लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प तलाशन में जुटी सरकार, जल्द तैयार होगा नया पुल

ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला पुल को बंद किए जाने के फैसले पर राज्य सरकार अडिग है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जन सुरक्षा सरकार के लिए सवरेपरि है। इसीलिए लक्ष्मण झूला पुल पर किसी भी तरह की आवाजाही तुरंत रोकने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प जल्द ही तैयार कर लेगी। वहां वैकल्पिक पुल बनाने का निर्णय लिया गया है। लक्ष्मण झूला पुल को धरोहर के तौर पर संरक्षित रखने की कार्ययोजना भी बनाई जाएगी। वहीं, पुल पर पैदल आवाजाही जारी रखने से आम जन को राहत है। उधर, इस का असर अब रामझूला पुल पर पड़ने वाला है। रामझूला पुल पर अब दोगुना भार पड़ जाएगा, जो सुरक्षा की दृष्टि से इस पुल के लिए भी चिंता का विषय है।
शासन ने शुक्रवार को लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही रोकने के आदेश जारी किए, लेकिन स्थानीय लोगों के भारी विरोध के कारण आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लग पाया है। इस बीच शनिवार को यमकेश्वर क्षेत्र की विधायक ऋतु खंडूड़ी ने लक्ष्मण झूला पुल के संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि छह माह पहले आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों से लक्ष्मण झूला पुल की फिजिबिलिटी पर अध्ययन कराया गया। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार इस झूला पुल की स्थिति ऐसी नहीं है कि लोगों की आवाजाही को अनुमति दी जा सके। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेले में भारी भीड़ को देखते हुए इस पर आवाजाही जारी रखना उचित नहीं होता।
उन्होंने कहा कि जनसुरक्षा के दृष्टिगत लक्ष्मण झूला पुल पर किसी भी तरह की आवाजाही को तुरंत रोकने का निर्णय किया गया है। साथ ही झूलापुल का विकल्प जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्मण झूला पुल एक सांस्कृतिक धरोहर है। यह ऋषिकेश का प्रमुख आकर्षण का केंद्र और देश-विदेश में इसकी ख्याति है। कई फिल्मों का फिल्मांकन भी यहां हुआ है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला पुल का समुचित रखरखाव करते हुए इसे धरोहर के तौर पर संरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए विशेषज्ञों की राय से कार्ययोजना बनाई जाएगी।
उधर, शासन ने भले ही लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही पर रोक लगा दी हो, मगर शनिवार को भी इस पर लगातार आवाजाही होती रही। हालांकि, प्रशासन की ओर से शासन के फैसले का विरोध कर रहे लोगों को समझाने की कोशिशें की गईं, मगर यह परवान नहीं चढ़ पाईं। वहीं, माना जा रहा है कि इस झूला पुल के बंद होने से रामझूला पर अधिक दबाव बढ़ेगा। यही नहीं, तीन दिन बाद कांवड़ यात्रा भी शुरू होने जा रही है। ऐसे में कांवड़ में उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही लक्ष्मण झूला पुल की सुरक्षा सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी।

लक्ष्मणझूला पुल पर खतरा बढ़ा, समय रहते नही जागी सरकार

ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला पुल की मियाद खत्म हो चुकी है, लिहाजा इस पर बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही अब खतरे से खाली नहीं है। इस बात का खुलासा पीडब्ल्यूडी की सर्वे रिपोर्ट में हुआ है। विभाग ने यह रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
मामला इसलिए और अहम है, क्योंकि एक सप्ताह बाद ही कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है। प्रशासन से कांवड़ियों के नीलकंठ जाने के लिए लक्ष्मणझूला के जरिये ही रूट तय किया है। लक्ष्मणझूला पुल का निर्माण 1929 में हुआ था, जिसे आवाजाही के लिए 1930 में खोला गया था। करीब 90 साल पुराने इस पुल समेत 1986 में बने रामझूला पुल का पीडब्ल्यूडी के डिजाइनर पीके चमोली ने कुछ दिन पहले तकनीकी सर्वे किया था।
इसमें पुल की लोडिंग क्षमता और आयु आदि की जांच की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 89 साल पहले के डिजाइन और क्षमता के हिसाब से पुल आज इस स्थिति में नहीं है कि इस पर अब बड़ी संख्या में लोग आवाजाही कर सकें।

रामझूला पुल सुरक्षित
पुराने समय में झूला पुलों का निर्माण करते हुए पुल की क्षमता का ध्यान नहीं रखा जाता था, जबकि वर्तमान में 500 किलोग्राम प्रति स्क्वायर मीटर की क्षमता के झूला पुल बनाए जाते हैं।
सर्वे रिपोर्ट से स्थानीय पुलिस को भी अवगत करा दिया गया है। पीडब्ल्यूडी (नरेंद्रनगर डिवीजन) के एक्सईएन मोहम्मद आरिफ खान का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार अगला कदम उठाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने अपने सर्वे में हालांकि आवाजाही के लिहाज से रामझूला पुल को सुरक्षित पाया है। इससे आवाजाही की जा सकती है। बता दें कि इस पुल को बने हुए भी 33 साल हो चुके हैं।
वहीं, नरेंद्र नगर के विधायक सुबोध उनियाल ने बताया कि बोर्ड बैठक में यह मामला पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने उठाया था। अपर मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी और डीएम पौड़ी को पुल के दोनों ओर बेरिकेडिंग लगाने को कहा गया है, ताकि एक बार में अधिक संख्या में लोग पुल पर न चढ़ें।

टोकन के आधार पर चलेंगे कांवड़ यात्रा में विक्रम

ऋषिकेश।
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा में तिपहिया वाहनों के लिए पुलिस और प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान जारी किया है। स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए विक्रम यूनियन तिपहिया आरक्षित रखेगी। जिन्हें पुलिस की ओर से टोकन जारी होगा।
थाना मुनिकीरेती में सीओ टिहरी जीबी पांडे ने परिवहन विभाग, पुलिस और ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई। इसमें तय किया गया कि किसी भी विक्रम वाहन के ऊपर कैरियर नहीं लगेगा। सभी तिपहिया किराया सूची चस्पा करेंगे। ओवर रे¨टग और ओवरलो¨डग पर कार्यवाही होगी। भीड़ के दिनों में ऋषिकेश और मुनिकीरेती के बीच मुख्य मार्ग पर तिपहिया वाहनों का संचालन बंद रहेगा। सभी वाहन बाईपास से जाएंगे। स्थानीय लोगों के लिए तिपहिया यूनियन अलग से वाहन आरक्षित रखेगी। इन्हें पुलिस टोकन जारी करेगी। यह वाहन सिर्फ लोकल लोगों को ही बैठाएंगे। मुनिकीरेती लोनिवि तिराहे के समीप पांच ऑटो रिक्शा पुलिस के नियंत्रण में संचालित होंगे। इन वाहनों में ड्यूटी कर्मचारी और स्कूल के बच्चे जाएंगे। तिपहिया वाहनों के लिए शेष व्यवस्थाएं बीते वर्ष की तरह लागू रहेंगी। बैठक में एआरटीओ नई टिहरी ज्योतिशंकर मिश्रा, परिवहन कर अधिकारी प्रथम ऋषिकेश कुलवंत ¨सह चौहान, थाना प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती मनीष उपाध्याय सहित विक्रम और ऑटो यूनियन के पदाधिकारी शामिल हुए।

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