चारधाम यात्रा से पूर्व मंदिर समिति अध्यक्ष ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आज विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ श्री बद्रीनाथ धाम का भ्रमण कर वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कपाट खुलने की तिथि को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र रविवार पूर्वाह्न बद्रीनाथ धाम पहुंचे और विभिन्न कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कपाट खुलने की तिथि नजदीक आ चुकी है। 27 अप्रैल को भगवान बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। लिहाजा, विभिन्न कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के कारण श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों के चलते श्रद्धालुओं को इस बार नए पैदल मार्ग से मंदिर तक पहुंचना पड़ेगा। नए पैदल मार्ग को समयबद्ध रूप से सुव्यवस्थित किया जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने मंदिर परिसर के निकट ध्वस्त किए गए भवनों व दुकानों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मंदिर की पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिकों को किसी प्रकार की आवासीय समस्या ना पैदा हो, इसके लिए मंदिर के समीप तात्कालिक व्यवस्था के रूप में शीघ्र प्री-फैबरीकेटेड कक्षों का निर्माण करा लिया जाए। उन्होंने मंदिर के निकट ध्वस्त किए गए बीकेटीसी के वीआईपी गेस्ट हाउस के मलबे को जल्द से जल्द निस्तारित करने और उसके समीप मंदिर पथ पर रेलिंग निर्माण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वीआईपी गेस्ट हाउस के ध्वस्त होने के पश्चात इस वर्ष यात्रा काल में आने वाले विशिष्ट महानुभाव के अल्प विश्राम के लिए निर्मित किए जा रहे प्री-फैबरीकेटेड कक्ष का जल्द से जल्द का निर्माण पूर्ण करा लिया जाए। उन्होंने ब्रह्म कपाल परिसर में स्थित मलबे और पत्थरों को भी जल्द से जल्द हटाने और परिसर को साफ सुथरा बनाने को कहा, ताकि पिंड दान इत्यादि के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई ना हो।उन्होंने निर्देश दिए कि तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए निर्मित किए जा रहे जूता स्टैंड का निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ करा लिया जाए।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बीकेटीसी की जिन धर्मशालाओं और भूमि का अधिग्रहण कर तीर्थ पुरोहितों व प्रभावितों का पुनर्वास किया जा रहा है, उनके साथ नियमानुसार अनुबंध और किराया तय किया जाए। इस दौरान जोशीमठ की उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, पुलिस उपाधीक्षक नताशा सिंह, तहसीलदार रवि शाह, बीकेटीसी के सहायक अभियंता गिरीश देवली, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता, पुलिस निरीक्षक कैलाश भट्ट, बदरीनाथ नगर पंचायत के प्रभारी अधिकारी पंकज पुरोहित आदि समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

राज्य के अधिकारियों को सीएम ने पीएम के सुझाव बताये

राज्य सरकार केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की तर्ज पर ही राज्य के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिये काम करेगी। सीएम आवास मे दीपावली की बधाई देने आए अधिकारियों के साथ राज्य के विकास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य में तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटन के सुनियोजित विकास के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनका व्यापक विचार विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री से इस संबंध में बहुत ही महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड दुनिया भर के करोङो लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। उत्तराखण्ड में केदारनाथ धाम व बदरीनाथ धाम की तरह ही प्रदेश के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों का सुनियोजित विकास करने के लिए राज्य सरकार मास्टर प्लान बनाए, केंद्र सरकार हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर है।
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अन्य पौराणिक मंदिरों के महत्व की भी जानकारी दी जाए और साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में भी बताया जाए। इससे प्रदेश में निश्चित तौर पर पर्यटन का विकास होगा। जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका मिलेगी व आय में वृद्धि होगी। आज की बैठक में इस बात पर भी विचार विमर्श हुआ कि चार धाम यात्रा पर आए बहुत से श्रद्धालुओं को कई बार हेली सेवा के लिये दो तीन दिन प्रतीक्षा करनी होती है। ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि इस दौरान यात्री आस पास के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकें। इससे एक ओर इन यात्रियों के समय का सदुपयोग होगा, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा घूमने के दौरान खर्च किये जाने से स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को कुमाऊँ के मंदिरों के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। हमें उनके मार्गदर्शन और विजन के अनुरूप देव भूमि उत्तराखण्ड को आगे ले जाना है। उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार की जाए। कुमाऊँ क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए प्रारम्भ की गई मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के सम्बंध में भी प्रधानमंत्री से कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। इस परियोजना में सम्मिलित मंदिरों के मास्टर प्लान बनाने का कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ करने का निर्णय भी लिया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये भी कहा कि राज्य के टॉपर छात्र छात्राओं को एलबीएसएनएए, आईआईटी सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाए। इससे हमारे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, सौजन्या, शैलेश बगोली, डॉ पंकज कुमार पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य में नए पार्किंग स्थलों की चिन्हिकरण प्रक्रिया में आई तेजी

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश में बनाई जाने वाली नई पार्किंग प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में पूर्व में आयोजित बैठक में सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में पार्किंग हेतु जगह चिन्हित कर, फीजिबिलिटी जांच करवाने के निर्देश दिए थे। इस क्रम में जनपदों से 180 स्थान चिन्हित किए गए थे, जिसमें से 134 को फीजिबिलिटी रिपोर्ट में पार्किंग के लिए उपयुक्त पाया गया है। शेष 39 की रिपोर्ट आनी बाकी है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पार्किंग के जगह चिन्हीकरण से लेकर संचालन तक के प्रत्येक स्टेप की तिथियां अभी से निर्धारित कर ली जाएं। और प्रत्येक पार्किंग की साइट स्पेसिफिक प्लानिंग कर तिथियां निर्धारित की जाएं, कि कब तक पार्किंग का संचालन शुरू हो जाएगा।
मुख्य सचिव ने पार्किंग प्रोजेक्ट्स को उनकी आवश्यकता और महत्त्व के अनुसार ए और बी कैटेगरी में वर्गीकृत कर लिया जाए। जिन पार्किंग के निर्माण में कोई समस्या नहीं है, उनमें तुरंत कार्य शुरू कर दिया जाए। ऐसे ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स जो पैसे की कमी के कारण धीमी गति से चल रहे हैं, उनके सम्बन्ध में शासन को अवगत कराया जाए। किसी भी प्रोजेक्ट के लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपद में लगातार नए स्थानों को खोजने के निर्देश दिए। उन्होंने यूजेवीएनएल, यूपीसीएल, जल निगम और जल संस्थान के साथ ही अन्य सभी नॉन गवर्नमेंटल संस्थानों द्वारा भी इसमें सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव स्तर से पार्किंग प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक सप्ताह की जाएगी।

अनुराधा पौडवाल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में पद्मश्री अनुराधा पौडवाल ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने पौडवाल से राज्य के पारम्परिक एवं ऐतिहासिक मंदिरों एवं स्थलों का विश्व पटल पर लाने तथा इनके व्यापक प्रचार में सहयोग की अपेक्षा की।
पौडवाल ने मुख्यमंत्री से प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही राज्य में आयोजित होने वाले पौराणिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूप रेखा निर्धारण में अपना सहयोग देने की बात कही।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सुमित अदलखा, मनु गौड आदि उपस्थित थे।

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