धामी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण फैसलों पर लगाई मुहर

कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

1- उत्तराखंड वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार विभिन्न संवर्ग के कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के संबंध में।
राज्य सरकार के सरकारी सेवकों को जिन्हें अपने पदेन कर्तव्यों से सम्बन्धित कार्यों को करने के लिए बहुधा अल्प दूरी की यात्राएँ करनी पड़ती हैं एवं जिसके लिए यात्रा भत्ता अनुमन्य नहीं है तथा जिन्हें वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-3 के नियम-82 के अधीन परिशिष्ट-8 में उल्लिखित सूची एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत आदेशों के अन्तर्गत वाहन भत्ता अनुमन्य कराया जा रहा है, को वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार मासिक रूप से प्राप्त वाहन भत्ता तालिकानुसार दिनांक 01 जनवरी, 2024 से अनुमन्य किये जाने हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव पर विचलन के माध्यम से प्राप्त मा० मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के क्रम में शासनादेश संख्या-174877/XXVII(7)/E- 42461/2022 दिनांक 13 दिसम्बर, 2023 निर्गत (संलग्न) किये जाने के पश्चात कृत कार्यवाही से मा० मंत्रिमण्डल को अवगत कराये जाने हेतु प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

2- वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैटर्न के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू0 4800/- में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किये जाने के संबंध में।

वैयक्तिक सहायक संवर्ग में ग्रेड वेतन रू0 4800/- में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी पदनाम से नया पद सृजित किये जाने एवं वैयक्तिक सहायक संवर्ग में तालिका के स्तम्भ-6 के अनुसार संशोधित स्टाफिंग पैटर्न लागू किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।

3- उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के संबंध में।
उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा हेतु वर्तमान में उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा नियमावली. 2021 प्रख्यापित है। उक्त नियमावली में पशुचिकित्साधिकारियों हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 व पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 पदनाम उल्लिखित है।) (राजकीय पशुचिकित्सालयों/रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं/राजकीय पशुधन प्रक्षेत्रों / निदेशालय / अपर निदेशक कार्यालयों/ बोर्डो /विभिन्न कार्यालयों में सेवारत पशुचिकित्सा अधिकारियों हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 पदनाम सृजित किये गये है) पशुचिकित्साविदों हेतु सृजित वर्तमान पदनाम, राजकीय पशुचिकित्सालयों के अतिरिक्त अन्य कार्यालयों में पदस्थापित पशुचिकित्साविदों के कार्य प्रकृति से मेल नहीं खाते हैं। अतः उक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत विभागीय आवश्यकतानुरूप पशु चिकित्सा संवर्ग में पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 का वेतनमान यथावत् रखते हुए केवल पदनाम परिवर्तन तालिकानुसार किया जाना है ।

4- विभिन्न विभागों में कार्यरत सहायक अभियन्ताओं को मोटरकार के लिए वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में।
राज्य में वाहन भत्ता दिये जाने के सम्बन्ध में लागू संगत शासनादेशों तथा वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-3 के नियम-82 के अधीन राजकीय विभागों में कार्यरत सहायक अभियन्ताओं को मोटर कार (जहां औसत स्थानीय यात्रा 400 किलोमीटर प्रतिमाह से अधिक होती है) के लिए वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के प्रस्ताव पर विचलन के माध्यम से प्राप्त मा० मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के क्रम में शासनादेश संख्या-174509/XXVII(7)/E-65724/2023 दिनांक 12 दिसम्बर, 2023 (संलग्न) निर्गत किये जाने के पश्चात कृत कार्यवाही से मा० मंत्रिमण्डल को अवगत कराये जाने हेतु प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

5- मत्स्य विभागान्तर्गत जलाशयों के ठेकेदारों को 05 वर्षों हेतु ठेका प्राप्त होने पर प्रथम वर्ष में मत्स्य बीज संचय करने के उपरान्त जलाशय की क्षमतानुसार उत्पादन प्राप्त करने हेतु लगभग 02 वर्षों का समय लगता है, इसके अतिरिक्त अन्तिम वर्षों में ठेका समाप्त होने के दृष्टिगत ठेकेदार द्वारा जलाशय में उपलब्ध स्टॉक को पूर्णतः खाली किये जाने का भरसक प्रयास किया जाता है जिस कारण जलाशय की उत्पादकता पर असर पड़ता है। अतः प्रस्तावित संशोधित नियमावली “उत्तराखण्ड मत्स्य (संशोधन) नियमावली, 2024” में ठेका अवधि “05 वर्ष से 10 वर्ष” एवं “खुली ई-निविदा” किये जाने पर मुख्यतः निग्नवत लाभ होंगे:-
1. जलाशयों की वर्तमान उत्पादकता 41 कि०ग्रा० प्रति हैक्टेयर से 60-65 कि०ग्रा० प्रति हैक्टेयर होगी।
2. राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व में लगभग 50 से 60 प्रतिशत तक वृद्धि होगी।
3. वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर मत्स्य बीज संचय एवं मत्स्य आखेट से जलाशय का जलजैविक संतुलन बना रहेगा।
4. जलाशयों का उचित प्रबन्धन, व्यापक जनहित एवं राज्य हित में होगा।
5. “खुली ई-निविदा” किये जाने पर निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता आयेगी।

6- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को कार्यालय भवन निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की भूमि का निःशुल्क हस्तान्तरण।
राज्य में स्थित राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण एवं रख-रखाव तथा सड़क परिवहन एक राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार (मोर्थ) द्वारा केन्द्र पोषित योजनाओं यथा-केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सी०आर०आई०एफ०), एन०एच० (ओ०) आदि परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु देहरादून में क्षत्रीय कार्यालय स्थापित है। यह कार्यालय किराये के भवन में संचालित है। उल्लेखनीय है कि विगत 05 वर्षों में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एन०एच० (ओ०) के अन्तर्गत लगभग रु० 15,000.00 करोड़ तथा सी०आर०आई०एच० के अन्तर्गत लगभग रु० 12,00.00 करोड क्री स्वीकृतियां निर्गत की गयी है। केन्द्र सरकार की सहायता से सड़क एवं सेतुओं के निर्माण में राज्य ने आशातीत प्रगति की गयी है। केन्द्र सरकार के कार्यालय भवन हेतु भूमि की उपलब्धता होने पर राज्य के राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड, डोईवाला एवं देहरादून (वर्तमान में किराये के भवन पर संचालित) अधीक्षण अभियन्ता (एन० एच०, गढ़वाल) तथा मुख्य अभियन्ता (एन०एच०, उत्तराखण्ड) के कार्यालय को भी प्रस्तावित भवन में स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित है। अतः लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की 06 नम्बर पुलिया, रिंग रोड, देहरादून स्थित 0.0266 हेक्टेयर भूमि को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय के भवन निर्माण हेतु निःशुल्क उपलब्ध करायी जानी है। कार्यालय भवन निर्माण का व्यय भारत सरकार द्वारा स्वयं वहन किया जाना है।

7- पुरानी जेल परिसर, देहरादून में स्थित न्याय विभाग के स्वामित्व की कुल 0.7401 है० भूमि में से 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून में अधिवक्ताओं के चैम्बर निर्माण हेतु 1.00 रूपये प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर दिया जाना।
पुरानी जेल परिसर, देहरादून में स्थित न्याय विभाग के स्वामित्व की कुल 0.7401 है० भूमि में से 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून में अधिवक्ताओं के चैम्बर निर्माण हेतु 1.00 रूपये प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर दिये जाने के प्रस्ताव को विचलन के माध्यम से मा० मुख्यमंत्री जी, उत्तराखण्ड सरकार की अनुमति के क्रम में शासनादेश क्रमांक- 09/XXXVI-A-3/2024-10/ सा0 /2018, दिनांक 16.01.2024 द्वारा उक्त 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून को हस्तान्तरित किये जाने के आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के संज्ञानार्थ प्रस्तुत ।

8- उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012, समय-समय पर यथा संशोधित के प्राविधानानुसार जनपद हरिद्वार में तहसील हरिद्वार के अन्तर्गत गंगा नदी के दांये तट पर हरिपुर कलां से चण्डी पुल तक एवं जनपद देहरादून के अन्तर्गत ऋषिकेश क्षेत्र में ढालवाला ड्रेन से पशुलोक बैराज एवं पशुलोक बैराज से हरिपुर कला तक गंगा नदी के दांये तट पर (ऋषिकेश, खड़कमाफ, गौहरीमाफी, रायवाला एवं हरिपुर परगना-परवादून) तक हेतु अन्तिम अधिसूचना निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में समयबद्धता के दृष्टिगत प्रकरण में विचलन के माध्यम से मा० मुख्यमंत्री जी की संस्तुति / अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त अधिसूचना संख्या-40 एवं 41 दिनांक 08.01.2024 को निर्गत कर दी गयी है। प्रस्तुत प्रस्ताव को मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा विचलन से संस्तुति / अनुमोदन की सूचना मा० मंत्रिमण्डल के अवगतार्थ प्रस्तुत किया जाना।

9- भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के पुनर्गठित ढांचे में अतिरिक्त अवशेष पदों के सृजन के सम्बन्ध में।
मा० मंत्रिमण्डल की बैठक दिनांक 04.12.2023 में लिये गये निर्णय के अनुपालन में दिनांक 16.12.2023 द्वारा पुनर्गठित भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के ढांचे में औचित्यपूर्ण पाये गये 07 अतिरिक्त पदों को सृजित कराया जा रहा है।

10- उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति, 2021 में आंशिक संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में।
मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा जनहित याचिका सं0 169/2022 ‘गगन परासर बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य’ में पारित आदेश दिनांक 14.12.2023 के अनुपालन में तथा उक्त नियमावली के प्राविधानों को सरलीकृत / व्यवहारिक बनाये जाने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति, 2021 के कतिपय प्राविधानों को संशोधित किया जा रहा है।

11- व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 को सदन के पटल से वापस लिये जाने के संबंध में।
राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926 की धारा 04 एवं धारा 09 में संशोधन करते हुए व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया था, जिसमें किसी व्यवसाय संघ को रजिस्ट्रीकृत किये जाने हेतु उसमें नियोजित कर्मकारों की संख्या दस प्रतिशत या एक सौ कर्मकारों के स्थान पर तीस प्रतिशत रखा गया था। जिसे केन्द्रीय व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926 के प्राविधानों के विरूद्व पाते हुए भारत सरकार ने वापस लिये जाने की अपेक्षा की गयी है। तत्क्रम में व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 को सदन के पटल से वापस लिये जाने हेतु मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

12- राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave) अनुमन्य किये जाने सम्बन्धी कार्यालय ज्ञाप दिनांक 01 जून, 2023 में आंशिक संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में।
राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) सरकारी सेवकों को वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय ज्ञाप दिनांक 01 जून, 2023 द्वारा विशिष्ट परिस्थितियों यथा सन्तान की बिमारी अथवा परीक्षा आदि में सन्तान की 18 वर्ष की आयु तक देखभाल हेतु सम्पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश इस शर्त / प्रतिबन्ध के साथ अनुमन्य किया गया है किः-
बाल्य देखभाल अवकाश में रहते हुए कार्मिक को पहले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 100 प्रतिशत तथा अगले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 80 प्रतिशत वेतन दिया जायेगा। जिन महिला सरकारी सेवकों द्वारा पूर्व से बाल्य देखभाल अवकाश लिया जा रहा है, के सम्बन्ध में यह प्रावधान अवकाश लेखे में बचे हुए अवकाशों पर ही नियमानुसार लागू होगा।”
विभिन्न माध्यमों से उक्त शर्त / प्रतिबन्ध को विलोपित किये जाने हेतु राज्य सरकार को प्राप्त प्रत्यावेदनों का पुनः परीक्षण किये जाने के क्रम में उक्त उल्लिखित शर्त / प्रतिबन्ध को निम्नवत् संशोधित किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है:-
“राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त हो रहे /आहरित वेतन के समतुल्य ‘अवकाश वेतन देय होगा।”

13- उत्तराखण्ड राज्य के अनेक प्रतिभावान खिलाड़ियों द्वारा अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य को खेलों के क्षेत्र में नई पहचान दी है: अतः प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के कुशल खिलाड़ियों को लोक सेवाओं और पदों में 04 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड लोक सेवा (अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक विजेता / प्रतिभाग करने वाले कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक, 2024 को विधानसभा के पटल पर रखे जाने हेतु कैबिनेट द्वारा दी गयी मंजूरी।

14- उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के अधीन सहासिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित विषय-विशेषज्ञ (जल, थल एवं वायु कीड़ा) के नियत वेतन (संविदा) के पदों हेतु निर्धारित अर्हताओं में संशोधन किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के अधीन सहासिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित विषय विशेषज्ञ (जल, थल एवं वायु क्रीडा) के नियत वेतन (संविदा) आधारित पदों पर भर्ती / नियुक्ति हेतु अर्हताओं में संशोधन किया गया है, जिससे राज्य में सहासिक पर्यटन क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

15- वाईब्रेन्ट विलेज योजानान्तर्गत सीमान्त गांव जादुंग उत्तरकाशी के पर्यटन विकास हेतु होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने हेतु योजना प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
सीमान्त गांव जादूंग भारत सरकार द्वारा संचालित “चाईब्रेन्ट विलेज” के अन्तर्गत चिन्हित है जिसे टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाना है, जिससे उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि एवं गांव के मूल निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो पायेंगें। अतः वाईब्रेन्ट विलेज योजानान्तर्गत सीमान्त गांव जादुंग उत्तरकाशी के पर्यटन विकास हेतु होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने हेतु योजना प्रख्यापित किये जाने पर अनुमति प्रदान की गयी है।

16- लखवाड-व्यासी जल विद्युत परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन हेतु पूर्व निर्गत शासनादेश सं० 66 दिनांक 13.01.2016 के प्रस्तर-8 (ब) के अन्तर्गत अल्प तकनीकी लघु कार्य परियोजना प्रभावितों को प्रभावित क्षेत्र की सहकारी समिति के माध्यम से कराये जाने की वित्तीय सीमा को रू0 05 लाख से वृद्धि करते हुए रू 10.00 लाख किये जाने विषयक।
300 मेगावॉट की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना हेतु परियोजना हित में लखवाड़ व्यासी जल विद्युत परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्वास हेतु पूर्व में निर्गत ऊर्जा विभाग के शासनादेश संख्या-66 दिनांक 13.01.2016 के प्रस्तर 8 द्वितीयक रोजगार (ब) अल्प तकनीकी लघु कार्यों को प्रभावितों के माध्यम से कराया जाना- रू0 05.00 लाख के स्थान पर रु 10.00 लाख तक के अल्प तकनीकी लघु कार्य परियोजना प्रभावितों को परियोजना प्रभावित क्षेत्र की सहकारी समिति, जिसके पास ई०पी०एफ० पंजीकरण हो के माध्यम से एकल निविदा के आधार पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की अनुसूची की दरों पर तथा उत्तराखण्ड प्रोक्योरमेंट पॉलिसी-2008 के अन्तर्गत दिये जायेंगे।”, पर उक्तानुसार संशोधित किये जाने हेतु प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया।

17- बाल देखरेख के क्षेत्र में SOS Children Village, भीमताल, नैनीताल संस्था के बेहतरीन कार्यशैली एवं उचित व्यवस्था के अनुकरणीय मॉडल की तर्ज पर SOS संस्था के साथ मिलकर राज्य की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत इसी तरह के केन्द्र / गृह गढ़वाल क्षेत्र में विकसित किया/चलाया जाना है। उक्त मॉडल की भांति गढ़वाल क्षेत्र में भी बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण हेतु सुविधाओं व सेवाओं की व्यवस्था किये जाने हेतु प्रथम 05 वर्षों तक राज्य सरकार द्वारा अंशदान दिया जाना हैं। छठवें वर्ष से संस्था द्वारा योजना का संचालन अपने संसाधनों से किया जाएगा।

18- वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 उत्तराखण्ड राज्य में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में आने वाले व्यक्तियों हेतु कोविड-19 टेस्ट (आर०टी०पी०सी०आर०/एंटीजन टेस्ट) हेतु विभिन्न लैब अधिकृत किये गये, होटल/आश्रम/लॉज अधिकृत किये गये, संक्रमित स्थानों के मार्गों में बैरीकेडिंग / महाराणा प्रताप स्टेडियम को कोविड-19 सेन्टर बनाया गया, कंटेनमेंट / क्वारंटीन जोन का निर्धारण किया गया, वैक्सीनेशन केन्द्र भवन का निर्माण कराये गये थे, वाहन आदि की व्यवस्था की गयी थी। जिसके क्रम में तत्समय अधिकृत लैब के सापेक्ष अवशेष 10 लैब के बीजक, अधिकृत किये गये होटल/आश्रम के आवासीय एवं भोजन के बीजक, प्रयुक्त वाहन के ईधन के बीजक आदि का भुगतान तत्समय न होने के कारण उक्त बीजक कुल रू0 23.0993 करोड़ (रू० तेईस करोड़ नो लाख तिरानवें हजार मात्र) वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2023-24 में राज्य आपदा मोचन निधि मद से अवमुक्त किये जाने के प्रस्ताव के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

19- दो से अधिक जीवित संतान वाले व्यक्तियों हेतु त्रिस्तरीय पंचायतों की सदस्यता के लिए अनर्हता सम्बन्धी उपबन्ध विषयक।
उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा 8 (1) (द). 53 (1) (द) एवं धारा 90(1) (द) में वर्णित दो से अधिक जीवित संतान वाले व्यक्तियों के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों की सदस्यता के लिए अनर्हता सम्बन्धी उपबन्धित व्यवस्था को प्रतिस्थापित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक, 2024 प्रख्यापित किये जाने के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

20- पुलिस विभाग में समस्त संवर्ग के आरक्षियों (कान्स्टेबल) की सेवा नियमावली में एकरूपता लाये जाने के उद्देश्य से आरक्षी, चालक की वरिष्ठता अपने मूल संवर्ग में मौलिक नियुक्ति की तिथि से निर्धारित किये जाने एवं परिवहन शाखा में पूर्व में अपने मूल संवर्ग से स्थानान्तरित हो कर नियुक्त आरक्षी चालकों को एक बार अपवाद स्वरूप अपने मूल संवर्ग में वापस जाने पर पदोन्नति के अवसर प्राप्त होने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड पुलिस मोटर परिवहन शाखा अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

21- पेराई सत्र 2023-24 हेतु गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य एवं गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर निर्धारित किये जाने के सम्बन्ध में।
पेराई सत्र 2023-24 हेतु राज्य सरकार द्वारा विगत पेराई सत्र 2022-23 हेतु निर्धारित गन्ना मूल्य में रू० 20.00 प्रति कुन्तल की वृद्धि करते हुए गन्ने की अगेती प्रजाति हेतु रू० 375.00 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) तथा सामान्य प्रजाति हेतु रू० 365.00 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) निर्धारित किये जाने एवं विगत पेराई सत्र सत्र 2022-23 की भांति पेराई सत्र 2023-24 हेतु भी गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर रू० 5.50 प्रति कुन्तल निर्धारित किये जाने एवं इसके फलस्वरूप गन्ना विकास समिति के कार्मिकों के वेतन इत्यादि देयकों के भुगतान हेतु रु० 136.48 लाख (रू० एक करोड़ छत्तीस लाख अड़तालीस हजार मात्र) की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
22- एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल 01 वर्ष विस्तारित किये जाने के संबंध में।
राज्य के भीतर प्रति स्थानीय निकायों में पिछडेपन की प्रकृति और निहितार्थों की समसामयिक कठोर अनुभवजन्य जांच (contemporaneous rigorous empirical inquiry) कराये जाने हेतु गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल आगामी 01 वर्ष अर्थात् 31 जनवरी, 2025 तक के लिए बढ़ाये जाने के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट को नए साल में लगेंगे पंख

उत्तराखंड के लिए नया साल 2024 नई उम्मीदें लेकर आएगा। खासकर सड़क परिवहन को लेकर स्वीकृत और प्रस्तावित पांच बड़ी योजनाएं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हैं। इन योजनाओं को धरातल पर उतारने में धामी सरकार भी नए साल में संकल्पकृत हैं। खासकर पर्यटन के लिहाज से 4 बड़ी रिंग रोड और जाम से मुक्ति दिलाने वाले 6 रोड ओवर/अंडर ब्रिज योजनाओं के जमीन पर उतरने की उम्मीदें हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की कमान संभालते ही पर्यटन और तीर्थाटन को प्राथमिकता में रखा है। इनमें केदारखंड क्षेत्र के धामों और पर्यटन स्थलों को सड़क, पार्किंग, सुरक्षा कार्य, सौंदर्यीकरण आदि के रूप में संवारने का काम जारी है। जबकि मानसखंड में संवारने पर काम चल रहा है। बाबा केदारनाथ में 327 करोड़ के 47 बड़े काम में से 6 पूरे हो गए हैं। कुछ का पर कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। सभी कार्यों को सितंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए बर्फबारी के बीच भी कई काम केदारनाथ में चल रहे हैं। इसी तरह भगवान बदरीनाथ धाम में 399 करोड़ से 32 कार्य किये जा रहे हैं। यहां अभी तक कुछ बड़े कार्य पूरे हो गए हैं। बाकी कार्य प्रगति पर हैं, जो अक्टूबर तक पूरे कर लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मानसखंड को भी देवभूमि के तीर्थाटन और पर्यटन की मुख्य धारा से जोड़ने की शुरुआत हो गई है। यहां मानस खण्ड मंदिर माला योजना के तहत प्रथम चरण में प्रसिद्ध 16 मंदिरों को जोड़ने वाली लगभग 500 किमी से ज्यादा दूरी के 20 मार्गों पर करीब एक हजार करोड़ खर्च प्रस्तावित हैं। योजनाओं पर काम शुरू हो गया हैं। यह कार्य भी नए साल में धरातल पर उतर जाएंगे। इससे देवभूमि में सुगम और सुरक्षित तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन को पंख लगेंगे।

टिहरी झील किनारे बनेगी 234 किमी लंबी सड़क
उत्तराखंड में टिहरी झील के विकास को लेकर मुख्यमंत्री धामी खासे गंभीर हैं। यहां जलक्रीड़ा और साहसिक गतिविधियों के अलावा वर्षभर पर्यटन से जोड़ने की योजना है। इसके लिए देहरादून से सुरंग मार्ग भी प्रस्तावित है। जबकि मसूरी, धनोल्टी, ऋषिकेश, नरेंद्रनगर, चम्बा सर्किट पर भी काम चल रहा है। इन्हीं योजनाओं में महत्वपूर्ण टिहरी झील के चारों तरफ 234 किमी रिंग रोड निर्माण प्रस्तावित है। इस योजना को धामी सरकार में स्वीकृति मिलने के बाद प्रथम चरण में 152 करोड़ के आगणन पर कार्य चल रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर धामी सरकार प्रथामिकता के साथ काम कर रही है। इस योजना के बनने से टिहरी बांध झील वर्षभर पर्यटन गतिविधियों का केंद्र रहेगी।

जाममुक्ति को तीन शहरों में बनेगी रिंग रोड
राज्य में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राजधानी देहरादून, धर्मनगरी हरिद्वार और पर्यटन नगरी हल्द्वानी में रिंग रोड का निर्माण सरकार की प्रथामिकता में शामिल है। हल्द्वानी में रिंग रोड के प्रथम चरण के कार्यों की स्वीकृति मिल गई हैं। जल्द यहां कार्य शुरू होंगे। जबकि हरिद्वार और देहरादून रिंग रोड की एनएचएआई डीपीआर बनाने में कार्य कर रही है। इन तीन शहरों में लम्बे अरसे से रिंग रोड की जरूरत महसूस हो रही है। लेकिन बजट और तकनीकी अड़चनें आने से योजनाएं परवान नहीं चढ़ पाई। लेकिन 2024 में इन योजनाओ के धरातल पर उतरने की उम्मीदें हैं।

राज्य में 6 रोड ओवर और अंडर ब्रिज बनेंगे
शहर में जाम और वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दून, हरिद्वार और हल्द्वानी में 6 रोड ओवर और अंडर ब्रिज सेतु बंधन योजना से स्वीकृत कराए हैं। इन ब्रिज के लिए भारत सरकार से 194 करोड़ रुपये स्वीकृत हो गए हैं। लोनिवि के एचओडी दीपक यादव का कहना है कि नए साल में सभी ओवर और अंडर ब्रिज पर काम शुरू करने का लक्ष्य है। इनमें दून के धर्मपुर से हरिद्वार बायपास माता मंदिर रोड, हरिद्वार में ज्वालापुर से अम्बुवाला धनपुरा मार्ग, लक्सर में रुड़की से बालावाली मार्ग तथा नैनीताल में वनभूलपुरा से शनिबाजर मंडी गेट के बीच, गदरपुर से दिनेशपुर, मदकोटा से हल्द्वानी के बीच अंडर रोड ब्रिज बनेंगे। यह कार्य भी 2024 में धरातल पर दिखेंगे।

देवभूमि के केदारखण्ड और मानसखंड के विकास को लेकर सरकार काम कर रही है। तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा मिले, इसके लिए सड़क, पुल और जरूरी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। 2024 में राज्य के कई ड्रीम प्रोजेक्ट धरातल पर दिखेंगे। इसके लिए सरकार दिनरात काम कर रही है। सरकार लक्ष्य के साथ समय पर काम पूरा करने में जुटी हैं। रिंग रोड और ओवर ब्रिज बनने से सुगम परिवहन के साथ जाम से मुक्ति मिलेगी।
’’पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड’’

जनता से किये वादों को पूरा करने के लिए एक माह में लिये महत्वपूर्ण फैसले

उत्तराखण्ड की धामी-2 सरकार ने आज अपना एक माह का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस अवधि में मुख्यमंत्री धामी अटैकिंग मोड में रहे। उनका जोर प्रशासनिक सुधार और सुशासन पर रहा। जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन को लेकर उन्होंने सख्त संदेश दिए। कई कड़े फैसलों से भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया। भ्रष्टाचारियों की सीधी शिकायत के लिए भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064’ भी लॉच किया गया। समान नागरिक संहिता को लागू करने और बाहरी नागरिकों के वैरिफिकेशन पर की गई ठोस पहल की गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 नवम्बर 2021 को केदारनाथ धाम में आदिगुरू शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का होगा। मोदी जी की इस सोच को सूत्रवाक्य मानकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सधे कदमों से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अगले एक दशक में उन्हें मोदी जी के इस सपने को हकीकत में बदलना है लिहाजा, अपनी दूसरी पारी में सूझबूझ के साथ वह अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। अब तक कई ऐसी पहल कर चुके हैं जो आगे चलकर उत्तराखण्ड की तरक्की में मील का पत्थर साबित होंगे। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने पहली कैबिनेट में ही अपने इरादे साफ कर दिए। समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर चुनाव से पूर्व किए अपने वायदे को पूरा करने की दिशा में उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाया। धामी 2.0 सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिये विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी। न्यायविदों, सेवानिवृत्त जजों, समाज के प्रबुद्ध जनों और अन्य स्टेकहाल्डर्स की एक कमेटी गठित की जाएगी जो कि उत्तराखण्ड राज्य के लिये यूनिफार्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री धामी जानते हैं कि देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं शांतिपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिये जरूरी है कि अराजक तत्व राज्य में प्रवेश न कर पाए। इसके लिये उन्होंने प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर नागरिकों का सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, जिस पर अमल शुरु कर दिया गया है।
तीर्थाटन को बढ़ावा मिले इसके लिए चारधाम सर्किट में आने वाले सभी मंदिरों और गुरूद्वारों में भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई गई है। कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की शुरूआत जल्द होने वाली है। मिशन मायापुरी के अंतर्गत हरिद्वार को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी और विश्व में आध्यात्मिक पर्यटन के लिये सबसे बड़े स्थलों के रूप में बदलने के लिये उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के निर्माण का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी जनहित से जुड़े कई कल्याणकारी फैसले भी ले चुके हैं। निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत अब पात्र पति व पत्नी दोनों को लाभ मिल सकेगा। इतना ही नहीं वृद्धावस्था, निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान तथा दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत प्रदत्त दर 1200 रूपये प्रतिमाह में 300 रूपये की वृद्धि की गई है। अब इनमें प्रतिमाह 1500 रूपये पेंशन प्राप्त होगी।
बुनियादी सुविधाओं के विकास पर भी मुख्यमंत्री धामी लगातार ध्यान दे रहे हैं। उनकी मजबूत पहल पर केंद्र सरकार ने एन.एच. 72 के पांवटा साहिब-बल्लूपुर (देहरादून) खण्ड के उन्नयन और फोर लेन के निर्माण के लिये 1093.01 करोड़ रूपये के बजट की स्वीकृति दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिये पर्वत माला परियोजना का खाका तैयार कर लिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में ट्रेफिक समस्या को दूर करने के लिये पार्किंग सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। सर्फेस पार्किंग के साथ ही मल्टीस्टोरी पार्किंग, केविटी पार्किंग व टनल पार्किंग भी विकसित किये जाने की योजना है। महिला सशक्तीकरण धामी सरकार की प्राथमिकता में है। महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिये एक विशेष कोष गठित करने का निर्णय ले लिया गया है। चुनाव पूर्व जनता से किया गया तीन सिलेण्डर मुफ्त देने के वायदे को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखण्ड राज्य में संचार नेटवर्क की अहमियत धामी सरकार को पता है। लिहाजा, उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में 4 जी/5 जी मोबाईल नेटवर्क एवं हाई स्पीड ब्राडबैंड व फाइबर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करायी जाने का प्रस्ताव बन चुका है। किसानों का सामाजिक स्तर उठाने और उनकी आय दोगुना करने के उद्देश्य से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर ’सीएम किसान प्रोत्साहन निधि’ की शुरूआत की जा रही है। साथ ही धामी सरकार उत्तराखण्ड को जैविक प्रदेश बनाना चाहती है, इसके लिए एक अखिल भारतीय बाजार बनाने को ’उत्तराखण्ड आर्गेनिक्स ब्रांड’ बनाया जा रहा है।
इसमें कोई दोराय नहीं कि उत्तराखण्ड के सीमावर्ती गांवों के नागरिकों का देश की सुरक्षा में भी खासा महत्व है। उन्हें सेकेण्ड डिफेंस लाइन भी कहा जाता है। इस महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री धामी ने अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों से पलायन रोकने और सुविधायें मुहैया करवाने की जोरदार पहल की है। इसके तहत ’हिम प्रहरी योजना’ के जरिए राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के निकटवर्ती जिलों में बसने के लिये सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी सुशासन पर कड़ा संदेश दे चुके हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस उनकी सरकार की प्राथमिकता है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064 का शुभारम्भ किया गया है।
स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दे रहे हजारों पर्यावरण मित्रों का एक दिन का मानदेय बढ़ाकर 500 रूपये कर दिया गया है। इसके अलावा, कारवां टूरिज्म द्वारा पर्यटकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए पॉलिसी बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ जा रहा है। लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने शिक्षा मित्रों के मासिक मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए किया है। धामी जनता से सीधा संवाद बनाए हुए हैं, एक माह की अवधि में मुख्यमंत्री लगातार आमजन से मिलकर उनकी शिकायतों का निस्तारण कर रहे हैं।

विभिन्न कार्यों हेतु सीएम ने प्रदान की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय उफरैखाल, पौड़ी गढ़वाल में महिला छात्रावास के भवन निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 93 लाख, राजकीय महाविद्यालय, पाबौ पौड़ी गढ़वाल के महिला छात्रावास भवन निर्माण हेतु 3 करोड़ 85 लाख रूपये, व्यासी जल विद्युत परियोजना में पूंजीगत व्यय हेतु अंशपूंजी के रूप में 56 करोड़ रूपये, जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड बीरोंखाल की वेदीखाल (जीओवी) पम्पिंग पेयजल योजना हेतु 22 करोड़ 85 लाख रूपये, जनपद देहरादून अन्तर्गत मानसून अवधि में बाढ़ प्रभावित 08 कार्यों / क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण हेतु 19 करोड़ 21 लाख रूपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में चम्पावत-खेतीखान मोटर मार्ग के किमी 02 में ट्रैक रूट का निर्माण हेतु 99.45 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र लक्सर के अन्तर्गत विभिन्न 08 कार्यों हेतु 2 करोड़ 39 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र यमुनोत्री के अन्तर्गत विभिन्न 05 निर्माण कार्यों हेतु 2 करोड़ 27 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र थराली के अन्तर्गत विभिन्न 07 निर्माण कार्यों हेतु 2 करोड़ 82 लाख रूपये, जनपद पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में सिविल जज न्यायालय के स्टाफ के आवासीय भवनों (टाईप-1 एवं 2) के निर्माण हेतु 1 करोड़ 52 लाख रूपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता, रायपुर, देहरादून में असिस्टेंट प्रोफेसर के 03 पदों के सृजन हेतु भी स्वीकृति प्रदान की है।

उत्तराखंड देश दुनिया के लिए बेस्ट शूटिंग डेस्टिनेशन-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को चकराता रोड़ स्थित स्थानीय होटल में बॉलीवुड फ़िल्म “बूंदी रायता” के मुहूर्त शॉर्ट का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश दुनिया के लिए बेस्ट शूटिंग डेस्टिनेशन है, राज्य सरकार ने फ़िल्म निर्माताओं के लिए अनुकूल वातावरण बनाया है ताकि उन्हें प्रदेश में कोई परेशानी ना हो और फ़िल्म शूटिंग सम्बंधी अनुमति एवं अन्य कार्य आसानी से हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फ़िल्म नीति को भी संशोधित किया गया है जिसके बाद से प्रदेश में बड़ी तदात में फ़िल्मों की शूटिंग हो रही है। इस दौरान विधायक विनोद चमोली, फ़िल्म जगत से जुड़े अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री बोले, जहां आऊंगा वहां दफ्तरों का करूंगा औचक निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को रुड़की स्थित नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में कुल 5871.17 लाख की 56 योजनाओं का लोकार्पण एवं 1206.99 लाख की कुल 11 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाना चाहती है, इसके लिए राज्य के विकास का अगले 10 वर्ष का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा रुड़की में मिनी स्टेडियम और जिला अस्पताल बनाने समेत कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रुड़की का अपना अद्भुत इतिहास है। सबसे पुरानी सैन्य छावनी और आईआईटी औद्योगिक संस्थान यहां स्थित है। इस ऐतिहासिक नगर के विकास में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की कार्य संस्कृति में सुधार किया जा रहा है। अधिकारियों की जनता के प्रति जवाबदेही तय करने के लिए उन्हें हर कार्य दिवस पर सुबह 10 से 12 बजे तक जनसुनवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार नो पेंडेंसी को आधार बनाकर कार्य करेगी। दफ्तरों में ज्यादा मामले लंबित तो नहीं हैं इसे देखने के लिए मैं खुद जहां जाऊंगा वहां औचक निरीक्षण करूंगा। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रधामनंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों में देश सुरक्षित है। उनके कार्यकाल में देश ने विकास के नए आयाम स्थापित किए और दुनिया में भारतवर्ष का गौरव भी बढ़ा। हमारी राज्य सरकार भी मोदी जी के पदचिन्हों पर चलते हुए उत्तराखण्ड की निरंतर प्रगति कर रही है। हमारी सरकार ने कोरोना से प्रभावित सभी क्षेत्रों के लोगों को राहत पैकेज की घोषणा की है। पर्यटन, स्वास्थ्य, परिवहन और आजीविका के क्षेत्र में राज्य सरकार ने करोड़ों की राहत राशि प्रदान की है। कोरोना की लड़ाई में अभूतपूर्व योगदान देने वाले कार्मिकों को भी सम्मान राशि देकर प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा शुरू न हो पाने से लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। सरकार जल्दी से जल्दी यात्रा शुरू करवाने के गंभीर प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण तथ्य और दस्तावेज पेश करेगी।

विधानसभा वार शिलान्यास एवं लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने रुड़की विधानसभा हेतु कुल 2413.07 लाख की 29 योजनाओं का लोकार्पण एवं 274.85 लाख की 3 योजनाओं का शिलान्यास किया। झबरेड़ा विधानसभा हेतु कुल 3212.07 लाख की कुल 25 योजनाओं का लोकार्पण एवं 727.12 लाख की कुल 7 योजनाओं का शिलान्यास किया गया। भगवानपुर विधानसभा हेतु 246.03 लाख की 2 योजनाओं का लोकार्पण किया। इसके अलावा पिरान कलियर विधानसभा हेतु 205.02 लाख की 1 योजना का शिलान्यास किया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रुड़की क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं भी की। जिसके तहत विधानसभा क्षेत्र रुड़की के अंतर्गत नेहरू स्टेडियम रुड़की को सुदृढ़ीकरण कर मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित किया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र रुड़की के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की को ब्लॉक एवं विद्यालय स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजनों हेतु स्कूल के ग्राउंड में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की स्थापना, के साथ ही इंडोर बैडमिंटन कोर्ट, बास्केटबॉल कोर्ट और रनिंग ट्रैक बनाया जाएगा। रुड़की विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जल संस्थान रुड़की सीवरेज योजना के तहत रख रखाव एवं अनुरक्षण कार्य हेतु धन राशि प्रदान की जाएगी। सिविल लाइन रुड़की में नजूल भूमि के सम्बंध में जांच कराकर नए सिरे से शासनादेश जारी किया जाएगा। रुड़की स्थित संयुक्त चिकित्सालय की कमियों को दूर करते जिला अस्पताल में उच्चीकृत किया जाएगा।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानंद, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, स्थानीय विधायक प्रदीप बत्रा, विधायक लक्सर संजय गुप्ता, विधायक खानपुर कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, विधायक झबरेड़ा देशराज कर्णवाल एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

उपनल कर्मचारियों का मसला फिर लटका, मलिन बस्तियों पर मेहरबानी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। 23 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा मानसून सत्र के लिए सरकार ने 5374 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को मंजूरी दी है। सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में 21 प्रस्तावों में से 20 पर मुहर लग गई। कैबिनेट मंत्रियों ने मलिन बस्तियों को तीन साल और सुरक्षा कवच देने का फैसला लिया है। उत्तराखंड की 584 मलिन बस्तियों को तीन साल के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान से सुरक्षा कवच मिल गया।

सरकार ने मलिन बस्तियों में वर्ष 2024 तक अतिक्रमण न हटाने का निर्णय किया है। वर्ष 2018 में भी सरकार तीन साल तक अतिक्रमण अभियान से अलग रखने का निर्णय किया था। वह अवधि इस साल अक्टूबर में समाप्त हो रही थी। जाति प्रमाणपत्र में बंगाली समुदाय से पूर्वी पाकिस्तान शब्द भी हटाया जाएगा। कैबिनेट मीटिंग में डिग्री कॉलेज का मामले पर भी विचार-विमर्श किया गया। सरकार ने प्रदेशभर के डिग्री कालेज के गेस्ट टीचर का मानदेय बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया है। अब तक यह दर अलग-अलग थी।

दूसरी तरफ, उपनल कर्मचारियों के मानदेय संशोधन का मामला एक बार फिर लटक गया जिसके बाद कर्मचारियों में इससे नाराजगी है। काफी लंबे से मांगों के निस्तारण नहीं होने की वजह से कर्मचारियों में रोष है। उपनल कर्मचारियों के मानदेय का प्रस्ताव कैबिनेट एजेंडे में शामिल न होने पर मंत्रियों ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई। उपनल सब कमेटी अध्यक्ष श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने दो टूक कहा कि जब प्रस्ताव समय पर आने ही नहीं है तो फिर सब कमेटी बनाने का लाभ ही क्या?

बेटी की शादी में के लिए आसानी से मिलेगी सहायता
कैबिनेट ने विधवा महिला की बेटी की शादी के लिए अनुदान प्राप्त करने के लिए सालाना पारिवारिक आय सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 48 हजार कर दी है। आय सीमा बढ़ने से अधिक पात्र महिलाएं योजना का लाभ उठा पाएंगी। प्रदेश में विधवा पेंशनर को प्रति माह 12 सौ रुपए की पेंशन प्रदान की जाती है। इसके साथ ही सरकार ऐसी महिलाओं की बेटी की शादी के लिए पचास हजार रुपए की सहायता प्रदान करती है। लेकिन इसके लिए पारिवारिक आय सीमा अब तक 15 हजार रुपए सालाना थी, अब इसे 48 हजार सालाना कर दिया गया है। प्रदेश में इस श्रेणी में एक लाख 78 हजार महिला पेंशनर हैं।