खेत में पानी छोड़ने पर दबंगों ने किसान को मारी गोली, मौत

हरिद्वार के मंगलौर कोतवाली क्षेत्र में खेत में पानी छोड़ने का विवाद खूनी खेल पर उतर आया। दबंगों ने एक किसान केखेत में पानी छोड़ दिया जिससे उसकी फसल खराब हो गई। विरोध करने पर दबंगों ने पहले तो किसान से मारपीट की और बाद में गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

जानकारी के मुताबिक मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के कुंआहेड़ी गांव में 35 वर्षीय भारतवीर पुत्र ब्रजवीर अपने परिवार के साथ अपने खेतों के पास ही बनाए गए घर में रहता था। खेत के बगल से नाली गुजरती है जिसके दूसरी तरफ अन्य लोगों के खेत हैं। पड़ोसी ने अपने खेतों में सिंचाई की थी, लेकिन बाद में पानी भारत के खेतों की ओर छोड़ दिया जिससे उसकी फसल को नुकसान हो गया।

बताया जा रहा है कि भारत ने पड़ोसियों के सामने इस बात का विरोध किया। लेकिन विरोध जताने पर दूसरे पक्ष के लोग भड़ गए और मारपीट पर उतर आए। बाद में उन्होंने भारत की पीठ से तमंचा सटाकर गोली चला दी जो भारत के शरीर के आरपार हो गई। गोली की आवाज सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की तरफ दौड़े और घायल अवस्था में उपचार के लिए रुड़की के सिविल अस्पताल लाए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों के खेत पीड़ित के खेत के पास हैं। जहां रात में पानी छोड़ने से कटे हुए गेहूं में पानी रिस जाने के कारण दोनों पक्षों में सुबह के समय कहासुनी हो गई थी। इसके बाद फोन पर भी दोनों पक्षों में बहसबाजी हुई। शाम के समय दोनों पक्षों में झगड़ा होने पर भरतवीर की मृत्यु हो गई। पुलिस ने मौके से लाठी-डंडे और 315 बोर तमंचे का खोखा बरामद किया है। जानकारी मिलते ही एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल और एसपी देहात एसके सिंह ने भी मौके का मुआयना किया। एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि मारपीट के मामले में युवक की हत्या की गई है।

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर साइबर ठगी, गिरोह का सरगना गिरफ्तार

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर साइबर ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह के सरगना को एसटीएफ की टीम ने आखिरकार वृंदावन मथुरा से गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के दो सदस्यों को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। आरोपित पहले देहरादून में ही सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था जोकि साइबर ठगी करने लगा।

एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि बीते दिनों एसटीएफ ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर प्रेमनगर क्षेत्र में रहकर साइबर ठगी करने वाले दो ठगों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के निवासियों के अलावा देश भर में कई लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी की चुका है।

एसएसपी ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना दीपक राज शर्मा तब से फरार चल रहा था, उसकी तलाश में एसटीएफ जगह-जगह दबिश दे रही थी। आज एसटीएफ के उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, नरोत्तम बिष्ट व हेड कांस्टेबल देवेंद्र को सूचना मिली कि दीपक राज वृंदावन मथुरा में छिपा है, जहां आज उसे गिरफ्तार किया। गिरोह के सरगना के पास से 13 मोबाइल, सात बैंक के एटीएम कार्ड, सात सिम कार्ड, आधार कार्ड और लाखों रुपए के हिसाब किताब की 10 डायरियां बरामद हुई है।

सातवी मंजिल से कूदकर यूट्यूबर गर्वित और नंदिनी की मौत

देहरादून निवासी यूट्यूबर गर्वित गैरी ने बहादुरगढ़ में लिव इन पार्टनर नंदिनी को सातवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट की बालकनी से धक्का देने के बाद खुद भी कूदकर आत्महत्या कर ली। जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। यूट्यूबर गर्वित के पिता सूबेदार सिंह उत्तराखंड पुलिस में एएसआइ हैं और वर्तमान में देहरादून में सीओ सिटी के चालक हैं। आज सुबह परिवार को फोन आया कि गर्वित ने नंदिनी के साथ बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली है।

हरियाणा के बहादुरगढ़ में आत्महत्या करने वाले देहरादून निवासी गर्वित को शुक्रवार रात फोन काल आई और वह बहादुरगढ़ के लिए निकल गया। शनिवार सुबह लगभग पांच बजे वह बहादुरगढ़ पहुंचा तो उसने फोन पर अपने पिता को पहुंचने की जानकारी भी दी। इसके कुछ समय बाद ही उसकी मौत की सूचना आ गई। इसके बाद गर्वित और नंदिनी के परिवार वाले एकसाथ बहादुरगढ़ के लिए रवाना हो गए।

बहादुरगढ़ में लिव इन पार्टनर नंदिनी को सातवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट की बालकनी से धक्का देने के बाद खुद भी कूदकर आत्महत्या करने वाले यूट्यूबर गर्वित के पिता सूबेदार सिंह उत्तराखंड पुलिस में एएसआइ हैं और वर्तमान में देहरादून में सीओ सिटी के चालक हैं।

सूबेदार सिंह शिमला बाईपास रोड स्थित दून एन्क्लेव में रहते हैं। उनका बड़ा बेटा भी पुलिस में है और प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में तैनात है। गर्वित छोटा बेटा था। वह पढ़ाई पूरी करने के बाद यूट्यूबर बन गया।

काफी समय से वह तपोवन (रायपुर) क्षेत्र की रहने वाली नंदिनी के साथ देहरादून में ही लिव इन में रहता था। नंदिनी भी उसके साथ ही काम करती थी। दोनों के लिव इन में रहने की जानकारी परिवार वालों को भी थी।

पड़ोसियों ने बताया कि गर्वित तीन दिन पहले ही घर आया था। बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात को गर्वित के मोबाइल पर फोन आया था। फोन सुनने के बाद उसने परिवार वालों से कुछ नहीं कहा और बहादुरगढ़ के लिए निकल गया। परिवार वालों ने ही उसे आइएसबीटी तक छोड़ा था।

जानकारी के अनुसार, गर्वित सुबह करीब पांच बजे बहादुरगढ़ पहुंचा और इसकी जानकारी स्वजन को दी। आज सुबह करीब आठ बजे परिवार को फोन आया कि गर्वित ने बहादुरगढ़ में नंदिनी के साथ बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली है।

नंदिनी वेब सीरीज व थिएटर में कर चुकी है काम
नंदिनी कश्यप का घर रायपुर रोड स्थित शांति विहार, विकास पुरम में है। उसके पिता प्रापर्टी डीलर हैं, जबकि उसकी एक छोटी बहन और एक भाई है। सूचना के बाद नंदिनी के पिता व परिवार के अन्य सदस्य भी गर्वित के घर पहुंच गए थे। दोनों परिवारों के लोग एकसाथ बहादुरगढ़ के लिए निकल गए।

बताया जा रहा है कि दोनों परिवार नंदिनी और गर्वित के रिश्ते से नाराज नहीं थे, इसके बावजूद उन्होंने आत्महत्या क्यों की, इसका कारण किसी को नहीं पता। बताया जा रहा है कि नंदिनी को फिल्म इंडस्ट्रीज का शौक था। कम उम्र में ही उसने वेबसीरीज और थिएटर में काम करना शुरू कर दिया। वेबसीरीज में काम करने मुंबई भी जा चुकी थी।

धामी की सख्ती और अपराध मुक्त उत्तराखण्ड का संकल्प, हरिद्वार में मुठभेड़ में मारा गया बाबा तरसेम सिंह का हत्यारा

पुलिस ने बाबा तरसेम की हत्या करने वाले एक बदमाश के इनकाउंटर में मारने के बाद यही संदेश दिया है। सीएम धामी बाबा तरसेम की हत्या के बाद से ही सख्त लहजे में थे।

बाबा तरसेम सिंह तराई में सिक्ख समुदाय के धार्मिक गुरु थे जिन्होने नानकमत्ता क्षेत्र में शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कई काम किये थे जिसके चलते उन्होंने सिक्ख समुदाय के साथ साथ अन्य समुदाय के लोगो मे पैठ बना ली थी बाबा तरसेम सिंह के कई राजनीतिक लोगो से गहरे संबध थे उनके डेरे में बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस और अन्य दलों के नेता आते रहते थे और सीएम धामी से भी उनकी निकटता थी। विधायक से लेकर सीएम बनने तक धामी डेरे में आया जाया करते थे। बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी नानकमत्ता डेरे में पहुचे और बाबा तरसेम सिंह का शव देखकर भावुक हो गए और उनकी आंखे नम हो गयी और काफी देर तक गुमशुम बैठे रहे। मीडिया से बात करते करते हुए उन्होंने कहा कानून अपना काम करेगा जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने शूटरों की धरपकड़ को दिन रात एक कर दिया और एक बदमाश अमरजीत सिंह मुठभेड़ में मारा गया।

गौरतलब है कि 28 मार्च को श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा डेरा कार सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद उत्तराखंड में हड़कंप मच गया था। मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी खुद श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा गए थे।
हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अभिनव कुमार को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे जिसके बाद से पुलिस लगातार आरोपियों को तलाशने में जुटी थी। कुछ दिन पूर्व ही इस घटना में शामिल साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, मंगलवार देर रात हरिद्वार पुलिस व एसटीएफ ने पुख्ता सूचना के आधार पर इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी को हरिद्वार क्षेत्र में हुए एक एनकाउंटर में मार गिराया।

एसटीएफ का कहना है कि अमरजीत सिंह नाम का ये बदमाश श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा डेरा कार सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या करने की घटना में शामिल था। एक बदमाश भागने में सफल रहा।

मुख्यमंत्री धामी नानकमत्ता प्रमुख की हत्या के बाद पहुंचे, दी श्रद्धांजलि

ऊधमसिंह नगर में कार सेवा डेरा प्रमुख नानकमत्ता बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या के बाद देर शाम सीएम धामी नानकमत्ता डेरा कार सेवा पहुंचे। सीएम ने बाबा तरसेम सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम भावुक नजर आए।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नानकमत्ता पहुंचकर गुरुद्वारा नानकमत्ता के कार सेवा डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम भावुक हो गए। सीएम धामी बाबा हरबंस सिंह के कार सेवा ऑल इंडिया डेरा प्रमुख बाबा बच्चन सिंह से मिलकर भावुक हुए।

सीएम धामी ने कहा कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या बहुत ही दुखी घटना है। बाबा तरसेम सिंह का इस क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने गरीबों के लिए कई प्रकार की समाज सेवा की है। उन्होंने कहा हत्यारोपी कहीं भी छिपे होंगे, उन्हें खोजा जाएगा और कानूनी कार्रवाई के तहत उन्हें सजा दिलाई जाएगी।

विभिन्न मांगों को लेकर नगर कोतवाल से मिले व्यापारीगण

तीर्थ नगरी में अवैध शराब की बिक्री, ट्रैफिक व्यवस्था और चोरी का मुकदमा एक हफ़्ते तक दर्ज ना होने को लेकर नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के एक प्रतिनिधि मंडल ने नगर कोतवाल से मुलाकात की।

शहर में बिक रही अवैध शराब को लेकर व्यापारियों ने ऋषिकेश कोतवाल एसएस बिस्ट को ज्ञापन सौंपा शहर के हर चौक चौराहे पर खुले आम बिक रही अवैध शराब से आम लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। घर से निकलने वाली महिला और स्कूल के छात्र इससे काफी परेशान हैं। सुबह से शाम तक चौक चौराहो पर खुले आम शराब की बिक्री हो रही हैं।जिससे हर समय लड़ाई झगड़े का माहौल बना रहता हैं और वहाँ से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानी होती हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार पुलिस को इसकी शिकायत भी की परंतु उनका कहना है कि पुलिस सिर्फ खानापूर्ति के लिए यहां आती हैं।
शराब की बिक्री खुले आम परशुराम चौराहे, मायाकुंड,चंद्रभागा,गोविंद नगर,में खुलेआम शराब की बिक्री होती हैं। इससे व्यापारियों ने नाराजगी जताई । वही व्यापार मण्डल के महामंत्री प्रतीक कलिया ने बताया कि तीर्थ नगरी में इस तरह खुले आम शराब की बिक्री होना पुलिस के लिए शर्म की बात है। जबकि पुलिस की ओर से शहर में गश्त लगाई जाती है। फिर भी शहर में खुले आम शराब की बिक्री हो रही है। वहीं व्यापार उद्योग संगठन के महामंत्री प्रतीक कालिया ने बताया कि बीते 12दिन पहले देहरादून रोड स्थित एक दुकान में लगभग 3 लाख की चोरी हुई और अब तक कोई मुकदमा दर्ज नही हुआ ज्ञापन के माध्यम से पुलिस को अवगत भी कराया गया। उन्होंने बताया कि तीन दिन में मुकदमा दर्ज नही किए जाने की स्तिथि में नगर कोतवाली का घेराव किया जायेगा। व्यापारी संगठन ने ट्रैफिक डायवर्ट को लेकर भी नाराजगी जताई है कहा कि बाहरी राज्य से आने वाले वाहन शहर में दिन प्रतिदिन जाम का कारण बनता जा रहा है लेकिन इसके तहत कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वाहनों को हीरालाल मार्ग से डायवर्ट किया जाता है जिससे हीरालाल मार्ग पर रहने वाले स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिससे दुकान में आने वाले ग्राहक भी जाम से फस रहे हैं व्यापार में भी फर्क पड़ रहा है। बाहरी राज्य से आने वाले वाहन गूगल मैप के जरिए रास्ता भटक जाते हैं जो कि गली मोहल्लों में अपने वाहन फसा देते हैं जिससे तिलक रोड, देहरादून रोड पर जाम की स्थिति बन जाती है। जाम से निजात पाने के लिए रूट को हीरालाल मार्ग तिलक रोड की ओर वाहनों को ना भेज कर बाईपास मार्ग से होकर गुजर जाए। वही घाट रोड सिंधी धर्मशाला के सामने खड़े वाहनों से जाम की स्थिति बन रही है।

इस दौरान नवल कपूर, प्रदीप कोहली, अतुल शर्मा, नीरज शेरावत, शरद तोमर, सौरभ गर्ग, राजेंद्र, यश कालरा मौजूद रहें।

आचार संहिता के बाद की गई विभिन्न प्रवर्तन एजंेसियों द्वारा कार्रवाई, 60 लाख से अधिक के मादक पदार्थ जब्त

देहरादून। प्रदेश में सकुशल और शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम के निर्देशों के क्रम में सभी जनपदों में निगरानी तंत्र को मजबूत करने के साथ ही विशेष चौकसी बरती जा रही है। इसी क्रम में प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के बाद 16 मार्च से 18 मार्च तक विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा 60 लाख से अधिक कीमत के अवैध शराब, मादक पदार्थ, अनाधिकृत नकदी एवं अन्य सामग्री सीज की गई है।
स्टेट नोडल ऑफिसर (इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनीटरिंग) मनमोहन मैनाली ने बताया कि बीते एक मार्च से 18 मार्च तक यह आंकड़ा 7 करोड़ 68 लाख से अधिक कीमत की अवैध शराब, मादक पदार्थ, अनाधिकृत नकदी एवं अन्य सामग्री सीज की गई है। बीते एक में हुई बड़ी कार्रवाई में 11 मार्च को हरिद्वार जनपद में तीन करोड़ 34 लाख लाख रुपए कीमत के मादक पदार्थ सीज किए गए।
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इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम

गौरतलब है कि भारतीय चुनाव आयोग ने वर्तमान में चुनाव प्रक्रिया को सकुशल और निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए चुनाव ड्यूटी में लगी प्रवर्तन एजेंसियों के लिए इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) की व्यवस्था लागू की है। इस ईएसएमएस में आबकारी, पुलिस, आयकर विभाग समेत 20 से अधिक एजेंसियां जुड़ी हुई हैं। अधिकांश प्रवर्तन की कार्रवाई एवं सीजर रिपोर्ट को प्रतिदिन रात 12 बजे तक दर्ज किया जा रहा है। इसी ईएसएमएस साफ्टवेयर में सभी जिलों की प्रवर्तन एजेंसियों अपनी कार्रवाई दर्ज कर रही है। जिसकी सीधी मॉनीटरिंग भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखण्ड कार्यालय द्वारा की जा रही है।

राज्य आंदोलन के दौरान हुए चर्चित रामपुर तिराहा कांड में पीएससी के दो सिपाहियों को आजीवन कारावास

राज्य आंदोलन के दौरान हुए चर्चित रामपुर तिराहा कांड में पीएससी के दो सिपाहियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लंबे समय से न्याय का इंतजार कर रहे पीड़ितों एवं उनके परिवारजनों को अदालत के निर्णय से बड़ी राहत मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर 2 अक्टूबर 1994 को आंदोलन के दौरान हमारे नौजवानों, माताओं-बहनों के साथ क्रूरतापूर्ण बर्ताव किया गया,जिसमें कई आन्दोलनकरियों की शहादत हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता और कर्तव्य है।

गौरतलब है कि रामपुर तिराहा कांड में अदालत ने दोनों आरोपियों पीएससी के जवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही उन पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

राज्य कर विभाग ने छापेमारी में 12 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी

उत्तराखण्ड राज्य में बिटुमिन तथा फ्यूल ऑयल का व्यवसाय कर रही 12 फर्मों के 16 व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर आयुक्त, राज्य कर के निर्देशों पर गठित राज्य कर विभाग की टीमों ने जीएसटी चोरी कर रही देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रूड़की, काशीपुर, हल्द्वानी और रूद्रपुर स्थित फर्मों पर छापेमारी की बड़ी कार्यवाही की है। प्रथम दृष्ट्या इन फर्मों द्वारा कुल ₹ 12 करोड़ से ऊपर की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है।

राज्य कर मुख्यालय, देहरादून की और से विगत कुछ दिनों से इन 12 फर्मों के लेन-देन पर निगाह रखी जा रही थी तथा फर्मों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य से बाहर स्थित फर्मों के बिलों की आड़ में बोगस आईटीसी का लाभ लेकर अपनी जीएसटी देयता को समायोजित किया जा रहा था। इन फर्मों की और से अपनेे व्यापार से संबंधित फर्जी संव्यवहारों को छिपाने के लिये बिल टू शिप टू का मोड्यूल का सहारा लिया जा रहा था। इन फर्मों के ई-वे बिल में प्रयुक्त वाहनों की जांच में पाया गया कि वे ई-वे बिल बनाये जाने की तिथियों के दौरान ई-वे बिल में प्रदर्शित स्थलों के मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा को पार नहीं कर रहे थे या ई-वे बिल बनाये जाने की तिथियों के दौरान किसी अन्य स्थल के टोल प्लाजा को पार कर रहे थे। इन फर्मों के सप्लायर फर्मों की बैकवॉड चौन की जांच करने पर यह पाया गया कि ये सप्लायर फर्में या तो अस्तित्वहीन अथवा विभाग की और से पंजीयन निरस्त किया गया हैं। इन में से कुछ फर्में ऐसे माल की ट्रेडिंग दिखा रही थी, जिनको उनकी और से कभी खरीदा ही नहीं गया था। इन फर्मों द्वारा ऐसा विगत 04 वर्षों (2020-21 से 2023-24 तक) से किया जा रहा था।

प्रथम दृष्ट्या इन फर्मों का कुल ₹ 12 करोड़ से ऊपर की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। छापेमारी की कार्यवाही देर रात तक चली तथा छापे के दौरान फर्मों के व्यापार स्थल से टीमों ने अभिलेख अपने कब्जे में लिए हैं, जिनका विश्लेषण का कार्य गतिमान है। इन फर्मों ने जांच के दौरान ही ₹ 1.13 करोड़ रुपये जीएसटी मौके पर ही जमा भी करा दिया है। विभाग की ओर से छापेमारी की इस बड़ी कार्यवाही में कुल 16 टीमें गठित करते हुये 60 अधिकारियों को शामिल किया गया था।

आयुक्त कर ने दिए हैं चोरी करने वाली फार्माे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश

आयुक्त, राज्य कर डॉ अहमद इकबाल की और से बोगस बिलिंग या फर्जी इनपुट का लाभ उठाकर कर चोरी करने वाली अन्य फर्मों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। आयुक्त कर द्वारा सभी करदाताओं से यह भी अपील की गई हे कि वे समय से रिटर्न दाखिल करते हुए देय कर को जमा करें तथा यदि इस संबंध में कोई समस्या हो तो हेल्पलाइन नं.- 1800120122277 से सम्पर्क कर सकते हैं ।

धामी सरकार का भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार, रामनगर से सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार

देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। धामी सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। आज भी विजिलेंस ने हल्द्वानी सेक्टर में कड़ी कार्रवाई करते हुए आरटीओ रामनगर दफ़्तर में प्रधान सहायक को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार किया है। बीते एक साल में धामी सरकार ने 18 बड़ी कार्रवाई की है जिसमें 21 से अधिक लोगों की गिरफ़्तारी की जा चुकी है। इस वर्ष अबतक 9 ट्रैप हल्द्वानी सेक्टर और 9 ट्रैप देहरादून सेक्टर में की गए हैं।जिसमें कई भ्रष्ट अफसरों को सलाखों के पीछे भेजा गया है।

सीएम पुष्कर धामी ने साफ किया है की विभागों में कमीशन मांगने वालों, जनहित के कार्यों में रिश्वत मांगने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सीधी कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी छोटा हो या कोई बड़ा अफसर, किसी को भी भ्रष्टाचार की छूट नहीं दी जाएगी। सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से काम करना होगा। भ्रस्टाचार की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मुहिम 1064 नंबर भी जारी किया गया है। इस मुहिम के तहत यदि किसी भी सरकारी विभाग में कोई कर्मचारी, अधिकारी आम जनता से किसी भी तरह की रिश्वत मांगता है तो 1064 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत की जा सकती है। शिकायत करने वाले का नंबर गुप्त रखा जाएगा। भ्रष्टाचार की शिकायत पर बेहद सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जांच एजेंसियों को खुली छूट दी गई है।