नमामि गंगे परियोजना से गंदे नालों को टेप करने में मिली मदद-विस अध्यक्ष

नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत चंद्रेश्वर नगर में निर्मित 7.5 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, उत्तराखंड पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया।
एसटीपी प्लांट के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री ने प्लांट से संबंधित सभी जानकारियां पेयजल निगम के अधिकारियों से प्राप्त की। प्रहलाद पटेल ने पांच मंजिला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य क्षमता देखकर इस पर संतोष जताया। कहा कि गंगा में मिलने वाले दूषित नालों को रोकना और शोधित करना एक बड़ी चुनौती है, नमामि गंगे परियोजना इस दिशा में काफी हद तक सफल रही है। उन्होंने कहा की ऋषिकेश व हरिद्वार शहर में दूषित नालों को रोकने और सीवर शोधन के लिए पर्याप्त क्षमता के एसटीपी बनाए गए हैं। ऋषिकेश में लक्कड़घाट का एसटीपी 26 एमएलडी का बनाया गया है, जो अपने आप में बहुत बड़ा प्लांट है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट आसपास की आबादी की अगले कई सालों की जरूरत पूरी कर सकते हैं। सभी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बेहतर ढंग से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा की उच्च स्तर पर इनकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग होती रहे।
चंद्रेश्वर नगर में तीन नालो श्मशान घाट, चंद्रेश्वर नगर एवं ढालवाला नाला से अनुपचारित गंदा पानी सीधे गंगा नदी में मिलकर गंगा जल को प्रदूषित कर रहा था। तीनों नालों को टैप कर सीवेज पंपिंग स्टेशन के माध्यम से 7.5 एमएलडी एसटीपी तक शोधन हेतु पहुंचा कर उपचारित किया जा रहा है। एसटीपी प्लांट स्थल घनी आबादी के बीच स्थित होने एवं संयंत्र हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध ना होने के कारण इसका डिजाइन मूविंग बेड बायोफिल्म रिएक्टर तकनीक के अनुसार बनाया गया जो कि अपने तरह का एकमात्र बहुमंजिला एसटीपी प्लांट है। 41.13 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 7.5 एमएलडी एसटीपी प्लांट द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन 5 एमएलडी सीवेज शोधन किया जा रहा है। इस तकनीकी पर आधारित एसटीपी प्लांट में प्राइमरी शोधन यूनिट, एमबीबीआर रिएक्टर, सेकेंडरी क्लेरिफायर, डिसइन्फेक्शन यूनिट एवं सलज डिवाटरिंग यूनिट सम्मिलित है।
विधानसभा अध्यक्ष एवं अन्य मंत्रियों द्वारा केंद्रीय राज्यमंत्री के ऋषिकेश आगमन पर पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों के समक्ष केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री से एसटीपी प्लांट से घनी आबादी में होने वाली आवाज की समस्या के निदान पर भी बातचीत की। वही अग्रवाल ने शोधित जल को गिलास में लेकर उसकी शुद्धता के बारे में भी जानकारी ली।
इस अवसर पर पेयजल निगम के चीफ इंजीनियर केके रस्तोगी, चीफ इंजीनियर एस सी पंत, नमामि गंगे के तकनीकी निदेशक प्रवीण कुमार, जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता नमित रमोला एवं अन्य अधिकारी सहित ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, पार्षद शिव कुमार गौतम, कविता साह, सीमा रानी, उषा जोशी, सुमित पवार, प्रदीप कोहली, जयंत शर्मा, एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

आखिर 12 लाख परिवारों को जल्द मिलेंगा पानी का कनेक्शन

राज्य सरकार ने आम आदमी को राहते देते हुए फैसला लिया है कि उत्तराखंड में पानी के कनेक्शन से वंचित 12 लाख परिवारों को जल्द ही अपना कनेशक्न मिलेगा। जल जीवन मिशन के तहत इन परिवारों को पानी का कनेक्शन देने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस बाबत राज्य जल स्वच्छता मिशन ने राज्य से जिले स्तर तक एक्शन प्लान बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 12 लाख परिवार ऐसे हैं जो आज भी सार्वजनिक नल, स्टैंड पोस्ट, गूल, नहर, गदेरों से पानी लेकर प्यास बुझा रहे हैं। खासकर पर्वतीय जिलों के दूरस्थ इलाकों में ऐसे परिवारों की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है। सूबे में अब तक आई सरकारें इन घरों में पानी का कनेक्शन देने में नाकाम रही हैं। पानी की इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने हर घर नल योजना शुरू की है। इस योजना में 2024 तक हर घर में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में भी 12 लाख परिवारों को कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके लिए सर्वे का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस बाबत प्राथमिक तौर पर 6,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया गया है, हालांकि इसमें लागत घटाई बढ़ाई जा सकती है। इस रकम से इंफ्रास्ट्रक्चर (पेयजल लाइन, ओवरहेड टैंक, नलकूप आदि) विकसित किया जाएगा। वहीं पेयजल निगम और जल संस्थान को जिला एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। फिर राज्य का एक्शन प्लान तैयार होगा। राज्य जल स्वच्छता मिशन के मुख्य अभियंता योगेंद्र सिंह ने बताया कि हर घर नल योजना को सफल बनाने के लिए जल संस्थान और जल निगम की मदद से एक्शन प्लान तैयार हो रहा है।