बलात्कार, भ्रूण की हानि जैसे अपराधों से पीड़ित महिला और आश्रितों को एक से 10 लाख रूपये तक की मदद

यौन शोषण, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, अप्राकृतिक यौन शोषण, भू्रण की हानि, एसिड अटैक जैसे अपराधों की शिकार हुई महिलाओं और उनके आश्रितों को सरकार आर्थिक मदद देगी। यह मदद एक लाख से दस लाख रूपये तक की जाएगी। गृह विभाग की इस योजना के प्रस्ताव को प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।

इसके लिए उत्तराखंड यौन अपराध एवं अन्य अपराधों से पीड़ित उत्तरजीवी महिलाओं हेतु प्रतिकर योजना 2020 के तहत एक पीड़ित महिला प्रतिकर निधि का गठन किया जाएगा। इस निधि से राज्य व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुआवजे की दरें निर्धारित कर उसका भुगतान पीड़ित महिला या उसके आश्रित को किया जाएगा।

महिला अपराध के मामले में पुलिस जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से प्रथम सूचना रिपोर्ट अनिवार्य रूप से साझा करेगी। इससे अंतरिम प्रतिकर के लिए सत्यापन की प्रक्रिया हो सकेगी। पीड़ित या आश्रित जिला विधि सेवा प्राधिकरण के समक्ष या उनके पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

राज्य विधिक से प्राधिकरण के माध्यम से मुआवजे की धनराशि पीड़ित अथवा आश्रितों के एक या संयुक्त खाते में भेजी जाएगी। पीड़ित के नाम पर खाता नहीं होगा तो संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैंक खाता खुलवाने की सुविधा उपलब्ध कराएगा। अव्यस्क का खाता अभिभावक के साथ खुलेगा। यदि पीड़ित बाल संरक्षण संस्था में है तब बैंक खाता संस्थान के अधीक्षक के साथ खोला जाएगा। विदेशी नागरिक होने पर कैश कार्ड के माध्यम से क्षतिपूर्ति की जाएगी। 25 प्रतिशत धनराशि प्रारंभिक खर्चे के लिए दी जाएगी। 75 प्रतिशत धनराशि तीन साल की अवधि के लिए एक सावधि खाते में जमा होगी।

भाजपा नेता के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज

देहरादून/नई दिल्ली।
उत्तराखण्ड के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव थाने में एक महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार बीती रात्रि को दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव थाने में 32 साल की एक युवती ने भाजपा नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। आज पुलिस ने युवती के बयान दर्ज किए। मामला दर्ज कराने वाली महिला असम की रहने वाली बताई जा रही है। गौरतलब है कि हरक सिंह रावत उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए हैं। हरक सिंह रावत जब एनडी तिवारी की सरकार में मंत्री थे, तब असम निवासी महिला जैनी ने उन पर आरोप लगाया था कि वह उसके बच्चे के पिता हैं। मामले की सीबीआइ जांच भी हुई थी। तब जांच के बाद सीबीआइ ने उन्हें क्लीनचिट दे दी थी।