देहरादून की सड़कों की जाय अविलम्ब मरम्मत, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रदेश में भारी वर्षा से उत्पन्न आपदा की स्थिति की मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिवों सहित शासन के उच्चाधिकारियों के साथ जनपदवार गहन समीक्षा की। प्रदेश के सभी जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आपदा प्रभावितों को वितरित किये जाने वाले मुआवजे में व्यावहारिकता का ध्यान रखने तथा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को हेली सेवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बरसात के तुरन्त बाद प्रदेश की सड़कों की मरम्मत का कार्य प्रारम्भ करने तथा देहरादून की सड़कों अविलम्ब आवश्यक मरम्मत करने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सड़कों की मरम्मत से संबंधित डी.पी.आर. एवं टेंडर आदि की प्रक्रिया अभी से प्रारम्भ कर दी जाए ताकि बरसात समाप्त होते ही प्रदेश भर में सड़को की मरम्मत का कार्य आरम्भ हो सके। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को वितरित किये जाने वाले मुवावजे में व्यवहारिकता ध्यान रखे जाने पर बल देते हुए अधिकारियों को आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों का मददगार बनने को कहा। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से नदियों के जलस्तर, लैंडस्लाइड, बन्द सड़कों, जानमाल की क्षति मुआवजा वितरण आदि की गहनता से समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि राजमार्गों के साथ ग्रामीण सड़कों को खोलने की सुचारू व्यवस्था के साथ आवश्यक उपकरणों की प्रभावित स्थलों पर व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन की गाइड लाईन का गहनता से अध्ययन कर तदनुसार आपदा राहत हेतु निर्धारित मानकों से विभागों के स्तर पर राहत वितरण की कार्यवाही सुनिश्चत किये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने प्राइमरी स्कूलों एवं आंगनबाडी के भवनों की आवश्यक मरम्मत पर भी ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़क एवं स्कूल भवनों की मरम्मत के लिये धनराशि की कमी नही होने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा पीड़ितों को खाद्यान, दवा, पेयजल आदि की निरन्तर आपूर्ति के साथ जलभराव वाले क्षेत्रों में बिजली के करेंट से कोई दुर्घटना न होने पाये यह भी सुनिश्चित किये जाने को कहा। उन्होंने शेल्टर होम में रहने वालों की भी पूरी मदद करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 09 अगस्त से 15 अगस्त तक प्रदेश में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान को राज्य में सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने 15 अगस्त को हर घर तिरंगा कार्यक्रम की सफलता की भी कार्ययोजना बनाने को कहा तथा इसे जन आंदोलन बनाये जाने पर बल देते हुए इसमें सभी संगठनों, संस्थाओं का सहयोग लेने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव को राज्य में बेहतर ढंग से आयोजित किया गया है अब आजादी का अमृतकाल शुरू हो रहा है इस आयोजन को भी हमें सामूहिक प्रयासों से आयोजित करने पर ध्यान देना होगा।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ0 रंजीत कुमार सिन्हा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से राज्य को आपदा मद में उपलब्ध करायी गयी धनराशि, प्रदेश में आपदा की स्थिति तथा भारी वर्षा के कारण फसलों आदि को हुए नुकसान तथा आपदा राहत हेतु जिलाधिकारियों को उपलब्ध करायी गयी धनराशि आदि की जानकारी दी।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डी.जी.पी. अशोक कुमार, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, विनय शंकर पाण्डेय, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज पाण्डेय, वी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. राजेश कुमार, दीपेन्द्र चौधरी, रणवीर सिंह, महानिदेशक शिक्षा एवं सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य उच्चाधिकारी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने चमोली जिले का दौरा कर प्रभावितों का दर्द जाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चमोली जिले के आपदा प्रभावित डुंग्री गांव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन में लापता दो लोगों के परिजनों से भेंट करते हुए परिवार को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने डुंग्री गांव में आपदा से हुए नुकसान का जायजा भी लिया और अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिए। भरोसा दिया कि किसी भी संसाधन की कमी नही होने दी जाएगी। सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ पर्यटन एवं जिला प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धनसिंह रावत भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित गांव रैणी एवं लाता में स्थिति का जायजा लिया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित सीमांत गांव रैणी एवं लाता जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए कि कनेक्टीवीटी से कट गए गांवों में आवश्यक वस्तुओं की कमी न रहे। रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में जोशीमठ ब्लॉक के लगभग 1 दर्जन गांवों का सड़क से सम्पर्क टूट गया था।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आईटीबीपी अस्पताल में आपदा में घायल हुए लोगों से मिलकर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से घायलों के ईलाज के बारे में जानकारी प्राप्त की।

गौरतलब है कि सोमवार देर सांय मुख्यमंत्री तपोवन जोशीमठ पहुंचे थे। वहां उन्होंने आपदा राहत कार्यों का जायजा लिया और राहत कार्यों में लगे सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही देर सांय विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे रेस्क्यू आपरेशन की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने तपोवन, जोशीमठ में ही रात्रि प्रवास किया था।

मंगलवार को भी सर्च व रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा
चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के तीसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा मे सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी (अपराह्न 12 बजे तक की रिपोर्ट) के अनुसार घटना के बाद 31 शव मिल गए हैं जबकि 175 लोग अभी लापता हैं। प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 190, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं। एक हेलीकाप्टर द्वारा एनडीआरएफ की टीम औश्र 03 वैज्ञानिकों को भेजा गया है। स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 03 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं।

आपदा से 05 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 13 गांवों में बिजली प्रभावित हुई थी, इनमें से 11 गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है। शेष 2 गांवों में अभी लाईन क्षतिग्रस्त है। इसी प्रकार 11 गांवों में पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त हुई थीं, इनमें से 8 गांवों में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। शेष 03 पर भी काम चल रहा है।

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