टिहरी जिले की कई विधानसभाओं के लिए सीएम ने की घोषणा

टिहरी विधान सभा क्षेत्र
बौराड़ी स्टेडियम का विस्तारीकरण एवं निकासी की व्यवस्था, खण्डोगी जाखनीधार में पचास बेड के आयुष अस्पताल की अतरिक्त धनराशि की स्वीकृति, नई दिहरी में बांध विस्थापितों के लिए एक्स्ट्रा स्पेस की स्वीकृति होगी, विधान के केमसारी पिपली होकर बायपास पैन्यूला तक सड़क का निर्माण, नकोट में मिनी स्टेडियम का निर्माण, पौखाल महाविद्यालय का नाम शहीद प्रकाश चन्द्र कुमाई के नाम पर रखा जायेगा, पीपलडाली-चाह गडोलिया मोटर मार्ग का डामरीकरण, बगासूघर में यात्री प्रतिक्षालय एवं रेन स्टेक का निर्माण किया जायेगा, ढुंगीधार के इंटर कालेज का नाम प्रथम विश्व युद्ध में शहीद प्रताप सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की।

विधानसभा क्षेत्र घनसाली
चमियाला क्षेत्र में 32 किमी पर्वतीय नहरों, बूढ़ाकेदार व विनयाखाल की 20 पर्वतीय नहरों का जीर्णाेद्धार किया जायेगा, कोठियाडा से पिण्डेश्वर महादेव घाट तक एक किमी मोटर मार्ग की स्वीकृति, ग्राम सभा तल्लाघार में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति प्रदान की।

विधानसभा क्षेत्र प्रताप नगर
गडुवागाड-स्यान्सू भैंगा-गोदडी 5 किमी मोटर मार्ग निर्माण, सौड़ से हलेथ-मिश्रवाणगांव 5 किमी मोटर मार्ग निर्माण, स्यालगी-पिपलोगी-बिजपुर 4 किमी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य, चौदाणा से थात तक सड़क का 4 किमी डामरीकरण, कोपड़धार इण्टर कालेज खेल मैदान निर्माण, सेम-मुखेम धाम में रोपवे।

देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र
जामणीखाल में पार्किंग की घोषणा, काण्डी बगडियों में मिनी स्टेडिय का निर्माण, पटटी डागर क्षेत्र में मिनी स्टेडियम का निर्माण, तेगड बाजार में पार्किंग निर्माण कार्य, सीएचसी हिडोलाखाल व कीर्तिनगर को उप जिला चिकित्सालय बनाये जाने की घोषणा, नैखरी महाविद्यालय में श्रीदेव सुमन महाविद्यालय परिसर खोला जायेगा, देवप्रयाग में आस्था पथ का निर्माण किया जायेगा, घण्टाकर्ण में विश्रामगृह का निर्माण, नैथाणा में विद्युत लाइन को भूमिगत किया जाने की घोषणा की।

नरेन्द्रनगर क्षेत्र
तपोवन क्षेत्र को नगर पंचायत मे परिवर्तन किया जायेगा, मुन्नाखाल-पुण्डेरी मोटर मार्ग का डामरीकरण, सोनी-रानीपोखरी मोटर मार्ग का निर्माण, बछेली खाल-पाली मोटर मार्ग का निर्माण, शीशमझाड़ी में भूमिधर का अधिकार, पावकी देवी तहसील भवन का निर्माण की घोषणा की।

विधानसभा क्षेत्र धनोल्टी
सांकरी-भखोली बनवाडी मोटर मार्ग का निर्माण, दुघली-दिमोली मोटर मार्ग का निर्माण, रौसाल-कांण्डी मोटर मार्ग का निर्माण, छाम-मैण्डखाल’ ज्वारन मोटर मार्ग का डामरीकरण, मैण्डखाल-सावली मोटर मार्ग कार्य, भवान-शाखाधार मोटर मार्ग का डामरीकरण, सकलाना में महाविद्यालय आगामी सत्र से स्थापना की जायेगी की घोषणा की।

पैसा कमाने के लिए शराब बनाया जाना उत्तराखंड के लिए आत्महत्याः खंडूड़ी

देवप्रयाग के नजदीक और टिहरी में शराब के बॉटलिंग प्लांट को मंजूरी दिए जाने के फैसले के खिलाफ वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी भी उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि पैसा कमाने के लिए शराब बनाया जाना उत्तराखंड के लिए आत्महत्या जैसी बात है। देवप्रयाग से करीब 36 किलोमीटर दूर शराब के बॉटलिंग प्लांट को मंजूरी दी गई और वहां बॉटलिंग शुरू भी हो गई है। इसके अलावा टिहरी में भी एक कंपनी को बॉटलिंग प्लांट की अनुमति दी गई है।
हालांकि, ये फैसले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए थे, लेकिन धरातल पर अब उतर रहे हैं। शराब के बॉटलिंग प्लांट को लेकर इन दिनों राज्य में सियासत गर्माई हुई है। प्रदेश में सत्तासीन भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस मसले पर एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने में लगे हैं।
वहीं, अब वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी भी शराब के बॉटलिंग प्लांट के विरोध में उतर आए हैं। दिल्ली में जारी वक्तव्य में पूर्व मुख्यमंत्री खंडूड़ी ने कहा कि शराब से पहाड़ के जनमानस का नुकसान हो और वहां के लोग जमीन जायदाद बेचकर शराब पिएं, इसके वे सख्त खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसी की भी, उसे यह अधिकार कतई नहीं कि वह उत्तराखंड के मूलस्वरूप एवं देवभूमि के खिलाफ जाने का काम करे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब को सुविधा के रूप में रखा जाना चाहिए न कि आय कमाने के रूप में। उन्होंने कहा कि पैसा कमाने के लिए शराब बनाया जाना गलत है और उत्तराखंड के लिए तो यह आत्महत्या जैसी बात है।

हरदा के विरोध को समझ रही जनता
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सेवा का अधिकार आयोग के भवन के उद्घाटन के दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बॉटलिंग प्लांट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत को आड़े हाथ लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो ये लाइसेंस हमने नहीं दिए। देवप्रयाग को लेकर गलत ढंग से प्रचारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बॉटलिंग प्लांट देवप्रयाग से 40 किमी और राष्ट्रीय राजमार्ग से 10 किमी अंदर है। उन्होंने कहा कि इसका जो विरोध किया गया, वह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया और उनके कार्यकाल में ही ये लाइसेंस दिए गए थे। उन्होंने कहा कि हरीश रावत क्यों विरोध कर रहे हैं, जनता इसे समझ रही है।

टिहरी के नैनबाग में भी शराब की बॉटलिंग करने की तैयारी

देवप्रयाग के निकटवर्ती इलाके डडुवा भंडाली के बाद अब टिहरी जिले के ही नैनबाग में भी शराब की बॉटलिंग करने की तैयारी की जा रही है। हाइलैंड बॉटलस नाम के इस प्लांट को स्थापित करने की अनुमति मिल चुकी है। अब केवल बॉटलिंग की अनुमति मिलनी बाकी है। इसके वजूद में आने के बाद टिहरी जिले में यह दूसरा बॉटलिंग प्लांट होगा।
डडुआ भंडाली में बॉटलिंग प्लांट लगाने की अनुमति वर्ष 2016 में दी गई थी और इसी साल जून में प्लांट में बॉटलिंग का लाइसेंस जारी किया गया। यहां बॉटलिंग की गई शराब की पहली खेप बाजार में पहुंचने पर यह बात सार्वजनिक हुई। स्थानीय लोग बॉटलिंग प्लांट का विरोध कर रहे हैं। इस बीच, इसी जिले के जौनपुर ब्लाक के नैनबाग में एक और बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने की तैयारी का पता चला है।
आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार हाइलैंड बाटलस के नाम इस प्लांट को स्थापित करने की प्रक्रिया भी वर्ष 2016 में शुरू की गई थी। अगस्त 2018 में यहां प्लांट स्थापित करने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन अभी बॉटलिंग का लाइसेंस नहीं दिया गया है। संपर्क करने पर जिला आबकारी अधिकारी रेखा जुयाल भट्ट ने पुष्टि की कि नैनबाग में बॉटलिंग प्लांट की स्थापना के लिए अनुमति दी गई है, लेकिन अभी बॉटलिंग की अनुमति नहीं दी गई है।

एसडीएम ने किया प्लांट का निरीक्षण
एसडीएम अनुराधा पाल ने बुधवार को डडुवा भंडाली पहुंचकर बॉटलिंग प्लांट का निरीक्षण किया। प्लांट के दस्तावेजों के का अवलोकन करने साथ ही प्लांट में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी जुटाई। प्लांट में काम कर रहे स्थानीय लोगों से सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटाई। एसडीएम ने बताया कि प्लांट के दस्तावेज सही पाए गए हैं। यहां पर बॉटलिंग की गई शराब का एक बैच की पिछले महीने बाजार में आपूर्ति की गई।

बीयर और मिनरल वाटर प्लांट तैयार
डडुवा भंडाली में एक ही कैंपस में तीन फैक्ट्री खोलने की तैयारी है। बॉटलिंग प्लांट के अलावा यहां पर एक बीयर प्लांट और एक मिनरल वाटर प्लांट भी बनाया गया है। हालांकि, बीयर और मिनरल वाटर प्लांट अभी संचालित नहीं हो रहे हैं। बॉटलिंग प्लांट की अनुमति मिल गई है, लेकिन यहां बीयर बनाने के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया है। बताया गया कि बॉटलिंग प्लांट संचालकों ने बीयर प्लांट और मिनरल वाटर प्लांट बनाने के लिए भी वर्ष 2016 में आवेदन कर दिया था, लेकिन अभी इनका लाइसेंस नहीं मिल पाया है।

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