आखिर जिला प्राधिकरण की आड़ में त्रिवेन्द्र ने तीरथ पर साधा निशाना

अपनी गद्दी जाने के बाद से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने राजनीतिक कार्यों से अधिक अपने बयानों से मीडिया में सक्रिय रहे हैं। इस बार उन्होंने अपना जिला प्राधिकरणों को लेकर दिया है। ज्ञातव्य हो कि त्रिवेंद्र सरकार द्वारा गठित जिला प्राधिकरणों को तीरथ सरकार ने स्थगित कर दिया था।
अब जोशीमठ आपदा के बाद जब धामी सरकार ने इन प्राधिकरणों को पुनः प्रारंभ किया तो त्रिवेंद्र सिंह अपनी पीठ ठोकने के चक्कर में फिर से गच्चा खा गए और पुनः एक अनावश्यक बयान दे डाला और कहा कि “कभी कभी कम योग्य व्यक्तियों को कोई बड़ा पद मिल जाता है तो ऐसा ही होता है। अब ये देखना बड़ा ही रोचक है कि आखिर क्यों त्रिवेंद्र रावत ने तीरथ सिंह पर निशाना साधा?
सूत्रों का ये भी कहना है कि राज्य में अपने राजनीतिक कैरियर को खत्म होता देख त्रिवेंद्र रावत अब संसद सदस्य बनना चाहते हैं, और जो एक सीट वर्तमान में उनको अपने लिए थोड़ी मुफीद जान पढ़ रही है वो पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पौड़ी सीट है। पर इस सीट पर दावा ठोकने के लिए त्रिवेंद्र रावत ने जिस “बयान“ का सहारा लिया है, वो अब उनके लिए ही गले की हड्डी बन गया है क्योंकि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पहले ही त्रिवेंद्र को अपने अनावश्यक बयानों से बचने के लिए आगाह कर चुका है। पर त्रिवेंद्र तो त्रिवेंद्र ठहरे… उन्होंने फिर से जो मन में था वो बोल डाला।
खैर अब जो भी हो पर ये पक्का है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की राजनीति ऐसे बयानों के बाद शायद ही भविष्य में फिर से परवान चढ़ सके, इसीलिए शायद कहा गया है कि “जिसका जबान पर संयम नहीं राजनीति उसके लिए नहीं“।
अब ये देखना रोचक रहेगा कि आसन्न लोकसभा चुनावों को देखते हुए आलाकमान त्रिवेंद्र के बयानों को कितनी गंभीरता से लेता है और उनके भविष्य पर क्या फैसला करता है।

आप के बढ़ते जनाधार से भाजपा में घबराहटः डा. नेगी


आम आदमी पार्टी के ऋषिकेश विधानसभा प्रभारी डॉ राजे सिंह नेगी ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर बड़ा हमला कर सियासत के मैदान को गरमा दिया है।

आज पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित हुई। इसमें विधानसभा प्रभारी डॉ नेगी ने राज्य को चार साल पीछे ढकेलने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजस्व घाटे के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत दोषी हैं।अपने कार्यकाल में उन्होंने कोई विकास कार्य नही किया।नतीजतन, भाजपा को उन्हें सीएम से हटाने पर मजबूर होना पड़ा।विधानसभा सभा प्रभारी ने कहा कि त्रिवेन्द्र रावत कहते हैं कि घोषणा करने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री को होता है तो वो जनता को बताएं कि आपकी कितनी घोषणाएं आज तक पूरी हुई। आप के नेता नेेगी ने दावा किया की आप पार्टी के बढते जनाधार से बीजेपी घबरा गई है।

कहा कि बीजेपी एक जुमलेबाज पार्टी है जिसके जुमलों से अब जनता बोर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आप पार्टी काम की राजनीति करने वाली पार्टी है, आप जो कहती है वो करके दिखाती है और इस बार काम के नाम पर वोट पडेंगे। पत्रकार वार्ता में संगठन मंत्री दिनेश असवाल, जिला उपाध्यक्ष चंद्रमोहन भट्ट, जिला उपाध्यक्ष महिला मोर्चा सीता पयाल कार्यालय प्रभारी सरदार निर्मल सिंह सोशल मीडिया प्रभारी सुनील सेमवाल आदि उपस्थित थे।

हक हकूकधारियों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह के खिलाफ की बैठक, बयान को बताया बौखलाहट

चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महा पंचायत समिति ने आज पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान का विरोध किया। महामंत्री हरीश डिमरी ने बताया कि हक हकूकधारी किसी पार्टी विशेष के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह का यह बयान कि जो लोग देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं कांग्रेसी हैं, सरासर गलत है। कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र जब से कुर्सी से हाथ धो बैठे हैं गलत और बेवजह की बयानबाजी कर रहे हैं। यह उनकी बौखलाहट है।

समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल और महामंत्री हरीश डिमरी ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान का भी विरोध किया है। बताया कि सतपाल महाराज द्वारा यह कहना कि देवस्थानम बोर्ड में सभी तीर्थ पुरोहितों के हक सुरक्षित हैं, यदि ऐसा होता तो तीर्थ पुरोहित सड़कों पर आंदोलन नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार आश्वासन दे रहे है कि बोर्ड का पुनर्विचार किया जाएगा। मगर बोर्ड को बनाने के लिए हरी झंडी दे दी गई। इससे हक हकूक धारियों में आक्रोश है।

चारों धामों की कृपा से सत्ता परिवर्तन हुआ, देवस्थानम बोर्ड को पुनर्विचार का हुआ निर्णय

देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार और 51 मंदिरों को इसकी सीमा से हटाए जाने को लेकर आज चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत समिति ने हर्ष जताया। इस बावत एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इसमें तीरथ सिंह रावत सरकार के फैसले का स्वागत किया गया। वहीं, पूर्व सीएम पर जमकर भड़ास निकाली गई।

हरिद्वार रोड स्थित भगवान भवन आश्रम में प्रेसवार्ता के दौरान समिति के मंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सत्ता के मद में चूर हो गए थे। उन्होंने हिटलरशाही की भांति विधानसभा में एक काले कानून को पास कराया। उन्होंने तीर्थपुरोहितों से इस संबंध में बात करनी उचित नहीं समझी। फिर चारों धामों की कृपा हुई। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन हुआ और तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने। उन्होंने बनते साथ ही देवस्थानम बोर्ड को हटाने के संकेत दिए और अपने जन्मदिन पर उन्होंने हरिद्वार में संतों के बीच यह बात रखी। इसका तीर्थपुरोहित समाज आभार प्रकट करता है।

समिति अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को तीर्थपुरोहितों पर काला कानून थोपने की भगवान से सजा मिली है। उन्होंने कहा कि तीर्थपुरोहितों का उन्हें श्राप मिला है। तीरथ सिंह रावत का उन्होंने आभार जताया और सरकार से मांग की। यात्रा शुरू होेने से पूर्व तीर्थपुरोहितों को धामों की ओर रवाना कर दिया जाए। इसके लिए कोविड के नियमों का ध्यान रखते हुए समय पर उन्हें धामों में जाने दिया जाए।

इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने एक-दूसरे को मिष्ठान खिलाकर हर्ष प्रकट किया। वार्ता के दोरान समिति संरक्षक विनोद डिमरी, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीकांत जुगलान, बृज नारायण ध्यानी उर्फ गुड्डू, अधिवक्ता रमा बल्लभ भट्ट, श्रीनिवास पोस्ती, पंडित रवि शास़्त्री आदि उपस्थित रहे।