मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले चार दिन तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान लगाया है। खासकर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री रूट पर मौसम साफ रहेगा। लेकिन कहीं-कहीं आंशिक बादल छा सकते हैं। 17 मई से एक बार फिर मौसम के करवट लेने और बारिश की संभावना जताई है।
निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक उत्तराखंड में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ जल्द प्रभावी होगा। इससे एक बार फिर मौसम बदलने के आसार हैं। 13 से 16 मई के बीच आसमान में आंशिक बादलों की मौजूदगी के बीच आमतौर पर मौसम साफ रहने का अनुमान है। वहीं, कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिलों में गुरुवार को जमकर मेघ बरसे। मौसम विभाग ने इन इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया था।
पिथौरागढ़ के बेरीनाग में सर्वाधिक 112 एमएम, डीडीहाट में 28.6, धारचृला में 25.8 एमएम, पिथौरागढ़ में 9.1 एमएम बारिश दर्ज की गई। बागेश्वर के कांडा में 14, अल्मोड़ा में 15, चम्पावत में 20 एमएम बारिश हुई। उत्तरकाशी के डुंडा में 15 व चमोली के थराली में 5.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। उत्तराखंड में गुरुवार को सामान्य से 54 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई।
वहीं, दून शहर और आसपास के इलाकों में दोपहर के समय झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। दून में दिन का अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक था। न्यूनतम तापमान 24.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 4 डिग्री अधिक था। दून में 17 और 18 को आसमान बादलों से भरा रह सकता है। तेज हवाओं के चलने की भी संभावना है।
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वैज्ञानिकों की चेतावनी, लगातार आ रहे भूकंप को नही किया जाना चाहिए नजर अंदाज
उत्तराखंड में मानसून का दौर अभी जारी है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। तो कई मार्ग अवरुद्ध होने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है। वहीं, उत्तराखंड में भूकंप को लेकर भी सूचनाएं प्राप्त हो रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड में आज फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम थी। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। ये झटके दोपहर 3 बजकर 31 मिनट पर महसूस हुए। फिलहाल भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए। वहीं लगातार आ रहे इन हल्के झटकों को वैज्ञानिक बड़े खतरे की चेतावनी भी मान रहे है।
आज भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.5 मापी गई है। इससे पहले सोमवार को पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं, रविवार को रुद्रप्रयाग जिले में भी भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया। रविवार दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर पर रुद्रप्रयाग में भूकंप महसूस किया गया था। जिसकी तीव्रता 3.3 रिक्टर बताई गई। इसके साथ ही बीते दिनों बागेश्वर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
वैज्ञानिकों की माने तो उत्तराखंड में आ रहे भूकंप के ये हल्के झटके बड़े खतरे का संकेत हैं। उत्तराखंड में भूकंप को लेकर किए गए शोध से इस बात का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि हिमालय में 200 साल की ऊर्जा एकत्रित हो चुकी है जो कभी भी भूकंप के रूप में बाहर आ सकती है। ऐसे में आशंका है कि उत्तराखंड में इस सदी का सबसे भयानक भूकंप आ सकता है।