देश ने एक रक्षा रणनीतिकार और सच्चे देशभक्त को खोया-विस अध्यक्ष

देश के पहले सीडीएस रहे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां शनिवार को हरिद्वार में वीआईपी घाट पर गंगा में विसर्जित की गई। इस दौरान विस अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने अस्थियों पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर जनरल रावत की दोनों बेटियां कृतिका एवं तारिणी ने अपने पिता एवं मां की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया। रावत परिवार के हरिद्वार पहुंचने पर पंडितों ने गंगा घाट पर पारंपरिक पूजन किया, इसके बाद अस्थियां गंगा में प्रवाहित हुईं। विधानसभा अध्यक्ष ने जनरल बिपिन रावत की दोनों पुत्रियों से एवं परिजनों से मिलकर अपनी सांत्वना व्यक्त की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश ने एक रक्षा रणनीतिकार और सच्चे देशभक्त को खो दिया है। मैं जनरल रावत को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सलाम करता हूं।

राज्यपाल ने जनरल के साथ बिताये पलो को याद कर भावपूर्ण पोस्ट किया

जनरल बिपिन रावत, हमारे गौरव, देश के पहले सीडीएस। 50 साल तक दोस्त और साथी, एनडीए स्क्वैड्रन साथी का जाना, असहनीय क्षति। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के दुर्घटना में असामयिक निधन पर अपनी पीड़ा कुछ इस तरह व्यक्त की। इंटरनेट मीडिया पर संक्षिप्त लेकिन भावपूर्ण पोस्ट में उन्होंने जनरल बिपिन रावत के साथ अपने कार्यकाल को भी याद किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ब्रिगेड कमांडर के रूप में उन्होंने साथ काम किया। कई पेशेवर काम भी दोनों ने साथ अंजाम दिए। उनका निधन बहुत बड़ा नुकसान है।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने बीती नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ मुलाकात का जिक्र भी किया। जनरल रावत राज्यपाल के निमंत्रण पर राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राजभवन पहुंचे थे। राज्यपाल ने कहा कि पेशेवर जीवन में दोनों के बीच कई सुंदर स्मृतियां रही हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही दोनों ने उनका स्मरण किया था। जनरल रावत को उत्तराखंड के पौड़ी जिले का माटी पुत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका निधन असहनीय क्षति है। राज्यपाल ने दुर्घटना में मारे गए अन्य सैन्य अधिकारियों व कार्मिकों के निधन को त्रासदी करार दिया। उन्होंने दुर्घटना में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण के जीवन की रक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

संतों ने दी मृतकों को श्रद्धांजलि
तमिलनाडु में हुए हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और पत्नी मधुलिका रावत सहित सैन्य अधिकारियों की मौत पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शोक जताया है। हरिद्वार के संतों ने भी अपनी शोक संवेदना जताते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि दी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज (निरंजनी अखाड़ा) ने कहा कि जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड की शान और मां भारती के सच्चे सपूत थे। उनके नेतृत्व में देश की सेना ने चीन और पाकिस्तान के सैनिकों को सीमाओं से पीछे धकेल कर रखा। उन्होंने हमेशा सेना का मनोबल बढ़ाया है। उनका निधन देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। श्रीमहंत रोवद्र पुरी महाराज ने कहा कि यह हादसा पूरे देश के लिए दुखद है। जनरल रावत में अदभुत नेतृत्व क्षमता थी।

सीएम ने सीडीएस के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी के आकस्मिक निधन पर प्रदेश में 3 दिन (9-10-11 दिसंबर 2021) का राजकीय शोक घोषित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने जरनल रावत के आकस्मिक निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया है। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिये गये साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखण्ड के छोटे से गांव में हुई। वे अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वाेच्च पद पर आसीन हुए तथा देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं भारतीय सेना को नई दिशा दी। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखण्ड को भी बड़ी क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा।
वहीं, मुख्यमंत्री आवास में विधानमण्डल दल की बैठक के अवसर पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकाप्टर दुर्घटना में हुए आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि आर्पित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से भी जनरल रावत का विशेष लगाव था। राज्य के विकास की उनकी सोच थी। अभी हाल ही में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी पत्नी के साथ वे देहरादून आये थे, उनका आकस्मिक निधन उत्तराखण्ड के लिए बड़ा ही दुःखद है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल, स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक हरवंश कपूर, हरभजन सिंह चीमा सहित अन्य विधायकगणों ने भी जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की।