प्रभावित लोगों को हितों का पूरा ध्यान रखते हुए बेहतर मुआवजा दिया जाएगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जोशीमठ में अपने दिन की शुरुआत नरसिंह मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना से की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित परिवारों को अंतरिम पैकेज के पारदर्शी वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित किए जाने हेतु गठित समिति के साथ बैठक की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सदस्यों के सुझावों पर बाजार दर तय की जाएगी। प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए बेहतर से बेहतर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को मानसिक रूप से भी सबल बनाना है। सरकार की ओर से अधिकतम जो हो सकता है, वह किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी में औली में गेम्स होने है। कुछ महीने बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। हमें यह भी देखना होगा की जोशीमठ से बाहर कोई गलत संदेश न जाए, ताकि स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित न हो। इसका हम सबको ध्यान में रखते हुए काम करना है।

सीएम ने सेना के जवानों, वैज्ञानिकों के साथ की जिला स्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनील आइटीबीपी कैंप में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, और भूधंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों, जिला प्रशासन, पुलिस एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। सीएम ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा हमारी सबसे बडी जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी इंतेजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने भूधंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों से भी वार्ता की और जोशीमठ में भूधंसाव कारणों में चल रहे अध्ययन और शोध के बारे में जानकारी ली। जिसमें वैज्ञानिकों ने अब तक की जांच के बारे में अवगत कराया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी को आपदा की घड़ी में शासन प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभावित हैं, उनकी जान माल की सुरक्षा करते हुए उनके लिए आगे का रास्ता बनाना हमारी प्राथमिकता है।
सीएम ने कहा की जिन लोगों के मकान, दुकान, व्यवसाय प्रभावित हुए है उन सभी को अंतरिम सहायता के रूप में 1.50 लाख तत्कालीक रूप से दिए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। कतिपय लोग जोशीमठ को लेकर गलत माहौल बना रहे है। इससे हमारे लोगों का नुकसान हो रहा है उनकी आर्थिकी प्रभावित हो रही है।

सीएम आवास के बजाए, सर्द रात में जोशीमठ में प्रभावितों का हाल जान रहे सीएम

देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने अभी तक के कार्यकाल में अपने कामकाज में आम जन के बीच एक विश्वास पैदा कर दिया है। ये भरोसा उन्होंने ऐसे ही नहीं जीता, बल्कि इसके लिए उन्होंने सीएम आवास के आराम तलब माहौल को छोड़ हर मुश्किल परेशानी में अपनी जनता के बीच ग्राउंड जीरो पर रहना ज्यादा बेहतर समझा। आपदा देहरादून के मालदेवता में आई हो या जोशीमठ, हर मौके पर सीएम धामी जनता के बीच नजर आए। वो राज्य के पहले ऐसे सीएम बन गए हैं, जिसने हालात को अफसरों के भरोसे छोड़ने की बजाय खुद आगे आकर कमान संभाली। यही वजह है, जो सीएम धामी सीएम आवास में ब्लोवर की गर्माहट के बीच हालात का जायजा लेने की बजाय सर्द रात में जोशीमठ में आपदा प्रभावितों के बीच पहुंच कर काम कर रहे हैं। लोगों में विश्वास जगा रहे हैं कि राज्य का मुख्य सेवक हर पल उनके साथ है।

उत्तराखंड में जब कभी भी बड़ी आपदाएं आईं, तो मुख्यमंत्रियों ने एकबार मौके पर जाकर औपचारिकता निभाई। बाकि समय सचिवालय और सीएम आवास से ही अफसरों के भरोसे रह कर आम जनता को उनके हालात पर ही छोड़ने का काम किया। सरकार के आला अफसर भी सचिवालय से ही अपने अधीनस्थों को निर्देश देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी करते रहे। लेकिन पुष्कर राज में हालात पूरी तरह जुदा हैं। जोशीमठ आपदा में सीएम धामी ने खुद आगे बढ़ कर नेतृत्व किया। न सिर्फ खुद एक सप्ताह के भीतर ही दूसरी बार जोशीमठ पहुंच चुके हैं, बल्कि सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम तक को मौके पर झोंक रखा है।

खुद बुधवार को मौसम खराब होने के बावजूद जोखिम उठाते हुए जोशीमठ पहुंचे। जोशीमठ पहुंच कर भी बंद कमरे में अफसरों से मंत्रणा करने की बजाय उन्होंने मौके पर जनता के बीच जाना बेहतर समझा। सीएम धामी को अपने बीच मौजूद देख एक बूढ़ी मां को उनमें अपना बेटा नजर आया। तो युवाओं को लगा कि उनका बड़ा भाई साथ खड़ा है। बच्चों को अहसास कराया कि उनका भविष्य सुरक्षित है। किसी को भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। शाम को लोगों का हाल जानने के बाद रात में भी सीएम धामी शांत नहीं बैठे। बल्कि सर्द रात में भी 11 बजे के बाद भी लोगों के बीच पहुंचने का सिलसिला जारी रखा। राहत कैंप में पहुंच कर उन्होंने जाना कि लोगों को खाना कैसा मिल रहा है। किसी को ये अहसास न हो कि आपदा के इस समय में उन्हें अपने घर जैसा खाना नहीं मिल रहा।

बुधवार देर रात तक लोगों के बीच रहने के बाद गुरुवार सुबह फिर उसी उत्साह के साथ जोशीमठ में लोगों के बीच मौजूद रहे। भगवान बदरीविशाल, नृसिंह से प्रार्थना की। अपने राज्य की सुख समृद्धि खुशहाली को लेकर प्रार्थना की। न सिर्फ लोगों के बीच पहुंच कर बल्कि राहत कार्यों में तेजी लाने को लेकर भी सीएम धामी फ्रंट फुट पर काम कर रहे हैं। राहत पैकेज तैयार करने से लेकर फौरी तौर पर तत्काल राहत देने को लेकर भी मिशन मोड पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है। लोगों को तत्काल अंतरिम राहत राशि के रूप में डेढ़ लाख की राशि दी जा रही है। तात्कालिक सुरक्षा सुनिश्चित करने को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया रहा है। उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग चल रही है।

आपदा के इन विपरीत हालातों के बावजूद सीएम धामी आम जनता में ये विश्वास जगाने में शत प्रतिशत कामयाब रहे हैं कि उनके रहते हुए राज्य की जनता को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। अपने कामकाज, सक्रियता से उन्होंने विपक्षियों को भी अपना मुरीद बना दिया है। विपक्ष के सबसे बड़े नेता हरीश रावत तक को बार बार सोशल मीडिया के सार्वजनिक मंच पर सीएम पुष्कर की तारीफ करने को मजबूर होना पड़ रहा है। सीएम पुष्कर इन विपरीत हालातों में भी न तो विपक्ष और न ही मीडिया से दूरी बना रहे हैं, बल्कि आगे आकर वे मोर्चा संभाल रहे हैं। यही वो तमाम वजह हैं, जो सीएम पुष्कर धामी को बाकि सभी नेताओं से अलग बनाए हुए हैं। उनके रूप में दशकों बाद राज्य को एक मजबूत और युवा नेतृत्व मिला है।

जोशीमठ के स्थलीय निरीक्षण के बाद आपदा प्रबन्धन केन्द्र में सीएम ने की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू धंसाव क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण एवं पीडितो से मुलकात के बाद वापस देहरादून पहुंचने पर सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन केन्द्र में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जोशीमठ भू धंसाव से पीडित लोगों की मदद एवं राहत एवं बचाव के साथ विकास कार्याे के अनुश्रवण हेतु अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन स्तर पर तथा आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर समन्वय समिति का गठन तत्काल किया जाय। यह समिति क्षेत्र में किये जा रहे सभी कार्यों का निरन्तर अनुश्रवण करेगी ताकि पीडितो की हर सम्भव मदद तथा क्षेत्र के विकास कार्यों में तेजी लायी जा सके।

सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुन्दरम और आयुक्त गढवाल मण्डल सुशील कुमार कल से जोशीमठ में कैम्प करेंगे।
मुख्यमंत्री ने पीडितों की मदद के लिये आपदा मानको से हट कर भी मदद किये जाने तथा सी.एस.आर के तहत भी राहत की व्यवस्था के निर्देश दिये। उन्होंने आपदा प्रबन्धन के अन्तर्गत कार्यों की स्वीकृति आदि के लिये उच्चाधिकार समिति के गठन की भी बात कही ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी से कार्य हो सके। जोशीमठ को भूस्खलन एवं भूधंसाव क्षेत्र घोषित करने के साथ जिलाधिकारी चमोली का आपदा मद में 11 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर निदेशक राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द (एन.आर.एस.सी) हैदराबाद तथा निदेशक भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) से जोशीमठ क्षेत्र का विस्तुत सेटलाइट इमेज के साथ अध्ययन कर फोटोग्राफस के साथ विस्तुत रिर्पाेट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही उप महानिदेशक भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान से कोटी फार्म, जड़ी बूटी संस्थान, उद्यान विभाग की जोशीमठ स्थित भूमि एवं पीपलकोटी की सेमलडाला स्थित भूमि की पुनर्वास की उपयुक्कता हेतु भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अपेक्षा की गई है।

इसके साथ ही निदेशक आईआईटी रूड़की, निदेशक वाडिया इंस्टियूट आफ हिमालयन ज्योलाजी, निदेशक नेशनल इंस्टीटयूट आफ हाइड्रोलॉजी रूड़की एवं निदेशक सी.एस.आई.आर., सेन्ट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टियूट रूड़की से भी जोशीमठ क्षेत्र का अपने स्तर से विस्तृत सर्वेक्षण एवं अध्ययन कर रिर्पाेट प्रस्तुत करने की अपेक्षा की गई है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जोशीमठ क्षेत्र के सर्वेक्षण अध्ययन के लिये केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के स्तर पर विभिन्न संस्थानों का आपसी समन्वय भी सुनिश्चत किया जाय ताकि इस सम्बन्ध में त्वरित ढंग के स्थायी कारगर प्रयास सुनिश्चित किये जा सके। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबन्धन केन्द्र को और अधिक प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रणजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यालय अधिकारी आपदा सविन बंसल, आईजी एस.डी.आर.एफ. रिद्धिम अग्रवाल के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने जोशीमठ में प्रभावितों से मिलकर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ पहुंचकर शहर के भूधसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। प्रभावित लोगों ने सीएम से अपनी बात साझा की।प्रभावितों के साथ सीएम भी भावुक हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खडी है। जोशीमठ का धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है और हम सबकी आस्था व पर्यटन का केन्द्र है। इस समय हम सबके सामने इस सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बड़ी चुनौती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। भूधंसाव रोकने के लिए तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। खतरे की जद में आए पूरे शहर में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाएंगे। जिसके लिए विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है। शहर की सुरक्षा के लिए सीवर एवं ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द ही कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत इस समय तत्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते उन पर फोकस किया जा रहा है। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है।

सीएम राहत कोष से भू धंसाव से विस्थापित परिवारों को सरकार करेगी मदद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जोशीमठ में भू धंसाव के कारण विस्थापित परिवारों को मकान किराये के लिए 4 हजार रूपये प्रति माह की दर से 6 माह तक दिये जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि स्वीकृत की गई है। जनपद चमोली के तहसील जोशीमठ के नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के अन्तर्गत विगत दिनों से हो रहे भूधसाव से प्रभावित ऐसे परिवार जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण अधिवासन योग्य नहीं है अथवा ऐसे परिवार जो बेघर हो गये हैं, परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किराये के मकान में अस्थायी रूप से विस्थापित करने के लिए ₹4000 प्रति परिवार की दर से 6 माह के किराये मद में मुख्यमंत्री राहत कोष से अग्रिम के रूप में व ₹1.00 करोड़ (एक करोड मात्र) स्वीकृत कर जिलाधिकारी चमोली के निवर्तन रखा गया है।

न थकूंगा और न रूकूंगा, मंजिल तक पहुंचूंगा, यही है धामी का मूल मंत्र

पिथौरागढ़ में अल सुबह दुकान में आम लोगों के साथ चाय की चुस्की के साथ फीड बैक लेना हो या रुद्रप्रयाग में दुकानदार से बिना लाव-लश्कर से मिलना। एक सच्चे जनसेवक के तौर पर पहचान बना रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कई राजनीतिक मिथकों को तोड़ने का काम किया है। उनका जुनून, कुछ कर गुजरने की चाहत और निरंतर गतिविधियों से प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसरित हो रहा है। इस अथक मेहनत के पीछे एक सपने को साकार करने की इच्छा है कि उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।

ना रुकना है, ना थकना है ना झुकना है ना मिटना है राज्य के विकास, संस्कृति और विजन के लिए नए आयाम स्थापित करने हैं। प्रदेश के मुखिया के तौर पर धामी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वह जनता के हर सुख दुख में साथ हैं। आपदा के समय उत्तरकाशी का द्रोपदी का डांडा एवलांच हो या पौड़ी का बस हादसा, हर जगह खुद पहुंचते हैं। राहत और बचाव कार्यों की कमान खुद ही संभाल लेते हैं, इसका परिणाम होता है कि कहीं कोई ढिलाई या लापरवाही नहीं होती। अपने छोट से कार्यकाल में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बेहद संवेदनशील, सहृदयी और जननायक के तौर पर पहचान बनाई है। 4 जुलाई 2021 को मुख्य सेवक की शपथ लेते हुए एक युवा नेता के हाथ में देश के प्रधानमंत्री ने कमान सौंपी थी जिसे चरितार्थ कर रहे मुख्य सेवक पुष्कर सिंह धामी।

सुबह रुद्रप्रयाग, फिर गौचर चमोली उसके बाद जौलजीबी पिथौरागढ़, शाम को बच्चों के कार्यक्रम देहरादून में प्रतिभाग उसके बाद फाइलों का ढेर। ऐसे ही दिनचर्या है युवा मुख्यमंत्री की। हर कार्यक्रम में नई ऊर्जा, नये जोश के साथ लोगों से घुलना मिलना। जिस उमंग और उत्साह से विभिन्न कार्यक्रमों में स्थानीय जनता मुख्यमंत्री की राह देखती है, उसे युवा मुख्यमंत्री निराश नहीं होने देते, ऐसे ही कार्यशैली है पुष्कर सिंह धामी की।

एक ही दिन में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में मौसम खराब होने के बावजूद अपनी दमदार उपस्थिति आखिर कैसे दर्ज करा लेते हैं मुख्यमंत्री? सुबह 5 बजे उठकर रात 12 बजे तक कार्य करने की उनकी शैली उत्तराखंड को आगे बढ़ाने की सोच और कल्पना को साकार करते हुए दिखती है। यही सोच और कार्य करने की शैली से प्रभावित देश के प्रधानमंत्री ने यूं ही नही कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। अपने यही विजन से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से देश के आखिरी गांव माणा को देश का पहला गांव घोषित कराया। मोदी जी की कार्य शैली अपनाते हुए युवा मुख्यमंत्री उनसे प्रेरणा लेते हुए जिस तरह उनके पद चिन्हों पर चलकर निरंतर कार्य कर रहे हैं उससे उत्तराखंड के लोगों में एक नई आशा की किरण जागी है निरंतर राजनीतिक अस्थिरताओं का शिकार रहा उत्तराखंड युवा मुख्यमंत्री के रूप में एक स्थिर राजनीति के साथ एक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की ओर निरंतर अग्रसर हो रहा है।

विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हमारा लक्ष्यः धामी


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चमोली के विकासखंड नन्दानगर (घाट) में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने 56 करोड़, 54 लाख, 93 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करते हुए जनपद चमोली के जोशीमठ का पौराणिक नाम ज्योर्तिमठ करने की घोषणा भी की। इस दौरान कबीना मंत्री सतपाल महाराज, सांसद एवं पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत, बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, सहकारी बैंक अध्यक्ष गजेंद्र रावत आदि मौजूद रहे। सीएम के नन्दानगर पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने फूल मालाओं से उनका जोरदार स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह और शाल भेंट किया। साथ ही घाट ब्लाक का नाम नन्दानगर रखने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

मुख्यमत्री ने सर्वप्रथम मां भगवती नन्दा राजेश्वरी के सिद्धपीठ कुरूड़ की पावन भूमि को नमन करते हुए जनसभा को संबोधित किया। कहा कि विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए पहुंची देवतुल्य जनता का मैं अभिनन्दन करता हूॅ और सभी जन प्रतिनिधियों और महानुभावों का हार्दिक स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि आज का दिन श्रद्धेय जननायक, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म जयंती भी है। भारत के मानचित्र में अलग राज्य के तौर पर उत्तराखंड का गठन करने वाले अटल जी को देवभूमि का शत-शत प्रणाम करता हूॅ। आप सभी का उत्साह स्पष्ट रूप से बता रहा है कि उत्तराखण्ड की जनता हमारे साथ एकजुट है। हमारे युवाओं और बुजुर्गों के चेहरे पर जो मुस्कान और माताओं-बहनों के चेहरे पर जो आत्मसम्मान है वो ये सुनिश्चित करता है कि आपका मुख्य सेवक आपके हित में कार्य कर रहा है। मेरा निरंतर प्रयास है कि मैं आप लोगों के जीवन को जितना हो सके उतना सुगम बनाऊं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सेवक के रूप में मैं निरंतर ऐसे फैसले ले रहा हूं जो सीधे जनता से जुड़े हैं और जिनमें जनसरोकार सर्वाेपरि है। ये आपकी अपनी सरकार है जिसका एकमात्र ध्येय आपकी प्रगति, आपका विकास है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। हम पहाड़ में रेल का सपना देखते थे। मोदी ने इस सपने को साकार किया है। एक ओर जहॉ ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर कार्य तेजी से चल रहा है, वहीं सामरिक एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना को भी मंजूरी मिल चुकी है। इसी तरह चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है। चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड के लिए लाइफ लाईन है और ये परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी, पर्यटन को बढ़ावा देगी वहीं हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन भी लाएगी। कुमाऊं क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए एम्स के सेटेलाइट सेंटर को खोलने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने स्वीकृति दी। इस सेटेलाइट सेंटर के खुलने से उत्तराखण्ड के दूर-दराज इलाकों तथा सीमान्त क्षेत्र के लोगों को अत्यन्त फायदा होगा। इसके साथ-साथ मा0 प्रधानमंत्री जी के मार्ग निर्देशन में हवाई सेवाओं के द्वारा उत्तराखण्ड के सुदूर क्षेत्रों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम तेजी से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है और इसके लिए हम दिन रात प्रयत्नशील हैं। विकसित उत्तराखंड का जो स्वप्न हमने देखा है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हमने सभी विभागों से दस साल का रोडमैप मांगा है, ताकि राज्य के विकास का एक उत्कृष्ट खाका खींचा जा सके। इसके अलावा सरकार ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला कार्यक्रम को भी शुरू किया है जिसके अंतर्गत सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी व्यक्तियों से सुझाव लेकर योजनाएं बना रही है। हम पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन जैसे विषयों पर ऐसी ठोस नीतियां बनाने का काम कर रहे हैं जो आने वाले वर्षों में ’’आत्म निर्भर उत्तराखण्ड’’ के हमारे संकल्प को सिद्ध करेंगी। हमारी नीति और नीयत दोनों स्पष्ट हैं। हमारी नीति विकास की और नीयत है विश्वास की है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य ने अभूतपूर्व प्रगति की है और मुझे पूरा विश्वास है कि ये विकास यात्रा आगे भी जारी रहेगी। हमारी सरकार प्रत्येक उत्तराखण्डी की खुशहाली के लिए अपना एक एक काम समर्पित किए हुए है। हम हर क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोल रहे हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से विकास की ये यात्रा आगे भी जारी रहेगी। उत्तराखण्ड की सेवा करने का मुझे जितना भी अवसर मिला है, मैं इस समय अवधि का एक एक पल राज्य के लिए समर्पित कर चुका हूं। हमारा संकल्प है राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष तक उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना और ये हमारा संकल्प ’’विकल्प रहित संकल्प’’ है। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने पूर्व शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी।

सांसद एवं पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार ने तेजी से क्षेत्र का विकास किया है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार चारधामो को सड़क और रेल लाइन से जोड़ने का काम कर रही है। आज देश और प्रदेश का विकास कुशल नेतृत्व से तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कबीना मंत्री सतपाल महाराज ने कहा के हम सब प्रदेश के विकास के लिए संकल्पबद्ध हैं और इसी संकल्प के साथ हमारी सरकार रात दिन विकास कार्य में जुटे है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संपूर्ण देश में तेजी से विकास कार्य हो रहे है जो सब आप लोगों के सामने है। इसी का परिणाम है कि आज देश विकास की ऊंचाइयों पर है। कहा कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन को पहुंचाने की कवायद के मेरे ड्रीम प्रोजेक्ट को भी प्रधानमंत्री ने साकार कर दिया।

इस अवसर मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिनवन शाह, एसडीएम संतोष पांडेय एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता मौजूद थी।

लोकार्पण एवं शिलान्यास
कार्यक्रम के दौरान विकासखंड नन्दानगर (घाट) में 5654.93 (56 करोड़, 54 लाख, 93 हजार) की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया गया।

लोकार्पण -1564.15 लाख (15 करोड़ 64 लाख 15 हजार)
1-जिलासू-आली मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं पुर्ननिर्माण कार्य लागत 266.41 लाख।
2-हापला-गुडम-नैल मोटर मार्ग का निर्माण कार्य लागत 346.85 लाख।
3-पिण्डर नदी के ऊपर आमसौड-सेरागाड़ में स्टील गार्डर मोटर सेतु एवं 1.82 किमी. मोटर मार्ग कार्य लागत 821.15 लाख।
4-पर्यटक आवास गृह तपोवन का लोकार्पण लागत 129.74 लाख।
शिलान्यास -4090.78 – 40 करोड़ 90 लाख 78 हजार)
1-सीएम घोषणा के तहत कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग डेढ लेन कार्य लागत 220.68 लाख।
2-सीएम घोषणा के तहत थराली विधानसभा क्षेत्र में नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग डेढ़ लेन कार्य लागत 220.06 लाख।
3-चोपता-डडुवागाढ मोटर मार्ग निर्माण कार्य लागत 44.96 लाख
4-हरमनी-करच्यूडा मोटर मार्ग से विणागांव-एससी बस्ती-हरमनी तल्ली तक मोटर मार्ग निर्माण कार्य लागत 55.46 लाख।
5-पोखरी-कर्णप्रयाग मोटर मार्ग का सुधारीकरण व डामरीकरण कार्य लागत 2337 लाख।
6-पोखरी-हरिशंकर मोटर मार्ग सुधारीकरण एवं डामरीकरण कार्य लागत 307.11 लाख।
7-पोखरी-हरिशंकर-चौण्डी-रौता मोटर मार्ग से सिमलासू तक मोटर मार्ग नवनिर्माण कार्य लागत 105.29 लाख।
8-देवाल ब्लाक के जैन विष्ट गांव में कैल नदी पर बाढ सुरक्षा कार्य लागत 151.37 लाख।
9-देवाल ब्लाक के फल्दिया नाला पर स्थित हरिपुर वस्ती में बाढ सुरक्षा कार्य लागत 96.50 लाख।
10-चटवापीपल के घाट सौन्दर्यीकरण एवं पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य लागत 118.40 लाख।
11-सीएम घोषण के तहत घाट मुख्य बाजार की बाढ सुरक्षा योजना कार्य लागत 350.98 लाख।
12-सीएम घोषणा के तहत दशोली ब्लाक के ग्राम विजयनगर (पुरसाडी) में बाढ सुरक्षा योजना कार्य लागत 82.97 लाख।

राज्य सरकार की हर घोषणा धरातल पर हो रही साकार-धामी

पोखरी में हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव मेले का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आगाज हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पोखरी नगर पंचायत द्वारा आयोजित इस पांच दिवसीय मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, जिप अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद पंत, कॉपरेटिव बैंक अध्यक्ष गजेंद्र सिंह बिष्ट एवं वरिष्ठ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री के पोखरी पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पोखरी में 97.30 लाख लागत से निर्मित पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण करने के साथ ही पोखरी मेले को राजकीय मेला घोषित करते हुए इस वर्ष 2 लाख की राशि देने और क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न विकास योजनाओं की घोषणाएं भी की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बेनीताल में 7 दिसंबर की सांय से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय स्टार गेजिंग व एस्ट्रो फोटोग्राफी इवेंट का उद्घाटन भी किया। मेले में खादी, उद्योग एवं अन्य विभागों के स्टॉल, चर्खी, बच्चों के झूले, सर्कस, खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अनेक मनोरंजक गतिविधियां सहसा ही लोगों को आकर्षित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने मेलार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति के चितेरे कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल ने मात्र 28 साल की उम्र में हिंदी साहित्य को अनमोल कविताओं का समृद्ध खजाना दे दिया था। उनकी कविताओं में अटूट प्रकृति प्रेम झलकता है। जीवन के इस छोटे सफर में उन्होंने सात सौ से भी ऊपर कविताएं, गीत, मुक्तक, निबंध आदि लिखकर एक इतिहास रचा है। काफल पाक्यों के अमर गायक चन्द्र कुंवर बर्त्वाल ने अपनी कालजयी कविताओं में हिमालय का जीवन साकार किया है। हिमाच्छादित शैल शिखर, सदानीरा कल कल करती नदियां, लंबे चौड़े लहलहाते चारागाह, दूर दूर तक फैले चीड, बांज, बुरांश, देवदार के घने जंगल, रंग बिरंगे फूलों से लदालद भरी घाटियां, पशु पक्षी, ऋतुओं का पट-परिवर्तन, घन गर्जन सभी का चमत्कारिक चित्रण उनकी कविताओं में मिलता है।

ग्रामीण विकास के लिए काम कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामोदय से भारत उदय मिशन के साथ लगातार काम कर रही है। केन्द्र और राज्य सरकार के माध्यम से गरीब कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई है। लघु एवं कुटीर उद्योग लगाने के लिए नियमों में स्थिलता प्रदान की गई है। ताकि हमारे दूरस्थ पहाड़ों में भी कुटीर एवं लघु उद्योग लगे और अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार मिल सके। सरकार पहाड़ों में होम स्टे बढाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे राज्य के साथ ही पूरे देश में अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। माताओं, बहनों को मुफ्त में गैस कनेक्शन देने का काम यदि किसी ने किया है तो वह भारत माता के लाल प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। उन्होंने कहा कोई मरीज इलाज से वंचित न रहे, इसके लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई है। ऐसे परिवार जो इलाज करवाने में सक्षम नही है, उन परिवारों को 5 लाख तक का इलाज मुफ्त किया जा रहा है। हमारी सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांगों को देखते हुए पी.आर.डी जवानों उपनल कर्मियों, ग्राम प्रधानों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, भोजन माताओं का मानदेय बढ़ाने का कार्य किया है।

हर फैसला जनता को समर्पित
उन्होंने कहा मेरे मुख्य सेवक बनने के बाद सरकार ने 500 से ज्यादा जनहित के फैसले लिए हैं और हमारा हर फैसला जनता को समर्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समाज के हर वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा हम प्रत्येक घोषणा के लिए पूर्व सुनियोजित तरीके से वित्तीय खर्च का प्रबंधन कर रहे हैं, जिससे हमारी सारी घोषणाएं धरातल पर उतर रही है।

21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया को संदेश दिया कि तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। राज्य जब 25वां स्थापना दिवस मना रहा होगा, तब राज्य सभी क्षेत्रों में देश का अग्रणीय एवं आदर्श राज्य होगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, जो पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नंबर वन बनेगा। उन्होंने कहा बोधिसत्व विचार श्रृंखला के माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों से सुझाव ले रही है। कहा हमारी सरकार हर समय जनता की सेवा में समर्पित है। हमारा प्रण है कि जितना भी समय हमारे पास है उसका प्रत्येक पल और क्षण हम उत्तराखण्ड की जनता की सेवा में समर्पित करें। उन्होंने कहा हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने पर कार्य कर रही है। विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती एवं युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए युवाओं हेतु प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण वितरित किए जा रहे है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद योगेम्बर सिंह भण्डारी के पिताजी को शॉल भेंट कर सम्मानित भी किया।

घोषणाएं-
इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए निम्न विकास योजनाओं की घोषणाएं भी की।
1- पोखरी में हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग एवं पर्यटन शरदोत्सव मेले को राजकीय मेला घोषित करते हुए इस वर्ष 2 लाख रुपये मेला समिति को देने की घोषणा की।
2- राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तपोवन ढाक (जोशीमठ) का नाम बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष स्व० मोहन प्रसाद थपलियाल जी के नाम पर रखा जायेगा।
3-अमर शहीद सैनिक योगेम्बर सिंह भंडारी की स्मृति में नैलसांकरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाएगा।
4- विकासखण्ड जोशीमठ में गैस गोदाम से रेगढ़ तक मोटर मार्ग का प्रथम चरण का निर्माण किया जायेगा।
5- विकासखण्ड दशोली के पलेठी-सरतोली मोटर मार्ग के कि०मी० 7 एवं 8 में सतह सुधारीकरण एवं सुरक्षात्मक कार्य किया जायेगा।
6- विकासखण्ड दशोली के बणद्वारा से काण्डई मोटर मार्ग का (द्वितीय चरण स्टेज) का नव निर्माण किया जायेगा।
7-विकासखंड दशोली के जुंआ-दिगोली मो.मार्ग से मेहर गांव में मोटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा।
8- विकासखण्ड पोखरी के उडामांडा-सिमखोली-चोपडा मोटर मार्ग के सिमखोली बैण्ड से होते हुए प्रा०वि० विरसण सेरा मोटर मार्ग का (प्रथम चरण) का नव निर्माण किया जायेगा।
9- विकासखंड पोखरी के उडामांडा-रौता-चोपडा मोटर मार्ग के नलडुंगा से विरसण मोटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा।
10- विकासखण्ड पोखरी-गोपेश्वर मोटर मार्ग से डुंबरा गाव के लिए से मोटर मार्ग का (प्रथम चरण) नव निर्माण किया जायेगा।
11-राजकीय प्रा.वि. सरतोली का उच्चीकरण किया जाएगा।
12-निजमुला के दुर्मी घाटी में सचल पशु चिकित्सा केन्द्र खोला जाएगा।

बद्रीनाथ विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट एवं नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद पंत ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए शॉल, मोमेंटों एवं चन्द्र कुंवर बर्त्वाल का चित्र भेंट किया। वही चारधाम के पंडा पुरोहितो ने सीएम का आभार व्यक्त करते हुए धर्म ध्वजा और अंगवस्त्र भेंट किए। क्षेत्रवासियों ने पारंपरिक पांडव ढोल दमाऊ एवं पांडव नृत्य के साथ मुख्यमंत्री के पहली बार क्षेत्र आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन आनंद राणा द्वारा किया गया।
इस दौरान ग्रामीण मंडल अध्यक्ष वीरेन्द्र पाल भंडारी, नगर अध्यक्ष जीतेन्द्र सती, अन्य वरिष्ठ क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, सीडीओ वरूण चौधरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिनव शाह आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने किया सुमना हादसा इलाके का हवाई सर्वेक्षण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण व सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत भी की।

बताया कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा वहां पर बीआरओ के लगभग 400 मजदूर काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हादसे में छह मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है जबकि 4 लोग घायल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौके पर सेना, आईटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ वहां पर आगे बढ़ी है और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुट है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।