राज्य में बढ़ते कोरोना केसो ने बढ़ाई चिंता, चुनावी सभाओं में रोक कैसे लगेगी

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में बीते चार सप्ताह से संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है। इसके बावजूद सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के लिए अभी तक सख्त कदम नहीं उठाए हैं। माना जा रहा है कि राज्य में चुनावी तैयारियों के मद्देनजर सरकार सख्त कदम उठाने से बच रही है।
कोरोना की गति के लिहाज से देश के साथ ही उत्तराखंड में भी स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। राज्य में बीते एक सप्ताह से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। जानकारों का मानना है कि यदि संक्रमण इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो आने वाले कुछ सप्ताह में ही उत्तराखंड में एक्टिव मरीजों की संख्या हजारों में पहुंच जाएगी। इससे अस्पतालों में दबाव और लोगों की मुसीबतें बढ़ेंगी। ऐसे में विशेषज्ञ संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने पर जोर दे रहे हैं। खासकर भीड़भाड़ को नियंत्रित करने की जरूरत बताई जा रही है।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी तो प्रतिबंध बढ़ाए जाएंगे। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना केसों में लगातार इजाफा हो रहा है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। राज्य में कोरोना वायरस, संक्रमितों की स्थिति और गंभीरता को लेकर चर्चा की गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के बावजूद अभी गंभीर मरीजों की संख्या नहीं के बराबर है। ऐसे में जिला प्रशासन को स्थिति का निरंतर आकलन करने, अस्पतालों की व्यवस्थाओं में सुधार करने और भीड़ नियंत्रण के उपाय करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।
राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके चलते सत्तारूढ़ दल भाजपा समेत सभी सियासी पार्टियां अपनी राजनीतिक गतिविधियों में जुटी हुई हैं। प्रदेशभर में हो रहे राजनीतिक आयोजनों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस आयोजनों के दौरान कई मौकों पर कोरोना नियमों की अनदेखी हो रही है। सभा, जुलूस और रैली में न तो सामाजिक दूरी का ख्याल रखा जा रहा है और न ही सभी मास्क लगा रहे हैं। सरकार समेत सभी राजनीतिक दलों को यह डर है कि यदि कोरोना को लेकर थोड़े और सख्त कदम उठाए गए तो इस से सियासी कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाएंगे। इसके चलते सरकार सख्त कदम उठाने से बच रही है।
राज्य में कोरोना कंट्रोल के लिए बनी एक्सपर्ट कमेटी ने कुछ समय पूर्व राज्य सरकार को तीसरी लहर और ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर सतर्क किया था। साथ ही कमेटी ने अपनी सिफारिश में भीड़ रोकने पर विशेष फोकस करने को कहा था। उसके बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, आप के संरक्षक अरविंद केजरीवाल सहित तमाम नेताओं की कई बड़ी रैलियां हो चुकी हैं। साथ ही जल्द ही कई और दिग्गज नेताओं की बड़ी-बड़ी रैलियां प्रस्तावित हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उत्तराखंड में भी हड़कंप मच गया गया है। केजरीवाल ने सोमवार को देहरादून में चुनावी जनसभा की थी, जिसमें समर्थकों की भारी भीड़ भी जुटी थी। केजरीवाल के कोरोना संक्रमित होने के बाद प्रशासन के माथे पर भी चिंता की लकीरें उभर आईं हैं। केजरीवाल ने खुद ही ट्वीट कर अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी है।

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