पलायन आयोग ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट, रूद्रप्रयाग में पिछले 10 वर्ष में हुआ 22735 लोगों का अस्थाई पलायन

जनपद रूद्रप्रयाग के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने एवं पलायन को कम करने हेतु ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जनपद के प्रमुख पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना होगा। जनपद में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। जनपद में महिलाओं की आबादी अधिक है, महिलाओं को कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देना होगा।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों में रुद्रप्रयाग जनपद से 316 ग्राम पंचायतों से 22735 लोगों द्वारा अस्थाई पलायन किया। यह पलायन जनपद के अन्दर एक स्थान से दूसरे स्थान पर हुआ। जबकि 7835 व्यक्तियों द्वारा पूर्ण रूप से स्थाई पलायन किया गया। जनपद में स्थाई पलायन की तुलना में अस्थाई पलायन अधिक हुआ है। लगभग 40 प्रतिशत पलायन 26 से 35 वर्ष के आयु वर्ग द्वारा किया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार जनपद रूद्रप्रयाग की जनसंख्या 02 लाख 42 हजार 285 है। जनपद की 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जनपद रूद्रप्रयाग विकासखण्ड ऊखीमठ की जनसंख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि एवं विकासखण्ड अगस्तमुनी की जनसंख्या में 02 प्रतिशत की कमी आई है। राज्य घरेलू उत्पाद के आधार पर वर्ष 2016-17 (अनन्तिम) अनुमानों में जनपद रूद्रप्रयाग की प्रतिव्यक्ति आय अनुमानित 83521 रूपये है। रूद्रप्रयाग एवं टिहरी जनपद की प्रति व्यक्ति आय अन्य पर्वतीय जिलों की तुलना में कम है। जनपद का मानव विकास सूचकांक अन्य पर्वतीय जिलों से कम है। जनपद रूद्रप्रयाग में कुल 688 ग्रामों में से 653 आबाद एवं 35 गैर आबाद ग्राम हैं। जनपद के तीनों विकासखण्डों में कुल 20 राजस्व ग्राम-तोक हैं।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने जनपद के आर्थिक, सामाजिक विकास एवं पलायन को रोकने के लिए सुझाव दिये कि विकासखण्ड स्तर पर आर्थिक विकास का एक ढ़ाचा तैयार किया जाय। जनपद में पर्यटन विकास योजना तैयार होनी चाहिए। राज्य सरकार की होम स्टे योजना को स्थानीय स्तर पर बढ़ावा देना होगा। भूजल पुनर्भरण योजनाओं को प्राथमिकता दी जाय। पानी के पारम्परिक स्रोतों के सूखने से जल की उपलब्धता एक चुनौती के रूप में आई है। सामाजिक-आर्थिक उत्थान और ग्रामीण विकास के लिए एक महिला केंद्रित दृष्टिकोण अपना होगा। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों कृषि आधारित, रेडिमेट वस्त्र, कताई-बुनाई लकड़ी आधारित, होटल एवं अन्य सर्विस ईकाइयों को जनपद के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बनाकर आजीविका प्रदान करनी होंगी।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले। उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना जरूरी हैं। जनपद में फल, नर्सरियों की संख्या बढ़ाने एवं फल रोपण सामग्री उत्पादन करने के साथ ही निजी क्षेत्र की नर्सरियों को प्रोत्साहित करना होगा। फसलों को नुकसान से बचाने के लिए मनरेगा के तहत सुअर रोधी दीवार का निर्माण किया जाना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना एवं कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी हैं। जनपद में कृषि उत्पादन के लिए विशेष क्षेत्र या विकासखण्ड स्तर पर किसान उत्पादक संगठन के गठन पर सिफारिश की गई है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन तथा चारधाम सड़क परियोजना से जनपद रूद्रप्रयाग के विकास में तेजी आयेगी तथा इसका लाभ उठाने के लिए जिला प्रशासन विशेष योजना बनाए।

सरकार की पारदर्शिता से जनता को मिल रहा लाभः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में एक अरब 13 करोड 42 लाख की 78 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 48 करोड 52 लाख, 68 हजार की 24 योजनाओं का लोकार्पण व 64 करोड, 89 लाख, 43 हजार की 54 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने महानगर हल्द्वानी की आन्तरिक सडकों हेतु 20 करोड रूपये की घोषणा भी की।

समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने वर्ग-4, वर्ग-1ख काबिज काश्तकारों को पट्टे, दीनदयाल आवास, आयुष्मती योजना के कार्ड लाभार्थियों को मुख्य मंच से ज्वाला दत्त, विशना देवी, धीरेन्द्र कुमार, दयाकिशन, कमला देवी, देवकी देवी, चम्पा, दीपा देवी, पार्वती, बबली आदि को वितरित किये।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार पारदर्शिता से विकास कार्य कर रही है। जिसका जनता को लाभ मिल रहा है। उन्होने कहा जनहित में शीघ्रता से नीतिगत निर्णय लिये जायेंगे। प्रदेश में विगत तीन वर्षो से केन्द्र सरकार के सहयोग से विकास की श्रृंखला गतिमान है जिससे प्रति व्यक्ति आय प्रतिवर्ष बढ रही है। उन्होने कहा कि कही भी पेयजल की कमी नही होने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश की जनता सर्वगुण सम्पन्न है मगर हमें व्यवसायिक गुण को अपना कर विकास की ओर उन्मुख होना होगा ताकि हम सम्पन्न होकर देश के सामने प्रदेश को एक मॉडल के रूप में स्थापित कर सकें।

विधायक व भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि सरकार लगातार विकास के कार्य कर रही है। विकास कार्यो में केन्द्र सरकार का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्हांेने कहा कि दशकों से जमरानी बांध परियोजना को सरकार द्वारा स्वीकृत प्रदान कर दी गई है, जिससे तराई व भाबर को नवजीवन मिलेगा। उन्हांेने कहा भूमिहीनों को पटटा दिलाने, युवाओें, महिलाओं को समूहों के माध्यम से रोजगार को जोडने का कार्य सरकार के नेतृत्व मे किया जा रहा है जो सराहनीय है। सरकार गत तीन वर्षो से लगातार विकास कार्यो के साथ जनकल्याणकारी कार्य कर रही है जिससे जनता लाभान्वित हो रही है।