मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लङाई में जीतने के लिये सभी के समन्वित प्रयासों की जरूरत है। सरकारी और निजी सभी के उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग जरूरी है। मुख्यमंत्री ने सीएम कैम्प कार्यालय में निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कहा कि मैनपावर मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस प्रकार प्रबंधन किया जाए कि कोविड संक्रमितों के ईलाज के दौरान चिकित्सा कर्मियों के खुद संक्रमित होने पर भी व्यवस्था में व्यवधान न आए। ओपीडी के लिए लोगों को ई-संजीवनी पोर्टल का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी निजी अस्पतालों से अनुरोध किया कि उनके यहाँ उपलब्ध बेड के कम से कम 70 प्रतिशत को कोविड के लिए आरक्षित कर दें। आक्सीजन, वेंटीलेटर की आवश्यकता होने पर सरकार को अवगत कराएं। सरकार इनकी उपलब्धता के लिये भरसक प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पोर्ट्स स्टेडियम, रायपुर में बनाए जा रहे कोविड केयर सेंटर में एमबीबीएस और नर्सिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों की सेवाएं ली जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि निजी अस्पतालों में सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य स्थिति वाले कोरोना संक्रमितों को कोविड केयर सेंटर में रखा जाए या होम ट्रीटमेंट किया जाए। ताकि गम्भीर रोगियों के लिये आने वाले समय में आक्सीजन सपोर्ट बेड व अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध रहें।
सचिव अमित नेगी ने कहा कि निजी अस्पतालों द्वारा सरकार से पूरा सहयोग किया जा रहा है। हम इनके लगातार सम्पर्क में हैं। आने वाले समय की जरूरत को देखते हुए दवाईयों व अन्य उपकरणों, आक्सीजन की उपलब्धता का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि स्पोर्टस स्टेडियम रायपुर में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जा रहा है। इनमें आक्सीजन सपोर्ट भी होंगे। कोरोनेशन में 100 बेड की क्षमता विकसित की जा रही है। जौलीग्रांट अस्पताल में पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। यहां 150 बेड और लगाए जाएंगे। एम्स ऋषिकेश में 400 बेड एक्टीवेट हो जाएंगे। महंत इन्द्रेश में 80 आईसीयू बेड हैं। राज्य सरकार इन्हें आक्सीजन उपलब्ध कराएगी। कैंट बोर्ड चिकित्सालय में 150 बेड कोविड के लिए आरक्षित कर लिये गये हैं।
सभी निजी अस्पतालों द्वारा कोविड से लङाई में हर सम्भव सहयोग के लिए आश्वस्त किया गया। बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव शैलेश बगोली, प्रभारी सचिव डॉ पंकज कुमार पाण्डेय, डीएम आशीष श्रीवास्तव, हिमालयन विश्वविद्यालय, जौलीग्रांट के वीसी डॉ विजय धस्माना सहित एम्स ऋषिकेश, सीएमआई, महंत इंद्रेश अस्पताल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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