भाजपाईयों ने बिहार चुनाव व अन्य राज्यों के उपचुनावों के परिणाम पर की आतिशबाजी

भारतीय जनता पार्टी, ऋषिकेश मण्डल द्वारा बिहार एवं कई राज्यों में हुए उपचुनावो में भाजपा की विजय पर मण्डल कार्यालय में आतिशबाजी एवं मिष्ठान वितरण का कार्यक्रम किया गया।

कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता इंद्रकुमार गोदवानी, संजय शास्त्री एवं संदीप गुप्ता ने सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे नेता, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं उनके द्वारा किये जा रहे जनकल्याणकारी योजनाओं के कारण पुनः भाजपा पर जनता ने विश्वास पर जताया है और हम सभी कार्यकर्ताओं को सरकार की उपलब्धि को घर घर तक पहुँचाना है।

मण्डल अध्यक्ष दिनेश सती ने सभी कार्यकर्ताओं को भाजपा के विजय की शुभकामनाएं देते हुए आगमी विधानसभा चुनाव 2022 के लिये तेयार होने का आह्वान किया।

मण्डल महामंत्री हिमांशु संगतानी के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में राकेश अग्रवाल, संजय व्यास, हिमांशु संगतानी, सुमित पंवार, राकेश चन्द, ऋषि राजपूत, अनिता तिवारी, भूपेन्द्र राणा, जयन्त शर्मा, चन्द्रेश्वर यादव, नितिन सक्सेना, सिद्धार्थ डंगवाल, विनोद भट्ट, अविनाश अग्रवाल, ऋषि गुप्ता, प्रदीप कोहली, राजू नरसिम्हा, उषा जोशी, दुर्गेश कुमार, हरिशकर प्रजापति, विजय प्रजापति, मुकेश ग्रोवर, नरेन्द्र गौतम आदि उपस्थित रहे।

विजयाराजे सिंधिया ने अपना जीवन गरीबों को किया समर्पितः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 100वीं जयंती पर 100 रूपये के विशेष स्मारक सिक्के का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि विजयाराजे सिंधिया ने अपना जीवन गरीबों के लिए समर्पित किया। उनके लिए राजसत्ता नहीं बल्कि जन सेवा अहम थी। नारी शक्ति के बारे में वो कहती थी कि जो हाथ पालने का झुला सकते हैं, तो वे विश्व पर राज भी कर सकते हैं। कहा कि विजयाराजे सिंधिया एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थी। साधना, उपासना, भक्ति उनके अन्तर्मन में रची बसी थी। जेल में रहकर उन्होंने कहा था अपनी भावी पीढ़ियों को सीना तान कर जीने की प्रेरणा मिले इस उद्देश्य से हमें आज की विपदा को धैर्य के साथ झेलना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोई भी साधारण व्यक्ति जिसके अदंर योग्यता, प्रतिभा व देश की सेवा की भावना है, वह इस लोकतंत्र में भी सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है। जन सेवा के लिए किसी खास परिवार में ही जन्म लेना जरूरी नहीं हैं। राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। उन्होंने पद एवं प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जिया और न ही राजनीति की। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर आजादी के कई दशकों तक भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वे साक्षी रहीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विजया राजे ने एक पुस्तक में लिखा है कि एक दिन ये शरीर यहीं रह जायेगा। आत्मा जहां से आई है, वहीं चली जायेगी। शून्य से शून्य में, स्मृतियां रह जायेंगी। अपनी इन स्मृतियों को मैं उनके लिए छोड़ जाऊँगी। जिनसे मेरा सरोकार रहा है, जिनकी मैं सरोकार रही हूं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि उनकी स्मृति में मुझे विशेष स्मारक सिक्के के अनावरण का अवसर मिला।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, अन्य राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि जुड़े रहे।

नए आइडिया के साथ काम करें सांसदः प्रधानमंत्री

भारतीय जनता पार्टी की संसदीय बैठक मंगलवार को संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह व तमाम वरिष्घ्ठ नेता शामिल हुए। बैठक में मौजूद नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी सांसद राजनीति से हटकर काम करें। जनता से मिलें और सामाजिक कार्य करें। प्रधानमंत्री ने सांसदों को नसीहत देते हुए कहा कि सभी अपने क्षेत्र में रहें और काम के नए आइडिया को अपनाएं।

प्रधानमंत्री मोदी की नसीहत-
– संसद में मौजूद रहें सांसद व मंत्री
– रोस्टर ड्यूटी में अनुपस्घ्थित सांसदों के बारे में शाम तक मुझे दी जाए जानकारी
– राजनीति से हटकर करें काम
– देश के सामने जल संकट है, इसके लिए करें काम
– क्षेत्र के अधिकारियों से संपर्क कर जनता की समस्याओं पर करें विचार
– सरकारी काम और योजनाओ में लें हिस्घ्सा
– अपने क्षेत्र में जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में जनता को बताएं
– अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कोई एक इनोवेटिव काम करें
– जानवरों की बीमारियों पर भी करें काम

बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहले से पहुंचने वालों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन शामिल हैं।
इससे पहले 14 जुलाई को भाजपा ने लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों को नोटिस जारी कर आज की इस बैठक के बारे में सूचित कर दिया था ताकि सभी इसमें मौजूद रहें। 9 जुलाई को हुई संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को नए निर्देश थे। उन्होंने सांसदों को गांधी जयंती से लेकर पटेल जयंती यानि कि 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अपने संसदीय क्षेत्र में 150 किलोमीटर की पदयात्रा करने को कहा था।