पंडित रवि शास्त्री को चादर पहनाकर सौंपी महंताई, संतों की मौजूदगी में हुआ पट्टाभिषेक

आज मुनिकीरेती स्थित श्री दर्शन महाविद्यालय में आयोजित वार्षिक उत्सव के दौरान सभी संत महात्माओं की अगुवाई में पंडित रवि शास्त्री जी महाराज का पट्टाभिषेक किया गया। इस अवसर पर पंडित रवि शास्त्री जी को तुलसी मानस मंदिर का महंत घोषित किया गया।

आज दर्शन महाविद्यालय के समापन समारोह के शुभ अवसर पर बैकुंठ वासी राघवाचार्य जी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर सभी महामंडलेश्वर महंतों के द्वारा एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के संयुक्त तत्वाधान में आज पंडित रवि शास्त्री जी को महंताई चादर पाकर उन्हें महंत घोषित किया। महामंडलेश्वर दयाराम दास जी महाराज ने कहा कि आज से पंडित रवि शास्त्री जी का नया नाम महंत रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज के नाम से कहलाया जाएगा। उन्हें आज संत समाज के द्वारा उनका रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज के नाम से संबोधित किया जाएगा।

इस अवसर पर माननीय कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल जी ने नए वर्तमान बने महंत रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज को बधाई देते हुए कहा कि आज जहां हम अपनी संस्कृति विरासत को होते जा रहे हैं वहीं इस समय युवा संतो के द्वारा हमारी संस्कृति विरासत को यह युवा संत आगे निकली।

इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास जी महाराज, महामंडलेश्वर गुरुचरण मिश्र, महामंडलेश्वर विष्णु दास जी महाराज, महंत अखंडानंद जी महाराज, महंत मनोज प्रपन्नाचार्य जी महाराज, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य जी महाराज, महंत कृष्णानंद जी महाराज, रामानुजाचार्य, गोपालाचार्य, महंत लोकेश दास, दर्शन महाविद्यालय के अध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल, सचिव संजय शास्त्री, कोषाध्यक्ष राजीव लोचन, माधव मैथानी, शांति प्रसाद मैणानी, कमल डिमरी, कुमार अरोड़ा, इंद्र कुमार गोदवानी, गुरु प्रसाद बिजल्वाण आदि मौजूद रहे।

नववर्ष के दिन की विशेष सफाई अभियान से शुरूआत

नववर्ष के प्रथम नगर निगम ऋषिकेश ने नगरायुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल के नेतृत्व में विशेष स्वच्छता अभियान से शुरूआत की। अभियान में नगर निगम ऋषिकेश के स्वच्छता एम्बेसडर पंडित रवि शास्त्री, अशोक बेलवाल द्वारा आम जनमानस को गंगा के प्रति स्वच्छता हेतु जागरूक किया गया। साथ ही गंगा में बहने वाले पुष्प माला, फूलों को एकत्र कर कूड़ादान में एकत्र किया गया।
इस मौके पर त्रिवेणी घाट आयुष श्रद्धालुओं को उस पात्र में पुष्प डालने का आग्रह भी किया साथ ही सभी ने जागरूक भी किया। अभियान में एसएनए विनोद लाल, अशोक बेलवाल, ‌सफाई निरीक्षक सचिन सिंह रावत, वीरेंद्र, अभिषेक आदि उपस्थित थे।

कुछ यूं बख्शें हैं ,गमें हयात ने आंखों को आंसू गर तबीयत से निचोड़ दूं तो…

आवाज साहित्यिक संस्था ने तुलसी मानस मंदिर रामायण प्रचार समिति में किया काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन ऋषिकेश समाज के सार्वभौमिक कल्याण एवं देश को कोरोना मुक्त करने की भावना के साथ आवाज साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में तुलसी मानस मंदिर में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कवि रामकृष्ण पोखरियाल ने कहा- नए वर्ष में हम देश को कोरोना मुक्त चाहते हैं,
इसीलिए मां शारदे के गीत
बाँचते हैं

अशोक क्रेजी ने –
सत्य पथ पर
चल सदा, मैं धर्म अनुरागी बनूँ
अखंड ज्योति बन
मैं अँधेरा हर सकूँ पंक्तियों के साथ जीवन में प्रकाश की कामना की है।

प्रबोध उनियाल ने-
आदमी के अंदर,आदमी रहने लगे हैं
पहचानो मेरे दोस्त!
बाजारों में चेहरे टंगे हैं , पंक्तियां पढ़कर बनावटी संबंधों को उजागर किया।

हेमवती नंदन भट्ट ने अपने उत्तराखंड के सौंदर्य का वर्णन कुछ इस तरह किया-
फूलों क बण में मेरु मुलुक खास
ऊंची-ऊंची डांड्यूं मा हिमालैक पास

आलम मुसाफिर ने कुछ यूं बयां किया-
कुछ यूं बख्शें हैं ,गमें हयात ने
आंखों को आंसू
गर तबीयत से निचोड़ दूं तो
दरिया बह निकले-

वैश्विक महामारी को पर कवि महेश चिटकारिया ने अपनी पंक्तियां कुछ यूं कहीं-
विकास की दौड़ में बनाए
ढेरों परमाणु
छोटे से कीटाणु ने
पल में बदल दी ये जिंदगी-

सत्येंद्र चैहान ने व्यंग में कहा कि-
गैरसैंण बीस वर्षों बाद भी
श्गैरसैणीश् जन रैमे
अपनी सैणी ट योंकि वक्त
देरादून मा ऐगे-

कवि जे पी उनियाल ने अटल बिहारी वाजपेई पर पंक्तियां प्रस्तुत की।

काव्य गोष्ठी के संयोजक पंडित रवि शास्त्री ने कहा कि कवि हमेशा समाज के उत्थान व मानवता के लिए कविताएं लिखते हैं जो प्रेरणा का काम करती हैं।

इस अवसर पर पंडित रवि शास्त्री ने आवाज साहित्यिक संस्था के सभी कवियों को मां भगवती की प्रतिमा एवं उत्तरी ओढ़ाकर सभी सम्मानित कवियों को ‌सम्मानित किया। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे हैं स्वामी अखंडानंद महाराज ने अपने उद्बोधन में सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयः की कामना की।

इस अवसर पर तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री आवाज साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष अशोक क्रेजी, प्रबोध उनियाल, महेश चिटकारिया, हेमवती नंदन भट्ट हेमू भाई, राम किशन पोखरियाल, सत्येंद्र चैहान आलम मुसाफिर अनिरुद्ध शर्मा स्वामी अखंडानंद सरस्वती महाराज आदि उपस्थित थे।