मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना शुरू की जाएगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड के ऐसे गांव जो भारत के प्रथम गांव हैं, उनके सुनियोजित विकास के लिए ‘‘मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना’’ शुरू की जायेगी। प्रधानमंत्री ने माणा में आयोजित कार्यक्रम में सीमाओं पर स्थित गांवों को अंतिम गांव की बजाय प्रथम गांव कहा था। ये गांव देश के प्रथम गांव के साथ प्रहरी भी हैं। हमारी पहली प्राथमिकता इन गांवों का सुनियोजित विकास होना चाहिए।
गांवों में स्वच्छता के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र’ योजना शुरू की जायेगी। जिसमें प्रत्येक गांव में एक पर्यावरण मित्र (स्वच्छक) की तैनाती की जायेगी। ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री चौपाल’ शुरू की जायेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं किसी गांव में जाकर चौपाल में प्रतिभाग करेंगे। “मुख्य सेवक चौपाल“ में मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम भी करेंगे।
सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गांवों में धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक आधार पर कुछ दिवस वहां के लिए विशेष महत्व के होते हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांवों में इन विशेष दिवसों को चिन्हित कर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। ग्राम सभा का स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इनमें उन गांवों के बाहर रहने वाले प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जाए। उच्चाधिकारी भी इनमें प्रतिभाग करें। ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो इसके लिए चौपाल लगाई जाए। चौपाल में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए एवं अधिकारी भी चौपालों में प्रतिभाग करें। इसके लिए ग्राम सभावार रोस्टर भी बनाया जाए। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा इन चौपालों दिये जाने वाले सुझावों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए गांवों के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि असली भारत गांवों में बसता है। राज्य के समग्र विकास के लिए गांवों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के विकास के लिए किसी गांव में एक कैबिनेट बैठक भी आयोजित की जाए, जिसमें गांवों के विकास से संबंधित प्रस्ताव हों।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा। तब तक गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में क्या प्रभावी प्रयास किये जा सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए हर गांवों के लिए मास्टर प्लान बनाया जाए। अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का आम जन तक विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। सरकार की नई योजनाओं की आम जन को जानकारी हो इसके लिए गांवों में योजनाओं की जानकारी के लिए बोर्ड लगाये जायें। सभी विभाग अपने स्तर से भी सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास से संबंधित अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेस को अपनाया जा सकता है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गांवों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। ग्राम प्रधानों को आपदा निधि के लिए दस-दस हजार रूपये की निधि प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। गांवों में चाल-खाल बनाने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव नितेश झा, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव ओंकार सिंह एवं पंचायतीराज विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

जनपदों की कम उपलब्धि पर ठोस कार्य योजना बनाने के दिये निर्देश

सचिवालय सभागार में पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति को देखते हुए जिन जनपदों की उपलब्धि कम है वह ठोस रणनीति के तहत तेज गति से कार्य कर लक्ष्य को पूरा करें। उन्होंने कहा कि कार्यों के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि लक्ष्य पूरा करने में कोई समस्या हो तो उच्चाधिकारियों अथवा उनके संज्ञान में लाये ताकि उसका निराकरण किया जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों से 15 मार्च तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए तथा 15 मार्च को पुनः समीक्षा बैठक बुलाने के निर्देश सचिव पंचायती राज हरबंस सिंह चुघ को दिए तथा अधिकारियों से पूर्ण प्रगति के साथ आगामी बैठक में स्वयं प्रतिभाग करने के निर्देश दिए।
उन्हांने पंचायती विभाग की जनपदों में अवस्थित संपत्तियों का ब्यौरा भी एक सप्ताह में निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तथा सम्पत्ति से होने वाली आय का भी ब्यौरा भेजने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि पंचायती विभाग की लाखों की संपत्ति जनपदों में है किन्तु उसकी विभाग द्वारा पर्याप्त देखरेख के अभाव में अपेक्षाकृत कम आय हो रही है।
उन्होंने ग्राम्य पंचायती के सुदृढ़ीकरण हेतु ग्राम पंचायत अधिकारियों के पद आवश्यकतानुसार बढ़ाने के लिए नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने निदेशक एच.सी.सेमवाल को निर्देशित किया कि नियमावली में पहाड़ों में भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप पदों को आवश्यकतानुसार बढ़ाने तथा मैदानी क्षेत्रों में जनसंख्या के आधार पर गा्रम पंचायत राज अधिकारी के पदों को बढ़ाने के प्रस्ताव को नियमावली में लाया जाए। उन्होंने प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए तथा गांव पंचायतों में चल रहे विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों में दोहरापन (डुप्लीकेसी) रोकने के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने जिला पंचायत अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान तथा लोकल गवरमेंट निर्देशिनी समयबद्व कार्यक्रम में तैयार करने के निर्देश दिए। पंचायती राज मंत्री ने ग्राम पंचायत में संचालित कार्यक्रमों में शत् प्रतिशत भुगतान डी.बी.टी. प्रणाली से करने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री द्वारा पंचायत भवन के निर्माण, मरम्मत, कॉमन सर्विस सेंटर की वित्तीय एवं भौतिक समीक्षा की गई। उन्होंने 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से अबतक वर्षवार वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा जनपदों के जिला पंचायत अधिकारियों से जनपदवार की। उन्होंने जनपदों में अबतक प्रिआ सॉफ्ट प्रणाली से की जा रही ग्राम पंचायतवार कार्यवाही की समीक्षा भी की। मंत्री ने सी.एम. डैशबोर्ड एवं सी.एम. हैल्पलाईन की अद्यतन प्रगति की भी जनपदवार समीक्षा की।