महापर्व छठ: परिवार के सुख-समृद्धि को उठे हजारों हाथ
व्रतियों से अटे तीर्थनगरी के गंगा घाट
ऋषिकेश।
महापर्व छठ में तीर्थनगरी के गंगा घाटों में भीड़ उमड़ी। रविवार को छठ पर्व में निर्जला व्रत रख रहे महिला-पुरुष व्रतियों ने गंगा तट में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। सूर्य भगवान से अपनी मनोकामना पूरी करने के साथ सुख-समृद्धि व निरोगता का आशीर्वाद मांगा। मौके पर महिलाओं ने छठ के मंगल गीत गाये। मंगल गीतों से गंगा घाट गुंजयमान रहे।
रविवार को तीर्थनगरी में गंगा घाटों का नजारा देखने लायक रहा। छठ अनुष्ठान के तीसरे दिन छठी मैय्या की टोकरी (डाला) को सजाकर नंगे पांव अपने सिर पर रखकर बड़े उत्साह के साथ श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों का रुख किया। घर परिवार के लोग व्रतियों के साथ सज-सवंरकर गंगा घाट पहुंचे। श्रद्धालुओं ने संतान प्राप्ति, तो कुछ ने मनोकामना को लेकर परिवार की सुख-समृद्धि के लिए षठ का व्रत रखा। रविवार को सूर्य भगवान के दिवस के रुप में मनाया जाता है। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ गंगातट पर उमड़ी। त्रिवेणी घाट, चन्द्रेश्वरनगर, शीशमझाड़ी, स्वर्गाश्रम-लक्ष्मणझूला, वीरभद्र आदि क्षेत्रों के गंगा तटों पर छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया।
गंगा तट पर कई पुरुष व महिलाएं पारंपरिक परिधानों में नजर आये। पुरुष पीले रंग की धोती और महिलाएं लाल जोड़े में अधिक नजर आये। जैसे ही संध्या काल का समय हुआ तो श्रद्धालुओं ने सूर्य को भगवान की उपासना करनी शुरु कर दी। गंगा के निर्मल जल में उतरकर उन्होंने डूबते सूर्य को गंगा जल और दूध का अघ्र्य दिय्या। इस दौरान मंगल गीत से गंगा घाट गुंजयमान रहे। श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर छठ के मंगल गीत गाये। व्रती महिलाओं में अनिता देवी, जनक बाला झा, अनिता देवी, आराधना यादव ने बताया कि पिछले कई वर्षो से छठ का पर्व मना रही है। उनका मानना है कि भगवान सूर्य की रोशनी से पूरा विश्व उदयमान हो रहा है। इसलिए भगवान सूर्य की उपासना से परिवार में खुशहाली आती है।
गौरतलब है कि छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को संध्या अर्घ्य कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु दिन में प्रसाद बनाते है। प्रसाद के रुप में ठेकुआ, जिसे कई स्थानों में टिकरी भी कहा जाता है, के अलावा चावल के लड्डू (लडुवा) बनाते है। इसके अलावा चढावा के रुप में सांचा और फल भी छठ प्रसाद के प्रसाद में शामिल होते है।
रातभर गंगा घाटों पर जमे रहे श्रद्धालु
छठ पर्व पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालु गंगा घाट पर ही जमे रहे। व्रती श्रद्धालु रातभर गंगा के पानी में रहे। किसी ने मनोकामना मांगी तो किसी ने मनोकामना पूरी होने पर अपना संकल्प पूरा किया। इस दौरान कई श्रद्धालु तो बैंड बाजों के साथ त्रिवेणीघाट पहुंचे। तो कई श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर लेट-लेट कर गंगा घाट तक पहुंचे।
बाजार में चहल कदमी बढी
तीर्थनगरी में रविवार को षठ पर्व के चलते बाजार में चहल कदमी रही। लोगों ने घर व परिवार के सदस्यों के लिए कपडों की खरीददारी की। गंगा घाटों में श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी भी की। इस दौरान त्रिवेणी घाट का नजारा देखने लायक रहा। त्रिवेणी घाट को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था।
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