बीआरओ ने देश को डबल लेन सड़क और पुल किया समर्पित

जोशीमठ-मलारी टू-लेन राज्यमार्ग और पुनार पुल का लोकार्पण कर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीमांतवासियों को बड़ी सौगात दी है। इस मोटर मार्ग से जहॉ भारत-तिब्बत सीमा पर आवगमन आसान होगा वही सीमांत क्षेत्र के दर्जनों गांवों को इस सड़क से लाभ मिलेगा। इस अवसर पर सेना के गढवाल स्काउट बैंड ने मधुर धुन बजाकर तथा स्थानीय महिलाओं ने पौणा नृत्य से मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को जोशीमठ के सीमांत क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन द्वारा 265 करोड़ की लागत से निर्मित 62.66 किमी. जोशीमठ-मलारी टू-लेन राज्यमार्ग और 494.30 लाख लागत से निर्मित पुनार पुल का लोकापर्ण किया। उन्होंने सीमा सडक संगठन द्वारा निर्धारित समय से पहले मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पूरा करने पर बधाई दी और बीआरओ के कार्यशौली की जमकर सराहना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आचार्य डा. प्रदीप सेमवाल द्वारा ज्योतिष एवं आपदा पर लिखी पुस्तक का विमोचन भी किया। वही जनपद फिस आउटलेट वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम के दौरान बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट, बीकेटीसी अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर बिष्ट आदि मौजूद रहे।

लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण ही दूरस्थ क्षेत्रों के विकास की परिकल्पना से हुआ है, और सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए उनकी सरकार हमेशा तत्पर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 27 विकासखण्डों की सीमाएं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुडी है और इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए अगले साल से राज्य में सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की जाएगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जोशीमठ नगर पालिका में पार्किग निर्माण, रविग्राम में स्टैडियम निर्माण, लांसी-द्वींग-तपोण मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा भी की। इसके अलावा मारवाडी-थेंग मोटर मार्ग पर त्वरित गति से कार्य कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम की तर्ज पर बद्रीनाथ धाम को भी विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है और शीघ्र ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद फिस आउटलेट वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर सीमा सडक संगठन के मुख्य अभियंता एएस राठौर ने बताया कि जोशीमठ से रिमखिम पहुॅचने मे पहले 8 घंटे लगते थे, लेकिन जोशीमठ-मलारी टू-लेन सड़क निर्माण पूरा होने से यह दूरी सिर्फ 3 घंटे में तय होगी।

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