देहरादून एवं मसूरी स्थित केन्द्र एवं राज्य के विभिन्न वैज्ञानिक एवं तकनीकि संस्थानों के वैज्ञानिकों से संवाद कर उन्हें सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री युवा वैज्ञानिकों से भी संवाद कर उनसे भी विचार साझा किये। मुख्यमंत्री ने संस्थान परिसर में पौधरोपण भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से हमारे देश ने दुनिया में पहचान बनाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आधुनिक भारत का शिल्पी बताते हुए कहा कि उन्होंने विज्ञान व खेल सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों में हमारे लोगों का हौसला बढ़ाकर सफलता दिलाई है तथा आत्मविश्वास जगाया है। यह भविष्य में भारत के मिशन आदित्य सहित अन्य मिशनों में निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आने वाले समय में भारत विश्वगुरू बनने के साथ नेतृत्व करने वाला भारत बनेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाने, चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल को शिवशक्ति प्वांइट तथा चंद्रयान 2 से जुड़े स्थल को तिरंगा प्वाइंट बताये जाने के लिए भी आभार जताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत कठिन से कठिन कार्यों को आसानी से हल करने वाला बना है। 2047 तक भारत विश्व के विकसित देशों में शामिल होगा तथा नेतृत्व करने वाला देश बनेगा। कोरोना काल का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दौर में जहां विभिन्न देशों में अव्यवस्था रही, वही भारत ने इस दौर को व्यवस्थित ही नही किया बल्कि 11वीं से 5वीं अर्थव्यवस्था बनने में सफलता पाई। मुख्यमंत्री ने सभी वैज्ञानिक संस्थानों से अपेक्षा की कि वे हमारे उदीयमान विद्यार्थियों को अपने संस्थानों की कार्यप्रणाली से परिचित कराने की भी योजना बनाए। इससे हमारे देश के भावी कर्णधार देश व प्रदेश की चुनौतियों का सामना करने में सफल होगें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में विज्ञान एवं अनुसंधान के समन्वय का हमारा प्रयास है। हमारे वैज्ञानिकों के विचार राज्य के विकास एवं हिमालयी राज्यों की आपदा की चुनौतियों का सामना करने में मददगार हो सकते है। उन्होंने कहा कि राज्य में आदर्श चंपावत का कार्य तेजी से हो रहा है। चंपावत की भौगोलिक परिस्थिति पूरे राज्य को भांति है, यह पूरे राज्य के विकास का भी आधार बनेगा। राज्य में स्थित सभी वैज्ञानिक संस्थानों को साथ लाकर समग्र एवं सर्वागीण विकास का एकीकृत मॉडल विकसित करना हमारी प्राथमिकता है जिसके माध्यम से हम प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों को विकास की मुख्यधारा के जोड़ते हुए इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में बराबर संतुलन बनाते हुए इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की हमारी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आंकाशाओं को मूर्त रूप दे सकें। विज्ञान एवं तकनीक के माध्यम से उत्तराखण्ड / 25 की अवधारणा के अनुरूप एक सशक्त, सक्षम एवं समृद्ध उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए उन्होंने राज्य स्थित सभी प्रतिष्ठित संस्थानों की सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक की समस्याओं का समाधान उनकी अपेक्षानुसार तभी संभव होगा जब उनसे संवाद किया जायेगा। इकोलॉजी, इकोनॉमी, टेक्नोलॉजी, एकाउंटेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी के पाँच सशक्त स्तंभों पर व्यवस्थित मॉडल हमारे उत्तराखण्ड /25 के संकल्प के लिए आवश्यक है। हमारा संकल्प है कि उत्तराखण्ड राज्य अपने सृजन की रजत जयंती वर्ष 2025 तक एक श्रेष्ठ राज्य बनकर उभरे तथा माननीय प्रधानमंत्री जी की घोषणानुरूप् इक्कीसवीं सदी के इस तीसरे दशक में समृद्ध और सशक्त रूप में स्थापित हो। उत्तराखण्ड का यह विकास मूलक मॉडल देश के अन्य हिमालयी राज्यों के लिये भी मार्गदर्शक मॉडल बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हमें अपनी पारिस्थितिकी और आर्थिकी के संतुलन को बनाए रखना है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सार्थक प्रयोग हेतु लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ाना है। नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य युक्त उत्तराखण्ड की सभी प्राकृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासतों का संरक्षण करके इसे देश-विदेश में विशिष्ट पहचान दिलाने, अपनी संस्कृति, परम्पराओं जनजातीय विशिष्टताओं, बोलियों लोककलाओं, लोकगीतों और साहित्य, तीर्थाटन, पवित्र चारधाम यात्रा, मानसखण्ड आदि को नई पहचान देने का भी हमारा प्रयास है।

आई आई आर एस के निदेशक डॉ आर पी सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यह संस्थान इसरो के 16 संस्थानों में एक है। विभिन्न देशों के वैज्ञानिक यहां आते है। ऑनलाइन स्टूडियो एवं लर्निंग सेंटरो के माध्यम से भी वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था संस्थान द्वारा की जा रही है।

इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत, निदेशक आई आई पी डॉ हरेन्द्र सिंह बिष्ट, डील के निदेशक डॉ ललित चन्द मंगल, इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट के निदेशक श्रीधर कट्टी, वाडिया संस्थान के निदेशक डॉ कालाचंद सेन के साथ अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक एवं युवा वैज्ञानिक उपस्थित थे।

चमोली जनपद को मिला आजीविका संवर्धन की विभिन्न गतिविधियों के लिये स्कॉच अवार्ड, मुख्यमंत्री ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जनपद चमोली को आजीविका संवर्धन की विभिन्न गतिविधियां हेतु स्कॉच अवार्ड मे सिल्वर श्रेणी प्राप्त होने पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार का प्रोत्साहन मिलने से आजीविका संवर्धन के प्रयासों को बल मिलेगा तथा स्वयं सहायता समूह और अधिक स्वावलम्बी बनकर स्वरोजगार को बढ़ावा देने में भी मददगार बनेंगे। इसमें हमारी आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए जिलाधिकारी चमोली श्री हिमांशु खुराना एवं मुख्य विकास अधिकारी चमोली डॉ ललित नारायण मिश्र के प्रयासों की भी सराहना की।

जनपद चमोली में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह स्थानीय आधार पर कौशल विकास हेतु विभिन्न स्वरोजगार आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसमें मुख्य रूप से लेंटाना फर्नीचर निर्माण. फल संरक्षण ( तिमला का अचार, लंगूड़े का अचार. विभिन्न प्रकार के जूस ) पिरुल से बने गृह उपयोगी सामान. धूप निर्माण/ अगरबत्ती निर्माण. कताई बुनाई प्रशिक्षण. डेयरी प्रशिक्षण. सुगंधित जड़ी बूटी प्रशिक्षण. भोजपत्र प्रशिक्षण आदि मुख्य रूप से समूह सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें जनपद को जिला गवर्नेंस अवार्ड के अंतर्गत सिल्वर श्रेणी का अवार्ड प्राप्त किया है राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच ग्रुप द्वारा जनपद चमोली को आजीविका गतिविधियां संवर्धन हेतु सिल्वर श्रेणी स्कॉच ग्रुप से प्राप्त दिया गया है। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूहों को बैंक लिंकेज के साथ व्यवसाय हेतु ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

जनपद चमोली में इस प्रकार के प्रशिक्षण से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार मिला है महिलाएं स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बन रही है. समूह द्वारा उत्पादित इन सामग्रियों को स्थानीय स्तर पर उनकी आर्थिक की सुधार हो रहा है।

आज नई दिल्ली में 94 स्कॉच समिट कांस्टीट्यूशन क्लब इंडिया नई दिल्ली में स्कॉच ग्रुप इंडिया द्वारा यह अवार्ड प्रदान किया गया जिसमें जनपद चमोली को सिल्वर अवार्ड प्रदान किया गया। जनपद चमोली के प्रतिनिधि के रूप में डॉ महेश कोहली तत्कालीन जिला विकास अधिकारी चमोली एवं संजय पुरोहित ग्रामीण वित्त समन्वयक उपासक चमोली ग्रामीण विकास द्वारा यह अवार्ड प्राप्त किया गया।

सीएम आवास पर जनता से मिले मुख्यमंत्री, सुनी समस्याएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में बड़ी संख्या में आए लोगों की समस्यायें सुनी। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों ने स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार, जमीन से संबंधित एवं अन्य समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जायेगा। अधिकांश जन समस्याओं एवं शिकायतों का उन्होंने मौके पर ही समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान तेजी से हो इसके लिए जिलाधिकारियों को प्रत्येक कार्य दिवस में दो घंटे जन समस्याओं को सुनने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं जनपदों के भ्रमण के दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लगातार फीडबैक ले रहे हैं। जिलाधिकारियों को जनपदों में जनता दरबार, तहसील दिवस एवं बीडीसी की नियमित बैठकें करने के भी निर्देश दिये गये हैं। जन समस्याओं का त्वरित निस्तारण हमारा मकसद है।

मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि जो भी जन शिकायतें एवं समस्याओं के लिए पत्र प्राप्त हुए हैं उनको समाधान के लिए शीघ्र संबंधित अधिकारियों को भेजा जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अनावश्यक रूप से लोगों के कार्यों में विलंब किया जा रहा है, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपनी शिकायतें सीएम हेल्पलाइन 1905 पर भी दर्ज कराने की अपेक्षा की है। इस पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण की भी व्यवस्था बनाई गई है। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई पर राखी बांध कर उनके मंगलमय जीवन की कामना की, मुख्यमंत्री ने सभी को रक्षाबंधन की बधाई दी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव एस. एन. पाण्डे, आईजी के.एस. नगन्याल आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री से मिले नैनीताल के भाजपा जिलाध्यक्ष व मेयर हल्द्वानी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में नैनीताल जनपद के भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट एवं मेयर हल्द्वानी डॉ. जोगेन्द्र सिंह रौतेला के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने जनपद नैनीताल में रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) से किसानों को आ रही समस्याओं से अवगत कराया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के सभी हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य कर ही है। उन्होंने सचिव मुख्यमंत्री एस.एन पाण्डेय को निर्देश दिये कि नैनीताल क्षेत्रान्तर्गत किसानों को रेरा से जो भी समस्याएं आ रही हैं, जिलाधिकारी से रिपोर्ट लेकर पूरा परीक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का परीक्षण कर यथा सम्भव उचित समाधान निकालने का पूर्ण प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जो भी निर्णय लिये जा रहे हैं, वह जन भावनाओं के अनुरूप लिये जा रहे हैं।

इस अवसर विकास भगत, आनन्द रमवाल, मण्डल अध्यक्ष मुकेश बेलवाल, पूरन भगत, प्रमोद तौलिया, रविन्द्र रैकूनी, त्रिलोक नौला, साकेत अग्रवाल, उमेश शर्मा एवं अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सीएम ने 17 प्रभावित किसानों को भूमि एवं पौधों के मुआवजे के रूप में 11 लाख 88 हजार 70 रूपये के चेक दिए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में व्यासी जल विद्युत परियोजना की 220 केवी लाईन निर्माण के दौरान पछवादून के विन्हर क्षेत्र, जाखन के प्रभावित कृषकों के क्षतिपूर्ति भूमि मुआवजे की धनराशि संबंधित किसानों को वितरित किये। मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर 17 किसानों को भूमि एवं वृक्षों के मुआवजे के रूप में कुल 11 लाख 88 हजार 70 रूपये के चेक प्रदान किये गये।

मुआवजा प्राप्त करने वाले सभी किसानों ने उन्हें समय पर मुआवजा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को अतिवृष्टि और भूस्खलन की वजह से जान-माल के नुकसान से बचने के लिए प्रशासन द्वारा शीघ्र व्यवस्था की गई और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। इसके लिए भी उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी ने बताया कि 16 अगस्त 2023 को विन्हर क्षेत्र, जाखन में अतिवृष्टि कारण हुए भूस्खलन से परियोजना की पारेषण लाईन के एक टावर के क्षतिग्रस्त होने तथा एक अन्य टावर की फाउंडेशन के पास अत्याधिक भूमि कटान से खतरा उत्पन्न होने की सूचना पर मुख्यमंत्री से प्राप्त प्रेरणा व मार्गदर्शन के फलस्वरूप तत्काल अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर टावर पर एंकरिंग कर आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाते हुए झुके हुए टावर के एक सर्किट से विद्युत उत्पादन की निकासी बहाल करायी गयी। इसमें ग्रामीणों का भी पूरा सहयोग मिला।

प्रबंध निदेशक पिटकुल ने बताया कि पावर ग्रिड से ई0आर0एस टावर मंगाकर व्यासी परियोजना से उत्पादित 120 मेगावाट विद्युत की निकासी हेतु सुरक्षात्मक वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। ई०आर०एस० टावर से ऊर्जा निकासी में 14-15 दिन का समय लगने की सम्भावना है।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल उपस्थित थे।

उत्तराखंड को 33558 पीएम आवास योजना ग्रामीण के अतिरिक्त आवास हुए आवंटित

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में उत्तराखंड को वित्तीय वर्ष 2023-24 में 33558 अतिरिक्त आवास आवंटित किए गए हैं। इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्राम्य विकास मंत्री गिरिराज सिंह का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में अतिरिक्त लक्ष्य आवंटित किए जाने का अनुरोध किया था। उत्तराखंड में योजना की टाइम बाउंड प्रगति को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 में 33558 अतिरिक्त आवास आवंटित किए जाने को मंजूरी दी गई है।

हम सभी की जिम्मेदारी, राज्य में संस्कृत भाषा के विकास में समेकित प्रयासः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देव भाषा संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि देवभूमि उत्तराखण्ड में संस्कृत-भाषा के विकास में समेकित प्रयास हो। संस्कृत अकादमी द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने इस दिशा में और अधिक प्रयासों की भी जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड संस्कृत भाषा के विकास में भी अग्रणी राज्य बने इसके लिये नवाचार के प्रति ध्यान देना होगा। इसके लिये धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी।
सचिवालय में उत्तराखण्ड संस्कृत आकदमी की सामान्य समिति की 09वीं बैठक की अध्य़क्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने संस्कृत भाषा को बढावा देने में विज्ञान एवं तकनीकि का भी सहयोग लेने पर बल देते कहा कि व्याकरण से सिद्ध भाषा संस्कृत कम्प्यूटर के लिये भी उपयुक्त मानी गई है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के कारण हमारी पहचान है। संस्कृत हमारे परिवेष से जुडी भाषा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भाषाओं की जननी संस्कृत को बढ़ावा देना भी हम सबकी जिम्मेदारी है। ताकि इससे हमारी प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के साथ ही संस्कृत भाषा के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ सके। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर संस्कृत ग्रामों की स्थापना पर ध्यान दिया जाय। उन्होंने संस्कृत भाषा, वेद, पुराणों एवं लिपियों पर शोध कार्य पर अधिक ध्यान देने की जरूरत बताते हुये कहा कि युवाओं को संस्कृत की अच्छी जानकारी हो, समाज तक इसका व्यापक प्रभाव हो तथा इसके लिए संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के साथ ही इस क्षेत्र में शोध कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं उनकी बेस्ट प्रैक्टिसेज का भी अध्ययन किया जाय।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री की सहमति से संस्कृत विद्यालयों के छात्रों को भी मुख्यमंत्री छात्रवृति योजना का लाभ दिया जायेगा। साथ ही शोध कार्यों के लिये भी संस्कृत विश्वविद्यालयों के छात्रों को धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिक से अधिक लोगों को संस्कृत शिक्षा का ज्ञान हो इसके प्रयास किये जायेगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भव्य संस्कृत ज्ञानकुंभ का भी आयोजन किया जायेगा। जिसमें सभी विश्वविद्यालयों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक में कुलपति पतंजलि योगपीठ हरिद्वार आचार्य बालकृष्ण ने लोगों में संस्कृत को बढावा देने के प्रयासों के तहत असम की भंाति लोकगीतों को संस्कृत में तैयार किये जाने तथा प्रमुख स्थलों पर संस्कृत में साइन बोर्ड लगाये जाने की बात कही। इससे यहां आने वालों को देवभूमि की अनुभूति होगी। अधिक से अधिक युवा संस्कृत में पी.एच.डी. करें इस दिशा में भी पहल का उन्होंने सुझाव व सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ के सहयोग से एक घंटे का संस्कृत कार्यक्रम चौनल पर संचालित किये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
निदेशक प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान एवं सचिव हिन्दी एवं गढ़वाली कुमाऊँनी, जौनसारी अकादमी नई दिल्ली डॉ. जीतराम भट्ट का सुझाव था कि राज्य के परंपरागत लोकगीतों का संस्कृत संस्मरण उसी तर्ज पर तैयार किये जाय। उन्होंने अन्य राज्यों की अकादमियों से समन्वय तथा कर्मकाण्ड एवं संस्कार की कक्षाओं के संचालन तथा प्रेक्टिकल पर ध्यान देने की बात रखी।
हे.न.ब. गढवाल केन्द्रीय वि.वि. श्रीनगर के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व विभाग प्रो. आर.पी.एस. नेगी के अतिरिक्त अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार रखे।
सचिव उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी एस.पी.एस. खाली द्वारा संस्थान के कार्यकलापों की जानकारी दी गई। बैठक में गत वर्षों के आय व्ययक की कार्याेत्तर स्वीकृति के साथ इस वर्ष के प्रस्तावित कार्य योजना को अनुमोदन प्रदान किया गया।
बैठक में सचिव विनोद प्रसाद रतूडी, अपर सचिव एस. के. सिंह, योगेन्द्र यादव, ललित मोहन रयाल, अनिता जोशी, उपसचिव प्रदीप मोहन नौटियाल, संस्कृत विभागाध्यक्ष राजकीय महाविद्यालय बनबसा, चंपावत प्रो. मुकेश कुमार, प्रभारी प्राचार्य श्रीगुरूराम राय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय डॉ. रामभूषण बिजल्वाण, प्रभारी प्राचार्य श्रीमहादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी डॉ. नवीनचन्द्र जोशी, आदि उपस्थित थे।

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