मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश, सचिव स्थलीय निरीक्षण कर वास्तुस्थिति का ले जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि 30 नवम्बर तक सड़को को पूर्ण रूप से गड्ढा मुक्त बनाया जाय। सचिव लोक निर्माण विभाग एवं अन्य सर्कल ऑफिसर सड़कों का स्थलीय निरीक्षण करें। उन्होंने निर्देश दिये कि निर्धारित समयावधि में सड़को के गड्ढ़ा मुक्त न होने की स्थिति में और कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों पर मौके पर ही निलंबन की कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कभी भी सड़कों के निर्माण कार्यों एवं पैच वर्क से संबधित कार्यों का औचक निरीक्षण कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्मार्ट सिटी के कार्यों और आतंरिक सड़क मार्गों के कार्यों में भी युद्धस्तर पर कार्य किये जाएं। शहर में सड़कों के निर्माण कार्य रात्रि के समय तेजी से किये जाएं। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये जो भी सड़के बनाई जा रही हैं, उनमें गुणवत्तापूर्वक कार्य हो, इसकी निगरानी के लिए सचिव लोक निर्माण विभाग को नोडल अधिकारी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जहां पर भी निर्माण कार्य प्रगति पर है वहां पर बैरिकेटिंग सही तरह से लगे, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि लोगों को आवागमन के लिए अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े। सड़कों पर डिवाईडर, रिफ्लेक्टर, साइनेज लाईटिंग की अच्छी व्यवस्थाएं रखने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और आपदा प्रबंधन पर 6वीं अन्तरराष्ट्रीय कांग्रेस दो बड़े आयोजन होने इसके दृष्टिगत भी सभी तैयारियां समय पर पूर्ण कर ली जाएं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में पानी का बहाव अधिक होता है, ऐसे क्षेत्रों में व्हॉइट टापिंग तकनीक का प्रयोग किया जाए। सड़कों से संबंधित जो भी योजनाएं बनाई जा रही हैं, वे आगामी 50 साल की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह भी सुनिश्चित किया जाए की सड़कों पर बिजली के तार न झूल रहे हों। सड़कों के चौड़ीकरण के दौरान बिजली के पोल को भी सड़कों से बाहर शिफ्ट किया जाए। सड़कों पर किसी को भी अतिक्रमण न करने दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके लिए रोड कनेक्टिविटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सड़कों के विस्तार और विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा।

सिलक्यारा में राहत एवं बचाव में जुटी एजेंसियों को दी जाए हर संभव मदद
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सिलक्यारा उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों के राहत एवं बचाव कार्यों में लगी एजेंसियों को हर संभव मदद दी जाए। श्रमिकों के परिजनों से भी निरंतर समन्वय स्थापित कर उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। जिला प्रशासन उत्तरकाशी के साथ लगातार समन्वय बनाकर किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर शीघ्र सहायता करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी विभाग राहत और बचाव कार्य में लगी टीमों के साथ समन्वय बना कर रखें।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव विनीत कुमार, नगर आयुक्त देहरादून मनुज गोयल एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

विभाग बच नही पायेंगे अपनी जिम्मेदारी से, धामी सरकार तय करने जा रही जिम्मेदारी

कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के मालन नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने की घटना को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। लोनिवि के सचिव पंकज पाण्डेय ने इसकी जांच के आदेश दिये है। लेकिन शासन के सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2010 में बनकर तैयार हुए पुल के बेहद कम समय में टूटने की घटना को बड़ी लापरवाही माना है। मुख्यमंत्री के द्वारा स्वयं पुल की घटना की जानकारी लेने पर शासन में खलबली देखने को मिली है। लगातार सोशल मीडिया में पुल की को लेकर कई सवाल किये गये है। इसमें बेहद गंभीर सवाल पुल के निर्माण में लापरवाही को लेकर किया गया है। कई टेक्निकल खामियां उजागर होने के बाद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों में हड़ंकंप मचा हुआ है।
गौरतलब है कि कांग्रेस की तिवारी सरकार में स्वीकृत हुआ पुल भाजपा सरकार में बनकर तैयार हुआ था। कांग्रेस के समय स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश लोक निर्माण मंत्री रही। उनके कार्यकाल में जमकर पुल और सड़क के निर्माण कार्य में धांधली और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे लेकिन मुक्कमल कार्रवाई अमल में नही लाई गई। अहम सवाल है कि धामी सरकार मात्र 13 वर्ष में गिर गये पुल को लेकर जिम्मेदारी तय करना चाहती है और हो भी क्यो नही?
आपको याद होगा कि मुख्यमंत्री धामी ने पिछले वर्ष प्रदेशभर के पुलों का ब्यौरा जुटाने के निर्देश दिये थे जो डेंजर जोन में है। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इस ओर कितनी कार्रवाई की अब इस पर भी सवाल उठ रहे है। लोनिवि के सचिव रहे सुधांशु भी इस ओर सुस्त ही रहे। वरना समय रहते इस ओर कार्रवाई कर एक पुल को मात्र 13 वर्ष में ढहने से बचाया जा सकता था।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री धामी जनहित से जुड़़े इन कार्यों में अब विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने को लेकर बड़ी कार्य योजना बनाने का मन बना चुके है। मसलन अगर किसी संस्था और अधिकारी की देखरेख में इन निर्माण कार्यों को किया जा रहा है तो वह अपनी जिम्मेदारी से बच नही सकते है। आजतक ऐसी कार्यदायी संस्था और अधिकारियों पर कार्रवाई नही होने से ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री धामी की अगर इस ओर कार्ययोजना बनाते है तो उत्तराखंड के लिए बेहद कारगर सिद्ध होगी।

सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव लोनिवि ने दिये सेफ्टी ऑडिट के आदेश

प्रदेश में सभी सेतुओं का सेफ्टी ऑडिट किया जायेगा इससे सम्बन्धित शासनादेश प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आर0के0सुधांशु द्वारा जारी किया गया है। इस सम्बन्ध में पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये थे।
प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में सेतुओं का उचित अनुरक्षण न होने, मानकानुसार निर्धारित समय में व्यवस्था न होने, भार क्षमता से अधिक यातायात संचालन होने, सेतुओं के समीप साईनेजेज न होने तथा सेतुओं की अत्यधिक समयावधि (निर्माण की) होने से देश एवं प्रदेश के कई महत्वपूर्ण सेतु दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, जिसमें जान-माल के नुकसान के साथ-साथ आवागमन बाधित हो रहा है। उन्होंने प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस सम्बन्ध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये प्रदेश में अवस्थित सेतुओं से सम्बन्धित अद्यतन सूचना प्रत्येक दशा में 3 सप्ताह के अन्दर शासन में उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सेतुओं के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा संबंधित जनपद के जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर ऐसे सेतु जिनको निर्मित हुये कई वर्ष हो चुके हैं, उनमें भार क्षमता के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जाय। प्रत्येक सेतु का सेफ्टी ऑडिट करते हुये आवश्यकतानुसार अनुरक्षण आदि का प्रस्ताव तत्काल शासन को उपलब्ध कराया जाय सेतुओं के समीप साईनेजेज की उचित व्यवस्था की जाय किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के कार्यों को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने लोक निर्माण विभाग द्वारा ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा विभागीय अधिकारियों के साथ की। इस दौरान निर्माण कार्य के लेटलतीफी होने तथा बैठक में अधूरी जानकारी के साथ पहुंचने पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने कड़ी फटकार भी लगाई। उन्होंने निर्माण कार्य मे विशेष ध्यान देने की हिदायत दी।
शनिवार को बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में आयोजित बैठक में मंत्री डॉ अग्रवाल ने सिलसिलेवार निर्माण कार्याे की समीक्षा करते हुए प्रगति रिपोर्ट मांगी।मंत्री डॉ अग्रवाल ने अधूरी जानकारी के साथ बैठक में आने पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने निर्माण कार्याे में लेटलतीफी को सुधारते हुए गुणवत्ता के साथ कार्य करने को निर्देशित क़िया।
इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने जल जीवन मिशन व पैरी अर्बन से बन रही पेयजल के खुदी सड़कों के निर्माण की जानकारी मांगी। इस पर लोनिवि के विभागीय अधिकारियों ने जल जीवन मिशन से धनराशि न मिलने का हवाला दिया। इस पर डॉ अग्रवाल ने बैठक के बीच से ही जल संस्थान के नोडल अधिकारी अधीक्षण अभियंता अमित रमोला से दूरभाष पर वार्ता भी की।
डॉ अग्रवाल ने लोक निर्माण विभाग और जल संस्थान के अधिकारियों को आपस से में समन्वय बनाकर कार्य करने को निर्देशित किया। साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को हफ्ते में 3 दिन सड़कों का निरीक्षण करने को कहा। साथ ही जहां कार्य धीमी गति से चल रही हैं, उनमें शीघ्रता लाने को निर्देशित किया।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जिन कार्यों का शिलान्यास हो चुका है, उनके निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। कहा कि गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें, काम की लेटलतीफी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस मौके पर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार, सहायक अभियंता सतीश, अपर सहायक अभियंता छबीलदास सैनी मौजूद रहे।

सेवा, समर्पण और सुशासन की नीति से प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है अपना उत्तराखंड

धामी राज में तेजी से उत्तराखंड विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली का ही कमाल है कि महज 6 माह में रानीपोखरी पुल का निर्माण हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को रानीपोखरी, देहरादून में अयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए विकासखण्ड डोईवाला के अन्तर्गत भानियावाला ऋषिकेश मोटर मार्ग के कि०मी०15 में 280 मीटर लंबे रानीपोखरी सेतु एवं विधानसभा विकासनगर के अन्तर्गत लम्बरपुर लांघा मोटर मार्ग के कि0मी0 2 में शीतला नदी के उपर 180 मीटर लंबे सेतु के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने पुल का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (₹ 1618.55 लाख ) के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विकासखण्ड डोईवाला के अन्तर्गत भानियावाला ऋषिकेश मोटर मार्ग के कि०मी०15 में 280 मीटर स्पान के पी०एस०सी० गर्डर रानीपोखरी सेतु का निर्माण कार्य व राज्य योजना (₹342.56 लाख ) के अंतर्गत उक्त सेतु हेतु पहुंच मार्ग के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सड़क निधि के अंतर्गत ₹1318.63 लाख की लागत से विधानसभा विकासनगर के में लम्बरपुर लांघा मोटर मार्ग के कि0मी0 2 में शीतला नदी के उपर 180 मीटर स्पान के आर.सी.सी बॉक्स, कलवर्ट के निर्माण कार्य का भी लोकार्पण किया। इस अवसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत सनगांव पुल से कंडोली खर्क मोटर मार्ग के निर्माण कार्य, लच्छीवाला रेंज कार्यालय से दुधली (वन विभाग मार्ग) की मरम्मत के कार्य किए जाने, श्री कालू सिद्ध मंदिर से धन्याड़ी तक वन विभाग मोटर मार्ग का निर्मााण कार्य, हर्रावाला में राजकीय कन्या हाईस्कूल के लिये तीन कक्ष व शौचालय निर्माण कार्य किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुल के उद्घाटन पर क्षेत्र वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजधानी एवं ऋषिकेश के साथ ही गढ़वाल को जोड़ने वाला यह पुल अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इसके पुनर्निर्माण से क्षेत्रीय जनता के साथ ही उत्तराखंड आने वाले सैलानियों को भी सुगमता होगी। उन्होंने लम्बरपुर लांघा मोटर मार्ग एवं रानीपोखिर में बने दोनों पुलों के निर्माण में शामिल रहे लोक निर्माण के सभी अधिकारियों, केंद्रीय एजेंसियों और हमारे मेहनतकश कामगारों का आभार व्यक्त किया, उन्होंने कहा उत्तराखंड में कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना हमारी प्राथमिकता है और हम निरंतर इस दिशा में आगे बढ़ रहे है, हमारी सरकार सड़कें के विकास हेतु प्रतिबद्ध है, आज प्रदेश में जिस स्तर पर सड़को का निर्माण कार्य किया जा रहा है वह अभूतपूर्व है। हमने चार धाम सड़क परियोजना की ही तरह मानसखंड कॉरिडोर को भी राज्य का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट तय कर इस पर कार्य करना शुरू कर दिया है, हम प्रदेश में केवल नए मार्गों का निर्माण ही नहीं कर रहे बल्कि इन पर आवाजाही को सुरक्षित करने का भी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा हमारी सरकार जिस भी कार्य का शिलान्यास करती है उसका लोकार्पण भी करेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में हमारे सीमांत इलाकों तक सड़कों का नेटवर्क बन रहा है, चार धाम हेतु बनी ऑल वेदर रोड से अब यात्रा सुगम सुरक्षित हो गई है, वही पहाड़ों में रेल पहुंचाने का सपना भी अब पूरा होता दिखाई दे रहा है, उन्होंने कहा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके पूरा होने पर यह दूरी मात्र दो घंटे की हो जाएगी, उसके बाद और अधिक संख्या में तीर्थयात्री, पर्यटन उत्तराखंड राज्य में आएंगे, हम जनसेवा को ध्येय मान कर कार्य कर रहे हैं और हमारा लक्ष्य उत्तराखंड का सर्वांगीण विकास है।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुरुप हम वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं और हम जन-जन की आशा को सफलता में परिवर्तित करेंगे। उन्होंने कहा हमने यह सभी विभागों एवं अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि कोई भी कार्य योजना को तय समय में पूरी गुणवत्ता के साथ किया जाए ताकि समय एवं संसाधनों की बचत हो सके। इस दौरान सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विधायक बृजभूषण गैरोला आदि उपस्थित रहे।

लोनिवि व संस्कृति विभाग की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री द्वारा की गई लोक निर्माण विभाग तथा संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग से सम्बन्धित घोषणाओं की समीक्षा की।
अपर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणाओं को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने घोषणाओं से सम्बन्धित प्रस्तावों पर जो भी औपचारिकताएं होनी है, उन्हें शीघ्रता से पूरा किया जाय। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता तथा पारदर्शिता का विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान बताया गया कि लोक निर्माण विभाग से सम्बन्धित माह जुलाई, 2021 से अब तक मुख्यमंत्री द्वारा कुल 181 घोषणायें की गई है जिसमें 1 घोषणा राज्यस्तरीय तथा 180 घोषणाएं जनपद स्तरीय है। 3 योजनाओं के शासनादेश निर्गत किये जा चुके हैं, शेष पर कार्यवाही गतिमान है। 55 घोषणाओं का आगणन प्राप्त हो गया है, जबकि शेष की डीपीआर तैयार की जा रही है।
अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने निर्देश दिये कि जिन 55 घोषणाओं के आगणन शासन को प्राप्त हो चुके है। उनके शासनादेश एक हफ्ते के अन्दर निर्गत कर दिये जाय, तथा शेष के आगणन 10 नवम्बर तक तैयार हो जाय इसकी व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि 10 नवम्बर तक प्राप्त होने वाले आगणनों के शासनादेश 17 नवम्बर तक जारी हो जाय यह भी सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि 15 दिसम्बर तक की गई घोषणाओं की योजनाओं पर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिये जाएं।
संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग के अन्तर्गत मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा में बताया गया कि संस्कृति विभाग की कुल 16 घोषणाएं जिसमें 1 घोषणा मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये निर्णय, 3 घोषणा राज्य स्तरीय तथा 12 घोषणा जनपद स्तरीय है। धर्मस्व में कुल 24 घोषणाओं में से 1 राज्य स्तरीय घोषणा तथा 23 जनपद स्तरीय घोषणाएं सम्मिलित हैं। जिन पर कार्यवाही गतिमान है।
संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग के अन्तर्गत की गई घोषणाओं के सम्बन्ध में बताया गया कि जागेश्वर धाम श्रावणी मेले को राज्य मेला घोषित किये जाने एवं सोबन सिंह जीना के जन्मदिवस पर उनके पैतृक ग्राम सुनोली में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले उत्सव को राजकीय मेला घोषित किये जाने, विधानसभा क्षेत्र सोमेश्वर के चनौदा शहीद दिवस को राजकीय मेला घोषित किये जाने के साथ ही विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के अन्तर्गत बग्वाल मेले को भी राजकीय मेला घोषित करने के साथ ही विभागीय मेला सूची में सम्मिलित किये जाने की कार्यवाही कर दी गई है। इसके साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद चन्द्र शेखर आजाद के बलिदान दिवस पर दुगडडा में आयोजित होने वाले शहीद मेले को विभागीय मेला सूची में शामिल कर दिया गया है।
लखुडियार चित्रित शैलाश्रय, ग्राम दिंगोली, अल्मोड़ा के सौन्दर्यीकरण, बग्वालीपोखर मे रामलीला मैदान का विस्तारीकरण चाहरदीवारी व मंच निर्माण, विधानसभा क्षेत्र खटीमा के नेपाल बार्डर पर आकर्षक भव्य गेट निर्माण, नौगवानाथ के गुरू गोरखनाथ के स्थान पर गुरू गोरखनाथ भव्य द्वार बनाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है।
इस दौरान बैठक में सचिव अमित नेगी, प्रभारी सचिव एस.एन.पाण्डेय, अपर सचिव सोनिका तथा अतर सिंह, उप सचिव हीरा सिंह बसेड़ा, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम का लोनिवि अधिकारियों को निर्देश, बोले भूस्खलन से बाधित न हो रोड


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून-मसूरी रोड पर कोल्हू खेत के निकट भूस्खलन की समस्या के स्थाई समाधान के निर्देश लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने स्थलीय निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि भूस्खलन से रोड बाधित न हो इसके लिए प्रॉपर ट्रीटमेंट किया जाय। इसके लिए जिस भी आधुनिक तकनीक की आवश्यकता है, वह की जाय।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एनपी सिंह, अधीक्षण अभियंता पीएस बृजवाल, अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल मौजूद थे।

सीएम तीरथ ने सड़क निर्माण में अनियमितता पर दो अभियंताओं को किया निलंबित

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सख्त एक्शन लेते हुए घटिया सड़क निर्माण मामले में लोनिवि के दो अभियन्ताओं को निलम्बित करने के निर्देश दिये है। इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव लोनिवि द्वारा दोनो अभियन्ताओं को निलम्बित किये जाने के आदेश भी निर्गत किये जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए दुगड्डा लोक निर्माण प्रांतीय खंड में लक्ष्मणझूला-कांडी-दुगड्डा-रथुवाढाब-धुमाकोट मोटर मार्ग के किमी 154-155 मे घटिया सड़क निर्माण के मामले में एई अजीत सिंह व जेई अनिल कुमार को सस्पेंड करने के निर्देश दिये थे।

मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच भी बैठा दी है। उन्होंने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार स्वच्छ, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन के लिए प्रतिबद्ध है। जिस स्तर पर भी कमी पाई जाएगी, वहां सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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